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गर्भावस्था के दौरान आहार में विभिन्न विटामिन व मिनरल की पूर्ती करने वाले खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाता है। इन खाद्यों में फास्फोरस जैसे मिनरल की मात्रा भी होती है। आम दिनों में इसे सुरक्षित माना जाता है, लेकिन गर्भावस्था में इससे जुड़े कई सवाल गर्भवतियों के मन में आते हैं। यही वजह है कि मॉमजंक्शन इस लेख में प्रेगनेंसी में फास्फोरस से जुड़ी जानकारी लेकर आया है। आप यहां गर्भावस्था के दौरान फास्फोरस से जुड़े तथ्य रिसर्च के आधार पर जानेंगे।
सबसे पहले जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान फास्फोरस लेना जरूरी है या नहीं।
गर्भावस्था के दौरान फास्फोरस लेना क्यों महत्वपूर्ण है?
फास्फोरस शरीर में सबसे अधिक पाया जाने वाला दूसरा मिनरल है, जो दांतों और हड्डियों में मौजूद होता है (1)। रिसर्च पेपर इसकी पुष्टि करते हैं कि गर्भावस्था में महिला के स्वास्थ्य के साथ-साथ भ्रूण के सुरक्षित विकास के लिए फास्फोरस जरूरी है। यह मां के साथ-साथ भ्रूण के हड्डियों के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है (2)।
बताया जाता है कि गर्भावस्था के विभिन्न सप्ताह के दौरन शरीर में फास्फोरस के स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है (3)। ऐसे में कहा जा सकता है कि गर्भावस्था में फास्फोरस लेना महत्वपूर्ण है। यह गर्भवती के साथ-साथ भ्रूण के स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी व लाभकारी है।
प्रेगनेंसी में फास्फोरस की कमी से जुड़े लक्षण हम नीचे बता रहे हैं।
गर्भावस्था के दौरान फास्फोरस की कमी के लक्षण
शरीर में फास्फोरस की कमी दुर्लभ मानी जाती है (4)। अगर किसी वयस्क के शरीर में फास्फोरस का स्तर 2.5 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम हो, तो उसे फास्फोरस की कमी माना जाता है। इस कमी को हाइपोफॉस्फेटेमिया (Hypophosphatemia) कहते हैं (5)। सामान्य स्थितियों में फास्फोरस की कमी के निम्नलिखित लक्षण देखे जाते हैं। गर्भावस्था के दौरान भी इसकी कमी के लक्षण सामान्य हो सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (4) (6) (7) (8) :
- एनीमिया यानी खून की कमी
- मायस्थेनिया या मांसपेशियों में असमान्य कमजोरी
- हड्डियों में कमजोरी व दर्द
- जेनु वरम यानी पेरों की हड्डियां का धनुषाकार में होना
- आहार-संबंधी विकार एनोरेक्सिया
- चक्कर आना
- भ्रम होना
- चलने में कठिनाई होना
- बार-बार इंफेक्शन होना
- पैरेस्थीसिया यानी हाथ-पैरों में सुन्नता या पिन के चुभने जैसा एहसास होना
- अटैक्सिया, तंत्रिका संबंधी कमजोरी के कारण मदहोशी जैसी स्थिति
- भूख में कमी होना
- जोड़ों में दर्द
- मांसपेशियों में ऐंठन
- थकान होना
- अधिक प्यास लगना, जिस वजह से बार-बार पेशाब आना
अब पढ़ें गर्भावस्था में फास्फोरस लेने के फायदे क्या-क्या हैं।
गर्भावस्था में फास्फोरस लेने के फायदे | pregnancy main phosphorus ke fayde
गर्भावस्था में फास्फोरस लेने के फायदे कई हैं। इसके क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं, यह हम नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
- हड्डियों और दांतों के लिए – कैल्शियम व विटामिन डी के साथ ही गर्भावस्था में फास्फोरस लेने के भी फायदे होते हैं। यह मां और भ्रूण की हड्डियों के साथ-साथ दांतों के विकास में भी अहम भूमिका निभाता है (2)। साथ ही यह हड्डियों की कमजोरी से जुड़े रोग ऑस्टियोमलेशिया और रिकेट्स की समस्या को भी दूर करने में मददद कर सकता है (9)।
- शारीरिक कमजोरी दूर करे – शारीरिक तौर पर होने वाले विभिन्न बदलावों के कारण गर्भावस्था के दौरान महिलाएं शारीरिक कमजोरी या थकान महसूस करती रहती हैं (10)। वहीं, फास्फोरस शरीर में वसा और कार्बोहाइड्रेट को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है (1)।इसके अलावा, यह शरीर की कोशिकाओं को ऊर्जा देने वाले एडिनोसिन ट्राइफास्फेट (ATP) नामक यौगिक के निर्माण में भी मदद करता है (1)। इस वजह से इसे शारीरिक कमजोरी दूर करने और शरीर को ऊर्जावान बनाए रखने के लिए भी जरूरी माना जा सकता है।
- प्रोटीन के निर्माण के लिए – शरीर के विकास में मदद करने वाले प्रोटीन के निर्माण के लिए भी फास्फोरस को जरूरी माना गया है। इससे शरीर की कोशिकाओं और ऊतकों का स्वास्थ्य बेहतर बना रह सकता है (1)। शरीर में प्रोटीन का निर्माण करके फास्फोरस अप्रत्यक्ष रूप से कोशिकाओं की मरम्मत करने और नई कोशिकाओं को बनाने में मदद कर सकता है। गौर हो कि प्रोटीन गर्भवती महिलाओं की ग्रोथ और विकास के लिए जरूरी है (11)।
- किडनी स्वास्थ्य के लिए – गर्भावस्था में किडनी से जुड़ी समस्याओं से बचे रहने में भी फास्फोरस लाभकारी हो सकता है। दरअसल, विटामिन बी के साथ मिलकर फास्फोरस किडनी की कार्यक्षमता को बेहतर बनाए रखता है (1)। वैसे यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि हमारा शरीर कितनी मात्रा में फास्फोरस अवशोषित कर रहा है और कितनी मात्रा में उसे शरीर से बाहर निकाल रहा है (12)।
इसका ध्यान रखें कि शरीर में फास्फोरस की कमी के साथ ही अधिकता होने पर भी किडनी संबंधी समस्या का जोखिम बढ़ सकता है (13)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ किडनी के लिए सीमित व उचित मात्रा में ही फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- मांसपेशियों के स्वस्थ विकास के लिए – रिसर्च बताते हैं कि हड्डियों के साथ ही यह मिनरल मांसपेशियों के स्वस्थ विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। साथ ही यह मांसपेशियों की ग्रोथ के लिए भी जरूरी माना जाता है (8)। इसके अलावा, यह विटामिन बी के साथ मिलकर मांसपेशियों को संकुचित रखने में भी सहायक हो सकता है (1)।
प्रेगनेंसी में फास्फोरस कितनी मात्रा में लें, यह जानने के लिए स्क्रॉल करें।
गर्भावस्था के दौरान कितनी मात्रा में फास्फोरस लेना चाहिए?
सामान्य दिनों की ही तरह गर्भावस्था के समय में भी महिलाओं को फास्फोरस की आवश्यकता होती है। इसकी पुष्टि एनसीबीआई पर मौजूद रिसर्च में भी की गई है। सामान्य दिनों व गर्भावस्था में उम्र के अनुसार महिलाओं को कितनी मात्रा में फास्फोरस की आवश्यकता होती है, वो हमने नीचे बिंदुओं में बताया है (1) (4):
- 18 साल तक की उम्र की गर्भवती महिलाओं के लिए फास्फोरस की मात्रा – प्रतिदिन 1250 मिलीग्राम
- 19 साल व इससे बड़ी उम्र की गर्भवतियों के लिए फास्फोरस की मात्रा – प्रतिदिन 700 मिलीग्राम
आगे पढ़ें कि प्रेगनेंसी में फास्फोरस का स्तर अधिक होना नुकसनदायक हो सकता है या नहीं।
गर्भावस्था में बहुत ज्यादा फास्फोरस लेने के जोखिम | pregnancy main phosphorus ke side effects
आहार में फास्फोरस युक्त खाद्यों की अधिकता होने या फास्फोरस सप्लीमेंट्स का स्तर बढ़ता है, तो गर्भवतियों के साथ-साथ भ्रूण के लिए भी नुकसनादायक साबित हो सकता है। इसकी अधिकता किस तरह का जोखिम बढ़ा सकती है, नीचे विस्तार से पढ़ें।
- फास्फोरस के अधिक सेवन से किड़नी से जुड़ी समस्या हो सकती है (14)।
- फास्फोरस सॉफ्ट टिश्यू यानी मांसपेशियों में जम सकता है, जिसका अधिक स्तर होने पर शरीर में कैल्शियम का स्तर प्रभावित होता है (1)।
- भले ही फास्फोरस हड्डियों और दांतों के लिए जरूरी होता है, लेकिन इसका अधिक स्तर हड्डियों और दांतों को कमजोर बना सकता है (15)।
- शरीर में फास्फोरस का अधिक स्तर हार्ट फेलियर का जोखिम भी बढ़ा सकता है (16)।
- फास्फोरस युक्त कुछ खाद्य जैसे – मांस व सोया पचाने में अधिक समय ले सकता है। ऐसे में अगर इनका अधिक सेवन किया जाए, तो पाचन से जुड़ी समस्या हो सकती है (17)।
इसके अलावा, फास्फोरस की अधिकता से विषाक्तता भी हो सकती है, जो निम्नलिखित है (18):
- एलर्जी होना
- सांस लेने में परेशानी होना
- बाल झड़ना
प्रेगनेंसी में आप फास्फोरस के सप्लीमेंट्स ले सकती हैं या नहीं, यह जानने के लिए आगे पढ़ें।
क्या गर्भावस्था में आप फास्फोरस के सप्लीमेंट्स ले सकती हैं?
हम बता ही चुके हैं कि फास्फोरस की कमी दुर्लभ है। ऐसे में फास्फोरस के सप्लीमेंट्स की आवश्यकता नहीं पड़ती है। एनसीबीआई की एक रिपोर्ट में भी जिक्र मिलता है कि गर्भावस्था के दौरान फास्फोरस के सप्लीमेंट्स की जरूरत नहीं पड़ती। विभिन्न दैनिक आहार के जरिए आसानी से शरीर में फास्फोरस का संतुलित और उचित स्तर बनाए रखा जा सकता है (19)। हां, अगर किसी कारण से गर्भवती के शरीर में फास्फोरस की कमी हो गई है, तो वह डॉक्टर की सलाह पर फास्फोरस सप्लीमेंट ले सकती है।
लेख के आखिरी भाग में फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों की लिस्ट पढ़ें।
प्रेगनेंसी में फास्फोरस के फूड सोर्स
फास्फोरस के कई खाद्य स्रोत हैं, जिनसे गर्भावस्था में फास्फोरस की कमी दूर करने और संतुलित स्तर बनाए रखने में मदद मिलती है। इनमें शाकाहारी व मांसाहारी खाद्य से लेकर डेयरी उत्पाद भी शामिल हैं (1) (4) (6):
फास्फोरस के लिए शाकाहारी खाद्य पदार्थ
- होल ग्रेन ब्रेड
- गेंहूं जैसे साबूत अनाज
- मसूर की दाल
- आलू और चावल
- राजमा और मटर
- ओटमील
- तिल और उबली हुई शतावरी
- टमाटर, फूलगोभी और ग्रीन टी
- दूध, दही और चीज
- काजू, मूंगफली और बादाम
- सेब
फास्फोरस के लिए मांसाहारी खाद्य
- चिकन
- सैल्मन मछली
- अंडा
सीमित मात्रा में गर्भावस्था में फास्फोरस युक्त खाद्य का सेवन करना सुरक्षित और लाभकारी माना गया है। रिसर्च से यह भी पता चलता है कि शरीर में फास्फोरस का कम होना दुर्लभ है। इसके बाद भी अगर गर्भवती को लेख में बताए गए फास्फोरस की कमी के लक्षण दिखाई देते हैं, तो वो डॉक्टर की सलाह पर उन्हें आहार में फास्फोरस युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए। साथ ही फास्फोरस की अधिकता से जुड़े कोई जोखिम नजर आएं, तो इसकी जानकारी तुरंत डॉक्टर को दें।
References
2. THE ROLE OF CALCIUM, PHOSPHORUS AND VITAMIN D IN PREGNANCY By The Journal Of Clinical Investigation
3. Variations in serum calcium and phosphorus during pregnancy By American Journal of Obstetrics & Gynecology
4. Minerals in Pregnancy and Lactation: A Review Article By NCBI
5. Hypophosphatemia By NCBI
6. Phosphorus By ODS
7. Phosphate in Urine By Medlineplus
8. THE EFFECTS OF LOW-PHOSPHORUS RATIONS ON GROWING PIGS By Journal of Agricultural Research
9. Primary Disorders of Phosphate Metabolism By NCBI
10. Pregnancy stages and changes By Betterhealth
11. Protein in diet By Medlineplus
12. Urinary Phosphorus Excretion By NCBI
13. The Connection between Dietary Phosphorus, Cardiovascular Disease, and Mortality: Where We Stand and What We Need to Know By NCBI
14. The role of the gastrointestinal tract in phosphate homeostasis in health and chronic kidney disease By Pubmed
15. Effects of Excessive Dietary Phosphorus Intake on Bone Health By NCBI
16. Serum magnesium, phosphorus, and calcium are associated with risk of incident heart failure: the Atherosclerosis Risk in Communities (ARIC) Study By NCBI
17. Dietary phosphorus intake and health By The American Journal of Clinical Nutrition
18. Phosphorus [MAK Value Documentation, 2007] By Wiley Online Library
19. The retention of calcium, iron, phosphorus, and magnesium during pregnancy: the adequacy of prenatal diets with and without supplementation By Pubmed
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