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बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है, उसे स्तनपान के अलावा दूसरे खाद्यों का सेवन कराने की सलाह दी जाती है। छोटे बच्चों को किन खाद्यों का सेवन कराएं और किसका न कराएं, यह हर मां के लिए एक चिंता का विषय होता है। ऐसे में क्या आप अपने शिशु के आहार में टमाटर शामिल कर सकती हैं या नहीं, यह जान लेना भी जरूरी है। अगर आप इसे लेकर असमंजस में हैं, तो इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

लेख की शुरुआत में जानते हैं कि शिशु के लिए टमाटर का सेवन सुरक्षित है या नहीं।

क्या शिशु के लिए टमाटर सुरक्षित है?

हां, शिशुओं के आहार में टमाटर शामिल किया जा सकता है। एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) पर उपलब्ध एक शोध में बच्चों के आहार में कॉम्प्लिमेंटरी फूड यानी पूरक आहार के तौर पर टमाटर को भी शामिल करने की सलाह दी गई है (1)। शिशुओं के आहार में टमाटर को सूप, प्यूरी, दाल में पकाकर व मैश करके शामिल किया जा सकता है। वहीं, टमाटर में फोलेट, विटामिन सी और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो शिशु के बेहतर विकास के लिए गुणकारी हो सकते हैं (2)।

अब जानते हैं कि बच्चे के आहार में टमाटर कब शामिल किया जा सकता है।

छोटे बच्चे टमाटर कब खा सकते हैं?

डब्लयूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) द्वारा जारी एक फूड गाइडलाइन रिपोर्ट में शिशु को शुरुआती के छह महीनों तक मां के दूध पर निर्भर रहने की सलाह दी गई है। छह महीने के होने के बाद पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए शिशु को थोड़ा-थोड़ा ठोस पदार्थ का सेवन कराने से जुड़ी जानकारी दी गई है। इस लिस्ट में टमाटर का जिक्र भी किया गया है (3)।

अमूमन टमाटर से किसी प्रकार की एलर्जी नहीं होती है, लेकिन इसका सेवन कराते समय ध्यान रखना होगा कि शिशु के शरीर पर चकत्ते तो नहीं हो रहे। यदि ऐसा हो तो टमाटर का सेवन तुरंत रोक दें और चिकित्सक से परामर्श लें। इस उम्र में बच्चा खाना चबाना सीख रहा होता है। इसलिए अगर बच्चे को कच्चा टमाटर दे रहे हैं, तो उसकी प्यूरी बनाकर दें, वरना गला चोक होने का खतरा रहता है।

आइए जानते हैं कि टमाटर में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं।

टमाटर के पोषक तत्व

टमाटर में कई पोषक तत्व होते हैं, जो बच्चे के विकास के लिए काफी जरूरी हैं। यहां हम जानते हैं कि 100 ग्राम टमाटर में कौन से पोषत तत्व कितनी मात्रा में मौजूद होते हैं (4)।

  • 100 ग्राम टमाटर में 94.5 ग्राम पानी, 18 किलो कैलोरी उर्जा, 1.2 ग्राम फाइबर, 3.89 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 0.88 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है।
  • प्रति 100 ग्राम टमाटर में 2.63 ग्राम शुगर, 1.25 ग्राम ग्लूकोज और 1.37 ग्राम फ्रुक्टोज होता है।
  • विटामिन्स की बात करें, तो 100 ग्राम टमाटर में 13.7 मिलीग्राम विटामिन-सी, 0.08 मिलीग्राम विटामिन बी-6, 42 माइक्रोग्राम विटामिन-ए, 0.54 मिलीग्राम विटामिन-ई और 7.9 माइक्रोग्राम विटामिन-के होता है।
  • वहीं, इसमें 5 माइक्रोग्राम सोडियम, 10 मिलीग्राम कैल्शियम, 0.17 मिलीग्राम जिंक, 0.059 मिलीग्राम कॉपर, 11 मिलीग्राम मैग्नीशियम और 0.114 मिलीग्राम मैंगनीज पाया जाता है।

आगे हम जानेंगे कि टमाटर शिशु को किस तरह से फायदा पहुंचा सकता है।

शिशु के लिए टमाटर के फायदे

छोटे बच्चों की सेहत के लिए टमाटर का सेवन कई मायनों में फायदेमंद हो सकता है। नीचे शिशुओं के आहार में टमाटर को शामिल करने से होने वाले फायदों से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।

1. दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाए : टमाटर में विटामिन-के व कैल्शियम भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं (4)। ये दोनों पोषक तत्व हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में सहायक हो सकते हैं। दरअसल, एक शोध में विटामिन-के को हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी माना गया है (5)।

वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार, दांतों और हड्डियों की मजबूती को बनाए रखने के लिए कैल्शियम को प्रमुख पोषक तत्व बताया गया है (6)। ऐसे में बच्चों के दांत और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए टमाटर का सेवन गुणकारी माना जा सकता है।

2. आंखों को स्वस्थ रखे : टमाटर का सेवन आंखों को स्वस्थ्य रखने के लिए मददगार हो सकता है। दरअसल, टमाटर में अच्छी मात्रा में विटामिन-सी पाया जाता है। बता दें, आंखों को स्वस्थ बनाए रखने के लिए यह जरूरी पोषत तत्वों में से एक है (7)।

3. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए : वयस्कों की तुलना में बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है (8)। टमाटर में लाइकोपीन और बीटा कैरोटीन जैसे कैरोटीनॉयड पाए जाते हैं, जो इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथ कोल्ड और फ्लू जैसी परेशानियों से सुरक्षा कवच प्रदान कर सकते हैं (9)। ऐसे में बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए उसके आहार में टमाटर को शामिल करना उपयोगी हो सकता है।

4. स्वस्थ ह्रदय के लिए : टमाटर का सेवन हृदय संबंधी परेशानियों में भी फायदा पहुंचा सकता है। इससे संबंधित एक अध्ययन में इस बात का जिक्र मिलता है कि टमाटर में कार्डियोप्रोटेक्टिव प्रभाव यानी हृदय को स्वस्थ रखने वाला गुण मौजूद होता है (9)। इस तरह छोटे शिशुओं में टमाटर का सेवन हृदय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है।

5. डिहाइड्रेशन में मददगार : बच्चों में उल्टी और दस्त के कारण डिहाइड्रेशन यानी पानी की कमी की शिकायत हो सकती है (10)। वहीं, 100 ग्राम टमाटर में 94 ग्राम पानी होता है, जो बच्चे को हाइड्रेट रखने में सहायक हो सकता है (4)। ऐसे में हम कह सकते हैं कि टमाटर बच्चों में डिहाइड्रेशन से बचाव कर सकता है।

लेख में आगे छोटे बच्चों को टमाटर खिलाते समय ध्यान रखने योग्य बातों के बारे में जानेंगे।

छोटे बच्चों को टमाटर खिलाने से पहले बरती जाने वाली सावधानियां

छोटे बच्चों के लिए टमाटर के फायदों के बारे में आप जान चुके हैं, लेकिन इसका सेवन कराते समय कुछ बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक है। नीचे हम कुछ ऐसी ही ध्यान रखने योग्य बातों के बारे में बता रहे हैं:

  • शिशु को कभी भी टमाटर का टुकड़ा खाने को न दें। बच्चा इसे चबा नहीं पाएगा। यह गले में अटक सकता है। छोटे बच्चों को टमाटर की प्यूरी या सूप देना बेहतर होगा।
  • टमाटर एसिडिक होता है, जो कभी-कभी बच्चे के पेट के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है (11)। हालांकि ऐसा कुछ बच्चों के साथ ही होता है। अच्छा होगा कि टमाटर खिलाने के बाद उसपर नजर रखें कि बच्चे की पाचन क्रिया प्रभावित तो नहीं हो रही है।
  • कुछ बच्चों में टमाटर का सेवन करने से सांस संबंधी एलर्जी हो सकती है (12)। ऐसे में बच्चे को पहली बार टमाटर खिला रहे हैं, तो उन पर नजर बनाकर रखें।
  • बच्चों के लिए टमाटर का चुनाव करते समय ध्यान रखना चाहिए कि टमाटर ऑर्गेनिक हो। वहीं, केमिकल प्रोसेस द्वारा उगाए गए टमाटर बच्चे की पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।
  • टमाटर खरीदते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि वे ठोस और धब्बेदार न हो। हमेशा लाल या नारंगी रंग के ताजे टमाटर खरीदें।
  • छोटे शिशुओं को टमाटर का सूप या प्यूरी देते समय इस बात का खास खयाल रखें कि एक बार में ज्यादा मात्रा में न खिलाएं।

लेख में आगे टमाटर का चयन और स्टोर किस प्रकार करना है, इससे जुड़ी जानकारी दे रहे हैं।

टमाटर का चुनाव व स्टोर करने के टिप्स

बच्चे के लिए टमाटर का चुनाव और स्टोर करना महिलाओं के लिए चुनौती होता है। उन्हें पूरा पोषक तत्व मिले इसकी जिम्मेदारी मां पर होती है। अमूमन हर मां की यही कोशिश होती है। यहां बताए टिप्स को फॉलो करके मुश्किल आसान बना सकती हैं।

  • टमाटर खरीदते समय इस बात का ध्यान दें कि न तो यह ज्यादा कठोर होना चाहिए और न ही मुलायम। हमेशा टमाटर को छूकर दबाकर देखें।
  • टमाटर को कभी भी फ्रीज में न रखें। इससे उसके पोषक तत्व कम होने लगते हैं। साथ ही यह पकने में ज्यादा समय लेता है।
  • इन्हें सूरज की रोशनी से दूर, कमरे के सामान्य तापमान वाली जगह पर ही रखें। टमाटर को इस तरह से रखें कि इसकी डंठल ऊपर की तरफ हो और एक दूसरे से चिपके न हों।
  • कोशिश करें की कुछ दिनों के भीतर ही टमाटर खत्म हो जाएं, क्योंकि ज्यादा दिन तक स्टोर किए हुए टमाटर बच्चे के लिए ठीक नहीं है।

लेख के इस भाग में शिशुओं के लिए टमाटर से तैयार रेसिपी के बारे में जानेंगे।

शिशु के लिए टमाटर की रेसिपी

शिशुओं के लिए टमाटर की रेसिपी का चुनाव करते समय यह ध्यान रखें कि फूड ऐसा होनी चाहिए, जो जल्द बन जाए और बच्चे को खाने में परेशानी न हो। यहां हम कुछ ऐसी ही रेसिपीज के बारे में बता रहे हैं:

1. टमाटर का सूप

Tomato soup
Image: Shutterstock

सामग्री :

  • एक छोटा टमाटर कटा हुआ
  • एक चम्मच मक्खन या घी
  • चुटकी भर नमक
  • चुटकी भर हींग

विधि :

  • सबसे पहले टमाटर को उबालकर मैश कर लें।
  • कूकर गर्म होने पर मक्खन या घी डालें।
  • मक्खन पिघलने पर हींग डालें। हींग बच्चों के लिए काफी अच्छा होता है।
  • उसमें टमाटर की प्यूरी डाल दें।
  • इसके बाद चुटकी भर नमक डालकर चलाएं और 2 मिनट बाद उतार लें।
  • तैयार है गरमागर्म टमाटर का सूप।

2. टमाटर आमलेट

Tomato Omelette
Image: Shutterstock

सामग्री :

  • एक छोटा टमाटर बारीक कटा हुआ
  • एक छोटी कटोरी बेसन या एक अंडा
  • छोटा प्याज बारीक कटा
  • चुटकी भर नमक
  • एक चम्मच बटर या घी

विधि :

  • एक बाउल में बेसन या अंडा तोड़कर डालें।
  • उसमें कटा प्याज, नमक और बारीक कटा टमाटर डालकर पानी के साथ मिला लें।
  • एक नॉनस्टिक पैन में घी डालकर गर्म करें।
  • इसके बाद घोल को चम्मच की सहायता से डालें और फैला दें।
  • चाहें तो ऊपर से और कटे टमाटर डाल सकती हैं।
  • एक तरफ पक जाने पर सावधानी से पलटें और दूसरी तरफ भी सेकें।
  • लीजिए तैयार है गरमागर्म टमाटर का आमलेट।

नोट- बच्चे के एक साल के होने के बाद ही आमलेट का सेवन कराएं। छह महीने के बच्चों के लिए लिक्विड या सेमिलिक्विड रेसिपी देना बेहतर होगा।

3. टमाटर और चावल का सूप

Tomato and Rice Soup
Image: Shutterstock

सामग्री :

  • एक बड़ा उबला टमाटर
  • छोटी कटोरी गीला पका चावल
  • एक चम्मच बटर या घी
  • नमक स्वादानुसार
  • चुटकी भर हींग

विधि :

  • टमाटर को मैश करके प्यूरी बना लें।
  • एक पैन या कूकर में बटर डालें।
  • बटर पिघलने पर हींग डाल दें।
  • उसमें गीला चावल और टमाटर प्यूरी डालें।
  • थोड़ा पानी डालकर पतला करें।
  • चुटकी भर नमक डालें।
  • 2 मिनट उबलने के बाद आंच से उतार दें।
  • तैयार है बच्चे के लिए हेल्दी चावल और टमाटर का सूप।

शिशु को टमाटर खिलाना चाहिए कि नहीं, उम्मीद करते है इस सवाल का जवाब आपको मिल गया होगा। जैसा कि लेख में आपने जाना कि छोटे बच्चों को टमाटर खिलाने के कई फायदे हैं। बस इसका सेवन कराते समय कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। तो, अब बिना देर किए शिशुओं की डाइट लिस्ट में टमाटर को शामिल करें। बच्चों से जुड़ी ऐसी ही जानकारी हासिल करने के लिए विजिट करते रहें मॉमजंक्शन की वेबसाइट।

References

  1. Early Eating Behaviors and Food Acceptance Revisited: Breastfeeding and Introduction of Complementary Foods as Predictive of Food Acceptance
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4796330/
  2. Nutrient content of tomatoes and tomato products
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/9605204/
  3. Infant and young child feeding
    https://www.who.int/nutrition/publications/infantfeeding/9789241597494.pdf
  4. Tomatoes, red, ripe, raw, year round average
    https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/170457/nutrients
  5. Vitamin K and bone health
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/15018483/
  6. Tomato-A Natural Medicine and Its Health Benefits
    https://www.phytojournal.com/vol1Issue1/Issue_may_2012/3.pdf
  7. Look to Fruits and Vegetables for Good Eye Health
    https://www.aao.org/eye-health/tips-prevention/fabulous-foods-your-eyes
  8. Colds in children
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2722603/
  9. Tomatoes and cardiovascular health
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12587984/
  10. Pediatric Dehydration
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK436022/
  11. Symptoms & Causes of Indigestion
    https://www.niddk.nih.gov/health-information/digestive-diseases/indigestion-dyspepsia/symptoms-causes
  12. Adverse food reactions in patients with grass pollen allergic respiratory disease
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/7943997/
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