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कई पौधों के पत्ते, फल, फूल और जड़ों को स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में उपयोग किया जाता है, क्योंकि उनमें औषधीय गुण होते हैं। इन औषधीय गुणों के कारण ये विभिन्न प्रकार की बीमारियों के इलाज में मदद कर सकते हैं। इन्हीं पौधों में से एक पुनर्नवा भी है। पुनर्नवा के सूखे फूल को पीसकर कई चूर्ण में मिलाकर सेवन किया जाता है। इससे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद मिल सकती है और कई बीमारियों को दूर रखा जा सकता है। इन तमाम गुणों के बावजूद इसे किसी भी बीमारी का सटीक इलाज नहीं माना जा सकता। इसलिए, अगर कोई बीमार है, तो डॉक्टर को दिखाए और डॉक्टर के सुझाव पर ही पुनर्नवा का सेवन करें। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम पुनर्नवा का उपयोग व पुनर्नवा के फायदे के साथ ही पुनर्नवा के नुकसान की भी जानकारी देंगे।
नीचे विस्तार से पढ़ें
चलिए, सबसे पहले जानते हैं कि पुनर्नवा किसे कहा जाता है।
पुनर्नवा एक तरह का पौधा है, जो नाइसटैजिनेसी (Nyctaginaceae) के परिवार से संबंध रखता है। इसका वैज्ञानिक नाम बोअरहेविया डिफ्यूजा (Boerhavia Diffusa) है। आयुर्वेद में पुनर्नवा का मतलब शरीर को ऊर्जावान बनाना होता है। पुनर्नवा बेल (तने) जामुनी रंग के होते हैं। इसके पत्ते हरे और किनारे से गोल होते हैं, जो कई आकारों में हो सकते हैं। वहीं, इसके फूल सफेद, लाल और हल्के गुलाबी दिखाई देते हैं। पुनर्नवा हर साल गर्मियों में सूख जाता है और बारिश में फिर से खिल उठता है। यह खासतौर से भारत, अफ्रीका, म्यांमार और उत्तर व दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है। इससे बने चूर्ण का सेवन सेहत के लिए अच्छा होता है।
इस आर्टिकल के अगले हिस्से में हम पुनर्नवा के औषधीय गुण के बारे में जानेंगे।
पुनर्नवा के औषधीय गुण
एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, पुनर्नवा को चिकित्सीय गतिविधियों यानी थेराप्यूटिक एक्टिविटी के लिए जाना जाता है। इसकी जड़ों में आइसोफ्लेवोनोइड्स (एक तरह का कंपाउंड) पाया जाता है, जिसे फ्लेवोनोइड्स, फ्लेवोनोइड ग्लाइकोसाइड्स, जैंथोन्स, प्यूरीन न्यूक्लियोसाइड, लिग्नन्स, इक्सीस्टीरॉइड्स और स्टैरिड्स के रूप में भी जाना जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इसके अलावा, इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेशन, हेपेटोप्रोटेक्शन, एंटीकैंसर, एंटीडायबिटिक, एंटी-इन्फ्लेमेशन और ड्यूरेसिस गतिविधि पाई जाती है (1)। इन गुणों के कारण यह कई तरह की समस्या को दूर रखने का काम कर सकता है, जिसके बारे में नीचे विस्तार से बता रहे हैं।
पढ़ते रहें यह लेख
लेख के इस हिस्से में पुनर्नवा के फायदे के बारे में जानेंगे और अंतिम भाग में पुनर्नवा के नुकसान बताएंगे।
पुनर्नवा के उपयोग से कई फायदे हो सकते हैं, जिनके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे। ऐसे ही कुछ फायदों के बारे में वैज्ञानिक रिसर्च के आधार पर नीचे जानकारी दे रहे हैं।
1. मोटापा कम करने के लिए
मोटापा किसी तरह की बीमारी नहीं है, लेकिन यह अन्य बीमारियों के पनपने का कारण जरूर बन सकता है। ऐसे में जो लोग मोटापे से परेशान हैं, उनके वजन को कम करने में पुनर्नवा मददगार हो सकता है। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, पुनर्नवा में एंटी-ओबेसिटी गतिविधि पाई जाती है, जिससे शरीर के वजन को कम और ऑर्गन फैट पैड के वजन को सामान्य बना सकता है (2)। वहीं, एक अन्य शोध में दिया हुआ है कि पुनर्नवा की पत्तियों में ब्लड प्यूरीफायर यानी रक्त को शुद्ध करने वाली क्रिया होती है। इसका नियमित रूप से सेवन करने पर वजन में कमी हो सकती है (3)।
2. तनाव से राहत
अगर किसी को तनाव है, तो इस समस्या को कुछ कम करने में पुनर्नवा मदद कर सकता है। दरअसल, एक वैज्ञानिक शोध में दिया हुआ है कि पुनर्नवा की जड़ में एंटीस्ट्रेस और एंटीडिप्रेसेंट गतिविधि पाई जाती है, जो तनाव और अवसाद से छुटकारा दिलाकर मूड को अच्छा कर सकती है। यह जानकारी एनसीबीआई की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है (1)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि पुनर्नवा के फायदे तनाव से निजात दिला सकता है।
3. मधुमेह से नियंत्रित
पुनर्नवा मधुमेह से बचाए रखने का काम कर सकता है। इस संबंध में चूहों पर किए गए शोध से पता चलता है कि पुनर्नवा के इस्तेमाल से रक्त में ग्लूकोज का स्तर नियंत्रित हो सकता है, जिससे मधुमेह जैसी स्थिति से बचा जा सकता है। यह सब पुनर्नवा में पाए जाने वाले एंटीडायबिटिक गतिविधि के कारण ही संभव हो सकता है (1)। ऐसे में मधुमेह वाले व्यक्ति डॉक्टर की सलाह पर इसे दवाई की तरह ले सकता है।
4. लीवर के लिए
लीवर संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में भी पुनर्नवा फायदेमंद साबित हो सकता है। पुनर्नवा में हेपेटोप्रोटेक्टिव गतिविधि पाई जाती है, जिसका काम मुख्य रूप से लीवर को क्षतिग्रस्त होने से बचाना होता है। इसलिए, पुनर्नवा के सेवन से लीवर को नुकसान होने से बचाया जा सकता है (4)। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
5. अस्थमा के लिए
पुनर्नवा के फायदे अस्थमा जैसी श्वसन समस्या से छुटकारा पाने के लिए भी हो सकते हैं। पुनर्नवा के इस्तेमाल से ब्रोन्कियल ट्यूब (श्वासन नलियों) में मौजूद कैटरल (श्लेष्म या म्यूकस) पदार्थ और कफ को हटाने में मदद मिल सकती है। इससे अस्थमा की समस्या कुछ हद तक ठीक हो सकती है (5)। फिलहाल, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि पुनर्नवा का कौन-सा गुण अस्थमा के इलाज में प्रभावी होता है।
6. पीलिया के लिए
अगर कोई पीलिया की समस्या से ग्रसित है, तो उनके लिए पुनर्नवा का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। एक वैज्ञानिक शोध में दिया हुआ है कि पुनर्नवा की जड़ को पीलिया के इलाज में आयुर्वेदिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है (1) (6)। फिलहाल, इस संबंध में ज्यादा वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। जिससे कि पता चल सके कि पुनर्नवा के कौनसा गुण सहायक होता है।
7. आंखों के लिए
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए पुनर्नवा का इस्तेमाल लाभकारी हो सकता है। एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार, पुनर्नवा में एंटीमाइक्रोबियल गतिविधि पाई जाती है, जो आंखों के इन्फेक्शन की समस्या से छुटकारा दिला सकती है। इसी शोध में यह भी दिया हुआ है कि पुनर्नवा आंखों के कई विकारों से भी छुटकारा दिला सकता है। इसके लिए पुनर्नवा के पत्तों का रस या ताजा जड़ के रस को आंखों में डाला जा सकता है (7)। बेशक, वैज्ञानिक शोध में पुनर्नवा के रस को आंखों में डालने की बात कही गई है, लेकिन ऐसा करने से पहले नेत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।
8. कैंसर के लिए
यह बात तो लगभग सभी जानते हैं कि कैंसर का कोई सटीक इलाज नहीं है। ऐसे में कैंसर की समस्या दूर रहे, तो उसी में ही भलाई है। कैंसर की समस्या को दूर रखने में पुनर्नवा मदद कर सकता है। एन वैज्ञानिक रिसर्च की माने, तो पुनर्नवा में एंटीकैंसर गतिविधि पाई जाती है, जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने का काम कर सकती है। इससे कैंसर की समस्या को दूर रखा जा सकता है (8) (4)। इसलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि पुनर्नवा का उपयोग करने से कैंसर की समस्या को दूर रखा जा सकता है।
9. त्वचा के लिए
त्वचा संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए भी पुनर्नवा का उपयोग किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन से यह पता चला है कि पुनर्नवा की जड़ से बने लेप को गर्म करके अल्सर और फोड़े जैसी समस्या पर लगाने से कुछ आराम मिल सकता है (5)। अभी इस बारे में और विस्तार से शोध किए जाने की जरूरत है।
बने रहें हमारे साथ
अब हम बताएंगे कि पुनर्नवा का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है।
कई लोगों को पुनर्नवा का उपयोग करने के तरीके पता नहीं होते हैं। इसलिए, वे पुनर्नवा चूर्ण नहीं खरीदते हैं। यहां हम बता रहे हैं कि इसका इस्तेमाल किस प्रकार किया जाना चाहिए।
कैसे खाएं:
- पुनर्नवा और हरड़ के फले से बने चूर्ण को शक्कर के साथ पानी में मिलाकर पी सकते हैं।
- इसके चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर लिया जा सकता है।
- पुनर्नवा चूर्ण को दूध में मिलाकर पिया जा सकता है।
- इसे गुनगुने पानी के साथ लिया जा सकता है, लेकिन पानी के साथ लेने पर इसका स्वाद कड़वा लग सकता है।
कब खाएं:
- इस चूर्ण को रात में दूध में मिलाकर पी सकते हैं।
- इसे सुबह पानी और शक्कर में मिलाकर पी सकते हैं।
- शाम के समय पुनर्नवा चूर्ण में शहद मिलाकर चाट सकते हैं।
कितना खाएं:
- पुनर्नवा चूर्ण को हमेशा सीमित मात्रा में लेना चाहिए। वैसे, हर किसी की आहार क्षमता एक जैसी नहीं होती है, इसलिए पुनर्नवा चूर्ण की मात्रा जानने के लिए आहार विशेषज्ञ से बात कर सकते हैं।
आगे है और जानकारी
इसके अगले भाग में हम पुनर्नवा चूर्ण को सुरक्षित रखने के तरीके बता रहे हैं।
पुनर्नवा को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें?
पुनर्नवा चूर्ण जल्दी ही खराब हो जाता है। इसका कारण इसे सुरक्षित रखने का सही तरीका पता न होना है। इसलिए, नीचे हम पुनर्नवा चूर्ण को सुरक्षित रखने का सही तरीका बता रहे हैं।
- इसे हमेशा एयरटाइट डिब्बे में रखें।
- डिब्बे से चूर्ण लेने के बाद डिब्बे के ढक्कन को अच्छे से बंद करें।
- चूर्ण खरीदते समय उसके निर्माण और एक्सपायरी डेट को जरूर चेक करें।
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चलिए, अब नीचे जानते हैं कि पु नर्नवा कहां से खरीदना चाहिए।
पुनर्नवा कहां से खरीदें?
इसे हमेशा विश्वसनीय आयुर्वेदिक दुकान से ही खरीदना चाहिए। कहीं से भी खरीदने पर मिलावटी पुनर्नवा मिल सकता है, जो सेहत पर ठीक तरह से असर नहीं कर सकता।
अब आगे हम पुनर्नवा की तासीर के बारे में जानेंगे।
पुनर्नवा की तासीर कैसी होती है?
पुनर्नवा की तासीर ठंडी होती है, लेकिन इसे सीमित मात्रा में सर्दियों में भी लिया जा सकता है।
आर्टिकल के अगले भाग में हम पुनर्नवा से होने वाले नुकसान के बारे में बता रहे हैं।
इसमें कोई दो राय नहीं है कि पुनर्नवा का सेवन लाभकारी है, लेकिन अधिक मात्रा में सेवन करने से कुछ नुकसान हो सकते हैं। आइए, इस बारे में जानते हैं।
- जैसा कि हमने लेख में ऊपर बताया है कि यह रक्त शुगर को कम कर सकता है, इसलिए अधिक मात्रा में सेवन करने से लो ब्लड शुगर की समस्या हो सकती है (1)।
- गर्भवती और स्तनपान करने वाली महिलाओं को इसे लेने से पहले डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
- जिन लोगों को नए खाद्य पदार्थ के सेवन से एलर्जी होती है, उन्हें पुनर्नवा के सेवन से एलर्जी का जोखिम हो सकता है।
पुनर्नवा एक लोकप्रिय आयुर्वेदिक दवा है, लेकिन एलोपैथी का चलन बढ़ने के कारण ऐसे जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल होना कम हो गया है। लोग केमिकल युक्त मेडिसीन और चूर्ण पाउडर का उपयोग करने लगे हैं। ऐसे में जिन लोगों ने हमारे इस लेख के माध्यम से पुनर्नवा के बारे में जान लिया है, वे पुनर्नवा को अपने दिनचर्या में शामिल किए बिना नहीं रह पाएंगे। हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख में दी गई सभी जानकारियां आपके काम आएंगी।
References
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- Phytochemical, Therapeutic, and Ethnopharmacological Overview for a Traditionally Important Herb: Boerhavia diffusa Linn.
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4053255/ - Evaluation of weight reduction and anti–cholesterol activity of Punarnava root extract against high fat diets induced obesity in experimental rodent
https://www.sciencedirect.com/science/article/abs/pii/S2221169112604092 - Anti-obesity and hypolipidemic activity of siddha drugs: A review
https://www.wjpsonline.org/admin/uploads/mVEMg6.pdf - A review of the plant Boerhaavia diffusa: its chemistry, pharmacology and therapeutical potential
http://www.phytopharmajournal.com/Vol5_Issue2_08.pdf - Punarnava- A Review
https://www.rjpbcs.com/pdf/2011_2(4)/%5B44%5D.pdf - Effect of chronic administration of Boerhaavia diffusa Linn. leaf extract on experimental diabetes in rats
http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.551.504&rep=rep1&type=pdf - Ophthalmic uses of Boerhaavia Diffusa L. (Punarnava): Review
http://www.florajournal.com/archives/2016/vol4issue2/PartA/4-2-15.pdf - Inhibition of Human Cervical Cancer Cell Growth by Ethanolic Extract of Boerhaavia diffusa Linn. (Punarnava) Root
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3159392/
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