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गर्भावस्था एक संवेदनशील समय होता है और इस दौरान जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का महत्व बढ़ जाता है। ये पोषक तत्व न सिर्फ मां के लिए जरूरी होते हैं, बल्कि ये भ्रूण के विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं। यही वजह है कि मॉमजंक्शन के इस लेख में हम प्रेगनेंसी में विटामिन-डी के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं। यहां आप जान पाएंगे कि गर्भावस्था में विटामिन-डी की क्या भूमिका होती है और इसकी कमी से कौन-कौन सी परेशानियों का जोखिम बढ़ सकता है। पूरी जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
आइये, जानते हैं कि प्रेगनेंसी में विटामिन डी क्यों जरूरी है।
गर्भावस्था में विटामिन डी क्यों जरूरी है? | Pregnancy Me Vitamin D Ki Kami
गर्भावस्था में अन्य जरूरी पोषक तत्वों के साथ विटामिन-डी की सही मात्रा को बनाए रखना भी जरूरी होता है। दरअसल, इस दौरान इसकी कमी मां के साथ-साथ भ्रूण को कई तरह से प्रभावित कर सकती है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार, इसकी कमी से प्री-एक्लेम्पसिया (रक्तचाप विकार), बच्चे का जन्म के समय कम वजन जैसे जोखिम पैदा हो सकते हैं। इसके अलावा, इस दौरान विटामिन-डी कैल्शियम और फॉस्फेट के संतुलन को बनाए रख हड्डियों के चयापचय में भी अहम भूमिका निभा सकता है। यही वजह है कि प्रेगनेंसी में विटामिन-डी की सही मात्रा को बनाए रखना जरूरी माना गया है (1)। इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं, जिन्हें आगे लेख में विस्तार से बताया गया है।
प्रेगनेंसी में विटामिन डी की कमी के कारण नीचे बताए गए हैं।
गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी के कारण
प्रेगनेंसी में विटामिन डी की कमी के कई कारण हो सकते हैं। नीचे हम इसी विषय में जानकारी दे रहे हैं (2) (3)।
- पर्याप्त मात्रा में सूर्य की रोशनी नहीं लेने पर विटामिन डी की कमी हो सकती है।
- उन खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करना जिनमें विटामिन डी की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है।
- पाचन तंत्र द्वारा विटामिन डी का अपर्याप्त अवशोषण।
- स्किन पिगमेंटेशन (डार्क स्किन वाले लोग हल्के स्किन टोन की तुलना में कम विटामिन डी को ग्रहण कर पाते हैं)
- सन स्क्रीन का उपयोग।
स्क्रॉल करके जानिए विटमिन डी की कमी के लक्षणों के बारे में।
गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी के लक्षण | Pregnancy Mein Vitamin D Ki Kami Ke Lakshan
प्रेगनेंसी में विटामिन-डी की कमी के सामान्य लक्षण नीचे बताए जा रहे हैं, जिनसे एक गर्भवती सामना कर सकती है (4)
:
- हड्डियों में दर्द
- जोड़ों में दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- मांसपेशियों में ऐंठन
- कमजाेरी की समस्या
नोट : ऊपर बताए गए विटामिन-डी की कमी के लक्षणों के अलावा और कौन-कौन लक्षण प्रेगनेंसी में दिखाई दे सकते हैं, इस जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
गर्भावस्था में विटामिन डी की मात्रा से जुड़ी जानकारी नीचे दी गई है।
प्रेगनेंसी में कब और कितनी मात्रा में विटामिन डी लेना चाहिए?
विशेषज्ञों के अनुसार प्रेगनेंसी में विटामिन-डी की खुराक 600 आईयू (IU) तक हो सकती है (2)। हालांकि, इसकी खुराक की मात्रा में बदलाव हो सकता है। वहीं, इसे लेने के सही समय से जुड़े सटीक वैज्ञानिक शोध का अभाव है। इसलिए, इस विषय में सही जानकारी डॉक्टर से जरूर लें।
अब जानते हैं कि गर्भावस्था में विटामिन डी के क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
गर्भावस्था में विटामिन डी के फायदे | Pregnancy Mein Vitamin D Ke Fayde
प्रेगनेंसी में विटामिन डी की सही मात्रा को बनाए रखना निम्नलिखित शारीरिक समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है (1) (5):
1. प्री-एक्लेम्पसिया से बचाव
प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में विटामिन डी की कमी प्री-एक्लेम्पसिया की समस्या का कारण बन सकती है। बता दें कि यह एक रक्तचाप विकार है, जिसमें प्रेगनेंसी के 20वें हफ्ते बाद गर्भवती का रक्तचाप अचानक से बढ़ सकता है और यूरिन में प्रोटीन की मात्रा आ सकती है। इसके अलावा, अन्य शारीरिक समस्याएं भी हो सकती हैं (6)। वहीं, विटामिन-डी का सेवन इस समस्या के जोखिम से बचाव का काम कर सकता है।
2. गर्भकालीन मधुमेह से बचाव
गर्भावस्था के दौरान विटामिन-डी की सही मात्रा गर्भकालीन मधुमेह के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है। दरअसल, इससे जुड़े एक वैज्ञानिक शोध में साफ तौर से जिक्र मिलता है कि रक्त में विटामिन-डी की कम मात्रा प्रेगनेंसी के दौरान मधुमेह का खतरा पैदा कर सकती है। ऐसे में इससे बचने के विटामिन-डी की सही मात्रा को बनाए रखना जरूरी है (7)।
3. लो बर्थवेट से बचाव
लो बर्थवेट यानी बच्चे का जन्म के समय कम वजन। इस जोखिम को कम करने में भी विटामिन-डी के फायदे देखे जा सकते हैं। बता दें, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जिन बच्चों का जन्म के समय वजन 2500 ग्राम से कम होता है, उन्हें लो बर्थवेट की श्रेणी में रखा जाता है (8)।
4. समय से पहले बच्चे के जन्म से बचाव
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, प्रेगनेंसी में विटामिन-डी की सही मात्रा समय से पहले बच्चे के जन्म के जोखिम को कम कर सकती है। ऐसे में प्रीटर्म बर्थ के जोखिम से बचने के लिए विटामिन-डी के फायदे देखे जा सकते हैं।
5. हड्डियों के चयापचय के लिए
गर्भावस्था में पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी का सेवन कैल्शियम और फॉस्फेट के संतुलन को बनाए रख हड्डियों के चयापचय यानी बोन मेटाबॉलिज्म में सुधार का काम कर सकता है। बता दें कि बोन मेटाबॉलिज्म हड्डियों से जुड़ी वो निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसमें पुराने बोन टिशू हड्डियों से अलग हो जाते हैं और नए बोन टिशू का निर्माण होता है।
6 . सीजेरियन सेक्शन से बचाव
गर्भावस्था में विटामिन-डी की कमी सीजेरियन सेक्शन (सर्जरी के जरिए डिलीवरी) का जोखिम खड़ा कर सकती है। ऐसे में इस जोखिम से बचने के लिए प्रेगनेंसी में विटामिन-डी की सही मात्रा को बनाए रखना जरूरी हो जाता है।
प्रेगनेंसी में विटामिन डी की अधिक मात्रा से होने वाले नुकसान नीचे बताए गए हैं।
गर्भावस्था में अधिक मात्रा में विटामिन डी लेने के नुकसान
गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में विटामिन डी का सेवन निम्नलिखित नुकसान का कारण बन सकता है (5) (9)।
- विटामिन डी का अधिक मात्रा में सेवन हाइपरविटामिनोसिस डी (शरीर में विटामिन डी की मात्रा अधिक हो जाना) का कारण बन सकता है, जिससे हाइपरकैल्सीमिया (hypercalcaemia – शरीर में कैल्शियम की अधिक मात्रा) और हाइपरकैल्शियूरिया (Hypercalciuria – यूरिन में कैल्शियम की अधिक मात्रा) का जोखिम खड़ा हो सकता है। बता दें, ये दोनों स्थितियां किडनी स्टोन का कारण बन सकती हैं।
- विटामिन डी की अधिक मात्रा जन्म दोष का कारण भी बन सकती है।
प्रेगनेंसी में विटामिन डी की कमी से बच्चे पर पड़ने वाले प्रभाव नीचे बताए गए हैं।
गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी से बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है?
गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी होने वाले बच्चे पर निम्नलिखित रूप से प्रभाव डाल सकती है (5) :
- जन्म के समय कम वजन
- नवजात में रिकेट्स (हड्डियों का नाजुक और कमजोर होना)
- नजवात के शरीर में कैल्शियम की कमी
- अस्थमा का जोखिम
- मधुमेह (टाइप 1)
- बच्चों में इम्यूम सिस्टम की कमजोरी का जोखिम
- नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्या का जोखिम
अब नीचे जानिए विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थों के बारे में।
विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ कौन कौन से हैं? | Vitamin D Kisme Paya Jata Hai
विटामिन डी से भरपूर खाद्य पदार्थ नीचे बताए गए हैं (10) :
- फैटी फिश (टूना, सैल्मन और मैकेरल)
- पनीर और अंडे की जर्दी।
- मशरूम
- विटामिन डी मिला हुआ दूध।
- विटामिन डी मिले हुए पेय पदार्थ जैसे सोया पेय पदार्थ, संतरे का रस या दही।
नोट : प्रेगनेंसी में ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थ लेने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
प्रेगनेंसी में विटामिन डी के सप्लीमेंट्स से जुड़ी जानकारी नीचे दी गई है।
क्या प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन डी के सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं? | Vitamin D Supplement In Pregnancy In Hindi
सूर्य का प्रकाश (विटामिन-डी का प्राकृतिक स्रोत) और विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थों के अलावा, एक गर्भवती डॉक्टरी परामर्श पर विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी ले सकती है। इनमें विटामिन डी 2 (एर्गोकैल्शिफेरॉल) और विटामिन डी 3 (कॉलेकैल्सिफेरॉल) सप्लीमेंट्स शामिल हैं (10) (11)। इस बात का ध्यान रखें कि बिना डॉक्टरी सलाह के प्रेगनेंसी में भूल से भी किसी भी सप्लीमेंट्स का सेवन न करें।
दोस्तों, गर्भावस्था में प्रत्येक पोषक तत्व की अपनी अलग भूमिका होती है और ठीक वैसे ही प्रेगनेंसी में विटामिन डी का भी बहुत महत्व है। इस आर्टिकल के माध्यम से आपने जाना कि प्रेगनेंसी में विटामिन डी कितना जरूरी है और इसकी कमी किस तरह मां और होने वाले बच्चे को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में विटामिन-डी के लक्षणों को पहचान कर इसकी कमी से होने वाली परेशानियों के जोखिम से बचा जा सकता है। आपकी सुविधा के लिए हमने लेख में विटामिन-डी से भरपूर खाद्य पदार्थों को बारे में भी बताया है, जिनका सेवन आप डॉक्टरी सलाह पर कर सकती हैं। उम्मीद करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा।
References
2. Vitamin D By NIH
3. Vitamin D supplementation during pregnancy By WHO
4. Vitamin D Deficiency By NCBI
5. Vitamin D in pregnancy: A metabolic outlook By NCBI
6. High Blood Pressure During Pregnancy; U.S. Centers for Disease Control and Prevention
7. Vitamin D and gestational diabetes mellitus: a systematic review based on data free of Hawthorne effect By PubMed
8. Low birth weight: Case definition & guidelines for data collection, analysis, and presentation of maternal immunization safety data By NCBI
9. Vitamin D supplementation for women during pregnancy By NCBI
10. Vitamin D By MedlinePlus
11. The Association of Vitamin D Levels with Common Pregnancy Complications By NCBI
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