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प्रेगनेंसी के समय महिला के लिए सभी तरह के पोषक तत्व जरूरी होते हैं। इन न्यूट्रिएंट्स की मदद से गर्भवती स्वस्थ रहती है और उसके शिशु के विकास में बाधा भी नहीं आती। ऐसा ही एक आवश्यक पोषक तत्व विटामिन ए है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम गर्भावस्था में विटामिन ए से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी रिसर्च के आधार पर देंगे। यहां आप जानेंगे कि गर्भावस्था में विटामिन ए क्यों जरूरी है, विटामिन ए की अधिकता व कमी से क्या होता। इन जरूरी बातों को जानने के लिए लेख में बने रहें।
चलिए, शुरू करते हैं लेख और जानते हैं कि विटामिन ए गर्भवती के लिए क्यों जरूरी है।
गर्भावस्था में विटामिन ए क्यों जरूरी है? | Pregnancy Mein Vitamin A Kyu Jaruri Hai
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, गर्भवती के लिए विटामिन ए आंखों के स्वास्थ्य, प्रतिरक्षा प्रणाली और भ्रूण के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। खासकर, गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में विटामिन ए को सबसे जरूरी माना जाता है (1)। एनसीबीआई पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, विटामिन ए गर्भवती के साथ ही भ्रूण के संपूर्ण स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है (2)। इन सभी बातों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि गर्भावस्था में विटामिन ए क्यों जरूरी है। बस ध्यान दें कि इस दौरान विटामिन ए की अधिकता भी नुकसानदायक हो सकती है।
अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में विटामिन ए की कमी के कारण क्या हो सकते हैं।
प्रेगनेंसी में विटामिन ए की कमी के कारण
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नॉलाजी इंफोर्मेंशन) पर प्रकाशित लेख के अनुसार, विटामिन ए की कमी गर्भावस्था के अंतिम चरण यानी तीसरी तिमाही के कारण होती है। इसके अलावा, निम्नलिखित कारणों से भी प्रेगनेंसी में विटामिन ए की कमी हो सकती है (2) :
- आहार में विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थों की कमी
- डायबिटीज मेलिटस व जेस्टेशनल डायबिटीज
- गर्भावस्था से पहले शरीर में विटामिन ए की कमी होना
आगे बढ़ते हैं और गर्भावस्था में विटामिन ए की कमी के लक्षण जानते हैं।
प्रेगनेंसी में विटामिन ए की कमी के लक्षण
गर्भावस्था के दौरान विटामिन-ए की कमी के लक्षण दूसरी और तीसरी तिमाही में अधिक दिखाई देते हैं, जिसमें ये शामिल हो सकते हैं (1) (2):
- रतौंधी यानी रात को कम दिखाई देना
- जीरोपथलमिया यानी आंखों में सफेद धब्बे दिखाई देना
- इम्यून सिस्टम का कमजोर होना
- आंखों की रोशनी में कमी
चलिए, अब बात करते हैं विटामिन ए इन प्रेगनेंसी कब और कितनी मात्रा में लेना चाहिए।
प्रेगनेंसी में कब और कितनी मात्रा में विटामिन ए लेना चाहिए?
विटामिन ए की जरूरत पूरी प्रेगनेंसी में होती है। खासकर, तीसरी तिमाही में इसकी कमी अधिक हो जाती है, इसलिए इसकी मात्रा का ध्यान देना चाहिए। गर्भवती को रोजाना 10,000 IU (इंटरनेशनल यूनिट) और साप्ताहिक तौर पर 25,000 IU से अधिक मात्रा में विटामिन ए का सेवन नहीं करना चाहिए (2)। इस मात्रा को खाद्य पदार्थों के माध्यम से लिया जा सकता है। इस दौरान विटामिन ए का सप्लीमेंट बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
लेख को आगे स्क्रॉल करके विटामिन ए के फायदे पढ़िए।
प्रेगनेंसी में विटामिन ए के फायदे | Pregnancy Me Vitamin A Ke Fayde Hindi
विटामिन ए इन प्रेगनेंसी से गर्भवती और भ्रूण दोनों को फायदे हो सकते हैं। आगे हम इन्हीं फायदों के बारे में बता रहे हैं।
- आंखों के लिए : महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान विटामिन ए की कमी से रतौंधी की समस्या हो सकती है। ऐसे में विटामिन ए का सेवन करने से रतौंधी यानी रात को सही से न दिखने की समस्या को कम किया जा सकता है। साथ ही विटामिन ए गर्भ में बढ़ते बच्चे की आंखों और रोशनी के लिए भी जरूरी है (2)।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए : गर्भावस्था के दौरान जरूरी है कि गर्भवती की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रही। इसके लिए विटामिन ए का सेवन लाभकारी हो सकता है। विटामिन ए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करके कई तरह के संक्रमण से बचाव करने में मदद कर सकता है (3)। गर्भवती के साथ ही विटामिन ए भ्रूण की इम्यूनिटी को बनाए रखने में भी अहम भूमिका निभाता है (2)।
- भ्रूण के विकास के लिए : विटामिन ए को भ्रूण के विकास के लिए भी आवश्यक माना जाता है। इससे भ्रूण के अंगों का विकास और स्केलेटन का निर्माण अच्छे से होता है (2)। इसी वजह से विटामिन ए को भ्रूण के लिए जरूरी माना जाता है।
- एनीमिया से बचाव के लिए : अध्ययनों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान विटामिन ए की कमी से एनिमिया होने का खतरा बढ़ सकता है। विटामिन ए शरीर में हीमोग्लोबिन कंसंट्रेशन को बढ़ाकर एनीमिया के जोखिम को कम कर सकता है (2)।
- हड्डी स्वास्थ्य के लिए : विटामिन ए के सेवन को हड्डी के विकास के लिए भी जरूरी माना जाता है (2)। इससे भ्रूण और गर्भवती दोनों की हड्डियां स्वस्थ रह सकती है। साथ ही विटामिन ए फ्रैक्चर के जोखिम को भी कम करने में मदद कर सकता है (4)।
विटामिन ए इन प्रेगनेंसी के फायदे के बाद आगे इसके नुकसान के बारे में भी जान लेते हैं।
प्रेगनेंसी में अधिक मात्रा में विटामिन ‘ए’ लेने के नुकसान
गर्भावस्था के दौरान विटामिन-ए की कमी से ही नहीं, बल्कि इसका अधिक सप्लीमेंट लेने से भी हानि हो सकती है। इसी वजह से लेख में ऊपर बताई गई मात्रा से अधिक विटामिन ए का सेवन न करें। इसका अधिक सेवन करने से होने वाले नुकसान कुछ इस प्रकार हैं (2) (5) :
- गर्भावस्था में विटामिन ए की अधिक खुराक लेने से टेराटोजेनिक (जहरीला) प्रभाव हो सकता है।
- इसके कारण शिशु में बर्थ डिफेक्ट (जन्म से जुड़ी शारीरिक विकृतियां) का जोखिम बढ़ सकता है । इसमें केंद्रीय तंत्रिका और कार्डियक सिस्टम की विकृति शामिल हैं ।
- विटामिन ए की अधिक मात्रा से मूत्रपथ संबंधी विसंगतियों का जोखिम बढ़ सकता है।
- गर्भावस्था की पहली तिमाही में विटामिन ए की अधिकता होने से गर्भपात का खतरा बढ़ सकता है।
चलिए, अब बात करते हैं कि गर्भावस्था में विटामिन ए की कमी का बच्चे पर क्या प्रभाव होता है।
प्रेगनेंसी में विटामिन ‘ए’ की कमी का बच्चे पर क्या प्रभाव होता है?
प्रेग्रनेंसी में विटामिन ए की कमी (VAD) से भ्रूण का विकास प्रभावित हो सकता है। इसके कारण भ्रूण का शारीरिक विकास अधूरा रह सकता है। गंभीर कमी के कारण भ्रूण में विकृतियां और जन्म दोष हो सकता है (6)। साथ ही गर्भावस्था में विटामिन ए की कमी के कारण बच्चे का जन्म समय से पहले भी हो सकता है (7)।
लेख में आगे पढ़िए कि कौन से खाद्य पदार्थ विटामिन ‘ए’ से युक्त होते हैं।
विटामिन ‘ए’ से भरपूर खाद्य पदार्थ कौन-कौन से हैं?
विटामिन ए को खाद्य पदार्थों के तौर पर लिया जा सकता है। कौन से हैं विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थ नीचे पढ़िए (8):
- पका हुआ शकरकंद
- पालक फ्रोजन और उबला हुआ
- कद्दू और गाजर
- पनीर और दूध
- आम
- अंडा और सैल्मन व टूना मछली
- लोबिया (cowpeas)
- खुबानी
- उबली हुई ब्रोकली
- टमाटर
- दही
- चिकन
- बेक्ड बीन्स
- पिस्ता
अब आखिर में जानते हैं कि क्या प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन ‘ए’ के सप्लीमेंट्स लेना सुरक्षित है या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी में विटामिन ‘ए’ सप्लीमेंट्स ले सकते हैं? | Vitamin A Supplement In Pregnancy In Hindi
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को विटामिन ए सप्लीमेंट्स लेने की सलाह नहीं दी जाती है (9)। विटामिन ए की कमी को खाद्य पदार्थों से ही पूरा किया जा सकता है। हां, गंभीर मामलों में गर्भवती डॉक्टर की सलाह पर थोड़े समय के लिए विटामिन ए सप्लीमेंट्स ले सकती है (2)। बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन ए सप्लीमेंट बिल्कुल नहीं लेना चाहिए।
ध्यान रखें कि प्रेगनेंसी के दौरान एक महिला की जिम्मेदारियां दोगुनी हो जाती हैं। उसे अपने शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ गर्भ में पल रहे भ्रूण के विकास का भी पूरा ख्याल रखना होता है। इसी वजह से संतुलित आहार के माध्यम से सभी जरूरी पोषक तत्वों का सेवन करते रहें। साथ ही किसी भी तरह की गंभीर परिस्थितियों से बचने के लिए समय-समय पर डॉक्टर से सलाह लेते रहें। हम उम्मीद करते हैं कि गर्भावस्था में विटामिन ए क्यों जरूरी है आप समझ गए होंगे।
References
2. Vitamin A and Pregnancy: A Narrative Review By NCBI
3. Role of Vitamin A in the Immune System By NCBI
4. The Effect of Vitamin A on Fracture Risk: A Meta-Analysis of Cohort Studies By Pubmed
5. Teratogenicity of high vitamin A intake By Pubmed
6. Role of serum vitamin A and E in pregnancy By NCBI
7. Effects of vitamin A deficiency during pregnancy on maternal and child health By Pubmed
8. Vitamin A By National Institute of Health
9. WHO Guideline: Vitamin A Supplementation in Pregnant Women. Geneva: WHO, 2011; WHO Guideline: Vitamin A Supplementation in Postpartum Women. Geneva: WHO, 2011 By NCBI
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