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आमतौर पर खाने का स्वाद व सुगंध बढ़ाने के लिए लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। इसे एक पारंपरिक मसाला भी माना जाता है, लेकिन क्या यह छोटी-सुगंध भरी लौंग गर्भवती महिलाओं के लिए भी सुरक्षित है? इसी से जुड़ी जानकारी आप मॉमजंक्शन के इस लेख में पढ़ेंगे। यहां हम गर्भावस्था के दौरान लौंग खाने के फायदे बताएंगे। साथ ही प्रेगनेंसी में लौंग के नुकसान व इसके इस्तेमाल से जुड़ी जरूरी बातों की भी जानकारी दी गई है।
छोटी-सी लौंग गर्भवती महिला के लिए के लिए सुरक्षित है या नहीं, सबसे पहले यह जानते हैं।
क्या गर्भावस्था के दौरान लौंग खाना सुरक्षित है?
हां, गर्भवास्था के दौरान लौंग का सेवन करना सुरक्षित माना जा सकता है। बशर्ते इसका सेवन सुरक्षित मात्रा में ही किया जाए (1)। इसके अलावा, एक रिसर्च में इसकी भी पुष्टि होती है कि गर्भावस्था के दौरान संक्रमण से बचाव करने व उपचार करने के लिए लौंग का इस्तेमाल करना सुरक्षित व प्रभावकारी हो सकता है (2)। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि गर्भवती महिलाएं सुरक्षित मात्रा में लौंग का सेवन कर सकती हैं।
आगे हम गर्भावस्था के दौरान लौंग खाने के फायदे के बारे में बता रहे हैं।
प्रेगनेंसी में लौंग खाने के फायदे
प्रेगनेंसी में छोटी-सी लौंग खाने के विभिन्न फायदे हैं, जिनके बारे में आप विस्तार से नीचे पढ़ सकते हैं।
1. मॉर्निंग सिकनेस : मॉर्निंग सिकनेस या मतली व उल्टी की समस्या होने पर गर्भावस्था में सीमित मात्रा में लौंग से बनी चाय का सेवन करना लाभकारी हो सकता है। इसके अलावा, सीधे तौर पर लौंग की कली को चबाया भी जा सकता है। इससे मतली व उल्टी के साथ ही सीने में जलन की समस्या को भी दूर किया जा सकता है (3)।
2. त्वचा संक्रमण के लिए : गर्भवती महिलाओं में कैंडिडा संक्रमण जैसी त्वचा की सूजन की बीमारी का जोखिम अधिक देखा जा सकता है। इसका एक कारण इस दौरान होने वाला हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। वहीं, लौंग के अर्क में एंटीफंगल प्रभाव होता है, जिस वजह से इसका इस्तेमाल गर्भावस्था में होने वाले त्वचा संक्रमण के उपचार में करना लाभकारी हो सकता है (2)।
3. मुंह का स्वास्थ्य : गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल बदलाव मसूड़ों व दांतों में सड़न की समस्या उत्पन्न कर सकते हैं। यह समय पूर्व शिशु के जन्म व जन्म के दौरान शिशु के कम वजन होने के जोखिम को भी बढ़ सकता है (4)। इससे बचाव करने के लिए गर्भवती महिलाएं सीमित मात्रा में लौंग का इस्तेमाल कर सकती हैं। लौंग के उपयोग से मुंह में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्म जीवों को काफी हद तक नष्ट किया जा सकता है। इसके लिए वे लौंग का इस्तेमाल घरेलू माउथ वॉश या टूथपेस्ट के रूप में भी कर सकती हैं (5)।
इसके अलावा, दांतों में दर्द होने पर प्रभावित हिस्से पर लौंग का तेल भी लगाया जा सकता है। बस ध्यान रखें कि लौंग का तेल मसूड़ों व इसके आस-पास की त्वचा पर न लगाएं। साथ ही गर्भवती महिला तेल को न निगले (6)।
4. रक्तचाप को कम करना : गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप की समस्या आमतौर पर देखी जा सकती है। इसकी वजह से मां और बच्चे में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं (7)। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) पर प्रकाशित एक रिसर्च पेपर में यह बताया गया है कि लौंग में रक्तचाप के स्तर को कम करने वाला प्रभाव (Hypotensive) होता है (8)। ऐसे में उच्च रक्तचाप के स्तर को नियंत्रित करने के लिए गर्भवती महिलाओं के लिए लौंग का सेवन करना लाभकारी हो सकता है।
5. टाइप-2 मधुमेह : गर्भावस्था में मधुमेह होने से गर्भवती के साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु का विकास भी प्रभावित हो सकता है। यह समय पूर्व जन्म से लेकर बच्चे में जन्मदोष के जोखिम को भी बढ़ा सकता है (9)। वहीं, एक रिसर्च के अनुसार, लौंग टाइप-2 मधुमेह के उपचार में प्रभावी हो सकता है (10)। इसके अलावा, यह मधुमेह के कारण लिवर व शरीर की कोशिकाओं को हुए नुकसान को भी कम कर सकता है (11)।
6. मजबूत हड्डियां : गर्भावस्था में फास्फोरस व कैल्शियम जैसे मिनरल्स महिला व भ्रूण की हड्डियों के विकास में फायदेमंद माने जाते हैं (12)। बता दें कि एक छोटे चम्मच लौंग में 13.3 मिलीग्राम कैल्शियम, 2.18 मिलीग्राम फास्फोरस, 1.26 मैंगनीज व 5.44 मिलीग्राम मैग्नीशियम होता है (13)। वहीं, एक रिसर्च में कहा गया है कि सूखी लौंग में यूजेनॉल नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने व हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने में मदद कर सकता है। इससे हड्डियों के रोग ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करने में मदद भी मिल सकती है (14)।
7. मांसपेशियों को आराम : प्रेगनेंसी में होने वाले हार्मोनल व शारीरिक बदलाव की वजह से मांसपेशियों में दर्द की समस्या भी बढ़ सकती है (15)। ऐसी समस्या होने पर गर्भवती महिलाएं लौंग का सेवन कर सकती हैं। दरअसल, लौंग में मांसपेशियों को आराम देने वाला प्रभाव (Muscle Relaxant) होता है (8)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि मांसपेशियों में या इस दौरान होने वाले शारीरिक दर्द को दूर करने के लिए गर्भवती महिलाएं सीमित मात्रा में लौंग का सेवन कर सकती हैं।
8. एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव : एक रिसर्च के अनुसार, लौंग में एंटी-बैक्टीरियल प्रभाव होता है, जो ई. कोलाई जैसे विभिन्न बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव करने में मदद कर सकता है (16)। ऐसे में गर्भावस्था में बैक्टीरियल संक्रमण से बचाव करने के लिए भी गर्भवती महिलाएं लौंग का सेवन कर सकती हैं।
9. तनाव : गर्भावस्था के दौरान से लेकर प्रसव के बाद तक महिलाओं में तनाव की समस्या हो सकती है (17)। इस दौरान तनाव को कम करने के लिए गर्भवती महिलाएं लौंग का उपयोग कर सकती हैं। लौंग के अर्क में एंटी स्ट्रेस गुण होता है, तो तनाव को दूर करने में मदद कर सकता है (18)।
10. पाचन स्वास्थ के लिए : गर्भावस्था में पाचन से जुड़ी समस्या जैसे अपच या कब्ज से बचाव करने में भी लौंग लाभकारी माना गया है। अध्ययन इसकी पुष्टि करते हैं कि लौंग में पेट साफ करने वाला प्रभाव (Purgative) होता है। इसी वजह से लौंग से बने काढ़ें का सेवन करने पर आंतों की मांसपेशियों के कार्य को बढ़ावा मिल सकता है। यह पेट में अल्सर की समस्या दूर कर सकता है और कब्ज से राहत दिला सकता है (19)।
आगे पढ़ें गर्भावस्था के दौरान लौंग खाने के नुकसान।
क्या प्रेगनेंसी में लौंग का सेवन करने के कोई जोखिम हो सकता है?
जहां गर्भावस्था में लौंग का सेवन करने के कई लाभ हैं, वहीं छोटी-सी लौंग गर्भवती महिला के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकती है। यह किन स्थितियों में हानिकारक साबित हो सकती है, वो हम नीचे बता रहे हैं।
- अगर खाली पेट अधिक मात्रा में लौंग से बनी चाय पी जाए या उसकी कली चबाई जाए, तो सीने में जलन की समस्या हो सकती है (3)।
- लौंग में रक्त शर्करा को कम करने का प्रभाव होता है (11)। इसलिए, अगर गर्भवती मधुमेह की दवाओं का सेवन करती हैं, तो लौंग के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
- लौंग में एंटी प्लेटलेट प्रभाव होता है (20)। ऐसे में अगर खून को पतला करने वाली दवाओं के साथ लौंग का सेवन किया जाए, तो इसके नुकसान हो सकते हैं। यह रक्तस्राव का कारण बन सकता है (1)।
- त्वचा पर पानी में मिला लौंग के पाउडर का मिश्रण लगाने से त्वचा से जुड़ी एलर्जी, जैसे – जलन, पित्ती, खुजली व दाने की समस्या हो सकती है (21)।
- अधिक मात्रा में लौंग का सेवन करने से पेट में दर्द, मिट्टी के रंग का मल, गहरे रंग का पेशाब, पीलिया और लिवर से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं (22)।
- अगर लौंग का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए, तो यह गले में खराश, फ्लू जैसे लक्षण, सांस लेने में तकलीफ की भी समस्या उत्पन्न कर सकता है (22)।
आगे पढ़ें प्रेगनेंसी में लौंग के उपयोग से जुड़ी कुछ काम की बातें।
गर्भावस्था के दौरान लौंग का उपयोग करने के टिप्स
दैनिक जीवन में हम कई तरह से लौंग का उपयोग करते हैं, लेकिन प्रेगनेंसी में छोटी-सी लौंग का उपयोग कैसे करें, इसका तरीका थोड़ा अलग हो सकता है। इस बारे में यहां नीचे बताया गया है।
- सांस की समस्या होने पर लौंग की कलियों को पानी में उबाल कर उसकी भाप ली जा सकती है।
- मुंह के स्वास्थ्य को अच्छा बनाए रखने के लिए सीधे तौर पर एक-दो लौंग की कलियों को चबा कर खाया जा सकता है।
- दिनभर में एक कप लौंग से बनी चाय का सेवन किया जा सकता है।
- सलाद व अन्य आहार में गर्भवती फ्लेवरिंग एजेंट के रूप में लौंग का इस्तेमाल कर सकती हैं।
- लौंग को पानी में उबाल कर उस पानी से कुल्ला भी किया जा सकता है।
- दूध या पानी में लौंग के चूर्ण को मिक्स कर सेवन किया जा सकता है।
- नाक बंद होने पर लौंग के पाउडर को रूमाल में रखकर सूंघ भी सकते हैं।
गर्भावस्था के दौरान लौंग का उपयोग करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखें, आइए जानते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान लौंग के इस्तेमाल में बरती जाने वाली सावधानियां
इस लेख के आखिरी भाग में आप गर्भावस्था के दौरान लौंग के इस्तेमाल से जुड़ी कुछ जरूरी सावधानियों के बारे में पढ़ेंगे। इन सावधानियों का ध्यान रखकर प्रेगनेंसी के दौरान लौंग के सेवन के सुरक्षित इस्तेमाल को बढ़ाया जा सकता और इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
- हर बार सीमित मात्रा में ही लौंग का सेवन करें। हर गर्भवती महिला के लिए इसकी मात्रा अलग-अलग हो सकती है। इसलिए, लौंग को डाइट में शामिल करने पहले एक बार डॉक्टर से जरूर पूछें।
- अगर मधुमेह या खून को पतला कराने वाली दवाओं का सेवन करती हैं, तो इस दौरान लौंग का सेवन करने से लिए पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
- अगर प्रेगनेंसी में दांतों के दर्द के लिए लौंग के तेल का इस्तेमाल कर रही हैं, तो इसे सिर्फ प्रभावित दांत पर ही लगाएं। मसूड़ों या अन्य त्वचा पर न लगाएं। साथ ही इस तेल को निगलना नहीं है (20)।
- लौंग से एलर्जी होने पर इसका सेवन न करें। यह मांसपेशियों में दर्द व कमजोरी, उल्टी, सुन्नता, चक्कर आने या थकान महसूस होने का कारण बन सकता है (22)।
बेमिसाल सुगंध व स्वाद के लिए पहचाने जानी वाली छोटी-सी लौंग गर्भावस्था के लिए कितनी सुरक्षित व फायदेमंद है, यह आपने इस लेख के जरिए जाना। अगर गर्भावस्था में लौंग के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य लाभ लेना चाहती हैं, तो बेझिझक इसका सेवन करें। आप लौंग के पाउडर से लेकर इसके काढ़ें तक का सेवन कर सकती हैं, लेकिन अपनी स्वास्थ्य स्थिति व इसकी मात्रा का ध्यान जरूर रखें। साथ ही पहले डॉक्टर से जरूर पूछें।
References
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https://www.researchgate.net/publication/352170258_A_review_on_biological_and_therapeutic_uses_of_Syzygium_aromaticum_Linn_Clove_Based_on_phyto-chemistry_and_pharmacological_evidences
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