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छोटे बच्चे जब अपनी नन्ही-नन्ही मुट्ठियों से आंखें मलते हैं, तो खूब प्यारे लगते हैं। लेकिन, आपने कभी सोचा है कि आखिर वो ऐसा क्यों करते हैं? अगर नहीं, तो मॉमजंक्शन के इस लेख में जानिए कि छोटे बच्चे किन कारणों से अपनी आंखों को रगड़ते हैं। यहां ऐसा करना कितना खतरनाक है, इसकी जानकारी भी दी गई है। साथ ही बच्चों को आंख मलने से रोकने के टिप्स भी बताए गए हैं।
लेख में सबसे पहले यह समझते हैं कि बच्चे अपनी आंखें क्यों रगड़ते हैं।

छोटे बच्चे अपनी आंखें क्यों मलते हैं? | Reasons for baby rubbing eyes in hindi

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट के मुताबिक, अधिकतर बच्चे ऐसा तब करते हैं, जब वो थके हुए होते हैं (1)एक अन्य शोध में भी शिशु की आंखें मलने की आदत को थकान से जोड़कर देखा गया है (2) ऐसे में यह माना जा सकता है कि आमतौर पर छोटे बच्चे जब थके होते हैं, तब अपनी आंखों को मसलते हैं। इसके अलावा भी कई अन्य कारण हैं, जिनके बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं।

  1. सोने की इच्छा – कई बार माता-पिता ने यह अनुभव किया होगा कि उनका बच्चा आंख मलने के साथ-साथ जम्हाई भी लेता है। ऐसा तब होता है जब उन्हें सोने की इच्छा होती है। इस बारे में एक शोध में बताया गया है कि कई शिशु जम्हाई लेने के साथ-साथ आंखें मलते हैं या फिर हाथ और पैर हिलाते हैं। इसके माध्यम से बच्चे संकेत देते हैं कि वो अब सोना चाहते हैं (2)
  1. एलर्जी या आई इंफेक्शन के कारण – कभी-कभी एलर्जी के कारण भी छोटे बच्चे अपनी आंख मलने लगते हैं। रिसर्च में बताया गया है कि बच्चे जब बिल्लियों की रूसी के संपर्क में आने के बाद अपनी आंखें रगड़ते हैं, तो उन्हें आई इंफेक्शन और एलर्जी दोनों हो सकती है(3)। इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चों के आंख मलने के कारण में एलर्जी और आई इंफेक्शन भी शामिल हैं।
  1. आंखों में कुछ चला जाना – कई बार ऐसा होता है कि आंखों में कुछ चला जाता है। उदाहरण के लिए, आंखों का सूखा कीचड़, पलक के बाल या फिर धूल के कण। यह समस्या छोटे बच्चों के साथ भी हो सकती है और इस वजह से वो अपनी आंखें मल सकते हैं। ऐसी स्थिति में बच्चे की आंखों को साफ करने के लिए एक साफ और नरम गीले कपड़े का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  1. ड्राई आई – अगर बच्चे की आंखें सूखी हैं, तो ऐसी स्थिति में भी वो उसे मल सकते हैं। दरअसल, आंखें टियर फिल्म से घिरी हुई होती है, जो हवा के संपर्क में आते ही सूख जाती हैं (4)। इस कारण आंखें ड्राई हो जाती हैं, जिससे छोटे बच्चों को असहजता होती है। इसी वजह से माना जाता है कि बच्चे परेशान होकर आंखें मसलने लगते हैं।
  1. बच्चे का जिज्ञासु होना – छोटे बच्चे नई चीजों के बारे में जानने के अधिक जिज्ञासु होते हैं। इसके लिए वो बारी-बारी से शरीर के हर हिस्से को छूकर यह देखना चाहते हैं कि वह कैसी प्रतिक्रिया देता है। उदाहरण के लिए, हाथ पैर हिलाना, आंखों को बंद करना और खोलना, आंखों को रगड़कर देखना आदि।

अब जानिए कि बच्चों द्वारा आंखों को मलने से क्या-क्या जोखिम हो सकते हैं।

इसके अलावा, एलर्जी के दौरान लगातार आंख मलने से बच्चों को कुछ अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे (8) :

शिशु के आंख मलने के संभावित जोखिम

अगर बच्चा लगातार आंख मलता रहे, तो उसे निम्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

  1. संक्रमण का खतरा – आंख मलने से आंखों में संक्रमण होने का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल, छोटे बच्चे खेलने के दौरान किसी-न-किसी चीज को छूते रहते हैं। इस वजह से वहां फैले संक्रमण उनके हाथों में चिपक सकते हैं, जो मलने के दौरान उनके आंखों में जा सकते हैं।
  1. केराटोकोनस – अधिक आंख मलने से केराटोकोनस की समस्या भी हो सकती है। इसमें कॉर्निया यानी आंखों का पारदर्शी भाग पतला होकर बाहर आगे की तरफ निकल जाता है और इसके आकार में परिवर्तन हो सकता है। आगे चलकर इस समस्या की वजह से आंखें कमजोर भी हो सकती है (5)
  1. आंखों में चोट लगने का डर – आंख मलने की वजह से उनके आंखों में चोट लगने का डर भी बना रहता है। कई बार आंख मलने के दौरान उंगलियां बच्चों की आंखों में जा सकती है, जो चोट का कारण बन सकता है। 
  1. आंखें लाल होने का खतरा – आंख मलने के संभावित जोखिम में आंखों का लाल होना भी शामिल है। दरअसल, अधिक समय तक के लिए आंखें मलते रहने से वो लाल हो सकती हैं। ऐसे में कहा जा सकता है कि अगर बच्चे लगातार अपनी आंखें मलते हैं, तो उनकी आंखें लाल हो सकती हैं।
  1. आंखों में सूजन होने का डर – अगर बच्चा अपनी आंखों को जोर-जोर से रगड़ता है, तो आंखों में सूजन की समस्या भी हो सकती है। इस कारण छोटे बच्चों को असहजता महसूस हो सकती है।
  1. आंखों में खुजली हो सकती है – इस विषय से संबंधित शोध की मानें, तो अत्यधिक आंख रगड़ने से ऑक्यूलर इचिंग यानी आंखों में खुजली की समस्या हो सकती है (3)
  1. कीमोसिस की समस्या – आंखों को अधिक मलने से कीमोसिस की भी शिकायत हो सकती है (3)। बता दें कि कीमोसिस सूजन संबंधी समस्या है, जिसके कारण आंखों में जलन महसूस होने लगती है (6)
  1. हाइपरिमिया की समस्या – अधिक आंखें मलने से हाइपरिमिया की समस्या का भी जोखिम बढ़ सकता है (3)दरअसल, हाइपरिमिया एक ऐसी समस्या है, जिसमें शरीर के किसी अंग में खून की मात्रा बढ़ जाती है और इस वजह से रक्त वाहिकाओं में जमाव या सूजन होने लगती है (7)। 

इसके अलावा, एलर्जी के दौरान लगातार आंख मलने से बच्चों को कुछ अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे (8) :

  1. हाइड्रॉप्स – हाइड्रॉप्स एक ऐसी गंभीर स्थिति है, जिसमें शिशु के शरीर के दो या दो से अधिक हिस्सों में असामान्य मात्रा में तरल पदार्थ जमा हो जाता है (9)
  1. कॉर्नियल परफोरेशन – कॉर्नियल परफोरेशन भी आंखों से जुड़ी बीमारी है। इस दौरान आंखों के अंदर के गोलाकार हिस्से की पारदर्शी परत यानी कॉर्निया क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसके कारण आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है। यह समस्या संक्रमण, कीटाणु और बिना संक्रमण वाली आंखों की परेशानी व प्रतिरक्षा प्रणाली संबंधित परेशानी के कारण हो सकती है  (10)। 
  1. ग्लूकोमैटस ऑप्टिक न्यूरोपैथी ग्लूकोमा बीमारियों का एक समूह है, जो आंखों की ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकता है। यह आमतौर पर तब होता है जब आंखों के अंदर द्रव का दबाव धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचता है (11)
  1. रेटिनल डिटैचमेंट – आंखों से जुड़ी यह समस्या तब होती है, जब रेटिना अपनी जगह यानी आंख के पिछले हिस्से से अलग हो जाता है। अगर रेटिना अधिक दूरी तक खिसकता है, तो आंखें कमजोर भी हो सकती हैं (12)

यहां हम बता रहे हैं कि बच्चों को आंख मलने से रोकने के लिए क्या कर सकते हैं।

बच्चों को आंखें मलने से कैसे रोकें?

जैसा कि हमने लेख में बताया कि बच्चों का आंख मलना कई परेशानियों को बढ़ा सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि उसे ऐसा करने से रोका जाए। यहां हम कुछ टिप्स बता रहे हैं, जिनकी मदद से माता-पिता बच्चों को आंख मलने से रोक सकते हैं। 

  • अगर बच्चा जम्हाई के साथ अपनी आंखें मल रहा है, तो उसे तुरंत सुला दे। बच्चे की नींद के लिए टाइम टेबल बनाकर उसे उसी अनुसार ढाल सकते हैं। इससे बच्चे की नींद समय से पूरी होगी और उसे थकान महसूस नहीं होगी।
  • अगर शिशु जोर-जोर से आंखों को मलता है, तो उसे मुलायम दस्ताने पहना दें। ध्यान रखें कि वो दस्ताने ऐसे हों, जिसके एक हिस्से में अंगूठा और दूसरा हिस्से में चारों उंगलियां एक साथ आती हो। इसे पहनने से बच्चे की आंखों को किसी प्रकार की खरोंच नहीं आएगी।
  • बच्चे को ऐसी जगह पर ले जाने से बचें जहां आंखों में धूल-मिट्टी जाने का खतरा हो। अगर किसी कारणवश ऐसी जगहों पर जाना पड़े, तो बच्चों की आंख और नाक को अच्छी तरह से ढक दें।
  • हो सकता है कि बच्चा एलर्जी या किसी संक्रमण के कारण आंख मल रहा हो, इसलिए बच्चे की आंख मलने की आदत पर गौर करें। अगर लगे कि बच्चा आंखों को ज्यादा मसल रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • समय-समय पर बच्चे की आंख को हल्के गीले और मुलायम कपड़े से साफ करते रहें। छोटे बच्चे के आंखों से पानी और कीचड़ आने पर भी उनकी आंखों में खुजली हो सकती है, जिसके कारण वो आंखों मलने लगते हैं।
  • घर से बाहर निकलते समय बच्चे को बेबी सनग्लास भी पहना सकते हैं, ताकि उसे धूल और एलर्जी के खतरे से बचाया जा सके।

अंत में जानिए कि आंख मलते समय किन लक्षणों के दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

डॉक्टर से कब संपर्क करें 

छोटे बच्चों के आंख मलने पर अगर निम्नलिखित लक्षण दिखाई दें, तो बिना देर किए माता-पिता को उसे डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए।

  • अगर बच्चा चमकती हुई रोशनी पर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दे रहा हो।
  • फ्लैश फोटोग्राफी के दौरान बच्चे की आंखों का रंग लगातार बदलना और अजीब दिखना।
  • बच्चा अगर तिरछी नजर से किसी वस्तु को एकटक देखता हो।
  • आंखों में दर्द और खुजली होना।
  • तेज रोशनी के कारण आंखों का न चौंधियाना।
  • किसी भी चीज को देखने के लिए अगर बच्चा सिर को झुकाता हो। 
  • आंख की ऊपरी पलक का नीचे की ओर झुकना यानी ड्रूपिंग आईलिड।

सामान्य तौर पर बच्चे नींद या थकान के कारण ही आंखें रगड़ते हैं, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि उनकी इस आदत पर गौर न किया जाए। हम बता ही चुके हैं कि आंखों को ज्यादा मसलने से कई तरह की आई डिजीज हो सकती हैं। साथ ही संक्रमण होने पर भी बच्चे आंखें रगड़ते हैं, इसलिए बच्चे पर ध्यान देकर उसे सही वक्त पर चिकित्सक के पास ले जाना और लेख में बताए गए टिप्स को अपनाना जरूरी है। 

References

  1. Paediatric ophthalmology: Things that do not require referral
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2722560/
  2. Journey of The First 1000 Days
    https://nhm.gov.in/images/pdf/programmes/RBSK/Resource_Documents/Journey_of_The_First_1000_Days.pdf
  3. Effect of eye rubbing on signs and symptoms of allergic conjunctivitis in cat-sensitive individuals
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/11097588/
  4. A Protective Eye Shield for Prevention of Media Opacities during Small Animal Ocular Imaging
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4173074/
  5. Keratoconus
    https://medlineplus.gov/genetics/condition/keratoconus/
  6. Chemosis
    https://medlineplus.gov/ency/article/003038.htm
  7. Hyperemia
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/mesh?Db=mesh&Cmd=DetailsSearch&Term=%22Hyperemia%22%5BMeSH+Terms%5D
  8. Pathogenesis and complications of chronic eye rubbing in ocular allergy
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/31343437/
  9. Hydrops fetalis
    https://medlineplus.gov/ency/article/007308.htm
  10. Differences in Surgical Management of Corneal Perforations
    Measured over Six Years
  11. Glaucoma
    https://medlineplus.gov/glaucoma.html
  12. At a glance: Retinal Detachment
    https://www.nei.nih.gov/learn-about-eye-health/eye-conditions-and-diseases/retinal-detachment
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