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राजमा-चावल का नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। बहुत सारे लोगों का मानना है कि राजमा भारी होते हैं, जिस वजह से गर्भावस्था में इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए। लेकिन, इसमें मौजूद प्रोटीन के कारण कुछ बड़े-बुजुर्ग राजमा को गर्भवती के आहार में शामिल करने की सलाह देते हैं। ऐसे में अगर आप भी इसी उलझन में हैं, तो इस लेख के जरिए हम आपकी ये दुविधा दूर करने का प्रयास करेंगे। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपको प्रेगनेंसी में राजमा का सेवन करना चाहिए या नहीं, यह रिसर्च के आधार पर बताएंगे। साथ ही राजमा के फायदे और नुकसान को लेकर भी विस्तार से चर्चा करेंगे।
सबसे पहले जानते हैं कि राजमा आखिर क्या है।
राजमा क्या होता है?
राजमा कुछ और नहीं किडनी के आकार की एक तरह की बीन्स है, जिसकी गिनती दालों में होती है। इसका वानस्पतिक नाम फेजियोलस वल्गेरिस एल (Phaseolus Vulgaris L) है (1)। भारत समेत दुनिया की ज्यादातर जगहों पर इसका सेवन चाव से किया जाता है। यह लाल और भूरे रंग के होते हैं, जिनकी ऊपरी परत मोटी होती है। अंग्रेजी में इसे किडनी बीन्स (Kidney Beans), स्नैप बीन (Snap Bean) और फ्रेंच बीन (French Bean) के नाम से भी जाना जाता है। यह मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, कॉपर और फाइबर जैसे कई जरूरी पोषक तत्वों से समृद्ध होती है (2)।
लेख में आगे पढ़िए कि गर्भावस्था के दौरान राजमा का सेवन करना चाहिए या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी में राजमा खाना सुरक्षित है?
गर्भावस्था के दौरान राजमा का सेवन सुरक्षित माना जा सकता है, क्योंकि गर्भावस्था में आहार में शामिल खाद्य पदार्थों की सूची में राजमा का नाम भी शामिल है। दरअसल, गर्भावस्था में आयरन और फोलेट (विटामिन-बी9) युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। ऐसे में गर्भवतियों के लिए राजमा अच्छा विकल्प हो सकता है। इसमें फोलेट, आयरन के अलावा कैल्शियम जैसे पौष्टिक तत्व भी होते हैं (3)। यह प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत है, जिस वजह से नॉन वेज न खाने वाली गर्भवतियों को आहार में राजमा को शामिल करने की सलाह दी जाती है (4)। बस इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें, ताकि इसका कोई नकारात्मक प्रभाव न हो।
अब जानते हैं कि राजमा में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं, जो इसे फायदेमंद बनाते हैं।
राजमा की न्यूट्रिशनल वैल्यू
यहां हम 100 ग्राम राजमा में मौजूद पोषक तत्वों से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार है (2):
- 100 ग्राम राजमा में करीब 25.9 ग्राम प्रोटीन की मात्रा होती है।
- मिनरल्स की बात करें, तो 100 ग्राम राजमा में 98 मिलीग्राम कैल्शियम, 6.58 मिलीग्राम आयरन होता है।
- राजमा की 100 ग्राम मात्रा में 164 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 1490 मिलीग्राम पोटेशियम, 3.29 मिलीग्राम जिंक पाया जाता है।
- इतना ही नहीं, 100 ग्राम राजमा में लगभग 43 ग्राम फाइबर, 36.7 ग्राम स्टार्च भी होता है।
आगे पढ़िए गर्भावस्था में राजमा का सेवन करने के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान राजमा खाने के फायदे | Pregnancy me Rajma Khane ke Fayde
राजमा में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व इसे गर्भावस्था में फायदेमंद बनाते हैं। इनके आधार पर हम आगे राजमा के लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं:
1. भ्रूण के विकास में मददगार
बताया जाता है कि कैल्शियम, आयरन और फोलेट (विटामिन-बी9) भ्रूण के विकास में मदद करते हैं (5)। ये सभी पोषक तत्व राजमा में मौजूद होते हैं (3)। फोलेट न सिर्फ भ्रूण के विकास में मदद करता है, बल्कि जन्म दोष से बचाव में भी अहम भूमिका अदा कर सकता है (6)। यह प्रीमैच्योर डिलीवरी (समय से पहले प्रसव) के जोखिम को भी काफी हद तक कम कर सकता है (7)। इस आधार पर भ्रूण के विकास के लिए राजमा का सेवन लाभकारी हो सकता है।
2. एनीमिया से बचाव
गर्भवतियों में आयरन की कमी के कारण एनीमिया होने का खतरा अधिक रहता है। इससे बचाव के लिए उन्हें आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को आहार का हिस्सा बनाने की सलाह दी जाती है (8)। ऐसे आहार की सूची में राजमा का नाम भी शामिल है। दरअसल, राजमा में आयरन भरपूर होता है, जो गर्भावस्था में एनीमिया के जोखिम को काफी हद तक कम करने में लाभकारी हो सकता है (9)।
3. कब्ज से राहत
गर्भावस्था के दौरान कब्ज की समस्या बेहद आम है (10)। ऐसे में फाइबर से भरपूर राजमा इस समस्या से राहत प्रदान करने में मददगार साबित हो सकती है। दरअसल, राजमा में मौजूद डाइटरी फाइबर मल त्याग की प्रक्रिया में सुधार कर कब्ज की परेशानी से राहत प्रदान कर सकता है (11)। इस प्रकार प्रेगनेंसी में कब्ज से बचाव के लिए भी राजमा एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
4. डायबिटीज से बचाव
गर्भावस्था में कई महिलाओं को डायबिटीज का खतरा रहता है, जिसे जेस्टेशनल डायबिटीज के नाम से भी जाना जाता है। इसमें राजमा मददगार साबित हो सकता है। बताया जाता है कि इससे बढ़े हुए ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। दरअसल, लो ग्लाइसेमिक होने के साथ ही राजमा में उच्च मात्रा में फाइबर होता है। ये शरीर में ग्लाइकेटेड प्रोटीन का स्तर बेहतर बनाने में मदद करके टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है (12)।
5. हाई ब्लड प्रेशर के लिए लाभकारी
गर्भावस्था में उच्च रक्तचाप की स्थिति को जेस्टेशनल हाइपरटेंशन के नाम से जाना जाता है (13)। ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए लो फैट खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है, जिसमें राजमा का भी नाम शामिल है (14)। साथ ही राजमा में मौजूद डाइटरी फाइबर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल सीरम को कम करने के साथ सिस्टोलिक रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है। इससे हृदय रोग भी काफी हद तक कम हो सकते हैं (12)। इस आधार पर गर्भावस्था में रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ ही हृदय को स्वस्थ रखने के लिए राजमा अहम भूमिका निभा सकता है।
6. रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए
राजमा इम्यून सिस्टम को बेहतर रखने में सहायक हो सकती है। दरअसल, राजमा में मौजूद पोषक तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ ही कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं (15)। इस आधार पर राजमा का सेवन गर्भवती और भ्रूण दोनों को कई बीमारियों से बचाव में मदद कर सकता है।
लेख के अगले भाग में प्रेगनेंसी के दौरान राजमा का सेवन करने से होने वाले नुकसान की जानकारी देंगे।
प्रेगनेंसी में अधिक मात्रा में राजमा खाने के नुकसान | Pregnancy me Rajma Khane Ke Nuksan
गर्भावस्था में किसी भी खाद्य पदार्थ का अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक हो सकता है। जैसा कि लेख में ऊपर प्रेगनेंसी में राजमा खाने के फायदे बताए गए हैं, लेकिन इसका अधिक सेवन करना परेशानी का कारण बन सकता है। ये नुकसान कुछ इस तरह के हो सकते हैं।
- राजमा की गिनती हाई ऑक्सलेट वाले खाद्य में होती है। ऑक्सलेट एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पदार्थ है, जो फलों और सब्जियों में होता है। जब
- शरीर में ऑक्सलेट की मात्रा ज्यादा होने लगती है, तो किडनी स्टोन का जोखिम बढ़ सकता है (16)।
- फाइबर से भरपूर होने के कारण राजमा का अधिक सेवन करने से गैस, पेट फूलना और पेट में दर्द की समस्या हो सकती है (17)।
- राजमा में लेक्टिन, सैपोनिन और फाइटेट्स जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर में विषाक्तता का कारण बन सकते हैं (18)।
लेख के अंतिम हिस्से में गर्भावस्था में राजमा के सेवन से जुड़ी कुछ ध्यान रखने योग्य बातें जान लेते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान राजमा का सेवन करने से पहले ध्यान देने योग्य सावधानियां
प्रेगनेंसी में राजमा के फायदे और नुकसान तो आप जान ही चुके हैं। इसे हेल्दी प्रेगनेंसी के लिए अपने आहार में राजमा शामिल करने से पहले कुछ सावधानियां जरूर बरत लेनी चाहिए। आइए जानते हैं प्रेगनेंसी के दौरान राजमा से संबंधित सावधानियां।
- राजमा पूरी तरह से पक जाने पर ही खाएं। आधा पका हुआ राजमा का सेवन करने से मां और बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है।
- याद रहे राजमा को बनाने से पहले पांच से छह घंटे तक साफ पानी में भिगोकर रखें।
- राजमा को हमेशा अच्छी तरह से धोएं, ताकि उस पर मौजूद टॉक्सिन्स निकल जाएं।
- बासी राजमा का सेवन नुकसानदायक हो सकता है, इसलिए इसका सेवन करने से परहेज करना चाहिए।
- राजमा का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए।
इस लेख के माध्यम से गर्भावस्था में राजमा खाने से जुड़े सभी सवालों के उत्तर आपको मिल गए होंगे। साथ ही गर्भावस्था में राजमा का सेवन किस तरह आपके और आपके बच्चे के लिए फायदेमंद हो सकता है, इससे भी आप अच्छे से वाकिफ हो गए होंगे। अब यदि गर्भावस्था में राजमा की क्रेविंग हो रही है, तो सीमित मात्रा में आप बेझिझक इसका सेवन कर सकती हैं। बशर्ते, इसका सेवन करने से पहले इससे जुड़ी सावधानियों पर जरूर करें और स्वस्थ रहें।
References
2. Beans, Dry, Dark Red Kidney By USDA
3. Nutrient Recommendations and Dietary Guidelines for Pregnant WomenBy Researchgate
4. Journey of the First 1000 DaysBy Rashtriya Bal Swasthya Karyakram
5. Maternal Diet and Nutrient Requirements in Pregnancy and Breastfeeding. An Italian Consensus Document By NCBI
6. Folate and Fetal Growth
7. Folic Acid Supplementation and Pregnancy: More Than Just Neural Tube Defect PreventionBy NCBI
8. Iron Deficiency Anaemia By WHO
9. SPECTROSCOPIC ANALYSIS OF IRON CONTENT IN INDIGENOUS FRESH AND DRY BEAN SPECIES FROM KARACHI CITY By International Journal of Biology And Biotechnology
10. . Constipation, haemorrhoids, and heartburn in pregnancyBy NCBI
11. Dietary fibre in foods: a reviewBy NCBI
12. Nutritional, functional and health promoting attributes of red kidney beans; A ReviewBy Researchgate
13. High Blood Pressure in PregnancyBy Medlineplus
14. High blood pressure and dietBy Medlineplus
15. The Effect of Nutrition on Immune System Review PaperBy Researchgate
16. Nutritional Management of Kidney Stones (Nephrolithiasis)By NCBI
17. FiberBy Medlineplus
18. Clinical complications of kidney bean (Phaseolus vulgaris L.) consumptionBy NCBI
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