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इसमें कोई शक नहीं कि अब गर्भवती महिलाएं अपनी गर्भावस्था को लेकर जागरूक हो गई हैं। इस दौरान वो अपनी सबसे मनपसंद रोजमर्रा की सब्जियां खाने से पहले भी उसके बारे में रिसर्च करना पसंद करती हैं। फिर चाहे सलाद के रूप में उपयोग होने वाली गाजर ही क्यों न हो। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था में गाजर खाने के बारे में बात करेंगे। गाजर लगभग सभी की मनपसंद सब्जियों में शामिल होती है। खासकर, सर्दियों के मौसम में तो गाजर का हलवा खाने का मजा ही कुछ और होता है, लेकिन अगर आप गर्भवती हैं और गाजर के सेवन को लेकर आपके मन में भी सवाल है, तो यह लेख आपके लिए ही है। यहां आप जानेंगे कि क्या प्रेगनेंसी में गाजर को खाना चाहिए या नहीं। अगर हां, तो प्रेगनेंसी में गाजर खाने के फायदे क्या हैं।

लेख की शुरुआत यह बताते हुए करते हैं कि प्रेगनेंसी में गाजर खाना सुरक्षित है या नहीं।

क्या गर्भावस्था के दौरान गाजर का सेवन करना सुरक्षित है? | Pregnancy Mein Gajar Kha Sakte Hain

गर्भावस्था के दौरान गाजर का सेवन करना सुरक्षित हो सकता है। इस दौरान महिला को कई पोषक तत्वों की जरूरत होती है, जैसे – आयरन, कैल्शियम, विटामिन-सी, विटामिन-ए आदि (1)। ये सभी पोषक तत्व गाजर में पाए जाते हैं। इस वजह से गर्भावस्था में गाजर का सेवन करना सुरक्षित और लाभकारी हो सकता है (2) इसके फायदों के बारे में आगे लेख में विस्तृत तरीके से बताया गया है, लेकिन इनका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।

गर्भवस्था में गाजर के सेवन की सुरक्षित मात्रा के बारे में जानिए लेख के अगले भाग में।

गर्भावस्था में कितनी मात्रा में गाजर खाना सुरक्षित है?

प्रेगनेंसी में गाजर का लाभ उठाने के लिए एक दिन में मध्यम आकार की दो गाजर खा सकते हैं (3)। गर्भवती महिला के स्वास्थ्य और शरीर के अनुसार यह मात्रा कम-ज्यादा हो सकती है। इस बारे में डॉक्टर से मिलकर बेहतर जानकारी लेना सही रहेगा।

आगे आप जानेंगे कि गर्भावस्था की किस तिमाही में गाजर का सेवन करना चाहिए।

गर्भावस्था में गाजर खाने का सबसे अच्छा समय कब है?

वैसे तो गर्भावस्था की तीनों तिमाही में गर्भवती महिला को कैलोरी की जरूरत होती है, लेकिन दूसरी और तीसरी तिमाही में 300 अतिरिक्त कैलोरी की जरूरत होती है। कैलोरी की इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए अन्य खाद्य पदार्थों के साथ मिलाकर गाजर का सेवन किया जा सकता है (3)

लेख के अगले भाग में आप जानेंगे कि गाजर में कौन-कौन से पोषक तत्व कितनी मात्रा में पाए जाते हैं।

गाजर के पोषक तत्व

गाजर में विटामिन, मिनरल और फाइबर जैसे कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो गर्भावस्था में लाभ पहुंचाने का काम करते हैं। एक मध्यम आकार के गाजर में 5 ग्राम शुगर और प्रोटीन की मात्रा 1 ग्राम होती है। कैलोरी की बात करें, तो एक मध्यम आकर की गाजर में 30 कैलोरीज होती हैं। इसके अलावा नीचे दी गई जानकारी की मदद से विस्तार से जानिए गाजर में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में (2) :

विटामिन ए: 100 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
विटामिन सी: 10 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
कैल्शियम:  2 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)
आयरन: 2 प्रतिशत दैनिक मूल्य (DV)

गाजर में 8 प्रतिशत दैनिक मूल्य डायटरी फाइबर पाया जाता है। इसके अलावा, गाजर में अन्य खनिज जैसे पोटैशियम, सोडियम व कार्बोहाइट्रेट भी पाए जाते हैं।

गाजर के पोषक तत्वों के बारे में जानने के बाद आइए आपको बताते हैं कि गर्भावस्था के दौरान गाजर का सेवन किस तरह लाभदायक है।

गर्भावस्था के दौरान गाजर के स्वास्थ्य लाभ | Pregnancy Mein Gajar Khane Ke Fayde

गर्भावस्था के दौरान गाजर खाने के फायदे इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण हो सकते हैं। नीचे जानिए प्रेगनेंसी में गाजर खाने के फायदे के बारे में।

  1. विटामिन-ए का स्रोत : गाजर को  विटामिन-ए का अच्छा स्रोत माना गया है (2)। विटामिन-ए गर्भवती महिला के साथ-साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी लाभदायक होता है। यह गर्भवती की आंखों की रोशनी बढ़ाने और भ्रूण के शरीर के विकास में मदद कर सकता है। साथ ही यह भ्रूण की रोग प्रतिरोधक बढ़ाने में भी मदद कर सकता है (4)
  1. एनीमिया में लाभदायक : गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी के कारण एनीमिया होना आम समस्या है। ऐसे में गाजर का सेवन करने से इस समस्या से बचने में कुछ मदद मिल सकती है (5)। गाजर में कुछ मात्रा आयरन की होती है, जो गर्भवती महिलाओं में आयरन की कमी की पूर्ती करने में कुछ मदद कर सकती है (2)
  1. विटामिन-सी का स्रोत : गर्भावस्था में गाजर विटामिन-सी का अच्छा स्रोत हो सकती है (2)। विटामिन-सी के सेवन से समय पूर्व प्रसव व जन्म के दौरान मां या शिशु को मृत्यु से बचाने में मदद मिल सकती है (6)। साथ ही आयरन को बेहतर तरीके से अवशोषित करने और प्रतिरोधक क्षमत को बेहतर बनाने में भी विटामिन-सी सहायक हो सकता है (7)
    1. कब्ज से आराम : कब्ज गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है। इससे आराम पाने में गाजर का सेवन लाभदायक हो सकता है। दरअसल, गाजर में फाइबर पाया जाता है, जो गर्भावस्था के दौरान कब्ज से राहत पाने में मदद कर सकता है (8)।
  1. गर्भावस्था में मधुमेह : कुछ मामलों में गर्भावस्था में मधुमेह की समस्या (जेस्टेशनल डायबिटीज) का सामना करना पड़ सकता है। यह आगे चल कर अन्य बड़ी परेशानियों का कारण बन सकती है। ऐसे में गर्भवती महिला को संतुलित आहार लेने की सलाह दी जाती है और इसमें गाजर को शामिल किया जा सकता है (9)
  1. फोलेट का स्रोत : गर्भावस्था के दौरान फोलेट जैसे मिनरल भी जरूरत होते हैं। यह भ्रूण के विकास में मदद करता है। इसकी कमी के कारण गर्भवती महिला को एनीमिया और दिमाग से जुड़े विकार (peripheral neuropathy) जैसी समस्याएं हो सकती है (10)गाजर का सेवन गर्भवती महिला के शरीर में फोलेट का स्तर बढ़ाने में मदद कर सकता है (2)
  1. ऊर्जा का स्रोत : गर्भावस्था के दौरान थकान महसूस होना आम है। ऐसे में गाजर का सेवन करना सही रहता है। कच्ची गाजर और विशेष रूप से गाजर के रस का फ्लेवर शरीर में ऊर्जा को बढ़ाने और खुशी का एहसास दिलाने में मदद कर सकता है। आयुर्वेद के अनुसार ये गुण ऊर्जा को बढ़ाते हैं।
  1. खून साफ करे : गाजर की तासीर ठंडी होती है। वहीं, यह विटामिन-ए से समृद्ध होती है और स्वाद में हल्का कड़वा होती है, जिससे पित्त को शांत करने में मदद मिल सकती है। इन खूबियों के कारण यह शरीर को पोषण देती है और रक्त को शुद्ध करने में मदद कर सकती है।
  1. मां के दूध के लिए लाभदायक : डॉक्टर के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान और उसके बाद गाजर का सेवन महिला के ब्रेस्ट मिल्क की गुणवत्ता को बढ़ाने में सहायक हो सकता है।
  1. होने वाले शिशु के लिए फायदेमंद : विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था में गाजर का सेवन करने से होने वाले शिशु को पीलिया का खतरा होने की आशंका कम हो सकती है। साथ ही यह शिशु का रंग साफ करने में भी सहायक हो सकती है।

प्रेगनेंसी में गाजर खाने से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। लेख के अगले भाग में हम इसी बारे में बता रहे हैं।

गर्भावस्था के दौरान गाजर खाने के साइड इफेक्ट

  • जन्म दोष और गर्भपात का खतरा : गाजर विटामिन-ए से समृद्ध होती है। गर्भवती महिला के शरीर में विटामिन-ए का स्तर जरूरत से ज्यादा बढ़ जाने से कंजेनिटल मालफॉर्मेशंस (केंद्रीय तंत्रिका और कार्डियोवास्कुलर सिस्टम से जुड़े जन्म दोष) और गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है (4)
  • उच्च मधुमेह और रक्तचाप का खतरा : गाजर में भरपूर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है (2) शोध में पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान पोटैशियम का स्तर अधिक बढ़ जाने से गर्भवती महिला के शरीर में उच्च मधुमेह (gestational diabetes mellitus) और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है (11)
  • कैरोटेनीमिया : यह ऐसा विकार है, जिसमें त्वचा का रंग पीला पड़ने लगता है। ऐसा रक्त में कैरोटीन (एक तरह का विटामिन-ए) का स्तर बढ़ने के कारण हो सकता है। यह विटामिन गाजर में भरपूर मात्रा में पाया जाता है (12)

लेख के अगले भाग में आप जानेंगे गर्भावस्था में गाजर खाते समय बरतने वाल सावधानियों के बारे में।

गाजर का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

गर्भावस्था के दौरान गाजर का सेवन करते समय कुछ बातों का ध्यान रखने से फायदा हो सकता है, जैसे :

  • गाजर एक जड़ सब्जी होती है और इस कारण कई बार इन पर मिट्टी लगी रह जाती है। इसलिए, इसका सेवन करने से पहले इन्हें अच्छी तरह धोएं।
  • गाजर को बेहतर तरीके से साफ करने के लिए इसके छिलके उतार कर इसका सेवन किया जा सकता है।
  • गाजर खरीदते समय ध्यान रखें कि वो ताजा और पकी हुई हो। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि उस पर कोई दाग न हो।
  • हमेशा लाल या गहरी नारंगी रंग की गाजर लें। हल्की नारंगी रंग की गाजर लेने से बचें।
  • गाजर लेते समय, सुरक्षा के दृष्टिकोण से हम ऑर्गेनिक गाजर का उपयोग करने की सलाह देंगे। इनमें पोषक तत्वों की मात्रा ज्यादा होती है। इन्हें उगाने में रसायानिक कीटाणुनाशकों का उपयोग न के बराबर किया जाता है। इसलिए, ऑर्गेनिक गाजर सेहत के लिए ज्यादा लाभदायक होती हैं (13)

लेख के आखिरी भाग में गर्भावस्था में गाजर खाने की रेसिपी बताई हैं।

गाजर को अपने आहार में कैसे शामिल कर सकते हैं

गाजर से बनी सबसे आसान और सुरक्षित रेसिपी नीचे बताई गई हैं।

1. गाजर का सूप

सामग्री :

  • बारीक कटी लहसुन की 2 कलियां
  • बारीक कटा 1-2 इंच अदरक
  • बारीक कटा एक प्याज
  • 2 बड़े चम्मच तेल
  • 5 कटी हुईं गाजर
  • 2 कप पानी
  • नमक स्वादानुसार
  • एक चुटकी काली मिर्च
  • 1 बड़ा चम्मच ताजी क्रीम

विधि :

  • प्रेशर कुकर में तेल डालकर गर्म कर लें।
  • तेल गर्म होने के बाद उसमें अदरक और लहसुन डालकर दो मिनट तक पकाएं।
  • इसके बाद कुकर में प्याज डालें और हल्का भूरा होने तक प्याज को पकाएं।
  • अब कुकर में गाजर और नमक के साथ पानी डालकर प्रेशर कुकर बंद कर दें।
  • चार सीटियों के बाद गैस को बंद कर दें और कुकर को ठंडा होने दें।
  • ठंडा हो जाने के बाद कुकर को खोलें और पानी को कुकर में छोड़ कर ही गाजर को एक ब्लेंडर में डाल लें।
  • अब ब्लेंडर की मदद से उबली हुई गाजर का पेस्ट बना लें।
  • अब इस पेस्ट को एक पैन में डालें और मध्यम आंच पर गैस पर रख दें।
  • प्रेशर कुकर से बचे हुए पानी को थोड़ा-थोड़ा करके तब तक मिलाएं, जब तक कि सूप आपकी जरूरत के अनुसार पतला न हो जाए।
  • इसके बाद सूप में एक चुटकी काली मिर्च मिलाएं और कुछ देर उबलने दें।
  • अच्छी तरह उबल जाने के बाद सूप को एक बाउल में निकाल लें और ऊपर से एक चम्मच फ्रेश क्रीम डाल कर गरमा गर्म सर्व करें।

2. गाजर का हलवा

Carrot Pudding
Image: Shutterstock

सामग्री :

  • आधा किलो गाजर
  • 750 मिलीलीटर दूध
  • चार से पांच हरी इलायची
  • चार से पांच बड़े चम्मच घी
  • चार से पांच चम्मच चीनी
  • एक चम्मच किशमिश
  • 8-10 बादाम कटे हुए
  • चार से पांच पिस्ते कटे हुए
  • दो से तीन खजूर कटे हुए

विधि :

  • सबसे पहले गाजर को छिलकर कद्दूकस कर लें।
  • एक पैन में दूध लें और उसे उबलने के लिए रख दें।
  • जब दूध उबलने लगे, तो उसमें इलायची मिलाएं और गाढ़ा होने तक उबलने दें।
  • अब एक भारी पैन में घी डालें और उसे गर्म होने दें।
  • इसके बाद घी में कद्दूकस की हुई गाजर मिलाएं और पकने दें।
  • लगभग 10-15 मिनट तक धीमी आंच पर पकने दें।
  • अब इसमें उबला हुआ दूध डाल कर लगभग 15-20 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएं।
  • अब इसमें चीनी डालें और तब तक पकाएं, जब तक हलवे का रंग गहरा न होने लगे।
  • जब हलवा पूरी तरह से पक जाए, तो गैस बंद कर दें और उसमें कटे हुए ड्राई फ्रूट डालकर मिलाएं।
  • अब हलवे को एक बाउल में निकाल कर ऊपर से ड्राई फ्रूट्स डालकर सर्व करें।

लेख को पूरा पढ़ने के बाद आप समझ गए होंगे कि इस बात में कोई दो राय नहीं है कि गाजर सेहत के लिए लाभकारी है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन फायदेमंद हो सकता है। यह न सिर्फ गर्भवती महिला के लिए, बल्कि होने वाले शिशु के लिए भी लाभदायक है। साथ ही इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए किसी भी अन्य सामग्री की तरह प्रेगनेंसी में गाजर का सेवन भी नियंत्रित मात्रा में करना जरूरी है। अगर अब भी आपके मन में गाजर के सेवन को लेकर कोई संशय है, तो आप इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।

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