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शिशु जैसे-जैसे बड़ा होने लगता है, उसके खान-पान को लेकर एक मां की चिंता भी बढ़ जाती है। किसी भी मां के लिए यह मुश्किल सवाल हो सकता है, कि वो अपने शिशु के शुरुआती आहार में कौन-कौन सी खाद्य सामग्रियों को शामिल करें। दरअसल जब शिशु छह महीने का हो जाता है, तो उसे मां के दूध के साथ-साथ अन्य पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। ऐसे में, शिशु के लिए साबूदाना लाभकारी विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें वो सभी पोषण मौजूद होते हैं, जो शिशु के संपूर्ण विकास में मदद कर सकते हैं। मॉमजंक्शन के इस लेख में जानिए शिशु के लिए साबूदाने के फायदे और इसके उपयोग के विभिन्न तरीकों के बारे में।
सबसे पहले जानिए बच्चों के आहार में कब से साबूदाना शामिल किया जा सकता है।
बच्चे को साबूदाना खिलाना कब शुरू कर सकते हैं ?
छह महीने तक शिशु के विकास के लिए सिर्फ मां का दूध पर्याप्त है, लेकिन उसके बाद शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए अन्य पोषक तत्वों की भी जरूरत होती है। छह महीने का होने पर शिशु के शरीर में आयरन की कमी होने लगती है, जिसकी पूर्ति के लिए अलग से आयरन सप्लीमेंट्स लेने की आवश्यकता पड़ जाती है। छह महीने का हो जाने के बाद शिशु को भारी भोजन का सेवन कराया जा सकता है, जिसकी शुरुआत साबूदाने से की जा सकती है (1) (2)। वहीं, सावधानी के लिए बच्चों के आहार में पहली बार साबूदाना शामिल करने से पहले डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
आगे जानिए बच्चों के लिए साबूदाना के लाभ।
शिशुओं के लिए साबूदाना के फायदे | Bachon Ka Sabudana Ke Fayde
बढ़ते बच्चों को पोषक तत्वों की जरूरत ज्यादा होती है। उन्हें ऐसे खाद्य पदार्थों की आवश्यकता होती है, जो पोषण से भरपूर हों। ऐसे में साबूदाना एक अच्छा विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसकी थोड़ी-सी मात्रा शिशु के शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान कर सकती है। आइए जानते हैं कि एक शिशु के लिए साबूदाना कितना फायदेमंद हो सकता है :
साबूदाना पोषक तत्वों से भरपूर होता है, जो आपके शिशु के विकास में सहायता करता है (3), (4)।
- इसमें मौजूद कैल्शियम बच्चों में कैल्शियम की पूर्ति करने का काम कर सकते हैं। कैल्शियम एक जरूरी पोषक तत्व है, जो हड्डियों के निर्माण और उनके विकास में मदद करता है (3), (5)।
- साबूदाना कैलोरी से समृद्ध होता है, जो आपके बढ़ते बच्चे को दिनभर ऊर्जा प्रदान करने का काम करेगा (3) (4)।
- साबूदाना कार्बोहाइड्रेट्स से भरपूर होता है, जो शरीर में ऊर्जा को बढ़ाकर, शिशु के विकास में मदद करता है। साथ ही यह कोशिकाओं के निर्माण में प्रोटीन को बढ़ावा भी देता है (3) (4)।
- इसमें मौजूद जिंक बच्चों को डायरिया जैसी समस्याओं से बचाता है और उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है (4) (6)।
नीचे साबूदाना के नुकसान से जुड़ी जानकारी दी गई है।
क्या बच्चों के लिए साबूदाना के कुछ नुकसान भी हैं? | Sabudana Ke Nuksan
शिशु के लिए साबूदाने के कुछ नुकसान हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है :
- कसावा वाला साबूदाना (tapioca) बच्चों में फूड पॉइजनिंग का कारण बन सकता है। इसीलिए, बच्चों को ट्रोपिकल पाम स्टेम्स वाला साबूदाना (sago) ही खिलाएं (7)।
- साबूदाने में फाइबर पाया जाता है और फाइबर के अधिक सेवन से बच्चे के पेट में सूजन व गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं (4), (8)।
- साबूदाने में मौजूद जिंक के अत्यधिक सेवन से बच्चों में भूख की कमी, पेट दर्द, सिर दर्द और उल्टी जैसी परेशानियां हो सकती है (9)।
अंत में जानिए बच्चों के लिए कुछ स्वादिष्ट साबूदाना रेसिपी।
बच्चों के लिए साबूदाना रेसिपी
यहां हम बात करेंगे बच्चों के लिए साबूदाना रेसिपी की। याद रखिए साबूदाने की कोई भी रेसिपी बनाने से पहले उसे तीन से चार घंटों के लिए पानी में भिगोकर रख दें। इससे वो नरम हो जाएंगे और खाने में आसान रहेंगे :
1. साबूदाना का पानी (5-6 महीने के बच्चों के लिए):
सामग्री :
- दो चम्मच साबूदाना
बनाने की विधि :
- गले हुए साबूदाने को एक पैन में डाल कर उसमे पानी मिला कर उबालें।
- उबालने के दौरान इसमें आवश्यकतानुसार पानी मिलाते रहें।
- पूरी तरह उबल जाने पर गैस से उतार कर साबूदाने को ठंडा करें।
- ठंडा हो जाने पर साबूदाने को अच्छी तरह मैश कर लें।
- आप चाहें तो इसमें दो-तीन बूंद घी भी मिला सकते हैं।
- अब आप इसे बच्चे को खिला सकते हैं।
2. साबूदाना दलिया (6 महीनो से बड़े बच्चों के लिए):
सामग्री :
- एक चौथाई कप साबूदाना
- एक कप पानी
- आधा कप बादाम/फॉर्मूला/नारियल दूध
- एक छोटा चम्मच घी
बनाने की विधि :
- साबूदाने को रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह पानी छानकर कुछ देर के लिए ढककर रख दें।
- साबूदाने को एक पैन में डाल कर उसमें पानी मिला कर उबालें।
- अब पके हुए साबूदाने में आधा कप पहले से उबालकर ठंडा किया हुआ बादाम/नारियल का दूध मिलाएं और गाढ़ा होने तक उबालें।
- अगर आप फॉर्मूला मिल्क का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो उसे साबूदाने के साथ न उबालें। गैस बंद करने के बाद, हल्के गर्म साबूदाने में उसे मिलाएं।
- ठंडा हो जाने पर बच्चे को खिलाएं।
3. साबूदाना की खीर (1 साल और उससे बड़े बच्चों के लिए):
सामग्री :
- एक चौथाई कप साबूदाना
- आधा कप दूध
- एक चम्मच शक्कर
बनाने की विधि :
- साबूदाने को रातभर पानी में भिगोकर रखें और सुबह पानी छानकर कुछ देर के लिए ढककर रख दें।
- एक पैन में दूध उबालने के लिए रख दें।
- उबाल आने पर उसमें एक चम्मच शक्कर मिलाएं और उसे चलाते रहें।
- शक्कर पूरी तरह घुल जाने के बाद उसमें साबूदाना मिलाएं।
- इसे गाढ़ा होने तक हल्की आंच पर उबालें।
- गाढ़ा हो जाने पर, साबूदाने की खीर ठंडी करें और बच्चे को खिलाएं।
आशा करते हैं कि अब आप बच्चे के लिए साबूदाने के फायदे के बारे में जान गए होंगे। अब आप शिशु के लिए दूध या सेरेलक की जगह साबूदाने की नयी रेसिपी आजमा सकते हैं। आप यह भी ध्यान रखें कि बच्चे को साबूदाने से कोई एलर्जी न हो। अगर ऐसा हो, तो तुरंत अपने चिकित्सक से परामर्श करें। हम उम्मीद करते हैं कि हमारा यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। इसी तरह लेख पढ़ने के लिए जुड़े रहें मॉमजंक्शन के साथ।
References
1. Introduction of Solid Food to Young Infants by NCBI
2. Eating tips for babies by Better Health
3. Nutritional needs of infants by USDA
4. Tapioca by USDA
5. Calcium by NIH
6. Role of zinc in pediatric diarrhea by NCBI
7. The Dangers of Cassava (Tapioca) Consumption by NCBI
8. Fiber by MedlinePlus
9. Zinc by NIH
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