Dt. Arpita Jain, MSc (Clinical Nutrition & Dietitics)
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

हनी यानी शहद कई गुणों और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसका उपयोग आयुर्वेद में कई बीमारियों को दूर करने के लिए किया जाता रहा है और प्राचीन काल में इसे देवताओं का अमृत भी कहा जाता है। शहद सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद तो हैं ही साथ में कमजोरी और बीमारियों को भी दूर भगाने में मददगार हो सकता है। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे शहद के गुण के बारे में। साथ ही बीमारियों से बचने के लिए शहद के फायदे भी जानेंगे। वहीं, अगर कोई बीमार है, तो शहद कुछ लक्षणों को कम कर सकता है। साथ ही अगर कोई गंभीर रूप से बीमार है, तो डॉक्टर से इलाज करवाना ही बेहतर है। आर्टिकल में शहद के फायदे और नुकसान के संबंध में दी गई जानकारी कई शोधों के आधार पर है। इनमें से अधिकतर शोध जानवरों पर किए गए है और कुछ मनुष्यों पर।

लेख अंत तक पढ़ें 

सबसे पहले जानते हैं कि शहद कितने प्रकार का होता है। 

शहद के प्रकार – Types of Honey in Hindi

शहद के विभिन्न प्रकार आपको बाजार में मिल जाएंगे, जिन्हें निम्नलिखित रूपों में जाना जाता है:

  • मनुका शहद
  • क्लॉवर शहद
  • लेदर वुड हनी
  • बकवीट हनी
  • अल्फाल्फा हनी
  • रोजमेरी हनी
  • ब्लूबेरी हनी
  • लैवेंडर हनी

आयुर्वेद में भी शहद के विभिन्न रूपों का उल्लेख किया गया है, जैसे – माक्षिक, भ्रामर, क्षौद्र, पौतिक, छात्र, आर्ध्य, औद्दालिक और दाल। 

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आइए, अब शहद के फायदों के बारे में विस्तार से बात करते हैं। 

शहद के फायदे – Benefits of Honey in Hindi 

जिस प्रकार शहद कई गुणों से भरपूर होता है, वैसे ही इसके फायदे भी अनगिनत हैं। यहां हम आपको बता रहे हैं कि सेहत के लिए शहद किस प्रकार से फायदेमंद साबित हो सकता है।

1. वजन घटाने में मददगार

यहां हम बता रहे हैं कि वजन घटाने के लिए हनी का इस्तेमाल किस प्रकार करें। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफार्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, शहद में वजन को बढ़ने से रोकने के गुण पाए जाते हैं और यह वजन के बढ़ने की गति को धीमा कर देता है। इसके अलावा, शहद के गुण कुछ हद तक वजन को कम करने में भी कारगर हो सकते हैं (1)। एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध एक अन्य शोध में भी कहा गया है कि मोटापे को नियंत्रित करने के लिए शहद का इस्तेमाल दवा की तरह किया जा सकता है। इस आधार पर कहा जा सकता है कि शहद में एंटीओबेसिटी प्रभाव होता है (2)।

2. तनाव कम करने के लिए हनी के फायदे 

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध की बात की जाए, तो रॉ हनी में एंटीडिप्रेसेंट प्रभाव पाया जाता है। इस प्रभाव के कारण शहद में अवसाद या तनाव को कम करने वाला गुण शामिल होते हैं (3)। एक अन्य शोध में भी कहा गया है कि शहद का सेवन करने से तनाव कम हो सकता है। चिंता को कम करने के साथ-साथ शहद के गुण स्मृति में भी सुधार कर सकते हैं (4)। हां, अगर कोई गंभीर रूप से तनाव या डिप्रेशन में है, तो उसे बिना देरी किए डॉक्टर से इलाज करवाना चाहिए।

3. मधुमेह की समस्या में

शहद का सेवन करने से मधुमेह जैसी समस्या से भी बचा जा सकता है। इस संबंध में चूहों पर किए गए शोध से साबित हुआ है कि शहद में एंटीडायबिटिक और हाइपोग्लाइसेमिक गुण होते हैं। यह गुण रक्त में मौजूद ग्लूकोज के स्तर को कम करने में और मधुमेह को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है (5)।  बेशक, शहद डायबिटीज को नियंत्रित कर सकता है, लेकिन इस समस्या से पीड़ित मरीज को डॉक्टर की सलाह पर ही इसका सेवन करना चाहिए। साथ ही नियमित रूप से दवा भी लेनी चाहिए।

4. जले हुए और घाव के लिए हनी के फायदे

शहद का उपयोग जलने पर और घावों की स्थिति को सुधारने के लिए किया जा सकता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध से पता चला है कि शहद न सिर्फ जलने की समस्या को ठीक करने में मददगार हो सकता है, बल्कि घाव को भरने में भी फायदेमंद हो सकता है। शोध में पाया गया कि शहद में एंटी इंफेक्शन, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और घाव भरने वाले गुण पाए जाते हैं। शहद में पाए जाने वाले ये गुण स्किन बर्निंग को कुछ हद तक कम करने के साथ ही घाव के उपचार में भी लाभदायक हो सकते हैं (6)। हालांकि, जलने और घाव की गंभीर स्थिति होने पर शहद का उपयोग करने के स्थान पर डॉक्टर को चेकअप करना ज्यादा बेहतर होगा।

5. उच्च रक्तचाप में फायदेमंद

रक्तचाप की समस्या के कारण गई प्रकार की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए शहद उपयोगी हो सकता है। जानवरों पर किए एक शोध में पाया गया कि शहद में क्वेरसेटिन (Quercetin) नामक फ्लेवोनोइड पाया जाता है। यह क्वेरसेटिन रक्तचाप की समस्या को कुछ हद तक कम करने में मददगार हो सकता है (7)।

6. कोलेस्ट्रॉल से लड़ सकता है 

बढ़ते हुए कॉलेस्ट्रॉल के कारण हृदय रोग जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है और स्थिति गंभीर होने पर हृदयाघात जैसी स्थिति भी बन सकती है। शहद इस समस्या को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। कई शोध में पाया गया है कि शहद के सेवन से कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, यह फायदेमंद कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल को बढ़ाने में मददगार हो सकता है (8) (9)। वहीं, एक अन्य शोध में पाया गया कि शहद में पाए जाने वाले फ्लेवोनोइड्स हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मददगार हो सकते हैं (7)।

7. एनर्जी को बूस्ट करने के लिए 

शहद का सेवन करने से शरीर में ऊर्जा को बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। शोध में पाया गया है कि शहद में विभिन्न तरह के मिनरल्स और विटामिन पाए जाते हैं, जो ऊर्जा के स्तर को बढ़ाने में फायदेमंद हो सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित इस शोध में यह भी पाया गया कि शुगर की अपेक्षा शहद ऊर्जा को बढ़ाने में ज्यादा लाभदायक हो सकता है। शोध में आगे यह भी पता चला है कि शारीरिक व्यायाम के दौरान ऊर्जा के स्तर को बनाए रखने के लिए ग्लूकोज की जगह शहद का उपयोग किया जा सकता है (10)।

8. हड्डियों के लिए

कमजोर हड्डियों के कारण कई प्रकार की समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है, उन्हीं में से एक है ऑस्टियोपोरोसिस। हड्डियों को मजबूत बनाने और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए शहद का उपयोग किया जा सकता है। शोध के अनुसार शहद में एंटीऑक्सीडेंट के साथ-साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, जो फ्री रेडिकल्स की समस्या के साथ ही सूजन को दूर करने में मदद कर सकते हैं। इन गुणों के कारण ही शहद का उपयोग पोस्टमेनोपॉजल ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार के रूप में हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए किया जा सकता है (11)।

9. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए

इम्यून सिस्टम यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता के कमजोर होने से कई प्रकार की बीमारियां हो सकती हैं जैसे कि सर्दी, खांसी व जुकाम आदि। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के लिए शहद का उपयोग किया जा सकता है। इस संबंध में एनसीबीआई ने एक रिसर्च पेपर प्रकाशित किया है। इस रिसर्च पेपर की माने, तो शहद का सेवन करने से शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण तेज गति से होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने में मदद कर सकता है (12)।

10. हृदय रोगों से लड़ने के लिए शहद खाने के फायदे 

शहद का उपयोग करने पर यह हृदय की समस्याओं को भी दूर करने में मदद मिल सकती है। जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि शहद का उपयोग करने पर हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है, जिससे हृदय रोग का खतरा होता है। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया है कि शहद में क्वेरसेटिन, कैफिक एसिड फेनिथाइल एस्टर जैसे कई फेनोलिक कंपाउंड पाए जाते हैं। शहद में पाए जाने वाले ये आवश्यक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट गुण हृदय रोगों के उपचार में कुछ हद तक फायदेमंद हो सकते हैं (7)।

11. दमा का इलाज 

शहद अस्थमा के दौरान खांसी का इलाज करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह बलगम की समस्या को भी दूर करने में मदद कर सकता है। शोध में पता चला है कि शहद अस्थमा के उपचार के लिए भी कुछ हद तक फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा, शोध में पाया गया है कि अस्थमा के साथ ही शहद का उपयोग बुखार और संक्रमण के लिए भी कारगर हो सकता है। हनी के एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इम्यूनो मॉड्यूलेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण शरीर में अस्थमा के प्रभाव को काफी कम कर सकते हैं (13)।

12. ओरल हेल्‍थ के लिए फायदेमंद 

अनियंत्रित खान-पान और शरीर में पोषण के अभाव का नकारात्मक प्रभाव दांतों पर भी देखा गया है। इन पोषक तत्वों की कमी के कारण दांत कमजोर होकर टूटने लगते हैं। इस स्थिति को दूर करने में शहद फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके अलावा, दांतों से संबंधी अन्य परेशानियों को दूर करने के लिए भी शहद का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे कि शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो ओरल बैक्टीरिया को दूर करने में मदद कर सकते हैं। शोध में यह भी पाया गया कि शहद को लगाने से ऑर्थोडॉन्टिक वाले रोगियों में मसूड़े की सूजन और दांतों के टूटने को रोकने में मदद मिल सकती है (14)। ऑर्थोडॉन्टिक्स दंत चिकित्सा का उपयोग बिगड़े हुए दांत और जबड़े में सुधार के लिए किया जाता है।

13. कैंसर के लिए शहद खाने के फायदे 

शहद में पाए जाने वाले फेनोलिक कंपाउंड्स में एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं, जो कैंसर के कई प्रकारों से बचाने में फायदेमंद हो सकते हैं। इसके अलावा, शहद में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो इसे कैंसर को रोकने का सबसे खास खाद्य पदार्थ बनाते हैं। इसके साथ ही शहद प्रतिरक्षा प्रणाली को भी सुधारने का काम कर सकता है, जिससे कैंसर को बढ़ने से रोकने में कुछ हद तक मदद मिल सकती है (15)। बेशक, शहद में एंटीकैंसर प्रभाव पाया जाता है, लेकिन यह कैंसर का इलाज नहीं हो सकता है। अगर कोई कैंसर से पीड़ित है, तो उसे बिना देरी के डॉक्टर से संपूर्ण इलाज करवाना चाहिए।

14. एसिडिटी के लिए 

एसिडिटी के कारण कई बार खट्टी डकार और उल्टी जैसी समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है। इस समस्या को एसिड एसोफैगिटिस कहा जाता है। इस समस्या को दूर करने में शहद का सहारा लिया जा सकता है। शोध में पाया गया है कि शहद में एंटीऑक्सीडेंट गुण के साथ ही एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो एसिडिटी का कारण बनने वाले रिफ्लक्स एसोफैगिटिस के इलाज में फायदेमंद हो सकते हैं (16)।

15. मुंहासों के लिए 

एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, घाव के संक्रमण को दूर करने के साथ-साथ, शहद डर्मेटोफाइट्स (Dermatophytes) नामक फंगल को बढ़ने से रोकने में भी फायदेमंद हो सकता है। डर्मेटोफाइट्स मुंहासे का कारण बनता है और शहद का उपयोग करने पर संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया की रोकथाम की जा सकती है, जिससे मुंहासों की समस्या को दूर किया जा सकता है। इससे अलावा, शोध में पाया गया है कि प्रोपियोनीबैक्टीरियम एक्ने (propionibacterium acnes) के कारण भी मुंहासों की समस्या हो सकती है। शहद में पाए जाने वाले एंटी माइक्रोबियल गुण बैक्टीरिया और इससे हाेने वाली मुंहासों जैसी समस्या को कम करने में मदद कर सकते हैं (17)।

16. झुर्रियों को बेहतर बनाने में शहद खाने के फायदे

समय से पहले त्वचा पर झुर्रियों का दिखाई देना परेशानी का कारण बन सकता है। इसके लिए शहद का उपयोग फायदेमंद हाे सकता है। दरअसल, शहद प्राकृतिक मॉइस्चराइजर की तरह काम कर सकता है, जो त्वचा की परतों को मॉइस्चर करता है। यह प्रक्रिया चेहरे की झुर्रियों को दूर कर स्किन टोन को बेहतर बनाने में मदद करती हैं। इसके अलावा, शहद में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को जवां बनाए रख सकते हैं (18)।

17. रूखे और फटे होंठों के लिए 

शहद का उपयोग मॉइस्चराइजर के अलावा त्वचा के टिश्यू को ठीक करने के लिए भी किया जा सकता है। कॉस्मेटिक सामग्री के साथ ही फटे होंठों पर शहद के फायदे भी देखे गए हैं। फटे होंठ पर शहद लगाने से इस समस्या को दूर करने में मदद मिल सकती है (19)।

18. चेहरे की सफाई 

चेहरे पर शहद लगाने के फायदे कई प्रकार से हो सकते हैं। शोध में पाया गया कि शहद त्वचा में जमी हुई गंदगी को हटाने में मदद करता है। इसका उपयोग फेशवॉश, फेशिअल क्लिंजिंग स्क्रब और फेशियल की तरह किया जा सकता है (19)। इसके अलावा, एक अन्य शोध में पाया गया है कि स्वदेशी लोग शहद का उपयोग त्वचा की कई समस्याओं को दूर करने के साथ ही त्वचा को साफ करने वाले एजेंट के रूप में कर सकते हैं (17)।

19. बालों के लिए 

रूखे और बेजान बालों में शहद लगाने के फायदे भी हो सकते हैं। शहद में एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुणों के साथ ही आवाश्यक पोषक तत्व भी होते हैं। एक शोध के अनुसार, शहद का उपयोग करने से सेबोरहाइक डर्मेटाइटिस और डैंड्रफ की रोकथाम में मदद मिल सकती है। साथ ही शहद बालों की कई समस्याओं को दूर करने में भी मदद कर सकता है, जैसे – रूसी, बाल टूटना, दोमुंहे बाल व रूखापन आदि। इस लिहाज से कहा जा सकता है कि त्वचा और बालों में शहद लगाने के फायदे कई हैं (20)।

आगे और भी है

शदह के फायदों के बाद इसमें पाए जाने वाले पौष्टिक तत्वों के बारे में जानते हैं।

शहद के पौष्टिक तत्व – Honey Nutritional Value in Hindi 

शहद में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व कुछ इस प्रकार हैं (21):

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी17.1 ग्राम
कैलोरी304 kcal
प्रोटीन0.3 ग्राम
कार्बोहाइड्रेट82.4 ग्राम
फाइबर0.2 ग्राम
शुगर82.12 ग्राम
मिनरल्स
कैल्शियम6 मिलीग्राम
आयरन0.42 मिलीग्राम
मैग्नीशियम2 मिलीग्राम
फास्फोरस4 मिलीग्राम
पोटैशियम52 मिलीग्राम
सोडियम4 मिलीग्राम
जिंक0.22 मिलीग्राम
मैंगनीज0.08 मिलीग्राम
कॉपर0.036 मिलीग्राम
सेलेनियम0.8 माइक्रोग्राम
विटामिन
विटामिन सी0.5 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.038 मिलीग्राम
नियासिन0.121 मिलीग्राम
फोलेट2 माइक्रोग्राम
कोलीन2.2 मिलीग्राम

पढ़ते रहें आर्टिकल

शहद में पाए जाने वाले पोषक तत्वों को जानने के बाद इसके उपयोग के संबंध में चर्चा करते हैं।

शहद का उपयोग – How to Use Honey in Hindi 

शहद का उपयोग कई प्रकार से कर सकते हैं। यहां पर शहद के कुछ आसान और फायदेमंद उपयोगों के बारे में बता रहे हैं:

  • सलाद की ड्रेसिंग के रूप में शहद का उपयोग कर सकते हैं।
  • चीनी के विकल्प में कई जगह शहद को मिलाया जा सकता है।
  • सोने से पहले एक चम्मच शहद को दूध में मिक्स करके भी ले सकते हैं। आयुर्वेद में इसके कई फायदे बताए गए हैं।
  • रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच शहद का सेवन किया जा सकता है।
  • हनी का उपयोग सीरप बनाकर भी किया जा सकता है।
  • तुलसी, हनी और आम का शरबत भी बनाया जा सकता है।
  • एक गिलास गर्म पानी में शहद और नींबू का रस मिक्स करके भी पी सकते हैं। यह मिश्रण डिटॉक्स का काम करता है। इसे सुबह खाली पेट पीने की सलाह दी जाती है।

बने रहें हमारे साथ

शहद के उपयोग के बाद यह जानते हैं कि इसे स्टोर करके कैसे रखा जाए। 

शहद को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें? 

अगर शहद को सही तरीके से स्टोर न किया जाए, तो यह जल्द खराब हो सकता है। इसलिए, शहद खाने के तरीके के साथ यह जानना भी जरूरी है कि शहद को कैसे सुरक्षित रखना है। आइए, जानते हैं:

  • आप कंटेनर या गिलास के जार में शहद को स्टोर कर सकते हैं।
  • शहद को स्टोर करने के लिए रसोई एक अच्छा स्थान हो सकता है। फिर भी शहद को स्टोव और ठंडे स्थान से दूर ही रखना चाहिए। इन स्थानों पर तापमान में अचानक परिवर्तन की संभावना होती है, जिससे शहद खराब हाे सकता है।
  • शहद को धूप से दूर रखें। सूरज की रोशनी शहद को नुकसान पहुंचा सकती है।
  • शहद को फ्रिज में भी रख सकते हैं। इससे शहद को कुछ वर्षों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।

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स्टोरेज के बाद जानते हैं कि शहद को कहां से खरीदा जा सकता है।

शहद कहां से खरीदें? 

आजकल शहद हर जगह आसानी से मिल जाता है। इसको खरीदने की सबसे अच्छी जगह आयुर्वेद की दुकान या फिर मेडिकल स्टोर है। वहां आप इसे इसकी एक्सपायरी डेट देखकर खरीद सकते हैं। 

नीचे है और जानकारी

आर्टिकल के इस हिस्से में हम शहद के नुकसान के बारे में बता रहे हैं। 

शहद के नुकसान – Side Effects of Honey in Hindi

किसी भी चीज के सकारात्मक पक्ष के साथ नकारात्मक पक्ष भी जरूर होते हैं। जिस प्रकार शहद खाने के तरीके कई हैं वैसे ही शहद खाने के फायदे के साथ शहद के कई नुकसान भी हैं। नीचे दिए गए बिंदुओं के माध्यम से जानिए, शहद के नुकसान के बारे में।

  • एलर्जी : जिन्हें पराग के कणों से एलर्जी होती है, वो शहद का सेवन न करें। साथ ही भोजन में शहद की अधिकता शहद से संबंधित एलर्जी को बढ़ा सकती हैं। शहद के नुकसान में एनाफिलेक्सिस (Anaphylaxis) का नाम भी आता है, जो एक प्रकार का एलर्जिक रिएक्शन है (22)।
  • पेट में दर्द : शहद के नुकसानों में पेट दर्द भी शामिल है। शहद के अधिक सेवन से पेट दर्द की समस्या खड़ी हो सकती है। इसमें फ्रुक्टोज की मात्रा पाई जाती है, जो छोटी आंतों के पोषक तत्व को अवशोषित करने की क्षमता को बाधित कर सकता है (23)।
  • भोजन विषाक्तता : शहद के नुकसान के अंतर्गत फूड पॉइजनिंग भी आ सकती है। शहद के अधिक सेवन से बोटुलिज्म पॉइजनिंग हो सकती है। यह समस्या ज्यादातर बच्चों में पाई जाती है (24)।
  • ब्लड शुगर : शहद का अधिक सेवन ब्लड शुगर को अस्थिर कर सकता है, क्योंकि इसमें कुछ मात्रा फ्रुक्टोज की होती है। इसलिए, मधुमेह के मरीज को शहद का सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। डॉक्टर ही शुगर के मरीज को शहद खाने के तरीके बता सकते हैं (25)।

आगे है और जानकारी

लेख के इस हिस्से में आप शहद के सबसे अच्छे ब्रांड के बारे में जानेंगे।

शहद के 3 सबसे अच्छे ब्रांड – Best Honey Brands in Hindi 

बाजार व ऑनलाइन उपलब्ध शहद के टॉप ब्रांड कुछ इस प्रकार हैं: 

1. डाॅबर हनी 

Dabur Honey

ऐसा माना जाता है कि यह भारत का सबसे प्रसिद्ध और भरोसेमंद ब्रांड है। डॉबर का दावा है कि उनका शहद पाचन और वजन मैनेजमेंट में सहायता कर सकता है।

2. झंडू प्योर हनी 

Zandu Pure Honey

कंपनी का कहना है कि यह 100 प्रतिशत शुद्ध शहद है। इसमें चीनी की मात्रा नहीं होती। इसके अलावा, इसमें कॉर्न सिरप भी नहीं मिलाया जाता। इसका परीक्षण जर्मन प्रयोगशाला में किया गया है। वजन मैनेजमेंट के लिए चीनी के विकल्प के रूप में रोजाना इसका सेवन किया जा सकता है।

3. इंडिजनस हनी 

 Indigenous honey

इंडिजनस हनी की निर्माता कंपनी के अनुसार, यह देशी शहद 100 प्रतिशत और शुद्ध है। इसे कंपनी के जरिए पाली गई स्वस्थ मधुमक्खियों के द्वारा एकत्रित कर निकाला जाता है। इसके अलावा, यह मिलावट से रहित है और इसमें किसी प्रकार के केमिकल काे नहीं मिलाया जाता।

शहद औषधि गुणों से भरपूर एक प्राकृतिक खाद्य पदार्थ है, जिसका इस्तेमाल आप विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं। नए के साथ ही पुराना शहद के फायदे भी कई मामलों में देखे गए हैं। आम शारीरिक समस्याओं से लेकर गंभीर बीमारियों का इलाज शहद के माध्यम से किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रहे कि इसका उचित सेवन और इस्तेमाल ही आपको फायदा पहुंचाएगा। अगर कोई किसी गंभीर समस्या से ग्रसित हैं, तो इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

अच्छी गुणवत्ता वाला शहद कौन-सा होता है?

शहद जो अन्य पदार्थों (जैसे कॉर्न सिरप) के साथ मिश्रित नहीं होता है, उसे अच्छी गुणवत्ता वाला शहद माना जाता है। अच्छी गुणवत्ता वाले शहद में पानी की मात्रा 18 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।

क्या शहद शिशुओं के लिए अच्छा है?

एक वर्ष से कम उम्र के शिशुओं के लिए नहीं (24)। एक वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को भी डॉक्टर से परामर्श करने के बाद ही शहद देना चाहिए।

कौन-सा शहद सबसे अच्छा है?

मनुका शहद आमतौर पर सबसे अच्छा माना जाता है।

क्या शहद के साथ काली चाय वजन घटाने के लिए फायदेमंद है?

हां, शहद और काली चाय दोनों ही वजन को कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन, इस विषय पर शोध की आवश्यकता है।

क्या शहद से बाल सफेद होते हैं?

शहद शर्करा और हाइड्रोजन पेरोक्साइड का मिश्रण है (26)। हाइड्रोजन पेरोक्साइड की उच्च मात्रा ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस को बढ़ा सकती है, जो बालों के सफेद होने का एक कारण है (27)। इसलिए, सीमित मात्रा में शहद का सेवन करने से बालों पर हाइड्रोजन पेरोक्साइड का नकारात्मक प्रभाव नहीं होता है।

क्या रात को शहद ले सकते हैं?

हां, सोने से कुछ समय पहले रात में शहद ले सकते हैं।

क्या शहद को खाली पेट लिया जा सकता है?

हां, मनुका शहद को खाली पेट ले सकते हैं (28)।

क्या शहद और दूध साथ लेने से कोई नुकसान होता है?

नहीं, दूध के साथ सीमित मात्रा में शहद का सेवन नुकसान नहीं करता है। फिर भी इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए, क्योंकि इन्हें एक साथ लेने से शहद और दूध के नुकसान भी हो सकते हैं।

References

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  2. Four-Week Consumption of Malaysian Honey Reduces Excess Weight Gain and Improves Obesity-Related Parameters in High Fat Diet Induced Obese Rats
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  3. Neurological Effects of Honey: Current and Future Prospects
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  4. The Effects of Long-Term Honey, Sucrose or Sugar-Free Diets on Memory and Anxiety in Rats
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  8. Natural Honey and Cardiovascular Risk Factors; Effects on Blood Glucose, Cholesterol, Triacylglycerole, CRP, and Body Weight Compared With Sucrose
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  9. Effects of Natural Honey on Blood Glucose and Lipid Profile in Young Healthy Pakistani Males
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  15. Honey as a Potential Natural Anticancer Agent: A Review of Its Mechanisms
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  21. Honey
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  22. Anaphylaxis caused by honey: a case report
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5287071/
  23. Honey May Have a Laxative Effect on Normal Subjects Because of Incomplete Fructose Absorption
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/7491882/
  24. Many cases of botulism are preventable.
    https://www.cdc.gov/botulism/prevention.html
  25. Does Natural Honey-Containing Fructose have Benefits to Diabetic Patients?
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4976705/
  26. Honey as a Natural Preservative of Milk
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17569289/
  27. Assessment of Oxidative Stress in Patients with Premature Canities
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4639963/
  28. Honey, Propolis, and Royal Jelly: A Comprehensive Review of Their Biological Actions and Health Benefits
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5549483/
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Dt. Arpita Jain
Dt. Arpita JainMSc (Clinical Nutrition & Dietitics)
Dt. Arpita Jain is a Clinical Dietitian and Certified Sports Nutritionist with 4 years of experience. She is also the founder of HEALVICK [Live Healthy. Feel Younger] in Mumbai, India. She has a Master's degree in Clinical Nutrition and Dietetics from SNDT University.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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