Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

फल और साग-सब्जियों के मामले में भारत एक धनी देश माना जाता है। यहां नॉनवेज की तुलना में शाकाहारी भोजन के असंख्य प्रकार आपको दिख जाएंगे, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग सभी स्वादिष्ट सब्जियों का आनंद नहीं उठा पाते। अगर आप भी खाने-पीने के शौकीन हैं और अपने आहार में गुणकारी खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहते हैं, तो स्टाइलक्रेज का यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है। यहां हम गुणकारी सहजन के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं, जिसके विभिन्न स्वास्थ्य फायदों के बारे में शायद आपको पता न हो। हमारे साथ जानिए स्वास्थ्य के लिए सहजन के लाभ। इसके अलावा, हम इस लेख में शरीर के लिए सहजन का उपयोग कैसे करना है, वो भी जानकारी देंगे।

सबसे पहले जानते हैं कि सहजन क्या है और उसके बारे में कुछ अन्य बातें भी जान लेते हैं।

सहजन क्या है?

सहजन एक प्रकार की फली है, जिसका उपयोग सब्जी के तौर पर किया जाता है। इसे अंग्रेजी में ड्रमस्टिक (Drumstick) या मोरिंगा (Moringa) कहा जाता है। इसका वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा (Moringa Oleifera) है। आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि भारत मोरिंगा का सबसे बड़ा उत्पादक है, यहां इसका वार्षिक उत्पादन 1.1 से 1.3 मिलियन टन है (1)। सहजन का पेड़ बहुत ही तेजी से बढ़ता है और इसकी फलियों के साथ इसके पत्ते और फूल का भी इस्तेमाल खाने के लिए किया जाता है। सहजन के ये तीनों भाग बहुत गुणकारी होते हैं। लेख के आगे के भाग में हम न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए, बल्कि त्वचा के लिए भी सहजन के फायदे की जानकारी देंगे।

सहजन के फायदे – Benefits of Sehjan (Drumstick) in Hindi

1. मोटापे के लिए सहजन के फायदे

अगर आप मोटापे या बढ़ते वजन की समस्या से परेशान हैं, तो अब आपको काफी हद तक राहत मिल सकती है। अब काफी हद तक राहत मिल सकती है। हरी सब्जियों की लिस्ट में सहजन की फली या पत्तियों को शामिल कर बढ़ते वजन की परेशानी को कुछ हद तक नियंत्रित कर सकते हैं। दरअसल, इसमें क्लोरोजेनिक एसिड (Chlorogenic Acid) मौजूद होता है, जिसमें एंटी-ओबेसिटी गुण मौजूद होते हैं, जिससे मोटापे या वजन की परेशानी से लड़ने में मदद मिल सकती है (2)। आप इसे एक स्वास्थ्यवर्धक खाद्य पदार्थ के रूप में अपने आहार में शामिल कर सकते हैं (3)।

2. कैंसर के लिए सहजन के लाभ

सहजन में मौजूद औषधीय गुण कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं। दरअसल, सहजन की छाल और सहजन की पत्तियों में एंटी-कैंसर और एंटी-ट्यूमर गुण मौजूद होते हैं (4) (5)। इसके अलावा, सहजन की पत्तियां पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) और पॉलीफ्लोनोइड्स (Polyflavonoids) से समृद्ध होती हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-कैंसर यौगिक होते हैं, जो इस घातक बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं (6)।

3. मधुमेह के लिए सहजन के लाभ

सहजन की फलियों, छाल और अन्य भागों में एंटी-डायबिटिक गुण मौजूद होते हैं, जो मधुमेह के लिए गुणकारी साबित हो सकते हैं और मधुमेह के स्तर को कम कर सकते हैं (4) (5)। अगर आपको सहजन खाना पसंद न हो, तो आप डॉक्टर की सलाह से सहजन की पत्तियों की टैबलेट भी ले सकते हैं, क्योंकि इसमें भी एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं (2) (7)।

4. हड्डियों के लिए सहजन के फायदे

बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों की देखभाल और उन्हें स्वस्थ रखना भी जरूरी है। आप अपनी हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए सहजन का सेवन कर सकते हैं। मोरिंगा को कैल्शियम, मैग्नीशियम और फास्फोरस का अच्छा स्रोत माना गया है, जो हड्डियों के लिए जरूरी पोषक तत्व हैं (8) (9)। इन गुणों की मौजूदगी की वजह से सहजन हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। फिलहाल, अभी इस पर और शोध की जरूरत है। इसके अलावा, इसमें एंटी-ऑस्टियोपोरोटिक (Anti-Osteoporotic) गुण भी होते हैं, जो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी की बीमारी के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं (10)।

5. हृदय को स्वस्थ रखने के लिए

हृदय शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। ऐसे में हृदय को स्वस्थ रखना और उसका ध्यान रखना जरूरी है। अगर आप अपने हृदय को स्वस्थ रखना चाहते हैं, तो अपने आहार में सहजन की पत्तियों को शामिल करें। सहजन की पत्तियों में उच्च मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो शरीर में इंफ्लेमेशन के कारण होने वाली समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करते हैं और हृदय संबंधी परेशानी उन्हीं में से एक है। सहजन की पत्तियों में मौजूद बीटा कैरोटीन (β carotene) एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य कर हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (2)।

6. एनीमिया के लिए

सहजन के गुण की बात करें, तो इसकी छाल या इसकी पत्तियों का सेवन एनीमिया यानी लाल रक्त कोशिकाओं की कमी से बचाव के लिए भी किया जा सकता है। सहजन की पत्तियों के एथनोलिक एक्सट्रैक्ट (Ethanolic Extract) में एंटी-एनीमिया गुण मौजूद होते हैं और इसके सेवन से हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार हो सकता है, जिससे लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद मिल सकती है (11) (12)।

[ पढ़े: एनीमिया (खून की कमी) के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज ]

7. मस्तिष्क के लिए सहजन के फायदे

सहजन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में भी मदद कर सकता है। बढ़ती उम्र का असर मस्तिष्क पर भी हो सकता है और मस्तिष्क संबंधी बीमारी जैसे – अल्जाइमर (Alzheimer’s Disease- भूलने की बीमारी), पार्किंसंस (Parkinson’s Disease- सेंट्रल नर्वस सिस्टम से जुड़ा विकार ) और ऐसी ही कई अन्य समस्याएं हो सकती है। ऐसे में सहजन का सेवन काफी लाभदायक हो सकता है। यह नोओट्रॉपिक (Nootropics- मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए एक तरह की दवा) की तरह काम कर सकता है, यानी मस्तिष्क संबंधी परेशानियों को दूर करने में मदद कर सकता है। यह अल्जाइमर रोगियों में यानी जिन्हें भूलने की बीमारी हो जाती है, उनमें याददाश्त तेज या सुधार करने में भी सहायक हो सकता है (2)।

8. लिवर के लिए सहजन

गलत खान-पान और जीवनशैली का लिवर पर काफी गलत प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में जरूरी है वक्त रहते अपने खान-पान को सुधार लें और न सिर्फ सही वक्त पर खाना, बल्कि सही आहार को अपने डाइट में शामिल करें। अन्य आहारों के साथ डाइट में सहजन की फली या इसकी पत्तियों को शामिल किया जा सकता है। इसमें क्वारसेटिन (Quercetin) नामक फ्लैवनॉल होते हैं, जो हेपाटोप्रोटेक्टिव (Hepato-Protective) की तरह कार्य करते हैं, यानी लिवर को किसी भी प्रकार की क्षति से बचाकर सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, सहजन की फली, फूल या सहजन की पत्तियों को डाइट में शामिल करें और लिवर को घातक बीमारियों के जोखिम से बचाएं (2)।

9. इम्युनिटी के लिए सहजन का उपयोग

अगर किसी व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है, तो उस व्यक्ति के बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में जरूरी है कि अपनी डाइट में उन खाद्य पदार्थों को शामिल किया जाए, जो रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करने में मदद करें। इन्हीं खाद्य पदार्थों में से एक है सहजन। सहजन की फली या इसकी पत्तियों के सेवन से इम्यूनिटी में सुधार हो सकता है। इसका संतुलित मात्रा में सेवन रोग-प्रतिरोधक क्षमता में सुधार कर सकता है। ध्यान रहे कि इसे अगर जरूरत से ज्यादा खाया गया, तो इसमें इसोथियोसीयानेट (Isothiocyanate) और ग्लाइकोसाइड सायनाइड (Glycoside Cyanides) नामक विषैले तत्व होते हैं, जो तनाव को बढ़ा सकते हैं और इसके एंटीऑक्सीडेंट असर को कम कर सकते हैं। इसलिए, इसका सेवन संतुलित मात्रा में करें (13)।

10. पेट के लिए सहजन के फायदे

सहजन या सहजन की पत्तियों का सेवन कई पेट संबंधी समस्याओं जैसे – पेट दर्द और अल्सर से बचाव कर सकते हैं (12)। इसमें एंटी-अल्सर गुण मौजूद होते हैं, जिस कारण इसके सेवन से अल्सर के जोखिम से बचाव हो सकता है। वहीं, ऊपर हमने पहले ही आपको जानकारी दी है कि यह लिवर की समस्याओं से भी राहत दिला सकता है (4) (14)। इतना ही नहीं इसकी छाल भी पेट के लिए उपयोगी है, यह पाचन क्रिया में सुधार करने में मदद कर सकती है।

11. त्वचा के लिए सहजन के गुण

सिर्फ स्वास्थ्य को ही नहीं, बल्कि त्वचा को भी स्वस्थ रखना आवश्यक है। आपकी त्वचा भी आपके अच्छे और बुरे स्वास्थ्य के बारे में संकेत देती है। अगर त्वचा में चमक न हो तो इसका मतलब यह है कि आपकी त्वचा स्वस्थ नहीं है। ऐसे में सहजन या सहजन की पत्तियों के सेवन से आप अपनी त्वचा को स्वस्थ बना सकते हैं। सहजन में मौजूद एंटीबैक्टीरियल, एंटीवायरल व एंटीफंगल गुण त्वचा के रैशेज, त्वचा संबंधी संक्रमण या अन्य त्वचा संबंधी बीमारियों के जोखिम से बचाव कर सकते हैं (4) (14) (12)।

12. एंटी-एजिंग के लिए सहजन के लाभ

बढ़ती उम्र का असर चेहरे पर भी दिखने लगता है, नतीजतन चेहरे की चमक कम होने लगती है और झुर्रियां बढ़ने लगती हैं। ऐसे में आप में से कई लोग एंटी-एजिंग क्रीम का भी सहारा लेते होंगे, जिसका असर कुछ वक्त तक ही रहता है। इस कारण इसका उपयोग बार-बार करने की जरूरत होती है। इस स्थिति में बेहतर है कि आप अपनी डाइट का सही तरीके से चुनाव करें, क्योंकि कहीं न कहीं आपकी डाइट का असर आपकी त्वचा और चेहरे पर पड़ता है। आप अपने डाइट में सहजन को या इसकी पत्तियों को शामिल कर सकते हैं। इसका सेवन आपके चेहरे पर बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकता (12) है। इतना ही नहीं इसके बीज भी कम उम्र में त्वचा पर एजिंग के प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं (4)।

लेख के इस भाग में हम आपको इसमें मौजूद पौष्टिक तत्वों की जानकारी देंगे, जो इसे इतना गुणकारी बनाते हैं।

सहजन के पौष्टिक तत्व – Drumstick Nutritional Value in Hindi

नीचे जानिए उन पौष्टिक तत्वों के बारे में जो सहजन को इतना लाभदायक बनाता है (15)।

पौष्टिक तत्वमात्रा  प्रति 100 ग्राम
पानी88.2 ग्राम
एनर्जी37 केसीएल
एनर्जी155 केजे
प्रोटीन2.1 ग्राम
टोटल लिपिड (फैट)0.2 ग्राम
ऐश0.97 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट, बाय डिफरेंस8.53 ग्राम
फाइबर, टोटल डाइटरी3.2 ग्राम
कैल्शियम30 मिलीग्राम
आयरन0.36 मिलीग्राम
मैग्नीशियम45 मिलीग्राम
फास्फोरस50 मिलीग्राम
पोटैशियम461 मिलीग्राम
सोडियम42 मिलीग्राम
जिंक0.45 मिलीग्राम
कॉपर0.084 मिलीग्राम
मैंगनीज0.259 मिलीग्राम
सेलेनियम0.7 माइक्रोग्राम
विटामिन सी, टोटल एस्कॉर्बिक एसिड141 मिलीग्राम
थायमिन0.053 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.074 मिलीग्राम
नियासिन0.62 मिलीग्राम
पैंटोथैनिक एसिड0.794 मिलीग्राम
विटामिन बी-60.12 मिलीग्राम
फोलेट, टोटल44 माइक्रोग्राम
फोलेट, फूड44 माइक्रोग्राम
फोलेट, डीएफई44 माइक्रोग्राम
विटामिन ए, आरएई4 माइक्रोग्राम
विटामिन ए , आईयू74 आईयू(IU)
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड0.033 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.102 ग्राम
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड0.003 ग्राम

सहजन के फायदे आपको तभी मिलेंगे, जब आप इसका सही तरीके से उपयोग करेंगे। इसलिए, लेख के इस भाग में हम आपको सहजन का उपयोग बता रहे हैं, ताकि आप सहजन के गुण का लुत्फ उठा सकें।

सहजन का उपयोग – How to Use Drumstick (Sahjan) in Hindi

नीचे कुछ आसान तरीकों से सहजन का उपयोग जानें और स्वास्थ्य के लिए सहजन के लाभ का आनंद लें।

  • आप सहजन का उपयोग सब्जी बनाकर कर सकते हैं।
  • आप सहजन की पत्तियों की सब्जी बना सकते हैं या आप इसे सांभर में भी उपयोग कर सकते हैं।
  • आप सहजन को काटकर उसका उपयोग सूप में भी कर सकते हैं।
  • डॉक्टरी सलाह से सहजन की पत्तियों की टैबलेट का भी सेवन कर सकते हैं।
  • सहजन की पत्तियों और फूल को सुखाकर उसका पाउडर बनाकर सलाद, सूप और सब्जी में उसका उपयोग भी कर सकते हैं।

हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। अगर किसी चीज को जरूरत से ज्यादा या गलत तरीके से सेवन किया जाए, तो उसके नुकसान भी हो सकते हैं। वैसे ही सहजन के नुकसान भी हो सकते हैं, अगर उसका सही तरीके से सेवन न किया जाए।

सहजन के नुकसान – Side Effects of Drumstick (Sahjan) in Hindi

नीचे जानिए सहजन के नुकसान।

  • गर्भावस्था में संतुलित मात्रा में सहजन की फलियों और पत्तियों का सेवन कर सकते हैं (16) हालांकि, इसकी छाल के सेवन से गर्भपात होने का खतरा हो सकता है (17)। ऐसे में बेहतर है कि सेवन करने से पहले विशेषज्ञ की राय लें।
  • सहजन के पत्ते हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (18), लेकिन ध्यान रहे कि जिनको लो ब्लड प्रेशर की परेशानी है, वो इसका सेवन न करें। यह लो ब्लड प्रेशर का कारण बन सकता है।
  • जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इसके सेवन से मधुमेह में राहत मिल सकती है, लेकिन इसके अधिक सेवन से ब्लड ग्लूकोज के स्तर में जरूरत से ज्यादा कमी भी हो सकती है, जो खतरनाक हो सकता है।

नोट: बताए गए नुकसान धारणाओं और अनुमान के आधार पर हैं, इन पर अभी और शोध की जरूरत है। हमने इनके बारे में आपको इसलिए बताया ताकि आप इसका सेवन संतुलित मात्रा में करें और सहजन के लाभ का आनंद लें।

सहजन के नुकसान से डरने की जरूरत नहीं है, क्योंकि इसका सही मात्रा में उपयोग स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है। अगर अभी तक आपने सहजन को अपने आहार में शामिल नहीं किया है, तो आशा करते हैं कि ऊपर सहजन के फायदे जानने के बाद आप इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करेंगे। मोरिंगा आवश्यक पोषक तत्वों से परिपूर्ण है। यह आसानी से उपलब्ध है और आप आसानी से सहजन का उपयोग कर सकते हैं। इस लेख को दूसरों के साथ शेयर करके इस गुणकारी खाद्य पदार्थ से जुड़ी जानकारियों को दूसरों के साथ भी साझा करना न भूलें।

References

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  3. Ayurveda for Obesity
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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