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वैवाहिक जीवन की मजबूत नींव बेहतर फैमिली प्लानिंग पर टिकी होती है। देखा जाता है कि एक महिला और पुरुष खुद को सक्षम बनाने के बाद ही बच्चे की जिम्मेदारी के बारे में सोचते हैं। इन स्थितियों को देखते हुए अधिकांश युवाओं के मन में यह सवाल पनप सकते हैं कि एक महिला या पुरुष कितने समय तक बच्चे के जन्म को टाल सकते हैं? बच्चे के जन्म के लिए सबसे बेहतर उम्र क्या होती है? कहीं बढ़ती उम्र भविष्य में उनके माता-पिता बनने के रास्ते में रोड़ा तो नहीं बन जाएगी?

मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपके ऐसे ही कई अनसुलझे सवालों के जवाब लेकर आए हैं। इस उम्मीद के साथ कि यह जानकारी आपको उज्जवल भविष्य के साथ स्वस्थ और नियोजित परिवार बनाने में मददगार साबित होगी।

लेख की शुरुआत में हम बात करेंगे गर्भधारण के लिए सबसे सही उम्र की।

गर्भधारण करने की सबसे सही उम्र क्या है ? | Maa Banne Ki Sahi Umar Kya Hai

गर्भधारण के लिए सबसे सही उम्र की बात करें तो जिंदगी के जिस पड़ाव पर एक महिला खुद को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से परिपक्व पाती है, वही उसके लिए गर्भधारण की सही उम्र होती है। यह बात अलग है कि प्रत्येक महिला के लिए सम्पूर्ण परिपक्वता का यह समय प्रथक-प्रथक हो सकता है। वहीं बात करें यदि विषय विशेषज्ञों की तो उनके मुताबिक 20 वर्ष से 35 वर्ष के बीच की आयु गर्भधारण के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है (1) आइये जानते हैं विशेषज्ञों की इस राय की मूल वजह:

  • गर्भधारण के लिए शारीरिक रूप से सक्षम होती हैं।
  • स्वस्थ और उपजाऊ अंडों की उपस्थिति रहती है।
  • एक से अधिक बार गर्भधारण करने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।
  • उम्र के साथ महिलाओं का बॉडी मास इंडेक्स बढ़ने लगता है, जिसकी वजह से गर्भधारण में समस्याएं पैदा जो सकती हैं।
  • उम्र के साथ क्रोमोसोमल एब्नार्मेलिटीज होने की संभावना अधिक रहती है।

अब हम बात करेंगे उन कारणों के बारे में जिनकी वजह से एक दम्पति बच्चा पैदा करने में जल्दी या देरी का फैसला करता है। हालांकि प्रत्येक फैसले के पीछे व्यक्ति विशेष की अपनी अलग सोच और राय हो सकती है। कई लोग ऐसे हैं, जो बच्चे के जन्म के बारे में जल्द विचार करते हैं। वहीं बहुत से ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें इस काम के लिए सही समय का इंतजार रहता है।

आगे के लेख में हम इन दोनों ही पहलुओं पर विचार करते हुए यह जानने की कोशिश करेंगे कि भविष्य में इनके क्या-क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।

देर से बच्चे होने के फायदे

आइए पहले हम जान लेते हैं देर से बच्चे होने के फायदों के बारे में (2)

  • देर से बच्चे होने की स्थिति में अधिकांश माताएं अच्छी शिक्षा और बेहतर करियर हासिल कर लेती हैं, जिससे उनके बच्चों को भविष्य में बेहतर जिंदगी के लिए समझौता नहीं करना पड़ता।
  • बच्चे की छोटी-बड़ी जरूरतों को पूरा कर पाने में खुद को समर्थ पाती हैं।
  • बच्चे को स्वस्थ जीवन मिलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
  • बच्चे के साथ भावनात्मक जुड़ाव कायम रहता है।
  • समृद्ध होने की स्थिति में प्रसव से पहले और बाद में चारो ओर खुशी का माहौल बना रहता है।

कम उम्र में बच्चे होने के फायदे

अब हम बात करेंगे कम उम्र में बच्चे होने के फायदों के बारे में (3)

  • कम उम्र होने के कारण शारीरिक ऊर्जा अधिक उम्र वाली महिलाओं से ज्यादा होती है।
  • बच्चों के साथ उम्र का फासला कम होने के कारण जुड़ाव बना रहता है।
  • रात को बच्चों की उठकर देखभाल करने में अधिक परेशानी महसूस नहीं होती।
  • आपका युवा होना बच्चों में आपके प्रति अधिक भरोसा पैदा करता है।
  • किसी भी बदलाव को आसानी से स्वीकार कर सकते हैं।
  • बुढ़ापा आने से पहले बच्चों की शिक्षा और रोजगार संबंधी सभी समस्याओं के हल होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।

आगे के लेख में हम उम्र के विभिन्न पड़ावों के दौरान गर्भधारण में आने वाली जटिलताओं के बारे में चर्चा करेंगे।

विभिन्न उम्र में गर्भावस्था

विशेषज्ञों के मुताबिक एक महिला में गर्भधारण की क्षमता उसके अंडाशय में पाए जाने वाले अंडों की मात्रा और उनकी सक्रियता पर निर्भर करती है। लेकिन उम्र के साथ अंडों की मात्रा और सक्रियता धीरे-धीरे कम होने लगती है। माना जाता है कि 12 मासिक चक्रों के बीच 31 साल से कम उम्र की महिलाओं में 74 प्रतिशत गर्भधारण की संभावनाएं होती हैं। वहीं 31 से 35 साल की महिलाओं के लिए यह संख्या घटकर 62 प्रतिशत तक रह जाती है। 35 साल से अधिक उम्र वाली महिलाओं की बात करें तो उनमें यह संभावना लगभग 54 प्रतिशत तक होती है। इस प्रकार यह समझा जा सकता है कि उम्र के साथ गर्भधारण की संभावनाएं कम होती जाती हैं (4)

आइए अब जानते हैं उम्र के अलग-अलग पड़ावों पर गर्भधारण में होने वाली परेशानियों और पड़ने वाले प्रभावों के बारे में।

20 से पहले

विभिन्न उम्र के दौरान गर्भधारण की स्थितियों को अच्छे से समझने के लिए पहले हम बात करते हैं 20 साल की उम्र से पहले गर्भधारण की (5)

  • प्रीक्लेम्पसिया (प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीपी), एक्लम्पसिया (प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीपी के कारण मां का कोमा में जाना), कोरिओम्निओनिटिस (बैक्टीरियल इन्फेक्शन) और इंडोमेट्रीटिस (गर्भ में आने वाली सूजन) जैसी समस्याओं से झूझना पड़ सकता है।
  • बच्चे के जन्म के बाद लगातार रक्तस्राव होते रहना।
  • बेहतर तरीके से भ्रूण का विकास न हो पाता।
  • भ्रूण के खराब होने का खतरा।

20 से 29 साल के बीच

अब बात करते हैं 20 से 29 साल के बीच गर्भधारण की(1)

  • गर्भधारण के लिए महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार होती हैं।
  • प्रेगनेंसी के दौरान पैदा होने वाली किसी भी समस्या के होने की संभावना न के बराबर होती है।
  • गर्भधारण की संभावनाएं सबसे ज्यादा प्रबल होती हैं।
  • एक से अधिक बार गर्भधारण की संभावनाएं रहती हैं।
  • स्वस्थ और परिपक्व अंडों की उपस्थिति रहती है।

30 से 39 वर्ष के बीच

अब आते हैं 30 से 39 वर्ष के पड़ाव पर (6)

  • उम्र के इस पड़ाव पर गर्भधारण में साधारण तौर पर 62 से 54 प्रतिशत तक संभावनाएं रहती हैं (4)
  • वहीं आईवीएफ (कृतिम तरीके से गर्भ धारण) की बात करें तो उम्र के इस पड़ाव पर महिलाओं में गर्भधारण की संभावनाएं लगभग 28 से 18 प्रतिशत तक ही रह जाती हैं (6)
  • भ्रूण में क्रोमोसोमल असमान्यताएं (जेनेटिक डिसऑर्डर) होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं।
  • प्रेगनेंसी के दौरान शुगर और प्लेसेंटा प्रिविया (गर्भनाल का गर्भाशय ग्रीवा पर लिपट जाना) का खतरा बना रहता है।
  • नॉर्मल डिलीवरी में मुश्किल पैदा होना।

40 से 49 साल के बीच

अब हम जानेंगे 40 से 49 साल के बीच गर्भधारण की स्थितियों के बारे में (7) (8)

  • प्रेगनेंसी के दौरान हाई बीपी की संभावनाएं अत्यधिक बढ़ जाती हैं।
  • लगातार चिकित्सकीय देखरेख की आवश्यकता रहती है।
  • थ्रोम्बोसिस (खून का नसों में जमना) का खतरा बना रहता है।
  • शुगर और प्रीएक्स्लेम्पिया का जोखिम पहले से अधिक हो जाता है।
  • सिजेरियन की आशंका पहले से 40 फीसदी अधिक बढ़ जाती हैं।
  • बच्चे की जान पर खतरा मंडराता रहता है।
  • जेस्टेशनल ट्रोफोब्लास्टिक रोग (गर्भाशय में होने वाला दुर्लभ ट्यूमर) के होने का खतरा रहता है।

50 साल बाद

अब बात करते हैं 50 साल के बाद की (9)

  • उम्र के इस पड़ाव पर मां बनने की संभावनाएं लगभग न के बराबर होती हैं।
  • समय से पहले प्रसव या सिजेरियन की संभावना बढ़ जाती है।
  • कुछ स्थितियों में गर्भधारण के लिए विट्रो फर्टिलाइजेशन (गर्भधारण का एक कृतिम तरीका) कारगर साबित हो सकता है।
  • लगातार चिकित्सकीय देखरेख की जरूरत।
  • गर्भपात की संभावनाएं अत्यधिक प्रबल होना।
  • प्रीक्लेम्प्सिया और जेस्टेशनल डायबिटीज होने का जोखिम सामान्य से अत्यधिक बढ़ा हुआ रहता है।
  • मायोकार्डियल इन्फेक्शन (एक प्रकार का हार्ट अटैक) होने का भी खतरा बना रहता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या उम्र के साथ पुरुष की प्रजनन क्षमता भी कम हो जाती है?

जी हां, महिलाओं की तरह ही पुरुषों की प्रजनन क्षमता भी उम्र के साथ घटने लगती है। वैज्ञानिक आधार पर कहा जा सकता है कि 40 से 45 वर्ष की उम्र के आसपास पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता कम हो जाती है। वहीं जैसे-जैसे पुरुष की उम्र बढ़ती है उसके पिता बनने के अवसरों में कमी आने लगती है (6)

क्या एग फ्रीजिंग (egg-freezing) भविष्य में गर्भावस्था सुनिश्चित करने का एक अच्छा विकल्प है?

हां, एग फ्रीजिंग (egg-freezing) भविष्य में गर्भावस्था सुनिश्चित करने का एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार 38 वर्ष से कम की कोई भी महिला एग फ्रीजिंग करा सकती है। यह प्रक्रिया भविष्य में गर्भधारण के जोखिम को काफी हद तक कम करने में कारगर साबित हो सकता है (10)

अब तो आप जान ही गए होंगे कि गर्भधारण के लिए सबसे सही उम्र क्या होती है। ऐसे में अगर आप गर्भधारण करने के बारे में सोच रही हैं, तो बेहतर होगा कि इस लेख को एक बार अच्छी तरह से पढ़ लें। साथ ही डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें। उम्मीद है कि इस आर्टिकल के जरिए आपको इस विषय के संबंध में काफी जानकारी मिल गई होगी। इसे अन्य लोगों के साथ शेयर कर, इन महत्वपूर्ण जानकारियों को दूसरों तक भी पहुंचाएं।

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