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एलोवेरा जेल के फायदों की बात जब छोटे बच्चों के लिए होती है, तो अधिकतर माताएं असमंजस में पड़ जाती हैं कि शिशु के लिए यह सही है या नहीं। ऐसे में मॉमजंक्शन का यह लेख इसी संशय को दूर करने के लिए है। यहां हम बताएंगे कि शिशु के लिए एलोवेरा सुरक्षित है या नहीं। साथ यहां आपको इसके फायदे और नुकसान की भी जानकारी मिलेगी।

सबसे पहले जानते हैं कि क्या एलोवेरा छोटे बच्चों के लिए सुरक्षित है।

​क्या छोटे बच्चे के लिए एलोवेरा सुरक्षित है?

एलोवेरा का उपयोग आमतौर पर शिशुओं के लिए सुरक्षित माना जाता है। यूएस नेशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंट्री एंड इंटीग्रेटिव हेल्थ का कहना है कि एलोवेरा जेल का ऊपरी यानी टॉपिकल उपयोग सामान्य रूप से सुरक्षित होता है (1)

शिशुओं में एलोवेरा के मौखिक उपयोग के लिए कोई नैदानिक ​​​​सिफारिश नहीं की गई है। हां, यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने एलोवेरा को व्यावसायिक उत्पादों में स्वाद के लिए उपयोग की मंजूरी दी है। इनमें से कुछ उत्पाद शिशुओं से जुड़े भी हैं। हालांकि, एफडीए इन उत्पादों की मजबूती, शुद्धता और सुरक्षा की गारंटी नहीं देता है (2)

एलोवेरा के पोषक तत्व जानने के लिए आगे पढ़ें लेख।

एलोवेरा में मौजूद पोषक तत्व

एलोवेरा में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो शिशुओं के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। आगे जानिए कि एलोवेरा में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं (3)

  • इसमें विटामिन ए (बीटा-कैरोटीन), सी और ई होता है, जो एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करते हैं।
  • एलोवेरा में विटामिन बी12, फोलिक एसिड और कोलीन भी होता है।
  • एंजाइम की बात करें, तो एलोवेरा में 8 एंजाइम होते हैं: एलियास, क्षारीय फॉस्फेटस, एमाइलेज, ब्रैडीकाइनेज, कार्बोक्सी पेप्टिडेज, कैटालेज, सेल्युलेस, लाइपेज और पेरोक्सीडेज।
  • यह कैल्शियम, क्रोमियम, तांबा, सेलेनियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, पोटेशियम, सोडियम जैसे मिनरल्स से भी समृद्ध होता है।
  • एलोवेरा में मोनोसेकेराइड (ग्लूकोज और फ्रुक्टोज) और पॉली सैकेराइड कार्बोहाइड्रेट होता है।
  • यह 12 एन्थ्राक्विनोन प्रदान करता है, जो फेनोलिक यौगिक हैं।
  • एलोवेरा में ऑक्सिन और जिबरेलिन जैसे प्लांट हार्मोन होते हैं, जो घाव भरने में मदद करते हैं और सूजन-रोधी क्रिया करते हैं।

आगे जानते हैं कि शिशु पर एलोवेरा जेल इस्तेमाल कैसे करें।

शिशु पर एलोवेरा जेल का उपयोग कैसे करें ? | Safe Uses Of Fresh Aloe Vera Gel For Babies

घर में तैयार किया गया ताजा एलोवेरा जेल बच्चों के लिए विभिन्न तरीकों से इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे एलोवेरा जेल से दिन में दो बार बच्चों की मालिश करना। इससे बच्चे की त्वचा को हाइड्रेट और कोमल बनाए रखने में मदद मिलती है। हां, बच्चे के चेहरे पर जेल लगाने से बचें, क्योंकि यह बच्चे के मुंह में जा सकता है। बालों की देखभाल के लिए, एलोवेरा जेल से मालिश की जा सकती है।

यहां हम बता रहे हैं शिशुओं के लिए एलोवेरा के फायदे।

शिशुओं के लिए एलोवेरा के लाभ | Shishu par aloe vera ke fayde

एलोवेरा में कई गुण होते हैं, जो बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं। इनके बारे में हम आगे चर्चा कर रहे हैं।

  1. डायपर रैशेज : छोटे बच्चों में डायपर रैश बहुत आम है। यह समस्या मुख्य तौर पर संक्रमण के कारण होती है। ऐसे में एलोवेरा का इस्तेमाल उनके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। दरअसल, एलोवेरा में फंगस से लड़ने की क्षमता होती है (4)। इस आधार पर माना जा सकता है शिशुओं के डायपर रैशेज की समस्या को कम करने के लिए एलोवेरा लाभकारी साबित हो सकता है।
  1. क्रैडल कैप (पपड़ी) : कुछ शिशु को जन्म के बाद शुरुआती दिनों में क्रैडल कैप की भी समस्या हो जाती है। इसमें शिशु के सिर पर पपड़ी जम जाती है। ये सूखी और लाल होती है और इस वजह से शिशु को खुजली की समस्या भी होने लगती है (5)। ऐसे में एलोवेरा का मॉइस्चराइजिंग गुण लाभकारी सिद्ध हो सकता है (3)। यह त्वचा की नमी को बनाए रखता है, जिससे त्वचा को ड्राई होने से बचाया जा सकता है।
  1. त्वचा की नमी के लिए : एलोवेरा में म्यूकोपॉलीसेकेराइड होता है, जो त्वचा में नमी बनाए रखने में मदद करते हैं। मॉइस्चराइजिंग और एलोवेरा फाइब्रोब्लास्ट को संतुलित करता है, जो त्वचा को अधिक लोचदार और कम झुर्रीदार बनाने वाले कोलेजन और इलास्टिन फाइबर का उत्पादन करता है। यह सतही परतदार एपिडर्मल कोशिकाओं को एक साथ चिपका कर उन पर भी प्रभाव डालता है, जो त्वचा को कोमल बनाता है  (3)
  1. दर्द से राहत: एलोवेरा में सक्रिय तत्व जैसे एन्थ्राक्विनोन, सैलिसिलिक एसिड, कैरोटीनॉयड, टेरपेन्स और फाइटोस्टेरॉल होते हैं (6)। एलोवेरा चोटों के कारण होने वाले दर्द को कम करने में मदद करता है। साथ ही हल्के सनबर्न के कारण होने वाले दर्द से राहत के लिए भी एलोवेरा क्रीम की सलाह दी जाती है (7)
  1. जलन पर मददगार : अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने त्वचा की जलन को ठीक करने के लिए ओवर-द-काउंटर दवा के रूप में एलोवेरा मरहम के उपयोग को मंजूरी दी है (8)। यह जेल घाव के आसपास कोलेजन उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है और घाव भरने में मदद कर सकता है।

आगे जानेंगे एलोवेरा से होने वाले नुकसान के बारे में।

शिशुओं में एलोवेरा से होने वाले दुष्प्रभाव

एलोवेरा के कई फायदे हैं, लेकिन इसके कुछ नुकसान भी हैं। यहां हम एलोवेरा लगाने के दुष्प्रभाव की चर्चा करेंगे (9)

  • एलोवेरा जेल लगाने से उन लोगों को एलर्जी हो सकती है, जिन्हें लिली परिवार के अन्य पौधों, जैसे प्याज और ट्यूलिप से एलर्जी है। इस प्रकार की एलर्जी प्रतिक्रिया को क्रॉस-रिएक्टिविटी के रूप में जाना जाता है।
  • कभी-कभी एलोवेरा लगाने या मुंह में जाने से लालिमा, जलन और सूजन की समस्या देखी जाती है।
  • मुंह में ज्यादा एलोवेरा जाने पर  ऐंठन और दस्त की परेशानी भी हो सकती है।

अब हम बता रहे हैं कि एलोवेरा जेल घर में कैसे तैयार किया जा सकता है।

शिशु के लिए एलोवेरा जेल को घर में कैसे तैयार करें ?

एलोवेरा अक्सर विभिन्न रूपों जैसे पाउडर, जेल, जूस और कैप्सूल में व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होता है। कुछ माता-पिता बच्चे के लिए घर पर जेल बनाना पसंद करते हैं। यहां बता रहे हैं कि आप घर एलोवेरा जेल कैसे बना सकते हैं।

  • एलोवेरा के पौधे से एक पत्ता तोड़कर गुनगुने पानी से धो लें।
  • सफेद जेल को बाहर निकालने के लिए पत्ती को थपथपाकर सुखाएं और बीच से काट लें।
  • पत्ती को एक सपाट सतह पर तब तक छोड़ दें जब तक कि पत्तियों के कोनों से कड़वा पीला रस न निकल जाए।
  • एक बार जब पीला रस या लेटेक्स निकल जाए, तो एक चाकू या चम्मच का उपयोग करके एलोवेरा जेल को हटा लें।
  • अब जेल को एक एयर-टाइट कांच के कंटेनर में स्टोर करें। आप जेल को सीधे त्वचा पर या दूसरी चीजों के साथ उपयोग कर सकते हैं।

शिशुओं के लिए एलोवेरा जेल का उपयोग करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, यह समझिए।

शिशुओं के लिए एलोवेरा का उपयोग करते समय बरती जाने वाली सावधानियां

शिशु की त्वचा नाजुक होती है। ऐसे में एलोवेरा का उपयोग करते समय निम्नलिखित सावधानियां बरतनी चाहिए।

  • मुंह में न जाए एलोवेरा : एलोवेरा में एलोइन नामक यौगिक होता है, जिसमें दस्त लाने वाला प्रभाव देखा जाता है। इसी वजह से बच्चे को एलोवेरा जूस मौखिक रूप से तब तक न दें, जब तक डॉक्टर न कहे।
  • जैविक खरीदें : एलोवेरा उत्पादों को केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही खरीदें। इसके अलावा, ऐसे ऑर्गेनिक एलोवेरा उत्पादों को प्राथमिकता दें, जिनमें विस्तृत जानकारी दी गई हो जैसे कि खराब होने की या इस्तेमाल करने की तारीख।
  • एलर्जी की कर लें जांच : शरीर पर पहली बार इसका इस्तेमाल करने से पहले, त्वचा के एक छोटे से हिस्से पर, जैसे पैरों के नीचे, जेल लगाकर देख लें कि कहीं इससे कोई एलर्जी तो नहीं। यदि एलर्जी के कोई लक्षण नहीं हैं, तो इसका उपयोग शुरू कर सकते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

  1. क्या शिशु के मुहांसों के लिए एलोवेरा का उपयोग करना सही है ?

बेबी मुंहासे आमतौर पर कुछ समय के लिए होते हैं, लेकिन खुजली पैदा कर सकते हैं। एलोवेरा में मुंहासे रोधी प्रभाव होता है, लेकिन चेहरे पर इसका इस्तेमाल करते समय सावधान रहें, क्योंकि त्वचा नाजुक होती है। साथ ही, बच्चे के जेल खाने का भी खतरा होता है।

  1. क्या शिशु के डायपर रैश के लिए एलोवेरा अच्छा है?

शिशुओं में डायपर रैशेज के लिए एलोवेरा का उपयोग प्रभावी पाया गया है (10)। इस जेल को दूसरे रैशेज जैसे हीट रैशेज पर भी लगा सकते हैं। हालांकि, किसी भी घरेलू उपाय को आजमाने से पहले, सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।

एलोवेरा शिशुओं के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है, लेकिन सावधानियों के साथ। जैसा कि ऊपर हमने बताया कि एलोवेरा शिशु के मुंह में नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इससे दस्त का खतरा रहता है। शिशु की त्वचा काफी नाजुक होती है। ऐसे में एलोवेरा का उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें। ऐसे ही आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें मॉमजंक्शन की वेबसाइट से।

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