विषय सूची
बीमारी कभी भी किसी को भी हो सकती है। कुछ बीमारियां अचानक होती हैं और कुछ हमारी आदतों की वजह से। ‘स्कर्वी रोग’ उन्हीं में से एक है। अगर खाने में पर्याप्त विटामिन-सी युक्त आहार न हो, तो यह बीमारी आसानी से व्यक्ति को अपना शिकार बना सकती है। ऐसे में स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल के जरिए हम स्कर्वी रोग के प्रति अपने पाठकों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं। स्कर्वी रोग क्या है, इसकी जानकारी के साथ-साथ यहां स्कर्वी रोग के कारण, लक्षण, निदान और उपचार की भी जानकारी मिलेगी। इस बारे में जानने के लिए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।
लेख विस्तार से पढ़ें
सबसे पहले समझते हैं कि स्कर्वी रोग क्या है।
स्कर्वी क्या है? – What is Scurvy in Hindi
यह विटामिन-सी (एस्कॉर्बिक एसिड) की कमी से होने वाली गंभीर बीमारी है। ज्यादातर लोग समझते हैं कि यह रोग पहले के समय में होता था। दरअसल, समुद्री यात्रा करने वाले नाविक इस बीमारी का शिकार होते थे। लोगों का मानना है कि आज के वक्त में यह दुर्लभ समस्या है, लेकिन हम इस लेख के माध्यम से अपने पाठकों को यह बता दें कि जिस किसी व्यक्ति के आहार में विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा नहीं होती है, उन सभी को इस बीमारी का जोखिम हो सकता है (1)। लेख में आगे हम स्कर्वी से जुड़ी कई अन्य जरूरी जानकारियां भी अपने पाठकों के साथ साझा करेंगे।
नीचे स्क्रॉल करें
स्कर्वी रोग क्या है यह जानने के बाद अब स्कर्वी के लक्षण समझने की बारी है।
स्कर्वी के लक्षण – Symptoms of Scurvy in Hindi
स्कर्वी के बारे में जानकारी होने के बाद स्कर्वी के लक्षण को भी जानना जरूरी है। आमतौर पर इसके लक्षणों को दो भागों में बांटा गया है। इसी आधार पर हम भी यहां स्कर्वी के शुरुआती लक्षण और बाद के लक्षणों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। आइए, इस बारे में जानते हैं (1) :
स्कर्वी के शुरुआती लक्षण-
- अस्वस्थ या अच्छा महसूस न करना
- थकान होना
- भूख में कमी आना
- जी मिचलाना
- दस्त की शिकायत
- बुखार आना
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द
- त्वचा में दिखाई देने वाले रोम छिद्रों से हल्का-हल्का खून निकलना।
देरी से नजर आने वाले लक्षण-
- मसूड़ों में सूजन और खून निकलने की समस्या।
- दांतों का कमजोर होना।
- आंखों में सूजन या प्रोप्टोसिस (Proptosis) यानी आंखों का उभर आना।
- त्वचा से जल्दी खून आना (गंभीर या हल्की चोट में भी)।
- पपड़ीदार, शुष्क और भूरी त्वचा होना।
- घाव धीरे-धीरे भरना।
- ठीक हुआ घाव फिर से ताजा होना।
- जोड़ों और मांसपेशियों में रक्तस्राव होना, जिससे हाथ और पैरों की हड्डियों में सूजन की समस्या हो सकती है।
- शिशुओं और बच्चों में हड्डियों का विकास न होना।
पढ़ते रहें लेख
लेख के इस भाग में जानेंगे स्कर्वी रोग के कारण और जोखिम कारकों के बारे में।
स्कर्वी रोग के कारण और जोखिम कारक – Scurvy Causes and Risk factors in Hindi
मुख्य रूप से स्कर्वी आहार में विटामिन-सी की कमी के कारण होने वाली बीमारी है। इसके कुछ अन्य जोखिम कारक भी हो सकते हैं, जो इस प्रकार हैं (1) (2):
- शराब या नशीले पदार्थों (ड्रग्स) का सेवन करना।
- पौष्टिक आहार न लेना।
- ईटिंग डिसॉर्डर यानी खाने से जुड़े विकार जैसे – ऐनोरेक्सिया नर्वोसा (anorexia nervosa- वजन बढ़ने के डर से न खाना) या बुलीमिया (bulimia- एक बार में बहुत ज्यादा खाना)।
- मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी तरह की समस्या, जैसे- अवसाद या सिजोफ्रेनिया के कारण (एक प्रकार का मानसिक विकार)।
- किसी गंभीर बीमारी के उपचार के कारण, जैसे- कीमोथेरेपी। इसमें मतली या भूख में कमी जैसे साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते हैं। इसके फलस्वरूप व्यक्ति की डाइट में बदलाव हो सकता है, जिससे शरीर में पौष्टिक तत्वों की कमी हो सकती है।
- स्कर्वी रोग के कारण में क्रोहन रोग या अल्सरेटिव कोलाइटिस भी शामिल हैं। इन दोनों स्थितियों में पाचन तंत्र के अंदर सूजन हो सकती है। इस कारण भोजन पचाने की क्षमता प्रभावित हो सकती है, जो स्कर्वी रोग का कारण या जोखिम कारक बन सकता है।
- बच्चों को भी स्कर्वी का खतरा हो सकता है (3)।
पढ़ना जारी रखें
स्कर्वी रोग के कारण के बाद अब समझते हैं कि स्कर्वी रोग का निदान कैसे संभव है।
स्कर्वी रोग का निदान – Scurvy Diagnosis In Hindi
यहां आप जानेंगे कि डॉक्टर स्कर्वी डिजीज की जांच किन-किन तरीकों से कर सकते हैं। स्कर्वी डिजीज का निदान कुछ इस प्रकार है (1):
- डॉक्टर शरीर पर दिखने वाले लक्षणों के बारे में मरीज से पूछ सकते हैं।
- आहार से संबंधित आदतों के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
- डॉक्टर मरीज से उसकी मेडिकल हिस्ट्री (पहले से कोई स्वास्थ्य समस्या) के बारे में पूछ सकते हैं।
- ब्लड टेस्ट की सलाह दी जा सकती है। इससे शरीर में विटामिन-सी और आयरन के स्तर के बारे में पता लगाया जा सकता है।
- जोड़ों के एक्स-रे की सलाह दी जा सकती है।
अब हम जानेंगे स्कर्वी के उपचार से जुड़ी आवश्यक बातों के बारे में।
स्कर्वी का इलाज – Treatment of Scurvy in Hindi
जैसा कि हमने बताया कि स्कर्वी विटामिन-सी की कमी के कारण होने वाला रोग है। ऐसे में स्कर्वी के उपचार की अगर बात की जाए तो यह आसान है। स्कर्वी के उपचार से जुड़ी जानकारियां कुछ इस प्रकार हैं (1) :
- विटामिन-सी युक्त डाइट – अगर किसी व्यक्ति में स्कर्वी के सामान्य लक्षण हों, तो डॉक्टर विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करने की सलाह दे सकते हैं।
- विटामिन-सी सप्लीमेंट – अगर किसी व्यक्ति में स्कर्वी के लक्षण गंभीर हो, तो डॉक्टर मरीज को विटामिन-सी का सप्लीमेंट लेने की सलाह दे सकते हैं। सामान्य तौर पर स्कर्वी के लक्षणों से राहत के लिए डॉक्टर प्रतिदिन कम से कम 250 मिलीग्राम विटामिन-सी सप्लीमेंट लेने का सुझाव दे सकते हैं। व्यक्ति की उम्र और बीमारी की गंभीरता के अनुसार इस खुराक में बदलाव हो सकते हैं। ध्यान रहे कि विटामिन-सी सप्लीमेंट डॉक्टर की सलाह अनुसार ही लिए जाएं। इसकी गलत खुराक फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकती है।
- लक्षणों के आधार पर – एनीमिया की समस्या यानी खून की कमी स्कर्वी के लक्षणों में से एक है (4)। ऐसे में अगर किसी को स्कर्वी के साथ खून की कमी की परेशानी भी हुई है, तो डॉक्टर इस आधार पर भी स्कर्वी का उपचार कर सकते हैं। इसमें डाइट में बदलाव, एनीमिया की दवा और सप्लीमेंट्स भी शामिल हो सकते हैं।
- आदतों के आधार पर इलाज – जैसे कि हमने पहले ही जानकारी दी है कि व्यक्ति की कुछ आदतें जैसे – धूम्रपान, शराब का सेवन, कम या अधिक खाना भी स्कर्वी के जोखिम कारक हैं। इस स्थिति में डॉक्टर व्यक्ति के आदतों को ध्यान में रखते हुए स्कर्वी का उपचार कर सकते हैं। इसमें जीवनशैली में बदलाव करने की राय दी जा सकती है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर मरीज को आहार विशेषज्ञ से परामर्श लेने की सलाह भी दे सकते हैं।
लेख अभी बाकी है
चलिए, अब हम बताएंगे कि स्कर्वी रोग में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।
स्कर्वी में क्या खाना चाहिए – Foods to Eat for Scurvy in Hindi
स्कर्वी रोग को ठीक करने या उससे बचाव के लिए खानपान का ध्यान रखना जरूरी है। इसलिए, लेख के इस भाग में हम विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों की जानकारी दे रहे हैं, जो स्कर्वी रोग में लाभकारी हो सकते हैं। साथ ही इस दौरान क्या नहीं खाना चाहिए, इसकी जानकारी भी हम आपको देंगे (5)।
- फल – आहार में विटामिन-सी युक्त फल जैसे – संतरा, कीवीफ्रूट, चकोतरा व स्ट्रॉबेरी को शामिल कर सकते हैं। अगर फल न पसंद हो, तो डाइट में फलों के जूस का सेवन भी कर सकते हैं। इनमें से संतरा, चकोतरा व नींबू सिट्रस फलों की श्रेणी में आते हैं, जो स्कर्वी के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
- हरी सब्जियां – फलों के साथ खाने में हरी सब्जियों को शामिल करना भी अच्छा विकल्प हो सकता है। पालक, ब्रोकोली, आलू, फूलगोभी व पत्ता गोभी जैसी हरी सब्जियों को अपने आहार में जगह दें। ये पौष्टिक सब्जियां स्कर्वी की समस्या से बचाव या इसके लक्षणों को कम करने के लिए उपयोगी हो सकती हैं।
चलिए जानते हैं कि स्कर्वी में क्या नहीं खाना चाहिए-
- शराब या नशीले पदार्थों का सेवन न करें, क्योंकि ये स्कर्वी का कारण बन सकते हैं या स्कर्वी के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं (2)।
- स्मोक नहीं करना चाहिए।
- जंक फूड्स का सेवन न करें, क्योंकि इनमें पौष्टिक तत्वों की कमी हो सकती है।
- ओवर कुक्ड यानी जरूरत से ज्यादा पका हुआ खाने से बचें। दरअसल, इससे उनमें मौजूद विटामिन-सी और पोषक तत्वों की मात्रा में बदलाव हो सकते हैं (6)। ज्यादा तला-भुना खाने से बचें।
पूरा आर्टिकल जरूर पढ़ें
यहां हम विटामिन-सी की डेली डोज के बारे में बताएंगे।
रोज कितना विटामिन-सी लेना चाहिए – Daily recommended vitamin C in Hindi
विटामिन-सी की कमी को पूरा करने के लिए इसका सेवन सही मात्रा में करना जरूरी है। इसलिए, हमने यहां उम्र के हिसाब से किसे कितनी मात्रा में विटामिन-सी का सेवन करना चाहिए, इसकी जानकारी आपके साथ साझा की है (5)।
उम्र | पुरुष | महिला | गर्भवती | ब्रेस्टफीडिंग के दौरान |
---|---|---|---|---|
0-6 माह | 40 मिलीग्राम | 40 मिलीग्राम | ||
7-12 माह | 50 मिलीग्राम | 50 मिलीग्राम | ||
1-3 साल | 15 मिलीग्राम | 15 मिलीग्राम | ||
4 -8 साल | 25 मिलीग्राम | 25 मिलीग्राम | ||
9 – 13 साल | 45 मिलीग्राम | 45 मिलीग्राम | ||
14- 18 साल | 75 मिलीग्राम | 65 मिलीग्राम | 80 मिलीग्राम | 115 मिलीग्राम |
19 से अधिक साल | 90 मिलीग्राम | 75 मिलीग्राम | 85 मिलीग्राम | 120 मिलीग्राम |
नोट: व्यक्ति के स्वास्थ्य और आदतों के आधार पर ऊपर बताई गई विटामिन-सी की मात्रा में बदलाव हो सकते हैं।
जुड़े रहें हमारे साथ
इस भाग में हम बता रहे हैं कि स्कर्वी की समस्या में डॉक्टर से संपर्क कब करना चाहिए।
स्कर्वी के लिए डॉक्टर की सलाह कब लेनी चाहिए? When should you consult a doctor for scurvy?
हमने लेख के शुरुआत में ही स्कर्वी के लक्षणों के बारे में जानकारी साझा की है। आमतौर पर ऐसे लक्षणों में व्यक्ति डॉक्टरी परामर्श लेते हैं। अगर लक्षण सामान्य हो, तो स्कर्वी डिजीज में डॉक्टर विटामिन-सी युक्त आहार लेने की सलाह दे सकते हैं। अगर डॉक्टर के कहे अनुसार डाइट में बदलाव के बावजूद लक्षणों में कोई सुधार न देखने को मिले और दिन-प्रतिदिन समस्या गंभीर होने लगे, तो डॉक्टरी सलाह लेने में देर न करें।
बने रहें हमारे साथ
लेख के इस भाग में हम बताएंगे स्कर्वी रोग से बचाव के तरीकों के बारे में।
स्कर्वी से बचाव – Prevention Tips for Scurvy in Hindi
अगर सही जानकारी और स्कर्वी रोग के प्रति जागरूकता हो, तो स्कर्वी रोग से बचाव संभव हो सकता है। इसलिए, यहां हम कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिससे स्कर्वी से बचाव किया जा सकता है (7)।
- विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करें।
- शिशुओं के लिए मां का दूध अमृत से कम नहीं होता है। शिशुओं में स्कर्वी के जोखिम को कम करने के लिए भी ब्रेस्ट मिल्क उपयोगी हो सकता है। दरअसल, मां का दूध विटामिन-सी से समृद्ध होता है।
- स्मोकिंग और अल्कोहल का सेवन न करें।
- अपने आहार में फोर्टिफाइड अनाज (ऐसे खाद्य पदार्थ, जिनमें पोषक तत्वों को अलग से मिलाया जाता है) को शामिल करें ।
- पाचन क्रिया को सही रखने की कोशिश करें।
- नियमित योगासन और व्यायाम करते रहें। बीमारियों से बचाव के लिए योग या व्यायाम करना जरूरी है।
इस लेख में हमने स्कर्वी जैसी दुर्लभ बीमारी के बारे में आसान शब्दों में जानकारी दी है। भले ही यह बीमारी असामान्य है, लेकिन डाइट को लेकर थोड़ी-सी लापरवाही से ही यह बीमारी शरीर को अपना घर बना सकती है। ऐसे में अपने आहार पर ध्यान दें। साथ ही अगर आर्टिकल में बताए गए स्कर्वी के लक्षण शरीर में दिखें, तो डॉक्टरी सलाह जरूर लें। इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर कर के दूसरों को भी दुर्लभ, लेकिन गंभीर स्कर्वी रोग से जुड़ी जानकारियां दें। याद रखें, इस रोग की जागरूकता ही इससे बचाव कर सकती है। आगे हम पाठकों द्वारा इस विषय पर पूछे गए कुछ जरूरी सवालों के जवाब दे रहे हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या स्कर्वी को ठीक किया जा सकता है?
हां, स्कर्वी को ठीक किया जा सकता है।
स्कर्वी सबसे आम कहां है?
स्कर्वी सबसे आम औद्योगिक देशों में है (8)।
स्कर्वी का खतरा सबसे अधिक किसे है?
स्कर्वी का खतरा उन लोगों को अधिक रहता है, जो (8) :
- पौष्टिक आहार नहीं लेते हैं।
- जो तंबाकू या नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं।
- जिन्हें ईटिंग डिसॉर्डर हो।
- पुरुषों को स्कर्वी का जोखिम अधिक होता है।
स्कर्वी के धब्बे कैसे दिखते हैं?
स्कर्वी के धब्बे त्वचा पर लाल या नीले रंग के दिखाई देते हैं।
क्या अधिक विटामिन-सी का सेवन स्कर्वी का कारण बन सकता है?
नहीं, विटामिन-सी की कमी के कारण स्कर्वी रोग होता है।
स्कर्वी को नाविक रोग क्यों कहा जाता है?
माना जाता है कि पहले के दिनों में नाविक कई-कई महीनों तक समुद्री यात्रा पर रहते थे। जहां उन्हें फल और सब्जियों जैसे पौष्टिक आहार नहीं मिलते थे। इस कारण वो स्कर्वी बीमारी का शिकार हो जाते थे। इसलिए, इस बीमारी को नाविक रोग कहा जाता है (1)।
स्कर्वी रोग किस विटामिन की कमी से होता है?
विटामिन-सी की कमी से स्कर्वी रोग होता है।
References
Articles on thebridalbox are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
- Scurvy
https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/healthyliving/scurvy - Scurvy
https://www.nhp.gov.in/disease/oral/scurvy - Scurvy may occur even in children with no underlying risk factors: a case report
https://www.researchgate.net/publication/338793199_Scurvy_may_occur_even_in_children_with_no_underlying_risk_factors_a_case_report - Scurvy: A Rare Cause of Anemia
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6823021/ - Vitamin C
https://ods.od.nih.gov/factsheets/VitaminC-HealthProfessional/ - Impact Of Cooking On Nutritional Content Of Food
http://journals.du.ac.in/ugresearch/pdf-vol3/U18.pdf - Conclusions and Recommendations
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK230146/ - Vitamin C Deficiency
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK493187/#:~:text=Risk%20factors%20for%20deficiency%20include,countries%2C%20overt%20scurvy%20is%20rare
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.