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गर्भावस्था में महिला को विभिन्न पोषक तत्वों की जरूरत होती है। उन्हीं पोषक तत्वों में से एक है विटामिन-के। सामान्य तौर पर लोग प्रेगनेंसी के दौरान ए, बी व सी जैसे विटामिन की ज्यादा बात करते हैं। बेशक, ये जरूरी विटामिन हैं, लेकिन हम विटामिन-के को भी अनदेखा नहीं कर सकते। ऐसे में मॉमजंक्शन के इस लेख में हम प्रेगनेंसी में विटामिन-के से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां देने की कोशिश कर रहे हैं। विटामिन-के की कमी से कौन-सा रोग होता है, विटामिन-के युक्त खाद्य पदार्थ कौन-कौन से हैं और ऐसी ही कुछ विशेष बातें जानने के लिए जुड़े रहिए इस लेख से।
सबसे पहले जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान विटामिन-के की आवश्यकता क्यों होती है।
प्रेगनेंसी में विटामिन-के क्यों जरूरी है?
विटामिन-के ब्लड क्लॉटिंग विटामिन है। इसका मतलब है कि यह शरीर में खून के थक्के बनाने में मदद करता है। ऐसे में विटामिन-के का सेवन गर्भवती और उसके शिशु दोनों में ब्लीडिंग के जोखिम को कम कर सकता है। वैसे, विटामिन-के की कमी काफी दुर्लभ समस्याओं में से एक है (1)।
अब जानते हैं कि प्रेगनेंसी में कब और कितना विटामिन-के जरूरी होता है।
प्रेगनेंसी में कब और कितनी मात्रा में विटामिन-के लेना चाहिए?
विटामिन-के किस तिमाही में लेना है, इस विषय में कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं है। ऐसे में सीमित मात्रा में विटामिन-के युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन पहली तिमाही से किया जा सकता है। इसके सेवन से पहले गर्भवती डॉक्टरी परामर्श भी ले सकती हैं। वहीं, इसकी मात्रा की बात करें, तो गर्भवती महिला प्रतिदिन 90 माइक्रोग्राम विटामिन-के का सेवन कर सकती है (2)।
अब जानते हैं कि गर्भावस्था के दौरान विटामिन-के की कमी के लक्षण क्या होते हैं।
प्रेगनेंसी में विटामिन-के की कमी के संकेत | Pregnancy Mein Vitamin K Ki Kami Ke Lakshan
विटामिन-के की कमी के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं (3):
- विटामिन-के की कमी का मुख्य लक्षण है, ब्लीडिंग होता है।
- ब्लड क्लॉट होने में वक्त लग सकता है।
- हेमोरेज होना (Hemorrhaging) यानी शरीर में अंदरूनी रक्तस्त्राव होना।
- ओस्टोयोपोरोसिस होना (osteoporosis) यानी हड्डियों के कमजोर होने की समस्या।
अब जानते हैं कि गर्भावस्था में विटामिन-के क्यों लाभदायक है?
प्रेगनेंसी में विटामिन-के के फायदे | Pregnancy Me Vitamin K Ke Fayde
गर्भावस्था में विटामिन-के लेने के लाभ कुछ इस प्रकार हैं :
- हड्डियों के लिए : ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी का रोग) के कारण हड्डियों के फ्रैक्चर का जोखिम हो सकता है। शोध के अनुसार, हर तीन में से एक महिला को ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डी का फ्रैक्चर होता है। ऐसे में इस विषय में हुए एक रिसर्च के मुताबिक, रोज 5 मिलीग्राम विटामिन-के1 लेने से फ्रैक्चर का जोखिम 50 प्रतिशत कम हो सकता है (4)। इसलिए, हड्डियों को स्वस्थ बनाने के लिए और फ्रैक्चर के जोखिम को कम करने के लिए विटामिन-के युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन उपयोगी हो सकता है।
- हृदय के लिए : विटामिन-के हृदय को स्वस्थ रखने में भी सहायक हो सकता है। दरअसल, विटामिन-के2 का सेवन धमनियों के कठोर (arterial calcifications) हो जाने के जोखिम को कम कर सकता है। दरअसल, विटामिन-के में एंटीकैल्सिफिकेशन गुण होते हैं, जो हृदय की धमनियों को सख्त होने से बचा सकते हैं (4)। ऐसे में गर्भावस्था के दौरान हृदय को स्वस्थ रखने के लिए डॉक्टरी सलाह से विटामिन-के युक्त खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल किया जा सकता है।
- कैंसर से बचाव : विटामिन-के का सेवन कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी बचा सकता है। विटामिन-के2 शरीर में कैंसर कोशिकाओं के प्रसार को बढ़ने से रोक सकता है। दरअसल, यह लिवर कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है (4)। फिलहाल, इस विषय में अभी और शोध की आवश्यकता है, लेकिन लिवर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन के युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है।
- एनीमिया से बचाव : विटामिन-के गर्भावस्था में एनीमिया से भी बचा सकता है। शोध के अनुसार, विटामिन-के मेगालोब्लास्टिक एनीमिया (Megaloblastic anemia) यानी एनीमिया के एक प्रकार के जोखिम को कम कर सकता है (5)। मेगालोब्लास्टिक एनीमिया में लाल रक्त कोशिकाएं आकार में अधिक बड़ी हो जाती हैं (6)। ऐसे में इस एनीमिया से बचाव के लिए विटामिन-के उपयोगी हो सकता है।
- ब्लड क्लॉट्स : विटामिन-के का सबसे महत्वपूर्ण फायदा ब्लड क्लॉट्स है। विटामिन-के शरीर में प्रोटीन बनाता है, जो खून के थक्के बनाने में सहायक हो सकता है। अगर शरीर में पर्याप्त मात्रा में विटामिन-के न हो, तो गर्भावस्था के दौरान अधिक ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। इस कारण गर्भवती की जान को खतरा हो सकता है (7)।
- रक्तस्राव के जोखिम से बचाव : सिर्फ गर्भवती ही नहीं, बल्कि गर्भावस्था के दौरान पर्याप्त विटामिन-के का सेवन करने से होने वाले नवजात में भी रक्तस्राव के जोखिम को कम कर सकता है। दरअसल, गर्भावस्था में जो महिलाएं एंटी-एपिलेप्टिक (मिर्गी दौरे से बचाव की दवा) का सेवन करती है, उनके शिशु में जन्म के दौरान रक्तस्त्राव का जोखिम हो सकता है। ऐसे में उनके शिशु में जन्म के दौरान रक्तस्त्राव का जोखिम कम करने के लिए विटामिन-के उपयोगी हो सकता है (5)।
आगे जानते हैं गर्भावस्था के दौरान विटामिन-के से जुड़े नुकसानों के बारे में।
प्रेगनेंसी में अधिक मात्रा में विटामिन-के लेने के नुकसान
देखा जाए, तो विटामिन-के नुकसान के बारे में अभी तक कोई सटीक शोध उपलब्ध नहीं है। हां, कुछ मामलों में गर्भवती को विटामिन-के का सेवन करते वक्त थोड़ी सावधानी बरतनी जरूरी है। ऐसी ही कुछ परिस्थितियों के बारे में हम यहां जानकारी दे रहे हैं।
- अगर गर्भवती महिला किसी कारण खून को पतला करने की दवा का सेवन कर रही है, तो विटामिन-के युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन को सीमित करने की सलाह दी जा सकती है (2)। इसके अलावा, वह अपने डॉक्टर से भी इस बारे में सलाह ले सकती हैं ।
- गर्भावस्था के दौरान विटामिन-के का अधिक सेवन होने वाले शिशु में लिवर संबंधी समस्या का जोखिम पैदा कर सकता है (5)।
लेख के इस भाग में जानें कि विटामिन-के की कमी शिशु पर क्या असर डालती है।
प्रेगनेंसी में विटामिन-के की कमी का बच्चे पर क्या प्रभाव होता है?
गर्भावस्था में विटामिन-के सिर्फ गर्भवती के लिए ही नहीं, बल्कि होने वाले शिशु के लिए भी आवश्यक है। शिशु को प्लेसेंटा और मां के दूध से पर्याप्त मात्रा में विटामिन-के नहीं मिल पाता है, जिस कारण जन्म के तुरंत बाद उन्हें विटामिन-के का डोज देना पड़ सकता है (8)। अगर शिशु को पर्याप्त मात्रा में विटामिन-के न मिले, तो उन्हें नीचे बताई गई परेशानियां हो सकती है (5):
- गर्भ में शिशु की मृत्यु हो सकती है।
- जन्म के वक्त शिशु की जान को खतरा हो सकता है।
- जन्म के वक्त शिशु का वजन कम होने का जोखिम हो सकता है।
- जन्मजात विकृति (Congenital malformation) हो सकती है यानी शारीरिक समस्याएं, जो शरीर के अंगों को प्रभावित कर सकती है।
- तंत्रिका तंत्र से जुड़ी परेशानियां हो सकती है।
- लिवर संबंधी समस्या हो सकती है।
नीचे हम विटामिन-के युक्त खाद्य पदार्थों की जानकारी दे रहे हैं।
विटामिन-के से भरपूर खाद्य पदार्थ कौन-कौन से हैं?
अब जब आप जान ही गए हैं कि गर्भावस्था के दौरान विटामिन-के कितना महत्वपूर्ण है। इसलिए, पर्याप्त विटामिन-के लेने के लिए इन खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है (9) (2):
- हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे – पालक, व सलाद पत्ता।
- गर्भावस्था में फूलगोभी, पत्तागोभी व ब्रोकली जैसे विटामिन-के युक्त खाद्य पदार्थ लिए जा सकते हैं।
- विटामिन-के जैसे पोषक तत्व के लिए गर्भावस्था में अनार, अंगूर, ब्लूबेरी का सेवन किया जा सकता है।
- प्रेगनेंसी में ड्राई फ्रूट्स, जैसे – काजू व अंजीर को डाइट में शामिल किया जा सकता है।
- विटामिन-के की आपूर्ति के लिए प्रेगनेंसी में अंडा, चिकन, मछली का सेवन किया जा सकता है।
नोट : ऊपर बताई गई किसी भी चीज से अगर एलर्जी हो, तो उनका सेवन न करें। बेहतर है कि विटामिन-के की डाइट के लिए डॉक्टरी सलाह भी ली जाए।
नीचे पढ़ें प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन-के के सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन लिए जा सकते हैं या नहीं।
क्या प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन-के के सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन ले सकते हैं? | Vitamin K Injection Dose In Pregnancy In Hindi
सप्लीमेंट या इंजेक्शन के रूप में विटामिन-के देने का निर्णय गर्भवती को चेक करने वाले डॉक्टर का होता है। अगर गर्भवती में विटामिन-के की कमी के लक्षण दिखे, तो डॉक्टर सप्लीमेंट या इंजेक्शन देने के लिए कह सकते हैं। सप्लीमेंट्स या इंजेक्शन की जरूरत महिला की शारीरिक स्थिति पर भी निर्भर कर सकती है।
इसमें कोई शक नहीं कि प्रेगनेंसी के दौरान विटामिन-के की कमी दुर्लभ स्थितियों में से एक है। फिर भी गर्भावस्था के दौरान विटामिन-के को अनदेखा करना सही नहीं है। उम्मीद है कि इस लेख से प्रेगनेंसी में विटामिन-के के महत्व को आप जान चुके होंगे। इसलिए, बिना देर करते हुए आज ही अपने डॉक्टर से सलाह लेकर विटामिन-के युक्त खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। साथ ही आर्टिकल को अन्य लोगों के साथ भी शेयर करें, ताकि दूसरों को भी इसका फायदा हो सके। महिला स्वास्थ्य से जुड़ी ऐसे और जानकारी के लिए आप हमारे अन्य आर्टिकल पढ़ सकते हैं।
संदर्भ (References)
2. Vitamin K By Medlineplus
3. Vitamin K By Harvard
4. The health benefits of vitamin K By NCBI
5. Vitamin K supplementation during pregnancy for improving outcomes By NCBI
6. Megaloblastic anemia – view of red blood cells By Medlineplus
7. Vitamin K By Medlineplus
8. What is Vitamin K Deficiency Bleeding? By CDC
9. Vitamin K By NIH
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