Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

भारत में दैनिक रूप से खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में सफेद चावल का नाम भी शामिल है। इसे उबालकर, खिचड़ी, बिरयानी, पुलाव व खीर आदि कई रूपों में खाया जाता है। सीमित मात्रा में इसका सेवन कुछ हद तक स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसकी अधिक मात्रा कई शारीरिक परेशानियों की वजह बन सकती है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में जानिए सफेद चावल के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं और सफेद चावल के नुकसान किस-किस रूप में सामने आते हैं। साथ ही इस लेख में सफेद चावल के विकल्प के रूप में ब्राउन राइस के फायदे भी बताए गए हैं। इस लेख को पूरा पढ़ने के बाद आपको स्पष्ट हो जाएगा कि सफेद चावल का सेवन करना चाहिए या नहीं। इसलिए, यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ें।

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लेख में सबसे पहले हम आपको बता रहे हैं सफेद चावल क्या है।

सफेद चावल (White Rice) क्या है?

यह एक आम खाद्य पदार्थ है और इसके बारे में लगभग सभी को पता होता है। भारत के कई राज्यों में इसकी खेती बड़े स्तर पर की जाती है। खेतों से निकलकर यह राइस मिल तक पहुंचता है, जहां मीलिंग प्रक्रिया के जरिए इसमें से भूसी, चोकर और अनावश्यक पदार्थों को हटाया जाता है। आकार और गुणवत्ता के आधार पर सफेद चावल के कई प्रकार बाजार में उपलब्ध हैं। इस पर किए गए कई शोध के अनुसार, यह स्वास्थ्य के लिए कई मामलों में फायदेमंद और नुकसानदायक भी हो सकता है। इसके लाभ और नुकसान के विषय में नीचे जानकारी दी गई है।

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सफेद चावल के बारे में जानने के बाद लेख के इस अहम भाग में सेहत और सफेद चावल के बीच संबंध को जानिए।

क्या सफेद चावल खाना सेहत के लिए फायदेमंद है?

सफेद चावल कुछ हद तक सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके फायदों को इसमें मौजूद पोषक तत्वों के जरिए जाना जा सकता है। इसमें फाइबर की कुछ मात्रा पाई जाती है और फाइबर दस्त व मतली के प्रभाव को कम करने में मददगार साबित हो सकता है (1)। यही कारण है कि दस्त में चावल और इसके पानी में नमक या चीनी मिलाकर लेने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, इसमें सेहत के लिए आवश्यक प्रोटीन, आयरन, पोटैशियम और विटामिन-ए जैसे पोषक तत्व भी पाए जाते हैं (2)।

फायदों के मुकाबले अधिकतर वैज्ञानिक अध्ययनों में सफेद चावल के नुकसान बताए गए हैं। साथ ही सफेद चावल की तुलना में ब्राउन राइस को ज्यादा फायदेमंद माना गया है। शोध के अनुसार, ब्राउन राइस में व्हाइट राइस की तुलना में अधिक प्रोटीन पाया जाता है। सफेद चावल हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स खाद्य पदार्थ है, जो मधुमेह का कारण बन सकता है। वहीं, दूसरी ओर ब्राउन राइस लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स फूड की श्रेणी में रखा गया है (3)। सफेद चावल के नुकसान और ब्राउन राइस के फायदे से जुड़ी जरूरी जानकारी आपको लेख में आगे जानने को मिलेगी।

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अब हम सफेद चावल में पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में बात करेंगे।

सफेद चावल के पौष्टिक तत्व

सफेद चावल के गुण कितने हैं, यह तो आप ऊपर जान ही चुके हैं। यहां हम इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्वों के बारे में टेबल के जरिए बता रहे हैं (2)

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
कैलोरी356 kcal
प्रोटीन6.78 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट83.05 ग्राम
फाइबर1.7 ग्राम
मिनरल
आयरन3.05 मिलीग्राम
पोटैशियम68 मिलीग्राम
विटामिन
नियासिन3.39 मिलीग्राम
विटामिन-ए, आईयू169 आईयू

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सफेद चावल के पोषक तत्वों को जानने के बाद आगे जानते हैं कि इसके सेवन से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं।

क्या हैं सफेद चावल खाने के नुकसान?

1. मधुमेह का खतरा

लेबोरेटरी ऑफ मॉलिक्यूलर बायोमेडिसिन (मलेशिया) के द्वारा किए गए शोध में पाया गया कि सफेद चावल के अधिक सेवन से मधुमेह का खतरा हो सकता है। दरअसल, सफेद चावल एक हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स युक्त खाद्य पदार्थ है और ऐसे खाद्य पदार्थ रक्त में शुगर को बढ़ाने का काम करते हैं। इससे मधुमेह का जोखिम बढ़ जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) एक मापक है, जिससे यह पता चलता है कि कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ कितनी जल्दी ब्लड ग्लूकोज बनाते हैं (4) ,(5)। इसलिए, सफेद चावल का अधिक मात्रा में सेवन मधुमेह के रोगियों के लिए हानिकारक है, उन्हें इसके सेवन से बचना चाहिए।

2. मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्या

मेटाबॉलिक सिंड्रोम उन जोखिम कारकों के समूह को कहा जाता है, जो हृदय रोग के साथ स्ट्रोक और मधुमेह को बढ़ाने का काम कर सकते हैं। इन जोखिम कारकों में उच्च रक्तचाप, रक्त में शुगर की अधिकता, माेटापा, अच्छे कोलेस्ट्रॉल की कमी और हाई ट्राइग्लिसराइड को शामिल किया गया है (6)। यहां सफेद चावल का सेवन मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्या को बढ़ाने का काम कर सकता है। दरअसल, एक शोध में पाया गया कि सफेद चावल का अधिक मात्रा में सेवन ट्राइग्लिसराइड (रक्त में पाया जाने वाला एक प्रकार का फैट) के स्तर और रक्तचाप को बढ़ाने का काम कर सकता है, जिससे मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्या उत्पन्न हो सकती है (7)।

3. वजन को बढ़ाता है

सफेद चावल खाने के नुकसान मोटापे के रूप में भी सामने आ सकते हैं। सफेद चावल में कार्बोहाइड्रेट की अधिक मात्रा पाई जाती है (2)। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थ का अधिक सेवन मोटापे को बढ़ावा देने का काम कर सकता है (8)। वहीं, एक अन्य शोध सफेद चावल के सेवन और मोटापे के बीच संबंध को नकारता है (9)। इन विरोधाभासी परिणामों को देखते हुए यह कहना थोड़ा मुश्किल होगा कि सफेद चावल किस प्रकार वजन बढ़ाने के लिए जिम्मेदार है। इस विषय पर अभी और वैज्ञानिक शोध किए जाने की आवश्यकता है।

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अपने आहार में सफेद चावल के स्थान पर इसके विकल्प को शामिल कर सकते हैं, जिसके बारे में हम आपको नीचे बता रहे हैं

सफेद चावल का विकल्प क्या है?

कहा जाता है कि सफेद चावल के बिना आहार अधूरा-सा लगता है, लेकिन अधिकतर मामलों में सफेद चावल खाने के नुकसान हो सकते हैं, जैसा हमने लेख में ऊपर बताया है। इसलिए, अगर आप अपने भोजन में चावल को जोड़ना ही है, तो ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं। आप इसके स्थान पर ब्राउन राइस का उपयोग कर सकते हैं। भोजन में भूरे चावल को शामिल करके आप न सिर्फ अपने भाेजन को संपूर्ण बना सकते हैं, बल्कि भूरे चावल के गुण सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हो सकते हैं। नीचे जानिए ब्राउन राइस से होने वाले शारीरिक फायदों के बारे में –

1. कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रहता है

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक शोध के अनुसार, ब्राउन राइस का सेवन कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के उपाय के रूप में फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, इसमें हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिया (Hypocholesterolemia) यानी लो कोलेस्ट्रॉल गुण पाया जाता है, जो बढ़ते कॉलेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, शोध में पाया गया कि कुछ घंटे के लिए या फिर रात भर भिगोकर रखे ब्राउन राइस में फाइटोस्टेरॉल ग्लाइकोसाइड (Phytosterol glycosides) और ओरजानोल (Oryzanol) जैसे बायोएक्टिव घटक पाए जाते हैं। इन्हें कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए भी जाना जाता है। साथ ही इसमें पाया जाने वाले गामा एमिनो ब्यूटिरिक एसिड हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिया को बढ़ावा दे सकता है (10)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि ब्राउन राइस कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में एक सहायक भूमिका निभा सकता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि इसका अधिक सेवन जरूरी कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम भी कर सकता है, इसलिए इसका सेवन भी सीमित मात्रा में ही करें।

2. मधुमेह को कम करने के लिए भूरे चावल खाने के फायदे

जैसा कि हमने ऊपर बताया कि हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स युक्त खाद्य पदार्थ रक्त में ग्लूकोज के स्तर को तेजी से बढ़ाकर मधुमेह का कारण बन सकते हैं। इस मामले में ब्राउन राइस कुछ हद तक फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह एक लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स युक्त खाद्य पदार्थ है। लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स युक्त खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे शरीर में ग्लूकोज को बढ़ाने का काम करते हैं (11) (5)।

3. मजबूत हड्डियों के लिए

हड्डियों के लिए भी ब्राउन राइस कुछ हद तक लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर इस विषय से जुड़ा एक शोध उपलब्ध है। शोध में देखा गया कि प्रतिदिन ली गई मैग्नीशियम सप्लीमेंट की 250 मिलीग्राम मात्रा ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों की कमजोरी से जुड़ा रोग) से पीड़ित मरीजों की हड्डियों के घनत्व में सुधार का काम कर सकती है। शोध में मैग्नीशियम की पूर्ति के लिए कुछ खाद्य पदार्थों का नाम भी शामिल किया गया है, जिसमें एक नाम ब्राउन राइस का भी है (12)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि हड्डियों की मजबूती के लिए ब्राउन राइस कुछ हद तक सहायक भूमिका निभा सकता है। वहीं, अगर कोई हड्डियों से जुड़ी किसी गंभीर समस्या से जूझ रहा है, तो अच्छा होगा कि वो संबंधित डॉक्टर से संपर्क करें।

4. कैंसर से बचाव

ब्राउन राइस का सेवन कैंसर कोशिकाओं को रोकने में कुछ हद तक मदद कर सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित डिपार्टमेंट ऑफ पैथोलॉजी (जापान) ने चूहों पर इस विषय से जुड़ी एक रिसर्च की है। शोध में पाया गया कि फर्मेंटेड ब्राउन राइस पेट में ट्यूमर को बढ़ने से रोक सकता है। शोध में इस बात का जिक्र भी किया गया है कि इंसानों में कोलन कैंसर से बचाव के लिए इसे एक डाइट के रूप में लिया जा सकता है। हालांकि, इस शोध में ब्राउन राइस को विशेष प्रकार के फंगस (Aspergillus Oryzae) से फर्मेंट कर इस्तेमाल में लाया गया है (13)। यह सीधे तौर पर इस मामले में कितना कारगर होगा, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि कैंसर गंभीर बीमारी है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो डॉक्टरी उपचार कराना बहुत जरूरी है।

दोस्तों, आपने आर्टिकल के माध्यम से जाना कि कम मात्रा में खाने से सफेद चावल के गुण कुछ हद तक शरीर के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। वहीं, अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदायक हो सकता है। साथ ही आपको व्हाइट राइस के गुणकारी विकल्प ब्राउन राइस के स्वास्थ्य लाभ के बारे में भी पता चल गया है। यहां एक बात बिल्कुल साफ है कि सफेद चावल की तुलना में ब्राउन राइस ज्यादा लाभकारी हैं। ऐसे में आप ब्राउन राइस को अपनी जीवनशैली में शामिल कर सकते हैं। इस विषय से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए आप आहार विशेषज्ञ से जरूर संपर्क करें।

और पढ़े:

References

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  1. Eating Hints: Before, during, and after Cancer Treatment
    https://www.cancer.gov/publications/patient-education/eatinghints.pdf
  2. White Rice
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/397318/nutrients
  3. Rice in health and nutrition
    https://www.researchgate.net/publication/287284991_Rice_in_health_and_nutrition
  4. Effects of White Rice, Brown Rice and Germinated Brown Rice on Antioxidant Status of Type 2 Diabetic Rats
    https://www.mdpi.com/1422-0067/13/10/12952/htm
  5. Glycemic index and diabetes
    https://medlineplus.gov/ency/patientinstructions/000941.htm
  6. Metabolic Syndrome
    https://www.nhlbi.nih.gov/health-topics/metabolic-syndrome
  7. White rice consumption is a risk factor for metabolic syndrome in Tehrani adults: a prospective approach in Tehran Lipid and Glucose Study
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/24916530/
  8. Did the food environment cause the obesity epidemic?
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5769871/
  9. The association between dietary intake of white rice and central obesity in obese adults
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3653247/
  10. The Hypocholesterolemic Effect of Germinated Brown Rice Involves the Upregulation of the Apolipoprotein A1 and Low-Density Lipoprotein Receptor Genes
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3647596/
  11. Blood glucose lowering effects of brown rice in normal and diabetic subjects4
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17127465/
  12. Essential Nutrients for Bone Health and a Review of their Availability in the Average North American Diet
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3330619/
  13. Preventive effect of fermented brown rice and rice bran against colon carcinogenesis in male F344 rats
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12066215/
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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