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नवजात शिशुओं के छह महीने पूरे होने के बाद ही उन्हें सॉलिड फूड का सेवन कराने की सलाह दी जाती है। दरअसल, यह वो समय होता है जब बच्चों के विकास के लिए मां का दूध पर्याप्त नहीं होता, जिस कारण उन्हें अन्य पौष्टिक चीजों के सेवन की सलाह दी जाती है (1)। इन खाद्य पदार्थों में खजूर को भी शामिल किया जा सकता है, लेकिन इससे पहले हर माता-पिता के लिए यह जान लेना जरूरी है कि बच्चों के लिए खजूर कितना सही है। अगर हां, तो यह बच्चे के लिए किस प्रकार फायदेमंद हो सकता है? तो चलिए मॉमजंक्शन के इस लेख में हमारे साथ इसी विषय से जुड़ी जानकारी प्राप्त कीजिए और अपने बच्चे के पोषण को बरकरार रखिये।
सबसे पहले जानिए कि शिशुओं के लिए खजूर सुरक्षित है या नहीं।
क्या शिशुओं को खजूर देना सही है?
हां, शिशुओं को खजूर देना सही माना जा सकता है (2)। लेकिन, छोटे बच्चों को खजूर खिलाते समय थोड़ी सावधानी बरतनी जरूरी है, क्योंकि खजूर सख्त होते हैं। इस वजह से बच्चे इसे आसानी से चबा नहीं पाएंगे। इसलिए, शिशुओं को हमेशा पक्के हुए खजूर की प्यूरी बनाकर खिलाएं। वहीं, छोटे बच्चों को तुरंत ही ढेर सारे खजूर खाने के लिए न दें। उन्हें पहले थोड़ा-सा खजूर खिलाएं, फिर थोड़ी देर इंतजार करें। अगर बच्चा खजूर आसानी से खा लेता है, तो ही उसे दोबारा खजूर खिलाएं। वहीं, पहली बार बच्चों के आहार में खजूर शामिल करने से पहले डॉक्टरी सलाह लेना एक अच्छा निर्णय हो सकता है।
शिशुओं को खजूर खिलाने की सही उम्र के बारे में नीचे बताया गया है।
शिशु को खजूर देना कब शुरू कर सकते हैं?
बता दें कि खजूर की गिनती ड्राई फ्रूट्स में होती है। ऐसे में बच्चों को इसका सेवन एक साल की उम्र के बाद कराया जा सकता है। दरअसल, 12 महीने की उम्र तक के छोटे बच्चों में सख्त या फिर साबुत खाद्य पदार्थों का सेवन कराने से चोकिंग (गले में अटकना) का खतरा बना रहता है (3)। यही वजह है कि बच्चों को ड्राई फ्रूट्स के रूप में खजूर का सेवन एक साल से पहले नहीं कराना चाहिए। हालांकि, सीधे तौर पर शिशुओं को खजूर खिलाने की सही उम्र के बारे में फिलहाल वैज्ञानिक प्रमाण का अभाव है। इसलिए, इस बारे में बेहतर जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
यहां हम खजूर में मौजूद पोषक तत्वों की जानकारी दे रहे हैं।
खजूर के पोषक तत्व
खजूर को इसलिए लाभकारी माना जाता है, क्योंकि इसमें कई पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। आइये, जानते हैं कि खजूर में मौजूद पौष्टिक तत्व के बारे में (4) :
- 100 ग्राम खजूर में लगभग 21.3 ग्राम पानी, 277 केसीएएल ऊर्जा, 1.81 ग्राम प्रोटीन, 0.15 ग्राम फैट, 75 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और 6.7 ग्राम फाइबर मौजूद होता है।
- यही नहीं, 100 ग्राम खजूर 66.5 ग्राम शुगर, 64 ग्राम कैल्शियम, 0.9 ग्राम आयरन, 54 एमजी मैग्नीशियम, 62 एमजी फास्फोरस, 696 एमजी पोटेशियम, 1 एमजी सोडियम और 0.44 एमजी जिंक से भी समृद्ध होता है।
- इसके अलावा, 100 ग्राम खजूर 0.362 एमजी कॉपर, 0.296 एमजी मैंगनीज, 0.05 एमजी थियामिन, 0.06 एमजी राइबोफ्लेविन, 1.61 एमजी नियासिन, 0.249 एमजी विटामिन-बी 6 और 15 µg फोलेट से भी भरपूर होता है।
- वहीं, 100 ग्राम खजूर में 9.9 एमजी कोलीन, 89 µg कैरोटीन, 2.7 µg विटामिन-के, 149 IU विटामिन – ए(IU) और 23 µg ल्यूटिन-जेक्सैंथिन की मात्रा भी पाई जाती है।
लेख के इस भाग में हम बच्चों को खजूर खिलाने के फायदों के बारे में बता रहे हैं।
शिशु को खजूर से होने वाले फायदे
खजूर में मौजूद पोषक तत्वों के बाद यहां हम क्रमवार तरीके से बच्चों को खजूर से होने वाले फायदों का जिक्र कर रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं :
1. एनर्जी से भरपूर : खजूर की गिनती एनर्जी बूस्टर खाद्य पदार्थों के रूप में की जा सकती है। बताया जाता है कि खजूर में समृद्ध मात्रा में शुगर (कार्बोहाइड्रेट का एक प्रकार) मौजूद होता है, जो आसानी से पच जाता है और तुरंत खून में पहुंचकर कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करने में सहायक साबित हो सकता है (2)। इस आधार पर माना जा सकता है कि शिशुओं में एनर्जी को बूस्ट करने के लिए खजूर का सेवन कराना फायदेमंद साबित हो सकता है।
2. दांतों के लिए : खजूर का सेवन बच्चों के दांतों के लिए लाभकारी माना जा सकता है। इस बारे में एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर एक शोध प्रकाशित है, जिसमें बताया गया है कि खजूर में फ्लोरीन (fluorine) मौजूद होता है, जो दांतों को सड़ने से बचाने में उपयोगी हो सकता है (5)।
3. प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए : बड़ों की अपेक्षा बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर होती है (6)। यही वजह है कि बच्चों में जल्दी बीमार होने का जोखिम अधिक रहता है। ऐसे में उन्हें खजूर खिलाना फायदेमंद हो सकता है। इससे संबंधित एक शोध में साफ तौर से इस बात का जिक्र मिलता है कि खजूर में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव पाया जाता है, जो इम्यून सिस्टम को नियंत्रित और सुधार करने में अहम भूमिका निभा सकता है (2)
वहीं, एक अन्य शोध में बताया गया है कि खजूर में सेलेनियम, नामक तत्व मौजूद होता है, जो इम्यून फंक्शन यानी रोग प्रतिरोधक की कार्यप्रणाली के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है (5)। यही वजह है कि बच्चों की इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए खजूर खिलाना फायदेमंद माना जा सकता है।
4. हड्डियों के लिए : बच्चों में हड्डियों के विकास के लिए कैल्शियम एक जरूरी पोषक तत्व माना जाता है। इस पर हुए शोध बताते हैं कि अगर शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो इस कारण बच्चों की हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और उनमें ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) जैसी समस्या का जोखिम बढ़ सकता है (7)।
वहीं, खजूर का सेवन बच्चों में इस समस्या के जोखिम को कम करने में कुछ हद तक मददगार साबित हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि खजूर कैल्शियम से समृद्ध होता है। जैसा कि हमने लेख में बताया कि 100 ग्राम खजूर में 64 मिलीग्राम कैल्शियम मौजूद होता है (4)। यही वजह है कि बच्चों में हड्डियों से स्वस्थ विकास के लिए खजूर का सेवन कराना लाभकारी साबित हो सकता है।
5. कब्ज के लिए : बच्चों में कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए भी खजूर का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इस बात की पुष्टि एक शोध से होती है, जिसमें बताया गया है कि खजूर का सेवन कब्ज की समस्या से राहत दिलाने के लिए मददगार साबित हो सकता है (8)। इसके अलावा, खजूर फाइबर से भी समृद्ध होता है (4)। बता दें कि फाइबर पाचन में मदद करने के साथ-साथ कब्ज को रोकने में मदद कर सकता है (9)।
6. डायरिया से राहत : खजूर का इस्तेमाल शिशु और बच्चों में दस्त की समस्या को रोकने के लिए भी किया जा सकता है। इसकी जानकारी एक शोध से मिलती है, जिसमें साफ तौर से इस बात को बताया गया है कि खजूर का सेवन बच्चों को दस्त की समस्या से भी बचाने के लिए लाभकारी साबित हो सकता है (8)। इसके अलावा, एक अन्य शोध की मानें, तो खजूर का जलीय अर्क एंटीडायरियल प्रभाव (antidiarrheal effects) प्रदर्शित कर सकता है, जो दस्त की समस्या को कम करने में लाभकारी साबित हो सकता है (2)।
7. बुखार के लिए : खजूर को बुखार के लिए भी लाभकारी माना जा सकता है। इससे जुड़े एक रिसर्च में बताया गया है कि खजूर में ऐसे कई औषधीय गुण होते हैं, जो बुखार के इलाज में लाभकारी साबित हो सकते हैं (2)। फिलहाल, इस बारे में अभी और शोध किए जाने की आवश्यकता है।
8. एनीमिया से बचाव : खजूर का सेवन बच्चों में खून की कमी से होने वाली एनीमिया की समस्या से बचाव में भी मदद कर सकता है (8)। दरअसल, खजूर में आयरन के साथ-साथ फोलेट की भी मात्रा पाई जाती है (4)। वहीं, शरीर में आयरन की कमी एनीमिया का कारण बन सकती है (9)। इसके अलावा, फोलेट लाल रक्त कोशिकाओं को बनाने में मदद कर सकता है, जिससे एनीमिया से बचने में मदद मिल सकती है (10)। ऐसे में यह माना जा सकता है कि बच्चों में खून की कमी से होने वाली एनीमिया की समस्या से बचाव के लिए उन्हें खजूर खिलाना फायदेमंद हो सकता है।
9. हृदय के लिए : बच्चों को खजूर का सेवन कराना उनके हृदय के लिए भी अच्छा माना जा सकता है। बताया जाता है कि खजूर कैरोटेनॉयड्स, फेनोलिक्स, फ्लेवोनोइड्स और एंथोसायनिन जैसे कई फाइटोकेमिकल्स से समृद्ध होता है। वहीं, इसमें मौजूद पोषक तत्वों के कारण माना जाता है कि खजूर हृदय को रोगों से बचाए रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है (2)।
हालांकि, सीधे तौर पर कौन-सा पोषक तत्व इस काम में मदद कर सकता है, इससे जुड़े सटीक शोध का अभाव है। इस आधार पर यह माना जा सकता है कि बच्चों को खजूर खिलाना उनके हृदय के लिए अच्छा हो सकता है।
10. आंखों के लिए : खजूर का सेवन बच्चों की आंखों के लिए फायदेमंद माना जा सकता है। जैसा कि हमने लेख में बताया कि खजूर विटामिन-ए से समृद्ध होता है (4)। वहीं, विटामिन-ए आंखों की दृष्टि बढ़ाने के लिए के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है (11)। यही नहीं, इस पर हुए शोध यह भी बताते हैं कि खजूर का दैनिक सेवन और इससे बने काढ़े का उपयोग आई-लोशन के रूप में आंखों की स्वच्छता बनाए रखने और नाइट ब्लाइंडनेस यानी रतौंधी से बचाने में भी मददगार साबित हो सकता है (2)।
11. चिंता के लिए : खजूर का उपयोग बच्चों को एनजाइटी यानी चिंता की समस्या से भी दूर रखने में मददगार साबित हो सकता है। इस पर हुए एक शोध से पता चलता है कि रोजाना सात खजूर का सेवन कराने से बच्चों को चिंता से बचाया जा सकता है (2)। हालांकि, बच्चों की उम्र अनुसार ही उन्हें खजूर की मात्रा दें। इसके लिए डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं।
12. मस्तिष्क के लिए : बच्चों को खजूर खिलाना उनके मस्तिष्क के लिए भी लाभकारी साबित हो सकता है। खजूर बच्चों में स्मृति की गड़बड़ी के साथ-साथ तंत्रिका संबंधी समस्याओं को दूर करने में लाभकारी माना जा सकता है (2)। वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में भी इस बात की जानकारी मिलती है कि खजूर का सेवन अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) के प्रभाव को कम करने में सहायक साबित हो सकता है (12)।
खजूर के फायदे जानने के बाद इसे खिलाते समय बरतने वाली सावधानियों के बारे में जानिए।
शिशु को खजूर देते समय बरतने वाली सावधानियां
शिशुओं को खजूर खिलाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। यहां हम उन्हीं सावधानियों का जिक्र कर रहें, जो इस प्रकार है :
- शिशु को खजूर खिलाने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- बच्चों को खजूर खिलाने से पहले उसके बीज को जरूर निकाल लें।
- इसके अलावा, बच्चों को खजूर हमेशा छोटे टुकड़ों में काटकर ही खिलाएं, क्योंकि बड़े टुकड़े बच्चों के गले में फंस सकते हैं।
- शिशुओं को केवल पके हुए खजूर ही खिलाएं।
- बच्चों के लिए हमेशा चमकदार, नर्म और बिना पॉलिश किए हुए खजूर ही खरीदें।
- अगर बच्चों को पहली बार खजूर का सेवन करा रहे हैं, तो उसके खिलाने के बाद एक दिन इंतजार करें और जांच लें कि बच्चों को खजूर से एलर्जी तो नहीं हो रही है।
- शिशुओं को खजूर खिलाने से पहले उसे अच्छे से साफ कर लें, क्योंकि उस पर कई बार धूल-मिट्टी लगी रहती है।
लेख के अंत में जानिए खजूर की मजेदार रेसिपी।
छोटे बच्चों के लिए खजूर की रेसिपी | Dates Recipes in Hindi
यहां हम खजूर से बनने वाले कुछ लाजवाब व्यंजनों की रेसिपी बता रहे हैं, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ शिशुओं के लिए पौष्टिक भी हो सकते हैं।
1. फ्रेश खजूर प्यूरी
सामग्री :
- एक कप खजूर
- दो कप पानी
बनाने की विधि :
- सबसे पहले खजूर को रात भर के लिए पानी में डालकर रख दें।
- अगली सुबह खजूर को पानी से निकालकर दोनों (खजूर और पानी) को अलग-अलग बर्तन में रख लें।
- इसके बाद खजूर के बीज निकाल दें।
- फिर बीज निकले खजूर को ब्लेंडर में अच्छी तरह से ब्लेंड कर उसकी प्यूरी बना लें।
- अब खजूर वाले पानी को उस प्यूरी में मिलाकर उसे आवश्यकतानुसार पतला कर लें।
- इस तरह तैयार हो जाएगी बच्चों के लिए फ्रेश खजूर प्यूरी।
2. सूखे खजूर और केले की प्यूरी
सामग्री :
- एक कप सूखे खजूर
- एक कप कटा हुआ पका केला
- दो कप पानी
बनाने की विधि :
- सूखे खजूर और केले की प्यूरी बनाने के लिए, पहले खजूर को रात भर के लिए पानी में भिगो कर छोड़ दें।
- इसके बाद अगली सुबह खजूर को पानी से निकाल लें और उसमें से बीज को निकाल लें।
- फिर एक ब्लेंडर में खजूर को केले के साथ डालकर अच्छी तरह से ब्लेंड कर लें। प्यूरी को थोड़ा पतला करने के लिए इसमें बचा हुआ पानी
- आवश्यकतानुसार मिलाया जा सकता है।
- अब इसे बर्तन में निकालकर बच्चों को परोसें।
3. खजूर और चावल की खिचड़ी
सामग्री :
- दो कप पके हुए चावल
- आधा कप बारीक कटे हुए ताजे खजूर
- 3 कप पानी
बनाने की विधि :
- खजूर और चावल की खिचड़ी बच्चों के लिए बनाने के लिए सबसे पहले खजूर को एक घंटे के लिए भिगो लें।
- इसके बाद एक ब्लेंडर में खजूर डालकर अच्छे से ब्लेंड कर लें।
- फिर चावल को भी उसी ब्लेंडर में डालकर ब्लेंड कर लें।
- फिर दोनों को अच्छे से मिला लें।
- अगर मिश्रण अधिक गाढ़ा दिख रहा हो, तो उसे पतला करने के लिए थोड़ा पानी मिला सकते हैं।
- इस तरह आसानी से तैयार हो जाएगी बच्चों के लिए खजूर और चावल की खिचड़ी।
इस लेख को पढ़ने के बाद बच्चों के लिए खजूर कितना फायदेमंद हो सकता है, यह आप समझ गए होंगे। वहीं, बच्चों को खजूर खिलाते समय लेख में बताई गई सावधानियों का भी ध्यान रखना जरूरी है, नहीं तो यह बच्चों के लिए कई परेशानियों का कारण बन सकता है। इसके अलावा, आर्टिकल में खजूर से बनी तीन मजेदार व स्वादिष्ट रेसिपी भी बताई गई है, जिन्हें बनाकर बच्चों को खिलाया जा सकता है। अब हम उम्मीद करते हैं कि खजूर पर आधारित हमारा यह लेख आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा।
References
2. Nutritional and Medicinal Value of Date Fruit – By Researchgate
3. Choking Hazards – By CDC
4. Dates, medjool – By USDA
5. The fruit of the date palm: its possible use as the best food for the future? – By NCBI
6. Evolution of the immune system in humans from infancy to old age – By NCBI
7. Calcium and bone health in children: a review – By NCBI
8. Nutritional and Potential Planting of Date Palm: Review of Recent Trends and Future Prospects in Malaysia – By International Journal of Fruit Science
9. Iron Deficiency Anemia– By NCBI
10. Folic acid in diet – By MedlinePlus
11. Vitamin A– By MedlinePlus
12. Diet rich in date palm fruits improves memory, learning and reduces beta amyloid in transgenic mouse model of Alzheimer’s disease – By NCBI
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