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गर्भवतियां अपने आहार में कुछ भी शामिल करने से पहले खूब सोच-विचार करती हैं। गर्भवतियों का ऐसा करना सही भी है, क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ प्रेगनेंसी के लिए हानिकारक हो सकते हैं। ऐसे में अगर प्रेगनेंसी में रागी के सेवन को लेकर मन में कोई संदेह है, तो मॉमजंक्शन के इस लेख की सहायता ले सकते हैं। यहां गर्भावस्था में रागी खाने के फायदे और नुकसान ही नहीं, बल्कि इससे बनने वाली कुछ हेल्दी रेसिपी की जानकारी भी दी गई है।
सबसे पहले जानते हैं कि प्रेगनेंसी में रागी खाना कितना सुरक्षित है।
क्या गर्भावस्था के दौरान रागी खाना सुरक्षित है ?
हां, गर्भावस्था में रागी लेना सुरक्षित माना जाता है (1)। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन में भी इसका जिक्र मिलता है कि प्रेगनेंसी में रागी लेना अच्छा होता है (2)। रिसर्च में दिया है कि प्रेगनेंसी के समय कैल्शियम की कमी से महिलाओं को हड्डी रोग ऑस्टियोपोरोसिस हो जाता है। इसके जोखिम को रागी से कम किया जा सकता है। दरअसल, रागी में कैल्शियम होता है, जिससे हड्डियों की ये परेशानी कम हो सकती है (3)। इस आधार पर माना जा सकता है कि रागी गर्भवस्था के लिए सुरक्षित ही नहीं, बल्कि लाभकारी भी है।
लेख के अगले भाग में हम रागी के पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं।
रागी के पोषण मूल्य
रागी कई तरह के पोषक तत्वों से समृद्ध है, जिस कारण इसका सेवन प्रेगनेंसी के दौरान अच्छा कहलाता है। इन पोषक तत्वों के बारे में हम नीचे बता रहे हैं (4)।
- प्रति 100 ग्राम रागी में 7.7 ग्राम प्रोटीन और 1.8 ग्राम फैट होता है।
- हर 100 ग्राम रागी में फाइबर की 15 से 22.0 ग्राम और कार्बोहाइड्रेट की 75.0 से 83.3 ग्राम मात्रा हो सकती है।
- रागी के प्रत्येक 100 ग्राम मात्रा में 130 से 250.0 मिग्रा फास्फोरस और 430 से 490 मिग्रा पोटेशियम हो सकता है।
- प्रत्येक 100 ग्राम रागी में 78 से 201 मिग्रा मैग्नीशियम और 398 मिग्रा कैल्शियम पाया जाता है।
- रागी की प्रति 100 ग्राम मात्रा में सोडियम की 49 मिग्रा और जिंक की 2.3 मिग्रा मात्रा होती है।
- 100 ग्राम रागी में 3.3 से 14.89 मिग्रा आयरन, 17.61 से 48.43 मिग्रा मैंगनीज और 0.47 मिग्रा कॉपर हो सकता है।
चलिए, अब जानते हैं कि गर्भावस्था में रागी खाने के फायदे किस तरह से हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान रागी (नाचनी) खाने के क्या फायदे है ?
गर्भवावस्था में कई तरह के जोखिम उत्पन्न होने लगते हैं, जिसे दूर करने के लिए सही पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस समय रागी का उपयोग लाभदायक साबित हो सकता है। गर्भावस्था में नाचनी खाने के फायदे क्या हैं, आगे समझिए।
- हड्डियों के लिए
प्रेगनेंसी में रागी खाने के फायदे हड्डियों को हो सकते हैं। एक मेडिकल रिसर्च में दिया है कि रागी में कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने का काम करते हैं। इससे हड्डियों के फ्रैक्चर का जोखिम कम करने में भी मदद मिल सकती है (1)।
- एनीमिया से राहत
गर्भवस्था के समय एनीमिया का जोखिम उत्पन्न हो सकता है। दरअसल, इस दौरान शरीर में आयरन की कमी हो सकती है, जिस कारण रक्त शरीर के सभी हिस्सों में सही तरह से ऑक्सीजन नहीं ले जा पाता है। इस स्थिति को ही एनीमिया कहा जाता है (5)। रागी के दाने प्राकृतिक आयरन से समृद्ध होते हैं, जो शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर सकते हैं। इससे एनीमिया के जोखिम को भी दूर किया जा सकता है (1)।
- कब्ज से छुटकारा
गर्भवस्था में कब्ज की समस्या काफी आम होती है (6)। इससे राहत पाने में रागी को मददगार माना जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन की मानें, तो रागी में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। फाइबर एक अच्छे लैक्जेटिव की तरह काम करके मल निकासी को आसान बनाता है। इससे कब्ज की शिकायत से राहत मिल सकती है (1)।
- कुपोषण से बचाए
रागी में कई तरह के पोषक तत्व जैसे कि कैल्शियम, आयरन, फाइबर, प्रोटीन, अमीनो एसिड, मिनरल्स और विटामिन्स होते हैं। ये शरीर को जरूरी पोषण प्रदान करके कुपोषण के जोखिम से बचा सकते हैं। साथ ही रागी को हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने में भी मददगार माना जाता है (1)।
- मधुमेह से राहत
रागी के फायदे गर्भकालीन मधुमेह की स्थिति में भी देखे जा सकते हैं। इस संबंध में प्रकाशित एक शोध के अनुसार, रागी में फाइटेट्स, फिनोल और टैनिन पाए जाते हैं। ये पोषक तत्व रक्त शुगर को संतुलित रखकर मधुमेह के जोखिम को कम कर सकते हैं। साथ ही इन्हें मधुमेह की स्थिति में सुधार करने के लिए भी जाना जाता है (4)।
- हृदय के लिए
गर्भावस्था में रागी खाने के फायदे हृदय के लिए भी हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर पब्लिश वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, रागी में फाइबर होता है, जो हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है। साथ ही हृदय रोग से जुड़े लक्षण को कम करने में भी इसे सहायक माना जाता है (7)।
- घाव भरने में सहायक
गर्भावस्था में नाचनी खाने के फायदों में से एक घाव भरने की प्रक्रिया को तेज करना भी है। दरअसल, रागी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो ऑक्सीडेटिव डैमेज के जोखिम को कम करने का काम कर सकते हैं। इससे वुंड हीलिंग प्रभाव तेजी से कार्य कर सकता है (7)। ऐसे में अगर गर्भवस्था के दौरान घाव होते हैं, तो वह जल्दी भर सकता है।
- अवसाद में कमी
प्रेगनेंसी के दौरान रागी खाने के फायदे चिंता और अवसाद की समस्या को दूर करने में भी हो सकते हैं। दरअसल, इसमें ट्रिप्टोफैन जैसे कई अमीनो एसिड होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट क्षमता रखते हैं। इनसे शरीर और मन प्राकृतिक तरीके से रिलेक्स होते हैं, जिससे अवसाद और चिंता में भी कमी आ सकती है (8)।
- अनिद्रा से राहत
अगर प्रेगनेंसी के समय ठीक से नींद नहीं आ रही है, तो अनिद्रा की समस्या को दूर करने में रागी मददगार साबित हो सकती है। एक वैज्ञानिक अध्ययन की मानें, तो इसमें मौजूद ट्रिप्टोफैन एमिनो एसिड शरीर को आराम देकर बेहतर नींद लाने में मदद कर सकता है। साथ ही अनिद्रा के कारण होने वाले सिर दर्द से भी रागी के दाने और रागी का आटा राहत दिला सकता है (8)।
- कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण
प्रेगनेंसी में रागी खाने के फायदे में कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण को भी शामिल किया जा सकता है। दरअसल, रागी में लेसिथिन होता है, जो एक प्रकार का लिपिड है। यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में सहायता कर सकता है। साथ ही इससे कोलेस्ट्रॉल के रिस्क से भी बचा जा सकता है (8)।
आगे जानिए कि प्रेगनेंसी में रागी खाने के नुकसान होते हैं या नहीं।
प्रेगनेंसी के दौरान रागी खाने के नुकसान
इसमें कोई शक नहीं कि प्रेगनेंसी के समय रागी खाने से अनेक लाभ हो सकते हैं, पर इसका अधिक सेवन शरीर को कुछ हानि भी पहुंचा सकता है। रागी के नुकसान में ये शामिल हैं:
- रागी में कैल्शियम की अधिक मात्रा होती है (4)। नियमित रूप से अधिक मात्रा में कैल्शियम लेने से किडनी स्टोन की समस्या उत्पन्न हो सकती है (9)।
- कुछ लोगों को रागी के सेवन से एलर्जी की समस्या हो सकती है। अगर किसी महिला को इससे एलर्जी हो, तो इसे गर्भवस्था के समय लेने से बचें।
- रागी में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है (4)। ऐसे में इसके अधिक सेवन से पेट फूलने, गैस व पेट में ऐंठन जैसी समस्या हो सकती है (10)। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान इसे सीमित मात्रा में ही लें।
अब हम रागी से बनाने वाली कुछ रेसिपी के बारे में बताने जा रहे हैं।
गर्भावस्था के दौरान रागी रेसिपी | Pregnancy ke dauran ragi kaise khayein
प्रेगनेंसी के समय रागी का कई तरह से सेवन किया जा सकता है। आगे हम कुछ आसान रागी रेसिपी बता रहे हैं।
1. नाचनी लड्डू
सामग्री :
- दो कप रागी का आटा
- आधा कप घी
- चार से पांच चम्मच शक्कर
- एक चौथाई चम्मच इलाइची पाउडर
बनाने की विधि :
- सबसे पहले एक बर्तन में घी को गर्म कर लें।
- अब इसमें रागी के आटे को डालकर सुनहरा होने तक भूनें।
- इस दौरान करची से रागी को चलाते रहें और रागी को कढ़ाई में चिपकाने न दें।
- अब गैस बंद कर के इसमें शक्कर और इलाइची पाउडर डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
- फिर एक बर्तन में इसे निकालकर फैला लें। करीब 10 से 20 मिनट तक इसे ऐसे ही रहने दें।
- जब आटा गुनगुना हो जाए, तो हाथों में लेकर गोल-गोल लड्डू बना लें।
- इसे बनाने के बाद एयरटाइट कंटेनर में डालकर रख दें।
- बाद में जब-जब मन करे, एक-एक लड्डू खा लें।
2. रागी का डोसा
सामग्री :
- एक कप रागी का आटा
- आधा कप चावल का आटा
- एक कप रवा
- आधा कप दही
- एक से दो बारीक कटी हुई हरी मिर्च
- एक बारीक कटा हुआ प्याज
- एक इंच बारीक कटी हुई अदरक
- एक चम्मच बारीक कटा हुआ हरा धनिया
- पांच से छह कटे हुए करी पत्ते
- एक चम्मच जीरा
- एक चौथाई चम्मच काली मिर्च पाउडर
- नमक स्वादानुसार
- तीन से चार कप पानी
- तेल आवश्यक्तानुसार
बनाने की विधि :
- रागी डोसा बनाने के लिए एक बड़े बर्तन में रागी का आटा, रवा और चावल का आटा मिला लें।
- अब इसमें दही, अदरक, हरी मिर्च, करी पत्ते, धनिया, प्याज, जीरा, काली मिर्च और नमक डालें।
- इसके बाद इसमें पानी डालकर पतला घोल तैयार कर लें।
- अब एक तवे में तेल डालकर गर्म करें और तेल के गर्म होने पर इस घोल को डालकर फैला लें।
- फिर इसके ऊपर से तेल को छिड़कर चम्मच से डोसा फैलाएं।
- जब डोसा सुनहरा दिखाई देने लगे, तो उसे पलट लें और दूसरी तरफ भी पकाएं।
- फिर इसे मोड़कर प्लेट में निकाल लें और गर्म सांभर व नारियल की चटनी के साथ परोस लें।
3. रागी की रोटी
सामग्री :
- एक से दो कप रागी का आटा
- एक गिलास पानी
- नमक स्वादानुसार
बनाने की विधि :
- सबसे पहले एक बर्तन में रागी का आटा और नमक डालकर मिला लें।
- अब इसमें ऊपर से पानी डालकर आटा गूंद लें।
- ध्यान रहे कि आटा ज्यादा गिला न हो, इसलिए जरूरत के हिसाब से ही पानी डालें।
- फिर गूंदे हुए आटे से छोटी-छोटी लोइयां बना लें और इन लोइयां को बेलन से गोल-गोल बेल लें।
- अब तवा गैस में चढ़ाकर गर्म करें। फिर उसमें बेली हुई रोटी डाल दें।
- इसके बाद रोटी को दोनों तरफ धीमी आंच में पकाएं।
- अब इसे एक प्लेट में निकाल कर किसी सब्जी, चटनी या दाल के साथ खा सकती हैं।
प्रेगनेंसी में पोषक तत्वों के लिए रागी को आहार में शामिल करना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इससे न सिर्फ गर्भवती और भ्रूण को पोषण मिलता है, बल्कि कई स्वास्थ्य समस्याओं से भी बचा जा सकता है। शायद इसी वजह से हेल्दी प्रेगनेंसी डाइट में इसे शामिल करने की सलाह दी जाती है। बस इसका सेवन जरूरत से ज्यादा न करें और किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या हो, तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
संदर्भ (Sources)
- MILLETS-REVIEW ON NUTRITIONAL PROFILES AND HEALTH BENEFITS
https://www.recentscientific.com/sites/default/files/14234-A-2019.pdf - Food beliefs and practices among the Kalenjin pregnant women in rural Uasin Gishu County, Kenya
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5445501/ - Harnessing Finger Millet to Combat Calcium Deficiency in Humans: Challenges and Prospects
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5526919/ - Processing, nutritional composition and health benefits of finger millet in sub-saharan Africa
https://www.scielo.br/j/cta/a/s4s53P79kYwWD4hNbY39xFn/?format=pdf&lang=en - Anemia
https://medlineplus.gov/anemia.html - Common symptoms during pregnancy
https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000583.htm - Health benefits of finger millet (Eleusine coracana L.) polyphenols and dietary fiber: a review
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4033754/ - DEVELOPMENT OF VALUE ADDED PRODUCT FROM FINGER MILLET (Eleusine coracana)
https://www.researchgate.net/publication/338831962_DEVELOPMENT_OF_VALUE_ADDED_PRODUCT_FROM_FINGER_MILLET_Eleusine_coracana - Calcium in diet
https://medlineplus.gov/ency/article/002412.htm - Fiber
https://medlineplus.gov/ency/article/002470.htm
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