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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को अपने आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट भी शामिल है (1)। वहीं, कार्बोहाइड्रेट को आहार में शामिल करने से पहले गर्भवती के लिए कार्बोहाइड्रेट और कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों से जुड़ी जानकारी भी जरूरी है। ऐसे में मॉमजंक्शन का हमारा यह लेख इसी विषय पर आधारित है। यहां हम प्रेगनेंसी के दौरान कार्बोहाइड्रेट के सेवन से जुड़ी तमाम जानकारियां लाए हैं। साथ ही हम यह भी बताएंगे कि गर्भवती महिला को कितनी मात्रा में और कौन-कौन से कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए। तो विस्तार से यह लेख पढ़कर सारी जानकारियां हासिल करें।
आर्टिकल में सबसे पहले जानते हैं कि कार्बोहाइड्रेट क्या होता है।
कार्बोहाइड्रेट क्या होता है व इसके प्रकार
कार्बोहाइड्रेट, खाद्य और पेय पदार्थों में पाया जाने वाला एक पोषक तत्व होता है, जिसे कार्ब्स के नाम से भी जाना जाता है। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए एक आवश्यक स्रोत होता है। दरअसल, शरीर में जब भोजन के माध्यम से कार्बोहाइड्रेट अंदर जाता है तो शरीर कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज में बदल देता है। यही ग्लूकोज शरीर की कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों को ऊर्जा प्रदान करने में सहायक माने जाते हैं। शरीर ग्लूकोज को तुरंत उपयोग कर सकता है या फिर शरीर इसे लिवर और मांसपेशियों में स्टोर करके भी रख सकता है। कार्बोहाइड्रेट को सिंपल और कॉम्प्लेक्स दो केटेगरी में बांटा गया है (2)। आगे इन्हीं कैटेगरी के आधार पर हम कार्बोहाइड्रेट के प्रकार की जानकारी रहे हैं।
कार्बोहाइड्रेट तीन प्रकार के होते हैं, जिनके बारे में हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं(2) –
- शुगर: इसे सिंपल कार्बोहाइड्रेट भी कहा जाता है, क्योंकि यह कार्बोहाइड्रेट का सबसे सामान्य रूप होता है। यह कैंडी, डेजर्ट (मिठाई), प्रोसेस्ड फूड (Processed food – पैक्ड या डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ), और सोडा में मिलाया जाता है।
- स्टार्च: ये कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो बहुत सारे शुगर से मिलकर बने होते हैं। शरीर ऊर्जा के लिए स्टार्च को शुगर में बदलता है। यह रोटी, अनाज और पास्ता के अलावा कुछ सब्जियों जैसे -आलू, मटर, और मकई में प्राकृतिक तौर पर पाए जाते हैं।
- फाइबर: यह भी एक प्रकार का कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट है। दरअसल, शरीर ज्यादातर फाइबर को तोड़ने में असमर्थ होता है। इसलिए, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है, जो पेट को देर तक भरा हुआ रखता है, इससे अधिक भोजन करने की इच्छा में कमी आती है। इसके अलावा, फाइबर कब्ज की समस्या को भी दूर रखने में सहायक माना जा सकता है। यह कई खाद्य पदार्थों जैसे – फल, सब्जियां, नट्स, बीज, बीन्स, और साबुत अनाज में पाया जाता है।
कार्बोहाइड्रेट को समझने के बाद अब इसके फायदों को जान लीजिए।
गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट के फायदे
प्रेगनेंसी के दौरान कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदरतजों के सेवन के फायदे कई सारे हैं। यहां हम क्रमवार तरीके से उन्हीं फायदों के बारे में बता रहे हैं –
- पाचन के लिए – गर्भावस्था के दौरान फाइबर का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। जैसा कि हमने लेख में बताया है कि फाइबर कार्बोहाइड्रेट का ही एक प्रकार है, जो पेट या आंतों की समस्याओं, जैसे – कब्ज की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है (2)। बता दें कि गर्भावस्था के दौरान कब्ज की समस्या होना प्रेगनेंसी के लक्षणों में से एक है, जिसे फाइबर युक्त आहार का सेवन करके कम किया जा सकता है (3)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान कब्ज और बेहतर पाचन के लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है।
- एनर्जी के लिए – गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट खाने के फायदों में ऊर्जा की प्राप्ति भी शामिल है। दरअसल, कार्बोहाइड्रेट हमारे शरीर में जाने के बाद ग्लूकोज में परिवर्तित हो जाता है, जो शरीर की कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों को ऊर्जा प्रदान कराने में सहायक हो सकता है (2)। ऐसे में गर्भावस्था में थकान से बचाव और शरीर को एनर्जी प्रदान करने के लिए कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन लाभकारी हो सकता है।
- मधुमेह की समस्या के लिए – गर्भावस्था के दौरान ब्लड शुगर बढ़ने का जोखिम भी हो सकता है, जो होने वाले बच्चे के लिए हानिकारक हो सकता है (4)। ऐसे में इस समस्या से बचाव के लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। दरअसल, एक शोध में पाया गया है कि जो महिलाएं अपने आहार में कम मात्रा में फाइबर का सेवन करती हैं, उनमें गर्भकालीन मधुमेह का खतरा दोगुना हो सकता है। ऐसे में अधिक मात्रा में फाइबर का सेवन गर्भावस्था के दौरान मधुमेह की समस्या से बचाव करने में कुछ हद तक मददगार साबित हो सकता है (5)।
- वजन नियंत्रण के लिए – अगर कोई महिला प्रेगनेंसी के दौरान अधिक वजन से परेशान है तो इसके लिए भी फाइबर का सेवन लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, फाइबर लंबे समय तक पेट को भरा रख सकता है, जिससे व्यक्ति ओवरईट करने से बच सकता है (2)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट के सेवन से वजन नियंत्रण में थोड़ी बहुत मदद मिल सकती है।
- मतली और उल्टी की समस्या से राहत – प्रेगनेंसी के शुरुआती दौर में महिलाओं को मॉर्निंग सिकनेस यानी मतली और उल्टी की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को कम करने के लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन फायदेमंद हो सकता है। जानकारों की मानें तो भोजन में कार्बोहाइड्रेट की मात्रा को बढ़ाकर मॉर्निंग सिकनेस के लक्षणों में सुधार किया जा सकता है (6)।
- कोलेस्ट्रॉल के लिए – प्रेगनेंसी के दौरान कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है। एक शोध के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल, प्रीटर्म डिलीवरी, मधुमेह और प्री-एक्लेम्पसिया (Preeclampsia- गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप) का जोखिम बढ़ा सकता है (7)। ऐसे में जरूरी है कि इसे नियंत्रित रखा जाए, और इसके लिए कार्बोहाइड्रेट का सेवन एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। फाइबर, जो कि कार्बोहाइड्रेट का ही एक प्रकार है, कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में कारगर साबित हो सकता है(2)। यही वजह है कि प्रेगनेंसी के दौरान कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के लिए फाइबर (एक प्रकार का कार्बोहाइड्रेट) का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
स्क्रॉल कर पढ़ें प्रेगनेंसी के दौरान कितनी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान हर रोज कितना कार्बोहाइड्रेट लेना चाहिए?
गर्भवती महिलाओं को प्रत्येक दिन कम से कम 175 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता होती है (8)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि स्वस्थ गर्भावस्था के दौरान हर रोज महिलाओं को 175 ग्राम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करना चाहिए। हालांकि, हर महिला की गर्भावस्था अलग-अलग होती है, ऐसे में बेहतर है इस बारे में गर्भवती एक बार डॉक्टरी सलाह भी जरूर लें।
अब बारी है कार्बोहाइड्रेट के नुकसानों के बारे में जानने की।
गर्भावस्था के दौरान ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स खाने से क्या होता है?
अगर कोई गर्भवती महिला अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करती है तो उसे निम्न तरह की परेशानियां हो सकती हैं (2)।
- अधिक मात्रा में प्रोसेस्ड (पैकेट वाले खाद्य पदार्थ), स्टार्च, या मीठे खाद्य पदार्थों के रूप में कार्बोहाइड्रेट के सेवन से कैलोरी बढ़ सकती है, जिससे वजन बढ़ने का खतरा हो सकता है।
- ज्यादा कार्बोहाइड्रेट खाने से शरीर में प्रोटीन और फैट की भी कमी हो सकती है।
- प्रेगनेंसी के दौरान सिंपल कार्बोहाइड्रेट (जैसे – आलू, फ्रेंच-फ्राइज, उजला चावल, कैंडी, सोडा आदि) का सेवन मधुमेह की समस्या का भी कारण बन सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस तरह के खाद्य पदार्थ ब्लड शुगर में तेजी से वृद्धि कर सकते हैं (4)। ऐसे में अगर किसी गर्भवती को जेस्टेशनल डायबिटीज है तो कार्बोहाइड्रेट के सेवन से पहले उसकी मात्रा के बारे में डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
लेख के इस हिस्से में जानें प्रेगनेंसी के दौरान कौन-सा कार्बोहाइड्रेट खाना चाहिए।
गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट चुनना
गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट के लाभ पाने के लिए जरूरी है कि हेल्दी कार्बोहाइड्रेट का चुनाव किया जाए। इसलिए यहां हम बता रहे हैं कि प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ कार्बोहाइड्रेट का चुनाव कैसे कर सकते हैं-
- गर्भवती महिलाओं के लिए यह जरूरी है कि अपने आहार के लिए वह कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Glycemic index) के साथ उच्च गुणवत्ता वाले कार्बोहाइड्रेट का चयन करें। बता दें कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक माप जिससे यह पता लगता है कि भोजन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट को ग्लूकोज बनने में कितना वक्त लग सकता है। इन खाद्य पदार्थों में अनाज, नॉनस्टार्च सब्जियां, फल, सेम, मटर, मसूर और कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट को शामिल किया जा सकता है (9)।
- वहीं, कॉम्प्लेक्स कार्ब्स यानी फाइबर और कुछ मात्रा में स्टार्च युक्त खाद्य पदार्थों को भी आहार में शामिल करना बेहतर विकल्प साबित हो सकता है (4)।
- इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को उच्च फाइबर वाले कार्बोहाइड्रेट का चुनाव करना चाहिए(10)।
लेख के इस हिस्से में हम बताएंगे कि गर्भवती महिलाओं के लिए लो-कार्ब डाइट सुरक्षित है या नहीं।
लो-कार्ब डाइट गर्भवती महिलाओं के लिए कितना सुरक्षित है?
लो-कार्ब डाइट का मतलब, वैसे डाइट से होता है जिनमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा कम होती है। आमतौर पर इसका उपयोग वजन कम करने के लिए किया जाता है (11)। विशेषज्ञों की मानें तो, प्रेगनेंसी के दौरान लो-कार्ब डाइट हानिकारक हो सकता है। इसका नकारात्मक प्रभाव शिशु के विकास पर भी पड़ सकता है (12)। यही नहीं, लो-कार्ब डाइट के कारण रक्तचाप का स्तर भी बढ़ सकता है। साथ ही यह कोर्टिसोल (एक प्रकार का हार्मोन) के स्तर को भी बढ़ा सकता है (13)। इन तथ्यों के आधार पर गर्भवती महिलाओं के लिए लो-कार्ब डाइट को सुरक्षित नहीं माना जा सकता है।
आगे पढ़े प्रेगनेंसी के दौरान कौन से कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ खाना चाहिए।
गर्भवती महिलाओं के लिए कौन से कार्बोहाइड्रेट के फूड सोर्स लाभदायक है?
प्रेगनेंसी के दौरान नीचे बताए गए कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है (10)(14)–
- फल
- चावल
- आलू
- होल ग्रेन ब्रेड
- साबुत अनाज
- बिना स्टार्च वाली सब्जियां
- नट्स
- पास्ता
- कम वसा वाले डेयरी प्रोडक्ट्स
- फलियां
- बीन्स
- मटर
- दाल
लेख के अंत में जानें गर्भवती महिलाओं को कौन से कार्बोहाइड्रेट का सेवन नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं कौन सा कार्बोहाइड्रेट्स ना खाएं?
गर्भावस्था के दौरान सिंपल कार्बोहाइड्रेट यानी शुगर युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए। यहां हम क्रमवार तरीके से उन खाद्य पदार्थों का जिक्र कर रहे हैं, गर्भावस्था के दौरान जिनका सेवन नहीं करने या कम मात्रा में करने की सलाह दी जाती है (10) –
- कैंडी
- टेबल शुगर
- शहद
- सिरप
- केन शुगर
- अवेग (एक प्रकार की मीठा सिरप)
- हाई फ्रुक्टोज कॉर्न सिरप
- डेसर्ट
- सोडायुक्त पेय या कोल्ड ड्रिंक
- फ्लेवर्ड ड्रिंक
- पैक्ड यानी डिब्बाबंद जूस
- मीठी चाय
हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख को पढ़ने के बाद गर्भावस्था के दौरान कार्बोहाइड्रेट के सेवन से जुड़ी लगभग सारी जानकारी सभी पाठकों को मिल गई होगी। वहीं, आर्टिकल में हमने कार्बोहाइड्रेट के फायदे और सेवन की मात्रा के बारे में भी बताया है। तो ऐसे में अब एक गर्भवती महिला आसानी से अपने आहार में लेख में बताए गए कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकती है। वहीं, ध्यान रहे कि कार्बोहाइड्रेट के साथ-साथ डाइट में अन्य पोषक तत्वों जैसे – विटामिन, मिनरल्स, फैट को भी शामिल करना जरूरी है। अब भी मन में अगर थोड़ी भी दुविधा हो तो कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन के बारे में गर्भवती अपनी डॉक्टर की सलाह भी ले सकती हैं। प्रेगनेंसी से जुड़ी ऐसी और जानकारी के लिए आप मॉमजंक्शन के अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
References
2.Carbohydrates – MedlinePlus
3.Common symptoms during pregnancy– MedlinePlus
4.Diabetes and Pregnancy – MedlinePlus
5.Healthy Pre-Pregnancy Diet and Exercise May Reduce Risk of Gestational Diabetes -By NIH
6.Pregnancy – morning sickness– By BetterHealth
7.Cholesterol in pregnancy: a review of knowns and unknowns – By NCBI
8.Counting carbohydrates – By MedlinePlus
9.Current Concepts of Maternal Nutrition – By NCBI
10.Quantity and Quality of Carbohydrate Intake during Pregnancy, Newborn Body Fatness and Cardiac Autonomic Control:Conferred Cardiovascular Risk?
11.Low Carbohydrate Diet – By NCBI
12.Nutrition Required During Pregnancy – By Jbpub
13.Nutrition During Pregnancy and the Effect of Carbohydrates on the Offspring’s Metabolic Profile: In Search of the “Perfect Maternal Diet”– By NCBI
14.Dietary advices on carbohydrate intake for pregnant women with type 1 diabetes – By ResearchGate
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