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जिस तरह बढ़ते बच्चे के लिए आहार में सब्जियां जरूरी है, ठीक वैसे ही उनकी डाइट में फलों को भी शामिल करना चाहिए। वहीं, फलों की लिस्ट भी काफी लंबी है। बाजार में कई तरह के पौष्टिक फल मौजूद हैं। उन्हीं फलों में से एक है नाशपाती, लेकिन बच्चों के लिए नाशपाती का सेवन कराने को लेकर माता पिता के मन में कई सवाल हो सकते हैं। ऐसे में इसी उलझन को हम मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में सुलझा रहे हैं। यहां हम बच्चों के लिए नाशपाती का सेवन सुरक्षित है या नहीं, इसकी जानकारी तो देंगे ही, साथ ही बच्चों के लिए नाशपाती के फायदे व नुकसान भी बताएंगे। तो बच्चों के लिए नाशपाती के इस लेख को अंत तक पढ़ें।
लेख में सबसे पहले हम बात करेंगे कि बच्चों के लिए नाशपाती कितना सुरक्षित है।
क्या नाशपाती खाना बच्चों के लिए सुरक्षित है?
हां, बच्चों को नाशपाती खिलाना सुरक्षित है। एक रिसर्च के अनुसार बच्चों में कब्ज की समस्या होने पर अन्य फलों के साथ नाशपाती का जूस देने की सलाह दी गई है (1)। इसके अलावा नाशपाती में फाइबर, विटामिन सी और पोटेशियम सहित कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो बच्चों के लिए कई प्रकार से लाभकारी हो सकते हैं। इसके साथ ही नाशपाती में कई प्रकार फाइटोकेमिकल्स और एंटीऑक्सिडेंट मौजूद जोते हैं, जो स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव में लाभकारी हो सकते हैं। हालांकि, इसमें मौजूद फ्रुक्टोज और सोर्बिटोल कब्ज की समस्या से राहत तो दिला सकते हैं, लेकिन इसके अधिक सेवन से बच्चे में दस्त की परेशानी भी हो सकती है (2)। ऐसे में इस संबंध में मिलीजुली राय है, इसलिए बेहतर है बच्चे को सीमित मात्रा में ही नाशपाती दें, अगर ज्यादा दुविधा महसूस हो तो डॉक्टरी सलाह भी ले सकते हैं।
आर्टिकल के इस भाग में पढ़ें कि बच्चों को नाशपाती का सेवन कब से कराना चाहिए।
बच्चों को नाशपाती खिलाना कब शुरू करना चाहिए?
शुरुआत के 6 महीने तक बच्चे को मां के दूध पर ही निर्भर रहना होता है। 6 महिने के बाद उन्हें कुछ चुनिंदा खाद्य पदार्थों के सेवन की सलाह दी जाती है (3)। यदि यहां फलों को खिलाने की बात करें, तो एक मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चे के 6 से 8 महीने का होने के बाद उनके आहार में नाशपाती को शामिल कर सकते हैं (4)। ऐसे में कह सकते हैं कि बच्चे के 6 माह का होने के बाद छोटे-छोटे टुकड़ों में सीमित मात्रा में नाशपाती का सेवन करा सकते हैं।
नीचे पढ़ें नाशपाती में मौजूद जरूरी पोषक तत्वों के बारे में।
नाशपाती के पोषक तत्व
नाशपाती में मौजूद पोषक तत्व इसे बच्चों के लिए कई प्रकार से फायदेमंद बना सकते है। तो यहां जानिए नाशपाती में मौजूद इन पोषक तत्वों के बारे में (5)।
- 100 ग्राम नाशपाती में फाइबर 3.1 ग्राम, 57 KCL ऊर्जा, 0.36 ग्राम प्रोटीन मौजूद होता है।
- वहीं, 100 ग्राम नाशपाती में 9 मिलीग्राम कैल्शियम, 9.75 ग्राम शुगर और 15.2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है।
- 100 ग्राम नाशपाती में 7 मिलीग्राम मैग्नीशियम, 0.18 मिलीग्राम आयरन, 116 मिलीग्राम पोटेशियम और 12 मिलीग्राम फास्फोरस होता है।
- इसके अलावा, 100 ग्राम नाशपाती में 0.1 मिलीग्राम जिंक, 1 मिलीग्राम सोडियम, 0.082 मिलीग्राम कॉपर, 0.1 माइक्रोग्राम सेलेनियम और 0.048 मिलीग्राम मैंगनीज होता है।
- 100 ग्राम नाशपाती 0.029 मिलीग्राम विटामिन बी-6, 4.3 मिलीग्राम विटामिन-सी, 7 माइक्रोग्राम फोलेट, 4.4 माइक्रोग्राम विटामिन-के और 25 IU विटामिन-ए (IU) से समृद्ध होती है।
- वहीं, 100 ग्राम नाशपाती में 14 माइक्रोग्राम बीटा कैरोटीन, 0.022 ग्राम टोटल सैचुरेटेड फैटी एसिड और 44 माइक्रोग्राम ल्यूटिन, जियाजैंथिन की मात्रा होती है।
लेख में आगे जानिए बच्चों के लिए नाशपाती के फायदे क्या-क्या हो सकते हैं।
बच्चों के लिए नाशपाती के फायदे
नाशपाती में मौजूद पोषक तत्व इसे बड़ों के साथ ही बच्चों के लिए भी फायदेंमंद बनाने में मदद कर सकते हैं। ऐसे में यहां हम बता रहें हैं कि बच्चों के लिए नाशपाती के फायदे क्या हो सकते हैं।
1. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए: छोटे बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली बड़ों की तुलना में कमजोर होती है, जिसके कारण बच्चों को सर्दी जुकाम जैसी छोटी-मोटी बीमारी और संक्रमण का जोखिम रहता है (6)। वहीं, बच्चों की प्रतिरक्षा प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए नाशपती फायदेमंद हो सकती है। इससे जुड़ी जानकारी से यह पता चलता है कि नाशपाती में एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव मौजूद होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। साथ ही इसमें एंटी-पायरेटिक (Antipyretic) यानी बुखार को कम करने का गुण भी मौजूद होता है (7)। ऐसे में बढ़ते बच्चों की रोग प्रतिरोधक शक्ति को बेहतर करने के लिए उनकी डाइट में नाशपाती को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
2. श्वसन संबंधी रोग में: गर्मी में होने वाली हीट के कारण बच्चों को कफ की समस्या हो सकती है, जिससे बच्चों को सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है। इस दौरान गर्मियों में नाशपाती का जूस बच्चों की इस समस्या में लाभदायक माना जा सकता है। शोध में पाया गया कि नाशपाती का जूस पीने से कफ साफ हो सकता है। नाशपाती का जूस वोकल कॉर्ड की सूजन को भी कम कर सकता है, गले को पोषण प्रदान कर सकता है। इसके साथ ही गले की समस्याओं से बचाव में भी मदद कर सकता है (7)। हालांकि, अगर समस्या अधिक हो तो बेहतर है इस बारे में डॉक्टरी सलाह भी ली जाए।
3. कब्ज की समस्या में: बच्चों में कब्ज की समस्या होना आम है, लेकिन यह बच्चे के लिए तकलीफ की वजह भी हो सकती है (8)। ऐसे में कब्ज की समस्या में नाशपाती का सेवन लाभदायक हो सकता है। दरअसल, नाशपाती में फाइबर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। नाशपाती में पाया जाने वाला फाइबर अपच के साथ ही कब्जियत को सुधारने में भी प्रभावकारी हो सकता है। साथ ही पाचन क्रिया को भी स्वस्थ बना सकता है। इसके साथ ही इसमें हल्का लैक्सेटिव प्रभाव है, जो पेट साफ करने और कब्ज के लिए उपयोगी हो सकता है। हालांकि, ध्यान रहे नाशपाती के अधिक सेवन से पेट दर्द व् ऐंठन की परेशानी भी हो सकती है (7)।
4. आंखों को स्वस्थ रखे: नाशपाती का सेवन बच्चों की आंखों के लिए भी लाभदायक हो सकता है। शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि नियमित रूप से नाशपाती का सेवन एज रिलेटिड मेक्यूलर डिजनरेशन (Age related macular degeneration) यानी कि बढ़ती उम्र से संबंधित आंखों से जुड़ी समस्या को कम करने में मददगार हो सकता है। एज रिलेटिड मेक्यूलर डिजनरेशन विजन लॉस यानी अंधेपन का मुख्य कारण माना गया है (7)। ऐसे में शुरुआत से ही बच्चे के आंखों को स्वस्थ रखने के लिए उनकी डाइट में नाशपाती को शामिल करना अच्छा विकल्प हो सकता है।
5. हड्डियों की मजबूती के लिए: नाशपाती का सेवन हड्डियों की समस्या में भी फायदेमंद माना गया है। दरअसल, इसमें मैग्नीशियम, कैल्शियम, मैंगनीज, फास्फोरस और कॉपर की अच्छी मात्रा पाई जाती है। नाशपाती में पाए जाने वाले ये पोषक तत्व बोन मिनरल लॉस यानी कि हड्डियों में मौजूद मिनरल्स के कम होने की समस्या को रोकने में फायदेमंद हो सकते हैं। इसके अलावा इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और फ्लेवोनोइड, ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis- हड्डियों से जुड़ी समस्या) और जोड़ों में होने वाली सूजन की समस्या में लाभदायक हो सकते हैं। साथ ही इसका एंटी इन्फ्लेमेटरी प्रभाव गठिया से जुड़े हड्डी के रोग के जोखिम को कम कर सकता है (9)।
6. शारीरिक ऊर्जा के लिए: शरीर को ऊर्जा देने के लिए भी नाशपाती का सेवन लाभदायक हो सकता है। इस विषय में मौजूद जानकारी के अनुसार इसमें मौजूद कार्बोहाइड्रेट को ऊर्जा के लिए जिम्मेदार माना जा सकता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद पोषक तत्व शरीर को मजबूती प्रदान कर सकते हैं (9)। नाशपाती के जूस को एनर्जी ड्रिंक के तौर पर भी लिया जा सकता है (7)।
आगे हम जानकारी दे रहे हैं नाशपाती को चुनने और उन्हें स्टोर करने का तरीका।
बच्चों के लिए नाशपाती कैसे पसंद करें और कैसे स्टोर करें?
बच्चों को नाशपाती देने के पहले उसका चयन और स्टाेरेज किस प्रकार से करना है, यह जानना भी जरूरी है। तो यहां जानेंगे नाशपाती का चयन और स्टोर करने के कुछ आसान तरीके।
चयन करने का तरीका:
- हमेशा ताजे नाशपाती का ही चुनाव करें।
- कच्चे या अधिक पके हुए नाशपाती का चुनाव करने से बचें।
- अगर नाशपाती में दाग हो या नाशपाती नर्म तो उसे न खरीदें।
- ध्यान रहे कि अच्छे नाशपाती दबाने में थोड़े कठोर होते हैं।
- पिलपिला और पूरी तरह से पीला व नर्म नाशपाती न खरीदें, क्योंकि ये खराब या सड़े हुए हो सकते हैं।
नाशपाती को स्टोर कैसे करें:
- नाशपाती को फल के ट्रे में रसोई के किसी हवादार जगह पर रख सकते हैं।
- इसे कमरे के टेम्प्रेचर में रखा जा सकता है।
- ध्यान रहे कि इसे प्याज जैसी सब्जियों से अलग स्टोर करें।
- अगर नाशपाती कच्चे हैं तो उसे पेपर बैग में स्टोर कर सकते हैं। इससे नाशपाती जल्दी पक भी जाएंगे।
- नाशपाती को काटकर ज्यादा देर तक न रखें, बल्कि काटने के कुछ देर के अंदर ही बच्चे को खिला दें।
- हमेशा कम मात्रा में नाशपाती खरीदें, ताकि ज्यादा दिनों तक उन्हें स्टोर करने की जरूरत न पड़े।
अब लेख में आगे बच्चों को नाशपाती देने के टिप्स की जानकारी दी गई है।
बच्चों को नाशपाती देने के टिप्स
अब हम यहां शिशुओं व बच्चों को नाशपाती देने से जुड़े कुछ टिप्स के बारे में जानकारी दे रहे हैं। तो बच्चों को नाशपाती देने के टिप्स कुछ इस प्रकार हैं:
- बच्चों को नाशपाती देने से पहले उन्हें छोटे-छोटे स्लाइस में काट लें।
- बच्चों को हमेशा ताजा और पके हुए नाशपाती ही दें।
- अन्हें नाशपाती को विभिन्न प्रकार की डिशेज में बनाकर दिया जा सकता है।
- बच्चों को नाशपाती प्यूरी या जूस के रूप में दिया जा सकता है।
लेख के इस हिस्से में पढ़ें बच्चों को नाशपाती देने से पहले ध्यान देने योग्य कुछ जरूरी बातों के बारे में।
बच्चों को नाशपाती देने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
शिशुओं को नाशपाती देने से पहले कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है, जिनकी जानकारी हम नीचे दे रहे हैं :
- बच्चों को नाशपाती देने के पहले ध्यान दें कि कहीं वो सड़े हुए तो नहीं हैं।
- अगर नाशपाती फ्रिज में हो तो, तुरंत फ्रिज का ठंडा नाशपाती बच्चे को न दें।
- ध्यान रहे कि बच्चों को साबुत नाशपाती नहीं दें, क्योंकि साबुत नाशपाती वे खा नहीं सकेंगे।
- नाशपाती को छोटे टुकड़ों में या फिर प्यूरी और जूस के रूप में दें।
- ध्यान रहे नाशपाती के टुकड़े जरूरत से ज्यादा छोटे या बड़े न हो, वरना ये गले में अटक सकते हैं।
- नाशपाती का उपयोग करने से पहले उन्हें अच्छे से साफ करके धो लें।
- बच्चे को नाशपाती का सेवन कराने से पहले उसके बीज व छिल्के निकाल दें।
- शिशु को नाशपाती देने से पहले उसे पहले खुद टेस्ट कर लें। अगर नाशपाती खट्टी है तो वह शिशु को न दें।
- बच्चों को नाशपाती देने के बाद कुछ दिनों तक उन्हें नाशपाती न दें, बल्कि इंतेजार करें, ताकि बच्चे में एलर्जी की प्रतिक्रिया का पता चल सके।
नीचे पढ़ें बच्चों के लिए नाशपाती की रेसिपी क्या-क्या हो सकती है।
बच्चों के लिए नाशपाती की रेसिपी
बच्चों को नाशपाती छोटे-छोटे टुकड़ों में तो दिया ही जा सकता है, लेकिन साथ ही उन्हें कई अलग तरह से भी नाशपाती दे सकते हैं। ऐसे में बच्चे को यहां दी गई रेसिपी का उपयोग करके भी नाशपाती दे सकते हैं। तो बच्चे के लिए नाशपाती के कुछ स्वादिष्ट रेसिपीज इस प्रकार हैं:
1. बच्चों के लिए नाशपाती की प्यूरी
सामग्री:
- एक नाशपाती
- आवश्यकता अनुसार पानी (उबालने के लिए)
बनाने की विधि:
- सबसे पहले नाशपाती का छिल्का व बीज निकाल लें।
- अब नाशपाती को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- अब बर्तन में पानी भर लें और उसके ऊपर एक प्लेट रखें।
- फिर नाशपाती के टुकड़ों को उस प्लेट में रखकर ढक दें और कुछ मिनट तक भाप में पकाएं।
- चाहें तो नाश्पाती को उबाल भी सकते हैं।
- इसके बाद नाशपाती के टुकड़ों को चम्मच के पिछले हिस्से से दबाकर देखें। यदि नाशपाती आसानी से मैश हो जाती है, तो समझें कि नाशपाती अच्छी तरह से पक गई है।
- अब पके हुए नाशपाती को एक ब्लेंडर में डालें और अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें।
- ध्यान रहे कि इसमें कोई गांठ मौजूद न हो।
- इस प्यूरी को फीडिंग बाॅउल में डालें और तुरंत बच्चे को खिलाएं। चाहें तो इसमें फार्मूला मिल्क या पानी मिला सकते हैं।
2. बच्चों के लिए नाशपाती का जूस
सामग्री:
- एक छिलका और बीज रहित नाशपाती
- आधा कप पानी
बनाने की विधि:
- एक ब्लेंडर में नाशपाती और पानी को डालकर अच्छे से ब्लेंड करें।
- इसके बाद एक बाउल में छन्नी की सहायता से छान लें।
- अब बच्चों को ताजा और शुद्ध नाशपाती का जूस सेवन करने के लिए दें।
नोट : अगर ये रेसिपीज एक साल से बड़े बच्चों के लिए बना रहे हैं तो इसमें कुछ मात्रा में नमक या चीनी का उपयोग कर सकते हैं।
उम्मीद है इस लेख को पढ़ने के बाद माता-पिता को शिशुओं के लिए नाशपाती से जुड़े सभी सवालों के जवाब मिल चुके होंगे। ऐसे में ऊपर बताई गई सावधानियों को ध्यान में रखते हुए शिशु की डाइट में नाशपाती शामिल करना उनके स्वास्थ्य के लिए अच्छा विकल्प हो सकता है। ध्यान रहे नाशपाती देने के बाद शिशु पर नाशपाती की प्रतिक्रिया के लिए थोड़े दिनों तक इंतजार करें, ताकि एलर्जी संबंधित समस्याओं का पता चल सके। नाशपाती के सेवन के बाद अगर बच्चे का स्वभाव सामान्य रहे तो उसे नाशपाती खिलाना जारी रखें। अब इस लेख को अन्य लोगों के साथ साझा करके हर किसी को इसकी जानकारी दें।
References
1. Diets for Constipation By NCBI
2. Systematic Review of Pears and Health By NCBI
3. Breastfeeding – deciding when to stop By BetterHealth
4. Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years By MedlinePlus
5. Pears, raw By USDA
6. Evolution of the immune system in humans from infancy to old age By NCBI
7. Why Is Pear So Dear By IJRAP
8. Constipation in infants and children By MedlinePlus
9. Pears By ScienceDirect
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