विषय सूची
गर्भावस्था में जी मिचलाना और उल्टी की शिकायत होना बेहद आम है। कई बार इसके चलते प्रेग्नेंट महिला को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लंबे समय तक उल्टी होना गर्भवति महिला के पोषण को भी प्रभावित कर सकता है। अक्सर इस परेशानी से राहत पाने के लिए डॉक्सिनेट दवा रिकमेंड की जाती है, लेकिन इस दवाई के उपयोग को लेकर कई सारे संशय व सवाल महिलाओं के मन में उठते हैं। उन सभी सवालों का जवाब मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपको दे रहे हैं। सभी सवालों के जवाब से पहले जान लेते हैं कि डॉक्सिनेट क्या होता है और यह दवाई किन चीजों के कॉम्बिनेशन से बनती है।
लेख के शुरुआत में जानते हैं कि डॉक्सिनेट क्या है।
क्या है डॉक्सिनेट? | Doxinate During Pregnancy In Hindi
हम बता ही चुके हैं कि डॉक्सिनेट दवाई का नाम है। इसे गर्भावस्था में होने वाले मॉर्निंग सिकनेस को कम करने के लिए महिलाएं उपयोग करती हैं। डॉक्सिनेट बाजार में डॉक्सिनेट-जी, डॉक्सिनेट-ओडी टेबलेट व अन्य कई नाम से मिलती हैं। यह दवाई डॉक्सीलेमाइन और पाइरिडॉक्सिन (विटामिन-बी6) का संयोजन यानी कॉम्बिनेशन है (1)।
इसमें मौजूद डॉक्सीलेमाइन एलर्जी से बचा सकता है यानी यह एंटीहिस्टामाइन क्लास ड्रग है। यह शरीर में प्राकृतिक रूप से उत्पादित होने वाले पदार्थों को अवरुद्ध करके मतली और उल्टी से बचा सकता है। वहीं, पाइरिडॉक्सिन गर्भावस्था में होने वाली विटामिन-बी6 की कमी को पूरा करके मतली और उल्टी को रोक सकता है (2)। इसी कॉम्बिनेशन की दवा कई अन्य नाम जैसे – डिसिलिजिस और डिक्लेक्टिन से भी मिलती है, जिसे मतली के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
आगे हम बता रहे हैं कि डॉक्सिनेट का उपयोग सुरक्षित है या नहीं।
क्या डॉक्सिनेट का उपयोग गर्भवती महिला के लिए सुरक्षित है?
गर्भावस्था में डॉक्सीलेमाइन सक्सीनेट और पाइरिडॉक्सिन (विटामिन-बी6) के कॉम्बिनेशन को सुरक्षित माना जाता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की एक रिसर्च के मुताबिक यह दवा सुरक्षित होने के साथ ही गर्भवतियों के शरीर द्वारा सहन करने योग्य है। वहीं, सावधानी के लिए इसकी सही खुराक का उपयोग किया जाना भी जरूरी है (3)। इसकी सही खुराक की जानकारी डॉक्टर से जरूर लें।
डॉक्सिनेट को लेने के तरीके के बारे में हम आगे बता रहे हैं।
गर्भावस्था के दौरान डॉक्सिनेट कैसे लें?
डॉक्टरी परामर्श पर शुरुआत में इस दवा की दो गोली ली जा सकती है। दो गोली खाने से भी मतली और उल्टी कम न होने पर गर्भवतियां दिनभर चार गोलियों का सेवन कर सकती हैं। एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक शोध के अनुसार दिनभर में चार गोलियों का सेवन किया जा सकता है (3)।
इसे कुछ इस तरह से लिया जा सकता है – एक सुबह खाने से दो घंटे पहले, एक दोपहर और एक या दो सोने से पहले (4)। हालांकि, इस तरह डॉक्सिनेट का सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से इसकी खुराक और खाने का तरीका पूछ लेना बेहतर होगा (1)।
प्रेगनेंसी में डॉक्सिनेट का उपयोग कब करना चाहिए और कब खत्म करना चाहिए।
गर्भावस्था में डॉक्सिनेट का उपयोग कब शुरू और कब खत्म करना चाहिए?
आमतौर पर, मॉर्निंग सिकनेस गर्भावस्था के चौथे और नौवें सप्ताह के बीच शुरू होता है। यह सातवें से बारहवें हफ्ते के मध्य तीव्र व चरम पर होता है (5)। ऐसे में इन्हीं हफ्तों के बीच में जब भी इस दवा की जरूरत महसूस हो, ले सकते हैं। स्थिति गंभीर होने पर डॉक्टर इससे पहले भी डॉक्सिनेट लेने की सलाह दे सकते हैं। वैसे, भले ही स्थिति गंभीर हो या नहीं गर्भावस्था में कोई भी दवाई लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले लेना चाहिए।
प्रेगनेंसी में डॉक्सिनेट दवाई की डोज को 16वें हफ्ते से बंद किया जा सकता है। एक रिसर्च के मुताबिक 16वें हफ्ते से मॉर्निंग सिकनेस कम होने लगती है। ध्यान दें कि डॉक्टर की सलाह पर डॉक्सिनेट की डोज को पूरा करने के बाद डॉक्टरी सलाह पर ही इसे बंद करें (5)।
डॉक्सिनेट के नुकसान के बारे में अब हम आगे बता रहे हैं।
डॉक्सिनेट के दुष्प्रभाव क्या हैं?
डॉक्सीलेमाइन सक्सीनेट और पाइरिडॉक्सिन (विटामिन-बी6) के संयोजन से बने डॉक्सिनेट के नुकसान के बारे में बता रहे हैं। इसका सेवन करने वाली महिला को इनमें से किसी एक या एक से ज्यादा दुष्प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है। इसी वजह से डॉक्सिनेट का सेवन अधिक न करने की सलाह दी जाती है। चलिए, नीचे पढ़ते हैं डॉक्सिनेट के दुष्प्रभाव के बारे में (6) (2)।
- सिर चकराना
- बहुत नींद आना
- मुंह का सूखना (माउथ ड्राइनेस)
- सिरदर्द
- अतिसंवेदनशीलता (Hypersensitivity)
- डायरिया
- रैशेज
- कब्ज
- पेट दर्द
- मांसपेशियों में दर्द व कमजोरी
स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों, जैसे – अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, ग्लूकोमा या फेफड़ों में खराबी होने वालों को इस दवा का उपयोग अत्यधिक सावधानी और डॉक्टरी सलाह पर ही करना चाहिए।
डॉक्सिनेट लेने के दौरान डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए अब यह जान लेते हैं।
डॉक्सिनेट लेते समय कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए?
डॉक्सिनेट लेते समय अगर कुछ गंभीर दुष्प्रभाव नजर आएं, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क किया जाना चाहिए। हम ऊपर डॉक्सिनेट लेने के आम दुष्प्रभाव के बारे में बता चुके हैं। आइए, अब नीचे जानते हैं कि डॉक्सिनेट के गंभीर दुष्प्रभाव के लक्षण क्या हैं, जिनका अनुभव होते ही बिना वक्त गवाएं चिकित्सक से परामर्श करना जरूरी होता है (2)।
- आंखों की रोशनी संबंधी समस्या
- देखते समय धुंधलापन नजर आना
- आंखों के केंद्रों में काले घेरे (Dilated Pupils)
- पेशाब करने में कठिनाई या दर्द का अनुभव
- तेज व अनियमित दिल की धड़कन
- सांस लेने में कठिनाई
- भ्रम की स्थिति
- दौरे पड़ना
डॉक्सिनेट के उपयोग से भ्रूण को कोई नुकसान होता है या नहीं यह हम आगे बता रहे हैं।
क्या डॉक्सिनेट के उपयोग से भ्रूण पर कोई प्रभाव पड़ता है?
विशेष रूप से डॉक्सिनेट दवा और उसके कारण भ्रूण पर होने वाले प्रभाव व दुष्प्रभाव से जुड़ी कोई रिसर्च मौजूद नहीं है। हां, अगर इस दवाई के कॉम्बिनेशन यानी डॉक्सीलेमाइन सक्सीनेट और पाइरिडॉक्सिन की बात करें, तो शोध में पाया गया है कि इसके सेवन से भ्रूण को नुकसान नहीं पहुंचता है (6)। फिर भी सावधानी के लिए इसकी सही मात्रा से जुड़ी जानकारी डॉक्टरी से जरूर लें।
डॉक्सिनेट को खाने के साथ लिया जा सकता है या नहीं इसपर एक नजर डाल लेते हैं।
क्या डॉक्सिनेट को भोजन के साथ लिया जा सकता है?
नहीं, डॉक्सिनेट का सेवन खाने से पहले करने की सलाह दी जाती है। सुबह के समय नाश्ते से एक-दो घंटे पहले। इसके अलावा, रात में सोने से पहले और दोपहर में खाने से पहले या बाद में इसका सेवन किया जा सकता है, मतलब इसे खाने से पहले या बाद में ही खा सकते हैं। खाने के साथ इसका सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है।
आगे हम बता रहे हैं कि डॉक्टर डॉक्सिनेट फोर्टे लेने की सलाह कब देता है।
गर्भावस्था के दौरान डॉक्सिनेट फोर्टे की सलाह कब दी जाती है?
मतली और उल्टी (मॉर्निंग सिकनेस) के साथ ही पोषण संबंधी कमियों को पूरा करने के लिए डॉक्सिनेट फोर्टे (Doxinate Forte) की सलाह दी जा सकती है। यह दवाई डॉक्सीलेमाइन – 20 mg (Doxylamine), पाइरिडॉक्सिन – 20mg (Pyridoxine) और फोलिक एसिड (5mg) का संयोजन यानी कॉम्बिनेशन है।
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डॉक्सिनेट खाना चाहिए या नहीं यह जान लेते हैं।
क्या स्तनपान के दौरान डॉक्सिनेट का सेवन करना सुरक्षित है?
नहीं, स्तनपान कराने वाली माताओं को डॉक्सिनेट का सेवन करने की सलाह नहीं दी जाती है (2)। दरअसल, इसमें मौजूद डॉक्सीलेमाइन और पाइरिडॉक्सिन दूध के साथ बच्चे के शरीर में पहुंच सकता है, जिससे उसे संभवत: परेशानी हो सकती है।
गर्भावस्था में मॉर्निंग सिकनेस की वजह से कितनी असुविधा होती है, इसे गर्भवती महिला से बेहतर और कोई नहीं समझ सकता। इसी वजह से बिना किसी संकोच के डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए। अगर जरूरी लगे, तो डॉक्टरी सलाह पर डॉक्सिनेट का सेवन भी कर सकते हैं। इसकी पूरी डोज लेने से समय रहते ही मॉर्निंग सिकनेस को नियंत्रित करके आराम से गर्भावस्था का आनंद उठाया जा सकता है। आप चाहें, तो मॉर्निंग सिकनेस के घरेलू उपाय अपनाकर भी इसे कंट्रोल कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। गर्भावस्था में ली जाने वाली दवाओं से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए आप हमारी वेबसाइट पर उपलब्ध दूसरे लेख भी पढ़ सकते हैं।
हैप्पी प्रेगनेंसी!
References
1. Clinical effectiveness: ginger By NCBI
2. Doxylamine and Pyridoxine By Medline Plus
3. Maternal safety of the delayed-release doxylamine and pyridoxine combination for nausea and vomiting of pregnancy; a randomized placebo controlled trial By NCBI
4. Doxylamine succinate–pyridoxine hydrochloride (Diclegis) for the management of nausea and vomiting in pregnancy: an overview By NCBI
5. Optimal management of nausea and vomiting of pregnancy By NCBI
6. Doxylamine succinate–pyridoxine hydrochloride (Diclegis) for the management of nausea and vomiting in pregnancy: an overview By NCBI
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.