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सेब एक पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक फल है, इसलिए कहा जाता है कि प्रतिदिन आहार में एक सेब शामिल करना डॉक्टर से दूरी बनाए रखने के लिए काफी है। इसी तरह नियमित रूप से सेब के जूस का सेवन भी कई गंभीर बीमारियों से बचाव करने में मददगार हो सकता है। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम सेब के जूस के फायदे के साथ ही सेब के जूस का उपयोग करने के तरीके बताने जा रहे हैं। इतना ही नहीं, यहां हम आपको सेब के जूस के नुकसान से भी अवगत कराएंगे। हालांकि, इसके साथ ही आपको ध्यान रखना होगा कि सेब का जूस केवल समस्याओं में राहत पहुंचा सकता है, किसी समस्या का पूर्ण इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।
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तो आइए, लेख में आगे बढ़कर हम पहले सेब के जूस के फायदे जान लेते हैं।
सेब के जूस के फायदे – 11 Apple Juice Benefits In Hindi
यहां हम क्रमवार बेनिफिट्स ऑफ एप्पल जूस बताने जा रहे हैं, जिससे इसकी उपयोगिता को समझने में मदद मिलेगी।
1. हृदय स्वास्थ्य के लिए
हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सेब का जूस उपयोगी साबित हो सकता है। खरगोश पर आधारित सेब के जूस से संबंधित एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में इस बात को माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि सेब के जूस में एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों को नष्ट करने वाला) और एंटी इन्फ्लामेट्री (सूजन को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। ये दोनों ही प्रभाव संयुक्त रूप एथेरोस्क्लेरोसिस (आर्टरी वाल पर वसा, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों का जमना) को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकते हैं (1)। वहीं, एथेरोस्क्लेरोसिस को हृदय रोग के मुख्य कारणों में एक माना गया है (2)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि सेब का जूस हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
2. अस्थमा में सहायक
अस्थमा की समस्या से पीड़ित व्यक्तियों के लिए भी सेब का जूस उपयोगी साबित हो सकता है। विषय से जुड़े एक शोध में भी इस बात को सीधे तौर पर स्वीकार किया गया है। शोध में माना गया है कि सेब से तैयार प्रोडक्ट (सेब के जूस) में फाइटोकेमिकल्स की मौजूदगी के कारण इसमें एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों को नष्ट करने वाला) प्रभाव पाया जाता है। सेब के जूस का यह प्रभाव पल्मोनरी डिजीज (फेफड़ों से संबंधित विकार) को दूर करने में मदद कर सकता है। वहीं, अस्थमा भी फेफड़ों से संबंधित एक विकार है, जिसमें भी सीधे तौर पर सेब का जूस सहायक माना गया है (3)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि अस्थमा से बचाव के लिए भी सेब के जूस का उपयोग किया जा सकता है।
3. कब्ज से राहत दिलाए
सेब का जूस उपयोग कर कब्ज की समस्या से राहत पाने में भी मदद मिल सकती है। कब्ज से संबंधित हिप्पोकरातिया मेडिकल जर्नल से जुड़े एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में माना गया है कि सेब के जूस में सोर्बिटोल नाम का एक विशेष कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। यह मल में पानी की मात्रा को बढ़ाकर कब्ज की समस्या से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (4)। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि कब्ज की समस्या से राहत पाने में बेनिफिट्स ऑफ एप्पल जूस मददगार साबित हो सकते हैं।
4. वजन नियंत्रण में उपयोगी
बढ़ते हुए वजन के नियंत्रण के मामले में भी सेब का जूस लाभकारी साबित हो सकता है। जर्मनी के मैक्स रुबनर इंस्टीट्यूट द्वारा सेब के गाढ़े जूस पर किए गए एक अध्ययन से यह बात साफ होती है। शोध में पाया गया कि करीब चार हफ्तों तक प्रतिदिन करीब 750 मिली सेब का जूस पीने वालों लोगों का वजन कुछ हद तक कम हुआ। इस काम में सेब के जूस में मौजूद पॉलीफिनोल्स को अहम माना गया है (5)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है, अगर संतुलित मात्र में सेब के जूस का सेवन किया जाता है, तो वजन नियंत्रण के उपाय के तौर पर भी सेब का जूस के फायदे सकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित कर सकते हैं।
5. कैंसर से बचाव में सहायक
अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ ही कैंसर जैसी घातक और जानलेवा बीमारी के जोखिम को कम करने में भी सेब का जूस कुछ हद तक सहायक साबित हो सकता है। इस बात का प्रमाण ताइवान की टाइपेई मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए एक शोध से मिलता है। शोध में माना गया है कि सेब, सेब के जूस और सेब के सिरके में मौजूद फेलोरेटिन (Phloretin) नामक पॉलीफेनोल में कैंसर-रोधी गुण मौजूद होता है। इस गुण के कारण यह कैंसर के इलाज और बचाव के मामले में कुछ हद तक उपयोगी साबित हो सकता है (6)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि कैंसर के इलाज को प्रभावी बनाने में कुछ हद तक सेब का जूस कारगर साबित हो सकता है। हालांकि, इसके साथ ही यह समझना जरूरी है कि कैंसर एक घातक और जानलेवा बीमारी है, जिसका इलाज डॉक्टरी परामर्श पर ही निर्भर करता है।
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6. दिमागी स्वास्थ्य को बरकरार रखे
दिमागी स्वास्थ्य को बनाए रखने के मामले में भी बेनिफिट्स ऑफ एप्पल जूस उपयोगी हो सकते हैं। इस बात को अमेरिका के मैसाचुसेट्स लोवेल विश्वविद्यालय द्वारा सेब के जूस पर किए गए एक शोध में माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि 50 से 100 मिली सेब के जूस का नियमित सेवन डिमेंशिया (याददाश्त और फैसला लेने की क्षमता का कम होना) से जुड़े व्यवहार से संबंधित सुधार में मदद कर सकता है। वहीं, चिंता, उत्तेजना और भ्रम को नियंत्रित करने के मामले में भी यह सहायक हो सकता है। इसके अलावा, शोध में यह भी माना गया है कि अल्जाइमर की समस्या (भूलने की समस्या) में भी यह मददगार साबित हो सकता है (7)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि दिमागी स्वास्थ्य को बनाए रखने में सेब का जूस सहायक हो सकता है।
7. आंखों का रखे ख्याल
आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी सेब का जूस एक बेहतर विकल्प माना जाता है। हालांकि, इस मामले में सेब के जूस से जुड़ा कोई स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन इसमें मौजूद कुछ पोषक तत्व इसकी इस खूबी का इशारा जरूर देते हैं। दरअसल, आंखों के लिए विटामिन सी, विटामिन ई के साथ जिंक और कॉपर जैसे मिनरल उपयोगी माने जाते हैं। ये पोषक तत्व बढ़ती उम्र के साथ आंखों की बीमारियों से बचाए रखने में भी मददगार हो सकते हैं (8)। वहीं, सेब के जूस में ये सभी पोषक तत्व मौजूद होते हैं (9)। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि सेब के जूस का सेवन आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है। हालांकि, निश्चित तौर पर इस मामले में कुछ नहीं कहा जा सकता कि आंखों के लिए यह कितना प्रभावी साबित होगा।
8. लिवर की कार्य क्षमता बढ़ाए
लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने के मामले में भी एप्पल जूस के फायदे मदद कर सकते हैं। दरअसल, सेब के जूस में फ्लोरिडजिन (Phloridzin) नाम का एक खास फिनोलिक ग्लूकोसाइड पाया जाता है। इस कारण सेब का जूस हेप्टोप्रोटेक्टिव (लिवर को सुरक्षा देने वाला) प्रभाव प्रदर्शित करता है (10)। इस तथ्य को देखते हुए माना जा सकता है कि लिवर को स्वास्थ्य को बनाए रखने में सेब का जूस सहायक हो सकता है।
9. मेटाबोलिक सिंड्रोम के जोखिम को कम करे
सेब के जूस का नियमित उपयोग करके मेटाबोलिक सिंड्रोम यानी उपापचय संबंधित विकार के जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। सेब के फायदे से संबंधित एक शोध से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में जिक्र मिलता है कि सेब के साथ ही सेब के गाढ़े जूस में भी पॉलीफिनोल्स की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह पॉलीफिनोल्स आंतों में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। इससे मेटाबोलिक एंडोटॉक्सेमिया (metabolic endotoxemia) का जोखिम कम हो सकता है, जो उपापचय विकार के मुख्य कारणों में गिना जाता है। बता दें मेटाबोलिक एंडोटॉक्सेमिया वह स्थिति है, जिसमें आंतों में विषैले पदार्थों के अवशोषण को रोकने वाले बैक्टीरिया की कमी हो जाती है (11)।
10. त्वचा के लिए फायदेमंद
त्वचा के लिए भी सेब का जूस उपयोगी माना जा सकता है। दरअसल, सेब के जूस में पॉलीफिनोल्स पाए जाते हैं, जो स्किन एजिंग को रोकने में मदद कर सकते हैं। यही वजह है कि इसे कई स्किन क्रीम में भी एक मुख्य घटक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। यह बात ऑक्सीडेटिव मेडिसीन एंड सेलुलर लोंगेटिविटी द्वारा किए गए एक शोध में भी मानी गई है (12)। इस आधार पर माना जा सकता है कि बढ़ती उम्र के कारण त्वचा पर दिखने वाले प्रभाव (जैसे :- झुर्रियां और फाइन लाइंस) को दूर रखने में सेब का जूस मदद कर सकता है। त्वचा के लिए एप्पल के जूस के फायदे पाने के लिए सेब के जूस को पीने के साथ ही त्वचा पर लगाने के लिए भी इसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
11. बालों के लिए लाभकारी
बालों की देखभाल के उपाय में भी सेब के जूस के फायदे हासिल किए जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में इस बात को स्पष्ट रूप से माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि सेब के अर्क में प्रोसाइनिडिन बी2 (procyanidin B2) नाम का एक खास तत्व पाया जाता है। यह तत्व केरेटिन (प्रोटीन का एक प्रकार) को बढ़ावा देता है, जो बालों के विकास में सहायक माना जाता है (13)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि सेब के जूस का सेवन करे से बालों के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।
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एप्पल जूस बेनिफिट्स के बाद यहां हम सेब के जूस के पौष्टिक तत्वों से जुड़ी जानकारी हासिल करेंगे।
सेब के जूस के पौष्टिक तत्व – Apple Juice Nutritional Value in Hindi
नीचे दिए गए चार्ट की मदद से हम सेब के जूस में पाए जाने वाले सभी पौष्टिक तत्वों के बारे में जान सकते हैं (9)।
पोषक तत्व | यूनिट | मात्रा प्रति 100 ग्राम |
पानी | g | 88.24 |
एनर्जी | Kcal | 46 |
प्रोटीन | g | 0.1 |
टोटल लिपिड (फैट) | g | 0.13 |
कार्बोहाइड्रेट | g | 11.3 |
फाइबर (टोटल डायट्री) | g | 0.2 |
शुगर | g | 9.62 |
कैल्शियम | mg | 8 |
आयरन | mg | 0.12 |
मैग्नीशियम | mg | 5 |
फास्फोरस | mg | 7 |
पोटेशियम | mg | 101 |
सोडियम | mg | 4 |
जिंक | mg | 0.02 |
कॉपर | mg | 0.012 |
सेलेनियम | µg | 0.1 |
विटामिन-सी | mg | 10.3 |
थियामिन | mg | 0.021 |
राइबोफ्लेविन | mg | 0.017 |
नियासिन | mg | 0.073 |
विटामिन बी-6 | mg | 0.018 |
विटामिन-ई | mg | 0.01 |
फैटी एसिड (सैचुरेटेड) | g | 0.022 |
फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड) | g | 0.006 |
फैटी एसिड (पॉलीअनसैचुरेटेड) | g | 0.039 |
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आगे अब हम सेब के जूस का उपयोग करने के तरीके जानेंगे।
सेब के जूस का उपयोग – How to Use Apple Juice in Hindi
निम्न बिंदुओं के माध्यम से हम सेब के जूस का उपयोग आसानी से समझ सकते हैं।
- पीने के लिए सुबह नाश्ते के साथ करीब 100 एमएल सेब का जूस प्रतिदिन इस्तेमाल में लाया जा सकता है (7)।
- वहीं, त्वचा संबंधित फायदे के लिए इसे त्वचा पर आवश्यकतानुसार मात्रा में लेकर लगाया जा सकता है।
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आइए, अब हम सेब का जूस बनाने की विधि को समझ लेते हैं।
सेब का जूस बनाने की विधि
सेब का जूस बनाने की विधि कुछ इस प्रकार है :
सामग्री :
- 4 मध्यम आकार के सेब
- पानी आवश्यकतानुसार
बनाने का तरीका :
- सबसे पहले सभी सेब अच्छी तरह धो लें, ताकि उन पर मिट्टी या केमिकल न लगा रह जाए।
- अब सभी सेब बिना छीले छोटे टुकड़ों में काट लें और इनके बीजों को अलग कर दें।
- इसके बाद एक बर्तन लें और उसमें सभी सेब डालकर आवश्यकतानुसार पानी डाल दें, जितने में सेब पानी में डूबे रहें।
- फिर इस बर्तन को लगभग 20 से 25 मिनट के लिए गैस पर गर्म होने के लिए चढ़ा दें।
- समय पूरा होने पर बर्तन को गैस से उतार लें।
- इसके बाद सभी सेब के टुकड़ों को जूसर में डाल कर सेब का रस निकाल लें।
- अंत में तैयार जूस को छन्नी से छानकर एक गिलास में निकाल लें।
- जूस को थोड़ी देर ठंडा होने के लिए रख दें और फिर इसे पी लें।
- आप चाहें, तो सीधे जूसर की मदद से भी सेब का जूस निकाल सकते हैं।
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सबसे आखिर में आइए अब हम सेब के जूस के नुकसान भी जान लेते हैं।
सेब के जूस के नुकसान – Side Effects of Apple Juice in Hindi
निम्न बिंदुओं के माध्यम से सेब के जूस के नुकसान समझे जा सकते हैं, जो इसके अधिक सेवन के कारण देखने को मिल सकते हैं।
- फ्रुक्टोज की मौजूदगी के कारण इसका अधिक सेवन डायरिया की समस्या पैदा कर सकता है (14)।
- सेब के जूस का अधिक सेवन दांत की बाहरी परत (इनेमल) को नुकसान पहुंचा सकता है (15)।
- हालांकि, सेब के जूस का उपयोग वजन कम करने में सहायक है (5), लेकिन इसमें मौजूद शुगर की वजह से इसका अधिक सेवन वजन को बढ़ाने का भी काम कर सकता है (16)।
- अगर किसी को सेब से एलर्जी है, तो उसे सेब के जूस से भी एलर्जी की समस्या हो सकती है।
लेख के माध्यम से बेनिफिट्स ऑफ एप्पल जूस और सेब के जूस का उपयोग समझने के बाद बेशक आप भी इसे उपयोग में जरूर लाना चाहेंगे। ऐसे में आप लेख में दी गई सेब का जूस बनाने की विधि को अपना कर इसे घर में ही बना सकते हैं। वहीं, इसके सेवन की मात्रा का भी ध्यान जरूर रखें, जिससे कि आप सेब का जूस के नुकसान से बच सकें। उम्मीद है कि यह लेख आप सभी को पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य ज्ञानवर्धक लेख पढ़ने के लिए हमारी स्टाइलक्रेज वेबसाइट पर लगातार आते रहें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल:
क्या सुबह सेब के जूस का सेवन किया जा सकता है?
हां, सुबह नाश्ते के साथ सेब के जूस का सेवन किया जा सकता है।
क्या खाली पेट सेब का जूस पी सकते हैं?
हालांकि, इस संबंध में कोई स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह एसिडिक नेचर का होता है। इस वजह से सेब का जूस का उपयोग खाली पेट न करने की सलाह दी जाती है।
क्या सेब का जूस रोज पिया जा सकता है?
हां, संतुलित मात्रा में सेब का जूस रोज लिया जा सकता है।
क्या सेब का जूस त्वचा के लिए अच्छा है?
लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है कि सेब का जूस त्वचा के लिए लाभकारी माना जा सकता है।
References
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