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ठंडी हवा, बादलों से झांकता चांद और सुहानी रात अक्सर तन्हाइयों में किसी की याद दिला देते हैं। ऐसे में मौसम के खुशनुमा होने के बाद भी कई लोग अकेलेपन से घिर जाते हैं। रात के इस अकेलेपन को दूर करने के लिए स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम रात पर शायरी का नया कलेक्शन लेकर आए हैं। यहां आपको उदास रात शायरी, रात की तन्हाई शायरी, चाँदनी रात की शायरी, ठंडी रात शायरी और रात को नींद नहीं आती शायरी जैसी रात की शायरी इन हिंदी पढ़ने को मिलेगी और आपकी तन्हाई दूर हो जाएगी।
अंत तक पढ़ें
लेख की शुरुआत करते हैं रात की शायरी इन हिंदी के साथ।
75+ रात शायरी : Raat Shayari | Night Shayari in Hindi| रात पर शायरी
अक्सर रात के समय तन्हाई में खोए हुए लोगों को उन खास लम्हों की याद आ जाती है, जो उन्होंने किसी अपने साथ बिताए थे। यहां, उन्हीं पाठकों के लिए रात की शायरी इन हिंदी में सबसे पहले हम प्रस्तुत कर रहे हैं उदास रात शायरी।
- पूनम का पूरा चांद भी निकला है आसमान में,
हवाएं भी फूलों की महक लाती हैं,
न जाने क्यों तुम्हारी याद आते ही,
मेरे चेहरे पर मुस्कान सी छा जाती है। - तुम सामने होते हो,
तो होती है लंबी बात,
तुम नहीं जो होते साथ,
तो फिर अकेले ही बिताता हूं अपनी रात। - अब तो तन्हा उदासी भरी रात खत्म नहीं होती,
दिन निकल जाता है लेकिन तेरी बात खत्म नहीं होती। - जो तू मेरे पास नहीं है,
फिर तेरी याद पास क्यों है,
मुझे अब तेरी फिक्र नहीं,
फिर ये रात उदास क्यों है। - सांसे टूट रही हैं मेरी लेकिन,
फिर भी तुझसे मिलने की आस है,
तू शायद ही मिलेगी एक दिन मुझे,
इस डर से ही मेरी ये रात उदास है। - तू ही इस दुनिया में मेरे लिए सबसे खास है,
मेरे पास नहीं है तू इसलिए मेरी रात उदास है। - ए खुदा जुदाई का गम मेरे आस पास ना हो,
अगर हो वो मेरे संग तो यह रात उदास ना हो। - पता नहीं कैसे तुम मेरे लिए इतनी खास हो गई,
छोड़ गई जब तुम मुझे तो ये रातें भी उदास हो गई। - माना की तुम अब नहीं हो साथ मेरे,
लेकिन तुम्हारी याद दिल के पास है,
कभी था मेरे हाथों में हाथ तेरा,
लेकिन आज तन्हा रात उदास है। - सुबह का सूरज और दिन का उजाला संवार देता है।
लेकिन हर रात की उदासी का गम मुझे मार देता है।
- दिल का सुकून और तू मेरे पास नहीं है,
कैसे कह दूं कि मेरी रात उदास नहीं है। - तन्हाई का आलम है और अब तन्हा ही जी लेते हैं,
जब महसूस होती हैं उदास रातें तो तन्हाई में पी लेते हैं। - लो फिर जहन में आ गया चेहरा तेरा,
और यादों की बरसात हो गई,
लो और एक बार फिर से,
मेरी हसीन रात उदास हो गई। - आज भी तू मेरे लिए सबसे ज्यादा खास है,
तेरे बिना आज भी मेरी हर रात उदास है। - तेरी हर बात, तेरी हर याद मेरे लिए खास होती है,
जो तू मेरे साथ नहीं है तो मेरी हर रात उदास होती है।
पढ़ते रहें रात की तन्हाई शायरी - अब तो हर दिन हम तेरी जुदाई में बिताते हैं
होती है जब रात तो उसे भी तन्हाई में बिताते हैं। - किसी के जाने के बाद दिल में सुकून कहां रहा जाता है,
याद आती है जिस रात, उस रात ये दिल तन्हा रह जाता है। - चली जाती हो हर रात मेरे आगोश से
तेरा जाना भी तो एक बहाना है,
थोड़ी देर और ठहर जाओ साथ मेरे,
क्या इस रात को भी तन्हा करके जाना है। - तन्हा रातों की हर सर्द हवा मुझसे यही पूछ कर जाती है,
करता है जिसे तू हर रोज याद क्या उसे भी तेरी याद आती है। - किससे कहूं दिल की हर बात,
सभी को बताना मुश्किल है,
जो तू साथ नहीं मेरे तो
हर तन्हा रात बिताना मुश्किल है। - एक बार फिर मुझे तेरी याद आ गई है,
लो फिर से तन्हाई की रात आ गई है। - दिल में हर बात छिपा लेंगे,
जिंदगी को यूं ही लुटा देंगे,
तेरे आने के इंतजार में,
हम हर तन्हा रात बिता लेंगे। - तेरे ख्यालों में डूबकर हर बात भुला देता हूं,
तेरी तस्वीर को देखकर तन्हा रात बिता देता हूं। - प्यार का गला घोट कर जब से तेरी डोली सजी है,
तब से मेरे जीवन में सिर्फ रात की तन्हाई ही बची है। - रातों की तन्हाई भी क्या गजब ढा गई,
चुपके से आई दिल में और मुझे रुला गई। - कमजोर दिल को कैसे समझाएं तेरे बिना,
तन्हा रात का वक्त कैसे बिताएं तेरे बिना। - डरते थे हम जिससे,
फिर वही बात हो गई,
जो तुम छोड़कर चले गए,
जिंदगी एक तन्हा रात हो गई। - तू ही बोल मुझे,
तुझे भुलाऊं कैसे,
बिना तेरे मैं अपनी,
तन्हा रात बिताऊं कैसे। - प्यार में हर किसी की जिंदगी कहां संवरती है,
बिछड़ने के बाद मेरी हर रात तन्हाई में गुजरती है। - लो एक बार फिर मुझे तेरी याद आई,
अब तो डसती है तुम्हारी ये रुसवाई,
फिर से रोशन कर दो गमगीन रात को,
बहुत तड़पाती है इन रातों की तन्हाई।
आगे पढ़ें चाँदनी रात की शायरी - चांदनी रात है,
तारों की बारात है,
हाथों में हाथ है,
प्यार की शुरुआत है। - लो आज फिर चांदनी रात आ गई,
एक बार फिर तेरी यादों की बारात आ गई। - जब तुम मेरे पास होती हो तो,
अमावस भी चांदनी रात होती है,
फूल खिल जाते हैं रातों में और,
आसमान से प्यार की बरसात होती है। - वो एक दिन चला गया,
अपने दिल की बात बोलकर,
हम उसके इंतजार में बैठे हैं,
हसीन चांदनी रात रोककर। - कतरा कतरा जोड़ कर मैं अपने जज़्बात लाया हूं,
तुम्हारी यादों की महफिल में फिर चांदनी रात लाया हूं। - बन रहा है अफसाना, दिल बेकरार है,
थाम रखा है दिल, तेरे प्यार के इकरार में,
आओगे तुम और बैठोगे साथ में,
हम बैठे हैं उस चांदनी रात के इंतजार में। - तुमने कुछ कहा ना कुछ सुना हमने,
और इशारों में ही सारी बात हो गई,
वक्त का पता दोनों को ही नहीं चला,
लो फिर से हसीन चांदनी रात हो गई। - ओस के कण तेरे केसुओं में लगते हैं बहुत प्यारे
जैसे चांदनी रात में किसी ने बिखेरे हों सितारे। - चांद आया तो चांदनी रात आई,
एक बार फिर मुझे तुम्हारी याद आई। - चांदनी रात है,
प्यार की बरसात है,
तू मेरे साथ है,
उफ्फ! क्या बात है।
- मेरी जिंदगी की कश्ती का किनारा हो तुम,
सितारों से सजी चांदनी रात सा नजरा हो तुम। - मुझे देखकर जो तुम हर बार मुस्कुराती हो,
तो अमावस की रात में भी सवेरा सा लगता है,
और जब रूठ कर तुम दूर चली जाती हो,
तो चांदनी रात में भी अंधेरा सा लगता है। - हर बार बह जाते हैं प्यार के जज्बात में,
एक नशा सा छा जाता है तेरी हर बात में,
दिन में तुम रहती हो तो सुकून होता है,
लेकिन सो नहीं पाते हैं हम चांदनी रात में। - दिल के ये जज्बात,
जिसमें बसी है तेरी याद,
बसें है तेरे ही ख्यालात,
उफ्फ! ये चांदनी रात। - तेरी हर अदाओं में मेरे दिल का धड़कना
जैसे चांदनी रातों में हो तारों का चमकना।
शुरुआत करते हैं ठंडी रात शायरी की - जो तू है मेरे साथ में,
गर्माहट हर बात में,
ठंडक भरी रात में,
खो जाऊं तेरे ख्यालात में। - तेरी बातों से मुझे एक जुनून मिलता है,
तेरी महक से ही मेरा मन खिलता है,
जब होता है तेरे साथ होने का एहसास
तो ठंडी रातों में भी सुकून मिलता है। - अब ये दिल उदास रहता है ठंड भरी रातों में,
अब वो गर्माहट नहीं होती उनकी प्यार भरी बातों में। - ठंडी रातों में जब भी तेरा ख्याल आता है,
मैंने तुमसे इश्क क्यों किया, इसी बात का मलाल होता है। - तन्हा सर्द रातों में जब-जब तेरी याद आई,
हमने तेरी यादों की तब-तब चिता जलाई। - ठंडी के मौसम में रात क्या पूरा दिन भी सर्द रहता है,
तुझे भूलने के बाद भी दिल में हल्का सा दर्द रहता है। - दिसंबर की सर्द रातों की तरह तुम भी ढल जाओगे,
कुछ ही दिन में साल बदलेगा और तुम भी बदल जाओगे। - ठंडी रातों को जून के महीने में तपते देखा है,
हमने कई आशिकों को यादों में तड़पते देखा है। - तमन्ना होती है जब भी तुझे देखने की,
तो अपने रुख को तेरी ओर मोड़ लेते हैं।
जब भी ठंडी रातों में सर्दी लगती है,
तो तेरी यादों की चादर ओढ़ लेते हैं। - सर्दी की इस कड़कती रात को गुजर जाने दो,
मेरी अर्थी और तेरी बारात को गुजर जाने दो,
मलाल होगा तुझे भी मुझे छोड़ कर जाने का,
तेरी खुशियों की सौगात को गुजर जाने दो। - घर से कभी निकले ही नहीं,
और बात करते हैं आवारागर्दी की,
ठंडा पानी पीने से डरते हैं,
और इंतजार है उन्हें रात भरी सर्दी की। - कड़कड़ाती सर्द रातों में तेरी यादों का सहारा होता है,
मेरे जज्बातों के समुंदर का तू बस किनारा होता है। - अब तो इश्क के नाम से,
घबराने लगे हैं लोग,
सर्द रातों में पनाह देने से
कतराने लगे हैं लोग। - मौत का नाम तो यू ही बदनाम करते हैं लोग,
बस सर्द रातों में बेवफा की यादों से डरते हैं लोग। - सर्दी वाली रात हो,
तू मेरे साथ हो,
तेरे हाथ में मेरा हाथ हो,
काश! ऐसी हसीन मुलाकात हो।
पढ़ें रात को नींद नहीं आती शायरी - जब भी दिन में तेरी याद सताती है,
फिर उस रात को नींद नहीं आती है। - नौकरी के हवाले कर अपने सुकून को,
अब हम सभी बस पैसों के पीछे भागते हैं,
दिन में भी चैन कहां था साहब,
जो नींद गवांकर रात को भी जागते हैं। - जब से तुमसे हमारी दिल्लगी हो गई,
पहले तो चैन से सोता था मैं,
लेकिन अब रातों की नींद कहीं खो गई। - दिल भर गया है तेरी यादों से,
दिल से निकल क्यों जाती नहीं,
अब तो खोने को कुछ बचा ही नहीं,
फिर भी नींद क्यों आती नहीं। - नौकरी के चक्कर में मैंने रातों की नींद और सुकून खोया है,
और एक नसीब है जो सुकून की तलाश में कब से सोया है। - तुम ही नहीं आदतें भी बदल गईं तेरी,
अब तो वो कशिश भी नहीं रही बातों में तेरी ,
कहीं तुम ना आ जाओ सपनों में,
इस डर से नींद ही नहीं आती रातों में। - मिला हूं जब से तेरी यादों का कोहरा दिखाई देता है,
अब आंखों में नींद नहीं बस तेरा चेहरा दिखाई देता है। - वो जब से मुझसे बेवफा हो गई,
तब से मेरी नींद भी मुझसे खफा हो गई। - सोचा सपनों में ही तुमसे कर लिया करेंगे मुलाकात,
लेकिन, देखा है जब से तुमको नींद ही नहीं आती सारी रात। - दोनों गायब हैं रात में आंखों की नींद और सुकून,
अब तो बस दिल में रहता है तुमसे मिलने का जुनून।
- ऊपर उठने की चाहत ने रातों की नींद को उड़ा दिया,
दिन का सुकून छूट गया पहले ही अब चैन भी छुड़ा दिया। - जागते हैं रातों को,
कमबख्त काम ही खत्म नहीं होता,
फिर कल की चिंता सताती है
और सुकून से नहीं सोता। - सो नहीं पाते हैं रातों को,
शायद तेरा दीदार हो जाए,
अब तो बस यही तमन्ना है जिंदगी की,
तुमसे बस एक बार मुलाकात हो जाए। - आंखों से गायब नींद है और मन से चैन,
तेरा चेहरा नजर आने लगा है अब तो दिन रैन। - आंखों से रातों की नींद चली गई है,
तुमसे मिलने के बाद,
ना कहीं चैन है और न सुकून,
तुमसे मिलने के बाद। - छाया है नशा बातों से,
गायब है नींद आंखों से,
सोया नहीं कई रातों से,
तुम खेल गई जज्बातों से।
कहते हैं हर आशिक रात को ही अपने हमदम की याद में जागता है। उस वक्त उस हमदम को अपने दिल का हाल बयान करने के लिए यहां हम रात की शायरी से जुड़े एहसास को समेट कर लाए हैं। इन रात पर शायरी के जरिए आप अपने दिल की बात को अपने साथी तक भेजकर अपना हाल ए दिल बयां कर सकते हैं। आशा करते हैं कि रात शायरी पर लिखा यह लेख आपको पसंद आया होगा। ऐसी शायरी पाने के लिए जुड़े रहिए स्टाइलक्रेज के साथ।
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