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प्रेगनेंसी में क्या खाना है और क्या नहीं इसे लेकर कई सारे सवाल उठते रहते हैं। अब हो भी क्यों न खाने में एक तरह की चीजें थोड़े ही होती हैं। खासतौर से बात करें भारत की, जहां न जाने कितने ही तरह के फल, सब्जियां और खाद्य पदार्थ हैं। इन्हीं में से एक है लौकी। अब प्रेगनेंसी में लौकी खानी चाहिए या नहीं? अगर हां, तो पौष्टिक सब्जियों में गिनी जाने वाली लौकी के सेवन से क्या फायदे हो सकते हैं? साथ ही प्रेगनेंसी में लौकी को कितनी खाना चाहिए? ये सभी जानकारी आपको मॉमजंक्शन के इस लेख में मिलेगी। आइए, प्रेगनेंसी और लौकी से जुड़ी हर जानकारी जानने का प्रयास करते हैं।

सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में लौकी खानी चाहिए या नहीं।

क्या गर्भावस्था के दौरान लौकी खाना सुरक्षित है? | pregnancy mein lauki ki sabji kha sakte hain

गर्भावस्था के दौरान लौकी का सेवन सुरक्षित है। दरअसल, गर्भावस्था में गैस की समस्या से राहत दिलाने के लिए लौकी का सेवन करने की सलाह दी जाती है (1) ऐसे में संतुलित मात्रा में इसका सेवन सुरक्षित हो सकता है। हां, अगर किसी की गर्भावस्था में कोई जटिलता है, तो लौकी का सेवन डॉक्टर से पूछकर ही करना चाहिए।

अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान लौकी का सेवन कितनी मात्रा में करना सुरक्षित हो सकता है।

गर्भावस्था में कितनी मात्रा में लौकी खाना सुरक्षित है?

गर्भावस्था में कितनी लौकी खानी चाहिए, इस विषय पर कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। फिर भी स्वस्थ गर्भावस्था के दौरान अपने पूरे दिन की डाइट में किसी भी वक्त एक छोटी कटोरी लौकी की सब्जी या एक छोटा गिलास लौकी का जूस लिया जा सकता है। ध्यान रहे कि गर्भावस्था में किसी तरह की समस्या महसूस होने पर लौकी खाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

अब जानते हैं कि लौकी का सेवन किस तिमाही में लाभकारी हो सकता है।

गर्भावस्था में लौकी खाने का सबसे अच्छा समय कब है?

फिलहाल, इस संबंध में कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। इसलिए, यह कहना मुश्किल है कि गर्भावस्था की कौन-सी तिमाही में लौकी का सेवन करना चाहिए। वहीं, इसके पौष्टिक तत्वों की बात करें, तो इसमें फोलेट, कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन-सी होता है। साथ ही इसकी तासीर ठंडी होती है, जिस कारण इसका सेवन संतुलित मात्रा में पूरी गर्भावस्था में किया जा सकता है (2)

अब जानते हैं लौकी में मौजूद पोषक तत्वों के बारे में।

लौकी के पोषक तत्व

लौकी में कई तरह के विटामिन और पोषक तत्व होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान लाभकारी हो सकते हैं। 100 ग्राम लौकी में 95.54 ग्राम पानी की मात्रा होती है। इसके अलावा लौकी में मौजूद पोषक तत्व कुछ इस प्रकार हैं (2):

  • एनर्जी : 14 केसीएल
  • कार्बोहाइड्रेट: 3.39 ग्राम
  • कैल्शियम : 26 मिलीग्राम
  • मैग्नीशियम – 11 मिलीग्राम
  • फास्फोरस: 13 मिलीग्राम
  • पोटैशियम – 150 मिलीग्राम
  • सोडियम – 2 मिलीग्राम
  • विटामिन-सी – 10.1 मिलीग्राम
  • फोलेट – 6 माइक्रोग्राम
  • विटामिन ए – 16 आई यू

आगे हम जानेंगे कि प्रेगनेंसी में लौकी खाने के क्या-क्या लाभ हो सकते हैं।

प्रेगनेंसी में लौकी खाने के फायदे | Pregnancy Mein Lauki Ke Fayde

यहां हम लौकी में मौजूद पोषक तत्वों के आधार पर इसके लाभ बता रहे हैं :

  1. इम्यूनिटी के लिए – गर्भावस्था के दौरान महिला का इम्यून पावर सही होना आवश्यक है। इससे महिला और गर्भ में पल रहा शिशु संक्रमण से बचा रह सकता है। इम्यून पावर को बढ़ाने, सांस संबंधी समस्याओं और संक्रमण से बचाव के लिए विटामिन-सी जरूरी पोषक तत्वों में से एक है (3) ऐसे में प्रेगनेंसी में विटामिन-सी युक्त लौकी का सेवन प्रभावकारी हो सकता है (2)। ऊपर हमने लौकी में मौजूद विटामिन-सी की मात्रा के बारे में पहले ही जानकारी दी है।
  1. शरीर को ठंडक देने के लिए – प्रेगनेंसी के दौरान कुछ महिलाओं को शरीर में गर्मी या पसीने जैसी शिकायत हो सकती है। ऐसा हॉर्मोनल बदलाव के कारण हो सकता है (4)। ऐसे में लौकी का सेवन लाभकारी हो सकता है। दरअसल, लौकी को ठंडी सब्जियों की श्रेणी में रखा जाता है। ऐसे में लोक मान्यताओं के अनुसार लौकी का सेवन शरीर को ठंडा रख सकता है । इतना ही नहीं लौकी गर्भावस्था में गैस की समस्या से भी राहत दिला सकता है (1)
  1. डायबिटीज – गर्भावस्था में डायबिटीज की समस्या भी हो सकती है, जिसे जेस्टेशनल डायबिटीज कहा जाता है (5)। ऐसे में इसके जोखिम से बचने के लिए लौकी का सेवन किया जा सकता है। लौकी में एंटी डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं, जिस कारण इसके सेवन से गर्भावस्था में डायबिटीज का जोखिम कम हो सकता है (6)
    1. उच्च रक्तचाप के लिए – गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप का जोखिम भी बना रहता है (7)। ऐसे में लौकी का सेवन इस जोखिम को कम कर सकता है। दरअसल, लौकी में एंटीहायपरटेंसिव गुण मौजूद होता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम हो सकता है (8)।
  1. फोलेट – गर्भावस्था में फोलेट युक्त आहार का सेवन करना भी जरूरी है। यह गर्भपात या शिशु में मस्तिष्क और तंत्रिका ट्यूब दोष के जोखिम को कम कर सकता है (9)। ऐसे में गर्भवती महिला पहली तिमाही से ही फोलेट के लिए आहार में लौकी को शामिल कर सकती है (2)
  1. कब्ज से राहत – गर्भावस्था के लक्षण में कब्ज भी शामिल है। ऐसे में फाइबर युक्त आहार इस समस्या से राहत दिलाने में सहायक हो सकता है (10)। कब्ज से राहत के लिए गर्भवती महिला फाइबर युक्त लौकी का सेवन कर सकती है। सिर्फ कब्ज ही नहीं, बल्कि इसके सेवन से गैस या पेट फूलने की समस्या से भी राहत मिल सकती है (1)

अब जानते हैं प्रेगनेंसी में लौकी के साइड इफेक्ट्स के बारे में।

गर्भावस्था के दौरान लौकी खाने के साइड इफेक्ट्स

गर्भावस्था में किसी भी चीज का अधिक सेवन नुकसानदायक हो सकता है। ऐसे में सावधानी के तौर पर नीचे हम लौकी के कुछ साइड इफेक्ट्स की जानकारी दे रहे हैं। लौकी का सेवन करते वक्त इन्हें ध्यान में रखना जरूरी है, ताकि इसका अधिक सेवन करने से बचा जा सके।

फूड पॉइजनिंग – लौकी सेहत के लिए लाभकारी है, लेकिन यह लौकी के प्रकार पर भी निर्भर करता है। कड़वी लौकी या लौकी का जूस फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है (11) ऐसे में गर्भवती महिला लौकी के सेवन से पहले सब्जी या जूस की थोड़ी मात्रा किसी और को चखाए, ताकि पता चल सके कि लौकी कड़वी है या नहीं।

वजन कम होने का जोखिम – आयुर्वेद में लौकी या लौकी के जूस का सेवन वजन कम करने के लिए भी किया जाता रहा है (12)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान इसके सेवन पर खास ध्यान देना जरूरी है। इसके अधिक सेवन से वजन कम होने का जोखिम हो सकता है। इसलिए, गर्भावस्था के दौरान अगर किसी का वजन कम है, तो वो लौकी के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

लौकी के नुकसान से बचने के लिए लौकी का सेवन करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।

लौकी का सेवन करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

लौकी के सेवन के दौरान नीचे बताई गई सावधानियों पर गौर करें :

  • हमेशा ताजी लौकी का ही चुनाव करें।
  • अगर लौकी पर किसी प्रकार दाग या छेद हो, तो उसे न खरीदें।
  • ज्यादा बड़ी लौकी न खरीदें, छोटी लौकी का चुनाव करें, क्योंकि वो खाने में ज्यादा स्वादिष्ट होती है।
  • लौकी को बनाने से पहले उसे अच्छी तरह से धो लें, ताकि उस पर मौजूद गंदगी पूरी तरह से निकल जाए।
  • लौकी का सेवन करने से पहले उसकी थोड़ी मात्रा किसी और को टेस्ट कराएं, ताकि पता चल सके कि लौकी कड़वी है या नहीं।
  • लौकी के जूस को किसी अन्य सब्जी या फलों के साथ न बनाएं।
  • प्रेगनेंसी में लौकी को फ्राई करके खा सकते हैं।
  • लौकी को चने की दाल के साथ बनाकर खा सकते हैं।
  • लौकी के कोफ्ते बनाकर खाए जा सकते हैं।

अब जानते हैं कि लौकी का जूस कैसे बनाया जाता है।

लौकी के जूस की रेसिपी | Lauki Ka Juice In Pregnancy

लौकी का जूस कुछ इस प्रकार बनाया जाता है :

सामग्री :

  • एक छोटी लौकी
  • आधे नींबू का रस
  • कुछ पुदीने की पत्तियां
  • काला नमक
  • आधा गिलास पानी

बनाने का तरीका :

  • सबसे पहले लौकी को धो लें और फिर उसे छील लें।
  • इसके बाद लौकी को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट दें।
  • कोशिश करें कि चम्मच की मदद से लौकी के सारे बीज निकाल दें।
  • फिर मिक्सी में लौकी के टुकड़े, पानी व पुदीने के पत्ते डालकर अच्छी तरह से जूस तैयार कर लें।
  • फिर इसे एक गिलास में डालें और इसमें स्वादानुसार नमक व थोड़ा नींबू का रस मिला लें।
  • तैयार है लौकी का स्वादिष्ट जूस।

आशा करते हैं कि लेख के अंत में प्रेगनेंसी में लौकी खानी चाहिए या नहीं, इस उलझन से आप बाहर आ चुके होंगे। जैसे कि हमने जानकारी दी है कि गर्भावस्था में लौकी खाने में कोई बुराई नहीं है, बशर्ते इसका सेवन अगर सही तरीके से किया जाए। अगर परिवार या दोस्तों में कोई गर्भवती लौकी के सेवन को लेकर उलझन में हो, तो यहां बताई गई खास जानकारी उनके साथ शेयर करना न भूलें। इससे न सिर्फ उनकी उलझन दूर होगी, बल्कि आपका अच्छा इम्प्रेशन भी पड़ेगा। साथ ही उन्हें सचेत जरूर करें कि किसी प्रकार की फूड एलर्जी जैसी समस्या हो, तो डॉक्टरी सलाह से ही लौकी का सेवन करें।

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