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आज के समय में प्रेगनेंसी से बचने के लिए बाजार में अनेकों उपाय मौजूद हैं, लेकिन इनको अपनाने में कपल्स को कई तरह की झंझटों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हम मॉमजंक्शन के इस लेख में अनचाहे गर्भ से बचने के लिए घरेलू उपाय लेकर आए हैं। ये उपाय न केवल किफायती हैं, बल्कि इनका इस्तेमाल भी आसान है। इसके अलावा, यहां हम नेचुरल तरीके से बर्थ कंट्रोल करना कितना प्रभावी है और इसके फायदे क्या हैं, इस बारे में भी बताएंगे।

लेख में सबसे पहले जानेंगे कि प्राकृतिक तरीके से प्रेगनेंसी को रोकना कितना प्रभावी माना जाता है।

नेचुरल तरीके से बर्थ कंट्रोल करना कितना प्रभावी है?

नेचुरल तरीके से बर्थ कंट्रोल करना लाभकारी साबित हो सकता है, लेकिन यह हमेशा 100 प्रतिशत प्रभावी हो यह जरूरी नहीं है (1)। विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट से जानकारी मिलती है कि प्राकृतिक परिवार नियोजन के तरीकों की विफलता दर लगभग 1 प्रतिशत से 5 प्रतिशत के बीच है (2)।

आगे अनचाहे गर्भ से बचने के लिए लंबे समय तक घरेलू उपायों पर निर्धारित रहना सही है या नहीं।

क्या लंबे समय तक प्रेगनेंसी से बचने के लिए घरेलू उपाय पर निर्धारित रहना ठीक है?

इसमें कोई दो राय नहीं कि प्रेगनेंसी से बचने के लिए कई तरीकों और औषधियों का उपयोग किया जा सकता है। अगर बात की जाए लंबे समय तक इसके इस्तेमाल की, तो इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है। हां, इससे जुड़े एक शोध में जिक्र मिलता है कि हर्बल गर्भ निरोधकों का लंबे समय तक इस्तेमाल करना स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का कारण बन भी सकता है और नहीं भी (1)।

रिसर्च पेपर में साफ तौर पर लिखा है कि किसी तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर बर्थ कंट्रोल के लिए किसी जड़ी बूटी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। इससे वो समस्या बढ़ सकती है। साथ ही अगर डॉक्टर द्वारा दी गई किसी तरह की दवा का सेवन कर रहे हैं, तो भी प्रेगनेंसी से बचने के लिए घरेलू उपाय नहीं करने चाहिए (1)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि घरेलू उपायों का लंबे समय तक उपयोग करने या न करने का फैसला डॉक्टर से पूछकर ही लेना बेहतर होगा।

अब बारी है नेचुरल तरीके से बर्थ कंट्रोल के लाभ जानने की।

प्राकृतिक तरीके से जन्म नियंत्रण के फायदे | Benefits of natural birth control in hindi

यहां हम प्राकृतिक तरीके से जन्म नियंत्रण के फायदे बता रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (2) (3) :

  • सर्जरी की जरूरत नहीं – प्राकृतिक तरीके से जन्म नियंत्रण की सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें किसी प्रकार के सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है। एक शोध में यह बताया गया है कि सर्जिकल गर्भपात की तुलना में हर्बल गर्भपात एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है।
  • शारीरिक दुष्प्रभाव से बचाव – विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, प्राकृतिक तरीके से जन्म नियंत्रण अपनाने का एक फायदा यह भी है कि इसका कोई शारीरिक दुष्प्रभाव नहीं होता है (2)। हालांकि, एक अन्य शोध में कहा गया है कि औषधियों की अधिक मात्रा और लंबे समय तक उपयोग से कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं (3)। ऐसे में कह सकते हैं कि थोड़े समय तक गर्भ न ठहरने के घरेलू उपाय करने से शारीरिक दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।
  • आसान – जन्म नियंत्रण के लिए प्राकृतिक तरीके अपनाने का एक फायदे यह भी है कि यह सस्ता होने के साथ-साथ उपयोग करने में भी आसान है।
  • जागरूकता – जन्म नियंत्रण के लिए प्राकृतिक तरीकों को अपनाने से महिलाओं को मासिक धर्म से संबंधित और शारीरिक परिवर्तनों के बारे में अधिक जानकारी मिल पाती है।
  • योजना बनाने में मददगार – जन्म नियंत्रण के इन तरीकों के माध्यम से कपल, महिला के प्रजनन पैटर्न और मासिक धर्म चक्र के बारे में जान कर गर्भधारण करने या उससे बचने की योजना अच्छे से बना सकते हैं। साथ ही इसकी मदद से कपल को अपनी जिम्मेदारी का एहसास भी होता है।

स्क्रॉल करके आगे नेचुरल बर्थ कंट्रोल से जुड़े जोखिम पढ़ें।

क्या प्राकृतिक रूप से बर्थ कंट्रोल करने में किसी प्रकार का जोखिम शामिल है?

हां,  प्राकृतिक तरीके से बर्थ कंट्रोल करने में कुछ जोखिम शामिल हैं, जिनके बारे में हम आगे रिसर्च के आधार पर जानकारी दे रहे हैं।

  • एक रिसर्च से इस बात की जानकारी मिलती है कि हर्बल गर्भनिरोधक के इस्तेमाल से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का जोखिम हो सकता है (1)। हालांकि, यह पूरी तरह से व्यक्ति के स्वास्थ्य और औषधि के गुणों पर निर्भर करता है।
  • हर्बल गर्भनिरोधक का उपयोग किसी निर्धारित दवा के साथ नहीं करना चाहिए। यही नहीं, अगर किसी को किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबधी समस्या है, तो ऐसे में भी हर्बल गर्भनिरोधक का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए (1)। ऐसा करने से विपरीत प्रतिक्रिया देखी जा सकती है।
  • कुछ मामलों में गर्भपात को प्रेरित करने वाली औषधियों के इस्तेमाल से गंभीर बीमारी के साथ-साथ मृत्यु का जोखिम हो सकता है (4)।

चलिए, अब गर्भ न ठहरने के प्राकृतिक उपायों को जानते हैं।

गर्भ न ठहरने के घरेलू उपाय | Home remedies to prevent pregnancy in hindi

अनचाहे गर्भ ठहरने की समस्या से छुटकारा पाने के लिए यहां हम कुछ प्राकृतिक तरीकों के बारे में , जो कुछ इस प्रकार हैं :

1. स्तनपान

स्तनपान को भी जन्म नियंत्रण का एक प्राकृतिक तरीका माना जाता है। मेडिकल भाषा में इसे लैक्टेशनल एमेनोरिया मेथड के नाम से जाना जाता है। इस विधि में गोनैडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन और ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन में कमी आती है, जिससे जन्म नियंत्रण में मदद मिल सकती है (5)। इस विधि में गर्भावस्था का जोखिम 100 में से 2 महिलाओं को होता है। बस महिलाओं को इन बातों पर गौर करना जरूरी है, अन्यथा यह मेथड कारगर साबित नहीं होगा (6) :

  • शिशु की उम्र 6 महीने से कम हो
  • महिला अपने बच्चे को हर समय केवल स्तनपान ही कराती हो। इसके अलावा शिशु को किसी प्रकार का फार्मूला, सॉलिड फूड या फिर अन्य दूध का सेवन नहीं कराती है।
  • महिला को मासिक धर्म नहीं हो रहा हो।

2. विड्रॉल मेथड

प्राकृतिक तरीके से जन्म नियंत्रण की लिस्ट में विड्रॉल विधि भी शामिल है। इस विधि में शारीरिक संबंध बनाते समय योनि में शुक्राणु को जाने से रोका जाता है। इस विधि में गर्भावस्था का जोखिम 100 में से 22 लोगों को होता है (6)।

3. बेसल बॉडी टेम्परेचर मेथड

शरीर के तापमान को ट्रैक करके भी गर्भधारण करने से बचा जा सकता है, जिसे बेसल बॉडी टेम्परेचर मेथड कहते हैं। दरअसल, जब एग ओवरी से निकलता है, तो प्रोजेस्ट्रोन हार्मोन का भी स्तर बढ़ता है और महिला के शरीर का तापमान लगभग 0.4 डिग्री फारेनहाइट बढ़ जाता है। इन्हें फर्टाइल डेज भी कहते हैं। ऐसे में अगर शरीर का तापमान बढ़ा हुआ हो, तो तीन दिन तक शारीरिक संबंध बनाने से बचकर प्रेगनेंसी को रोका जा सकता है (2)।

4. गर्भ न ठहरने के लिए हर्ब्स का इस्तेमाल

यहां हम अनचाही गर्भावस्था से बचने के लिए कुछ औषधियों के इस्तेमाल के बारे में बता रहे हैं।

  • नीम का तेल

प्रेगनेंसी से बचने के लिए नीम के तेल का उपयोग करना लाभकारी साबित हो सकता है। इस बारे में एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर एक शोध प्रकाशित है। उसमें बताया गया है कि नीम का तेल एक “आदर्श” महिला गर्भनिरोधक है, जो सस्ता और आसानी से उपलब्ध होता है (7)। इस आधार पर नीम के तेल का इस्तेमाल अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए करना लाभकारी साबित हो सकता है।

  • हल्दी 
turmeric
Image: Shutterstock

गर्भधारण से बचने के लिए हल्दी का उपयोग भी किया जा सकता है। इसके लिए हल्दी में मौजूद करक्यूमिन कंपाउंड को मददगार माना जाता है, क्योंकि यह एक आदर्श गर्भनिरोधक कहलाता है। रिसर्च के अनुसार, करक्यूमिन संक्रमण के साथ-साथ प्रेगनेंसी को रोकने के लिए कारगर साबित हो सकता है (8)। ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि गर्भावस्था से बचने के लिए हल्दी का उपयोग करना फायदेमंद हो सकता।

  • अरंडी 
castor
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एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, महिलाओं द्वारा पारंपरिक रूप से जन्म नियंत्रण के लिए अरंडी की फलियों का उपयोग किया जाता रहा है (9)। एक अन्य रिसर्च में बताया गया है कि गर्भनिरोधक के रूप में अरंडी के छिलके वाले पूरे बीज को साल में एक बार मौखिक रूप से लिया जा सकता है। इसके अलावा, अरंडी के पत्ते और तने दोनों में गर्भपात को प्रेरित करने वाले गुण होते हैं (10)। ऐसे में अनचाहे गर्भ से बचने के लिए अरंडी का इस्तेमाल लाभकारी साबित हो सकता है।

  • पपीते का बीज 
papaya seed
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गर्भनिरोधक एजेंट के रूप में पपीते के बीज का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। एक शोध में बताया गया है कि पपीते के बीज के अर्क में एंटीफर्टिलिटी यानी प्रजनन क्षमता को कम करने वाला और गर्भपात करने वाला प्रभाव होता है। यही नहीं, पपीते का बीज यौन क्षमता से जुड़े प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के स्तर में कमी ला सकता है (11)। इसके अलावा, कच्चे पपीते को भी अनचाहे गर्भ से बचाव का अच्छा तरीका माना जाता है (3)।

  • जीरा 
Cumin
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प्रेगनेंसी से बचने के लिए जीरा का उपयोग भी किया जा सकता है। इस पर हुए अध्ययन से पता चलता है कि जीरा का इस्तेमाल शुक्राणु के उत्पादन और प्रजनन क्षमता दोनों में कमी ला सकता है। इस आधार पर गर्भनिरोधक के तौर पर जीरा का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है (12)।

  • विटामिन-सी
vitamin C
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विटामिन-सी के सेवन से भी अनचाहे गर्भ से छुटकारा पाया जा सकता है। वैज्ञानिक अध्ययन से पता चलता है कि विटामिन-सी एक शक्तिशाली गर्भनिरोधक साबित हो सकता है। यही नहीं, विटामिन-सी युक्त फल जैसे कि अनानास भी गर्भाशय के संकुचन को प्रेरित करके गर्भपात कर सकता है (3)। इस आधार पर प्रेगनेंसी से बचने के लिए विटामिन-सी के इस्तेमाल को लाभकारी माना जा सकता है।

लेख के अंत में जानें घरेलू उपाय अपनाने से पहले किन खास बातों का ध्यान रखना चाहिए।

प्रेगनेंसी से बचने के घरेलू उपाय का उपयोग करने से पहले की सावधानियां

अनचाही गर्भावस्था से बचने के लिए घरेलू उपायों के इस्तेमाल से पहले निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जो कुछ इस प्रकार हैं।

  • अगर कोई महिला किसी स्वास्थ्य समस्या से जूझ रही है या फिर किसी प्रकार की दवा का सेवन कर रही है, तो ऐसे में गर्भनिरोधक औषधियों का इस्तेमाल न करें (1)।
  • प्रेगनेंसी से बचने के लिए लंबे समय तक प्राकृतिक गर्भनिरोधक तरीकों को अपनाने की योजना बनाने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
  • अगर प्राकृतिक गर्भनिरोधक औषधियों और तरीकों को अपनाने के बाद किसी प्रकार की परेशानी हो रही है, तो तुरंत उसे बंद कर दें।
  • अगर लेख में बताई गई औषधियों से किसी प्रकार की एलर्जी हो, तो उसका इस्तेमाल न करें।

इस लेख को पढ़ने के बाद अनचाहे गर्भ को धारण करने से बचने के तरीकों को आप जान ही गए होंगे। यहां हमने बताया है कि नेचुरल तरीके से बर्थ कंट्रोल करना कितना प्रभावी माना जाता है और इसके लाभ क्या हो सकते हैं। बस बताए गए घरेलू उपायों के इस्तेमाल से पहले लेख में दी गई सावधानियों को भी ध्यान में जरूर रखें। साथ ही प्राकृतिक तरीके से जन्म नियंत्रण पर आधारित घरेलू उपाय अपनाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

References

  1. Herbal Plants Used as Contraceptives
    http://impactfactor.org/PDF/IJCPR/2/IJCPR
  2. Natural Family Planning
    https://apps.who.int/iris/bitstream/handle/10665/39322/9241542411-eng.pdf?sequence=1&&isAllowed=y
  3. Herbal drugs for abortion may prove as better option in terms of safety, cost & privacy
    http://www.jsirjournal.com/Vol4_Issue2_11.pdf
  4. Herbal infusions used for induced abortion
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12807304/
  5. Postpartum contraception: the lactational amenorrhea method
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/9678098/
  6. Birth control methods
    https://www.womenshealth.gov/a-z-topics/birth-control-methods
  7. Breakthroughs In Population Control?
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK234639/
  8. Can curcumin provide an ideal contraceptive?
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21337449/
  9. A Case of Castor Bean Poisoning
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3087745/
  10. Plants of Zimbabwe Used as Antifertility Agents
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3025620/
  11. The contraceptive potential of Carica papaya seed on oestrus cycle, progesterone, and histomorphology of the Utero-ovarian tissue of adult wistar rats
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC7863105/
  12. Evaluation of reversible contraceptive activities of Cuminum cyminum in male albino rats
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21664518/
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