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प्रेगनेंसी के दौरान खान-पान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी जाती है, ताकि गर्भवती को जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति हो सके। वहीं, इस दौरान लिए जाने वाले जरूरी पोषक तत्वों में एक नाम विटामिन-सी का भी आता है। आइये, मॉमजंक्शन के इस लेख में जानते हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन-सी क्यों जरूरी है। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि गर्भवती और भ्रूण के लिए यह कैसे फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा, विटामिन-सी के नुकसान को भी इस लेख में जगह दी गई है।

सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में विटामिन-सी क्यो जरूरी है।

प्रेगनेंसी में विटामिन-सी क्यों है जरूरी व कमी के लक्षण | Pregnancy Me Vitamin C Ki Kami

प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन-सी का सेवन जरूरी माना जाता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सामान्य गर्भावस्था और भ्रूण के विकास के लिए शरीर में विटामिन-सी की सही मात्रा का बना रहना जरूरी है। वहीं, इस दौरान विटामिन-सी की कमी विभिन्न जटिलताओं का कारण बन सकती है, जिसके बारे में आगे विस्तार से बताया गया है (1)

चलिए जानते हैं कि गर्भावस्था में कब और कितना विटामिन सी लेना चाहिए।

प्रेगनेंसी में कब और कितनी मात्रा में विटामिन सी लेना चाहिए? | Pregnancy Mein Vitamin C Kitna Lena Chahiye

एक वैज्ञानिक अध्ययन में प्रेगनेंसी की तीनों तिमाहियों में विटामिन-सी सप्लिमेंट लेने का जिक्र मिलता है। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि पूरी गर्भावस्था के दौरान विटामिन-सी का सेवन जरूरी है (2)। वहीं, इसकी मात्रा की बात करें, तो एक गर्भवती को प्रतिदिन 85 मिलीग्राम विटामिन-सी की आवश्यकता हो सकती है (3)। हालांकि, गर्भवतियों के स्वास्थ्य के अनुसार इसकी मात्रा में बदलाव हो सकता है। इसलिए, इस विषय पर डॉक्टरी सलाह भी जरूर लें।

आइए, अब नजर डाल लेते हैं प्रेगनेंसी में विटामिन सी की कमी के लक्षणों पर।

प्रेगनेंसी में विटामिन सी की कमी के संकेत

गर्भावस्था के दौरान विटामिन-सी की कमी होने पर कुछ आम लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इन लक्षणों के जरिए गर्भवती में विटामिन-सी की कमी को पहचाना जा सकता है। नीचे जानिए उन लक्षणों के बारे में (3):

  • मसूड़ों से खून बहना
  • संक्रमण से लड़ने की क्षमता में कमी
  • घाव भरने में देरी होना
  • बालों का रूखा और दो मुंहे होना
  • मसूड़े की सूजन
  • नाक से खून बहना
  • वजन बढ़ना
  • त्वचा का रूखा होना और त्वचा पर पपड़ी पड़ना
  • जोड़ो में सूजन और दर्द होना
  • टूथ इनेमल यानी दांतों की बाहरी परत का कमजोर होना

नोट : ऊपर बताए गए लक्षण विटामिन-सी की कमी के आम संकेत हैं, जो किसी में भी दिखाई दे सकते हैं। वहीं, प्रेगनेंसी में इनसे अलग और क्या-क्या लक्षण दिखाई दे सकते हैं, इससे जुड़े वैज्ञानिक शोध का अभाव है। इसलिए, इस विषय में डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

स्क्रॉल करके पढ़ें प्रेगनेंसी में विटामिन सी के फायदे।

प्रेगनेंसी में विटामिन सी के फायदे | Vitamin C Benefits In Pregnancy In Hindi

प्रेगनेंसी में विटामिन सी के फायदे महिला और भ्रूण दोनों में देखे जा सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :

  • लो बर्थ वेट से बचाव : एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार, गर्भावस्था में विटामिन-सी की सही मात्रा जन्म लेने वाले बच्चे के वजन को सामान्य रखने में मदद कर सकती है, जिससे लो बर्थ वेट के जोखिम से बचा जा सकता है। दरअसल, इस शोध में विटामिन-सी की मात्रा और बर्थ वेट को सकारात्मक रूप से प्रदर्शित किया गया है (4)
  • गर्भावस्था से जुड़ी अन्य जटिलताओं से बचाव : प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन-सी की सही मात्रा गर्भावस्था से जुड़ी कई जटिलताओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। इसमें प्रीक्लेम्पसिया (गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप विकार) भ्रूण के विकास में बाधा और एनीमिया शामिल है (5)
  • हृदय स्वास्थ्य के लिए : एक वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार, विटामिन-सी की कमी हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकती है। ऐसे में, प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन-सी की सही मात्रा को शरीर में बनाए रख इसकी कमी से होने वाले हृदय रोग से बचा जा सकता है (6)
  • कैंसर से बचाव : विटामिन-सी की सही मात्रा कैंसर के बचाव में मदद कर सकती है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में विटामिन-सी के एंटी-कैंसर प्रभाव के बारे में पता चलता है, यानी शरीर में इसकी सही मात्रा कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकती है (7)। वहीं, पाठक इस बात का ध्यान रखें कि कैंसर एक घातक बीमारी है और इसका सही डॉक्टरी उपचार करवाना बेहद जरूरी है। ऐसे में विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों व इसके सप्लीमेंट्स को कैंसर का इलाज नहीं माना जा सकता है। ये केवल इससे बचाव में कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं।
  • वायरल इन्फेक्शन से बचाव : शरीर में विटामिन सी की सही मात्रा प्रेगनेंसी के समय वायरल इन्फेक्शन से बचाव का काम कर सकती है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, विटामिन सी सर्दी, खांसी व निमोनिया जैसे वायरल इन्फेक्शन से बचाव में मदद कर सकता है (8)
  • प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती : ऊपर बताए गए फायदों के साथ विटामिन-सी का सेवन शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकता है (9)। इसलिए, हम कह सकते हैं कि प्रेगनेंसी में विटामिन-सी की मात्रा को बनाए रखना बेहद जरूरी है।

स्क्रॉल करके पढ़ें प्रेगनेंसी में विटामिन-सी की अधिक मात्रा के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी में अधिक मात्रा में विटामिन सी लेने के नुकसान

विटामिन सी एक पानी में घुलनशील विटामिन है और शरीर में इसके अतिरिक्त होने से यह मूत्र के माध्यम से निकल जाता है। इसलिए अधिक से सेवन शरीर में विषाक्तता नहीं हो सकती है। हालांकि, प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन सी की अधिक मात्रा कुछ शारीरिक नुकसान का कारण बन सकती है, जो कुछ इस प्रकार हैं (10) :

  • अधिक मात्रा में विटामिन सी का सेवन किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी का जोखिम बढ़ सकता है।
  • लंबे समय तक विटामिन-सी का अधिक सेवन शरीर में आयरन के अवशोषण को अत्यधिक बढ़ा सकता है, जिससे टिशू डैमेज का जोखिम बढ़ सकता है।

लेख में आगे पढ़ें प्रेगनेंसी में विटामिन सी की कमी से भ्रूण पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

प्रेगनेंसी में विटामिन सी की कमी से बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है?

गर्भावस्था में विटामिन सी की कमी का असर गर्भवती के साथ-साथ होने वाले शिशु पर भी पड़ सकता है। इसकी कमी से निम्नलिखित समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है (1) (4) :

  • भ्रूण का विकास बाधित होना
  • जन्म के समय बच्चे का कम वजन

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थों की जानकारी नीचे दी गई है।

विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ कौन कौन से हैं? | Sabse Jyada Vitamin C Kisme Paya Jata Hai

शरीर में विटामिन सी की सही मात्रा को बनाए रखने का सबसे अच्छा तरीका है विटामिन सी भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन। नीचे जानिए विटामिन-सी भरपूर खाद्य पदार्थों के बारे में (3) :

  • विटामिन-सी युक्त फलों में खरबूजा, संतरा, चकोतरा, कीवी फल, आम, पपीता, अनानास, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, क्रैनबेरी और तरबूज आदि को शामिल किया जा सकता है।
  • विटामिन-सी से समृद्ध सब्जियों में ब्रोकली, फूलगोभी, पत्तागोभी, पालक, शलजम साग, आलू, टमाटर व कद्दू आदि को शामिल किया जा सकता है।

नोट:  गर्भावस्था के दौरान ऊपर बताए गए किसी भी खाद्य पदार्थ के सेवन से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

आगे जानिए गर्भावस्था में विटामिन सी सप्लीमेंट लिया जा सकता है या नहीं।

क्या प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन सी के सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं?

जी हां, प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन सी का सप्लीमेंट लिया जा सकता है (11)। अगर कोई गर्भवती महिला विटामिन सी का सप्लीमेंट लेना चाहती है, तो वो डॉक्टर से इस बारे में सलाह जरूर लें। बिना डॉक्टरी सलाह के इसे प्रेगनेंसी में शामिल न करें।

एक गर्भवती के लिए विटामिन-सी कितना जरूरी हो सकता है, इसकी जानकारी अब आपको हो गई होगी। इसके अलावा, इसकी कमी से होने वाली जटिलताओं के बारे में भी आपको पता लग गया होगा। इसलिए, इस विषय को गंभीरता से लें और डॉक्टरी परामर्श पर विटामिन-सी युक्त खाद्य-पदार्थों का सेवन करते रहें। वहीं, इसकी कमी के लक्षणों पर भी ध्यान रखें और इनके नजर आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।

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