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नमक और चीनी दोनों भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। अगर खाने में इनका प्रयोग न हो, तो बड़ों को वह भोजन स्वादहीन लगने लगता है। वहीं, छोटे बच्चों की बात करें, तो उनके साथ ऐसा नहीं है, क्योंकि माना जाता है कि एक साल तक बच्चों को नमक और चीनी का सेवन नहीं कराना चाहिए। इसके पीछे की वजह क्या है, मॉमजंक्शन के इस लेख में हम यही बताने जा रहे हैं। इसके अलावा, यहां शिशुओं के लिए नमक-चीनी के सेवन की सही उम्र और बिना इनके शिशु के भोजन को स्वादिष्ट बनाने के तरीके भी बताए गए हैं।
आइये, सबसे पहले जान लेते हैं शिशुओं को कितनी मात्रा में नमक और चीनी का सेवन कराना चाहिए।
शिशुओं के लिए नमक और चीनी की दैनिक आवश्यकता कितनी है?
रिसर्च की मानें, तो शिशुओं को अधिक मात्रा में नमक और चीनी का सेवन नहीं कराना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि अधिक मात्रा में नमक का सेवन उच्च रक्तचाप और हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकता है, जबकि चीनी का अधिक सेवन मोटापे का कारण बन सकता है और दांतों को नुकसान पहुंचा सकता है (1) (2)। इन दोनों से होने वाले नुकसान आगे विस्तारपूर्वक बताए गए हैं। इसलिए, उम्र के आधार पर बच्चों को नमक और चीनी का सेवन कराने के लिए एक मात्रा तय की गई है, जिसे हम नीचे बता रहे हैं :
एक चम्मच (छोटे) टेबल सॉल्ट में 2,300 एमजी सोडियम की मात्रा पाई जाती है। सोडियम के आधार पर हम शिशुओं के लिए नमक की दैनिक आवश्यकता को कुछ इस प्रकार जान सकते हैं (3) :
- 6 महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए – 120 मिलीग्राम सोडियम
- 6 से 12 महीने के शिशुओं के लिए – 370 मिलीग्राम सोडियम
- 1 से 3 साल के बच्चों के लिए – 1,000 मिलीग्राम सोडियम
- 4 से 8 साल के बच्चों के लिए – 1,200 मिलीग्राम सोडियम
वहीं, बात अगर करें शिशुओं के लिए चीनी की दैनिक आवश्यकता की, तो एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च के अनुसार, 2 साल से अधिक उम्र के बच्चों को 25 ग्राम एडेड शुगर का सेवन कराया जा सकता है (4)। हालांकि, एक साल के बच्चों के लिए शुगर की कितनी मात्रा होनी चाहिए, इसे लेकर शोध का अभाव है। यह जानकारी डॉक्टर से ली जा सकती है।
नीचे वो कारण बनाए गए हैं, जिनकी वजह से एक साल तक बच्चों को चीनी और नमक का सेवन नहीं कराना चाहिए।
1 वर्ष की आयु तक शिशुओं को चीनी और नमक क्यों नहीं देना चाहिए?
एक वर्ष की आयु तक शिशुओं को नमक और चीनी का सेवन नहीं कराना चाहिए। इसके कई कारण हैं, जिसकी चर्चा हम नीचे क्रमवार तरीके से कर रहे हैं।
- किडनी के लिए नुकसानदायक : इससे संबंधित एक शोध से इस बात की जानकारी मिलती है कि शिशुओं की किडनी अधिक नमक को बर्दाश्त नहीं कर सकती है। इसलिए, 12 महीने से पहले उन्हें नमक का सेवन नहीं कराना चाहिए (5)।
- उच्च रक्तचाप : बच्चों को एक साल से पहले नमक का सेवन इसलिए भी नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से बच्चों को उच्च रक्तचाप की समस्या हो सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद रिसर्च में इस बात की जानकारी मिलती है (6) (7)।
- हृदय संबंधी समस्या : उचित समय से पहले नमक का सेवन बच्चों में हृदय संबंधी समस्याओं के जोखिम को भी बढ़ा सकता है (6)। इसके अलावा, अधिक मात्रा में शुगर का सेवन भी हृदय संबंधी रोग का कारण बन सकता है (8)।
- दांतों में सड़न : एक साल तक के शिशुओं के हल्के-हल्के दांत आने शुरू हो जाते हैं। ऐसे में चीनी का सेवन बच्चों के नए-नए दांतों में सड़न का कारण बन सकता है (5)। यही कारण है कि एक साल तक की उम्र तक शिशुओं को चीनी का सेवन नहीं कराने की सलाह दी जाती है।
- पौष्टिक तत्व की कमी : शिशुओं के पेट छोटे होते हैं। ऐसे में अगर उन्हें मीठे खाद्य या पेय पदार्थ का सेवन कराया जाएगा, तो उनका पेट भरा रह सकता है। इस कारण वो पौष्टिक आहार का सेवन ठीक से नहीं कर पाएंगे, इससे शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो सकती है (5)।
- ऑस्टियोपोरोसिस : बच्चों में चीनी का सेवन ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों का कमजोर होना) के जोखिम को भी बढ़ा सकता है। एक रिसर्च में इस बात की जानकारी मिलती है कि शुगर शरीर में विटामिन-डी की कमी का कारण बन आंतों में कैल्शियम के अवशोषण को बाधित कर सकता है, इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ सकता है (9)।
- मोटापा : अधिक मात्रा में चीनी का सेवन बच्चों में मोटापा के जोखिमों को भी बढ़ा सकता है। दरअसल, चीनी में अधिक कैलोरी की मात्रा मौजूद होती है, जिससे शरीर का वजन बढ़ सकता है (10)।
- दूध पीने से इनकार करना : अगर बच्चों को एक साल से पहले नमक और चीनी का सेवन कराया जाता है, तो वह नमक और चीनी का स्वाद चखने के बाद स्तनपान करने से इनकार कर सकते हैं। ऐसा करने से दूध में मौजूद कई महत्वपूर्ण पोषक तत्वों की कमी बच्चों में हो सकती है।
- असली स्वाद से वंचित : समय से पहले अगर बच्चों को नमक और चीनी का सेवन कराया जाता है, तो वे फलों और सब्जियों के असली स्वाद से वंचित रह सकते हैं। इसलिए, जरूरी है कि सही समय आने पर ही उन्हें नमक और चीनी का सेवन कराया जाए।
लेख के इस हिस्से में जानिए बिना चीनी और नमक के भोजन को स्वादिष्ट बनाने के तरीके।
शिशु के आहार को बिना चीनी और नमक के स्वादिष्ट बनाने वाली प्राकृतिक सामग्रियां
शिशुओं के भोजन को बिना नमक और चीनी के उपयोग के भी स्वादिष्ट बनाया जा सकता है। नीचे क्रमवार तरीके से हम इसकी चर्चा कर रहे हैं। पहले हम उन सामग्रियों को बता रहे हैं, जो नमक के बिना खाने का स्वाद बढ़ा सकती हैं :
- भोजन का स्वाद बढ़ाने के लिए थोड़ी मात्रा में जीरा पाउडर का उपयोग किया जा सकता है। बता दें कि बच्चों को जीरे का सेवन कराना सुरक्षित माना गया है (11)। फिर भी इसे छोटे बच्चे के लिए डॉक्टरी परामर्श पर ही इस्तेमाल में लाएं।
- इसके अलावा, पुदीने के पत्तों की मदद से भी बच्चों के लिए स्वादिष्ट भोजन बना सकते हैं।
- वहीं, नमक की जगह खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए बच्चों के खाने में धनिये के पत्तों का उपयोग किया जा सकता है (12)।
- बच्चों के लिए लहसुन और प्याज भी सुरक्षित माना जाता है (13) (14)। ऐसे में डॉक्टरी सलाह पर थोड़ी मात्रा में प्याज और लहसुन का उपयोग करके भी भोजन को स्वादिष्ट बनाया जा सकता।
अब जानेंगे कि चीनी का उपयोग किए बिना बच्चों के लिए स्वादिष्ट भोजन कैसे बनाएं :
- बच्चों के भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए सीमित मात्रा में गुड़ का इस्तेमाल किया जा सकता है (15)।
- चीनी की जगह बच्चों के लिए दलिया जैसे आहार में फलों (जैसे सेब और केला) का इस्तेमाल किया जा सकता है। बता दें कि छोटे बच्चों के लिए सेब और केला सुरक्षित माने गए हैं (16)।
- चीनी की जगह वैकल्पिक रूप से शहद का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। लेकिन, ध्यान रहे कि शहद का उपयोग हमेशा एक साल से ऊपर के बच्चों के लिए ही करें (17)।
नीचे बच्चों को नमक और चीनी का सेवन कराने की सही उम्र से जुड़ी जानकारी दी गई है।
बच्चों को नमक और चीनी देना कब से शुरू कर सकते हैं?
जैसा कि हमने लेख में बताया कि स्वास्थ्य से जुड़े जोखिमों को देखते हुए एक साल से पहले बच्चों को नमक और चीनी का सेवन न कराने की सलाह दी जाती है। ऐसे में हम मान सकते हैं कि एक साल के बाद ही बच्चों के आहार में थोड़ी मात्रा में नमक और चीनी का उपयोग किया जा सकता है (5)।
वहीं, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिसर्च से जानकारी मिलती है कि 2 साल से पहले बच्चों को नमक और चीनी का सेवन नहीं कराना चाहिए (18)। ऐसे में बेहतर होगा इस विषय में डॉक्टरी सलाह ली जाए। डॉक्टर बच्चे के स्वास्थ्य और उम्र के हिसाब से सही जानकारी दे सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
अगर नमक से पूरी तरह बचेंगे, तो शिशु को सोडियम कैसे मिलेगा?
वैसे तो 6 महीने तक बच्चों में सोडियम की पूर्ति स्तनपान के माध्यम से ही पूरी हो जाती है (19)। इसके अलावा, अधिकांश खाद्य पदार्थों (जैसे – फल, सब्जी व अनाज) में भी कम मात्रा में सोडियम मौजूद होता है (20)।
क्या मैं शिशु के आहार में गुड़, डेट्स या अन्य प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का उपयोग कर सकती हूं?
हां, शिशु के आहार में गुड़ या अन्य प्राकृतिक खाद्य पदार्थों (जैसे – सेब और केला) को शामिल किया जा सकता है (15) (5)। वहीं, डेट्स को बच्चे के आहार में शामिल करने से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें।
क्या मेरा बच्चा बिना नमक का खाना खाएगा? अगर उसे यह पसंद नहीं है, तो क्या होगा?
हां, शुरुआत में बच्चों को नमक का स्वाद पता नहीं होता है, इसलिए वो आसानी से बिना नमक का खाना खा सकते हैं। वहीं, शिशु अगर बिना नमक का भोजन पसंद नहीं करता है, तो वह वो खाना खाने से इनकार कर देगा। ऐसे में आप खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए गुड़, धनिया पत्ता या सेब की प्यूरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
दोस्तों, जैसा कि हमने बताया कि एक साल से पहले शिशुओं को नमक और चीनी का सेवन कराना उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, जरूरी है कि इन सामग्रियों का उपयोग किए बिना ही बच्चों को घर का बना भोजन खिलाएं। लेख में हमने विकल्प के तौर पर कुछ प्राकृतिक सामग्रियों के बारे में बताया है, जिनका उपयोग डॉक्टरी परामर्श पर किया जा सकता है। अब हम उम्मीद करते हैं कि हमारा यह लेख आपके लिए लाभकारी साबित होगा।
References
2. Sugar in Infants, Children and Adolescents: A Position Paper of the European Society for Paediatric Gastroenterology, Hepatology and Nutrition Committee on Nutrition – By NCBI
3. Sodium in diet – By MedlinePlus
4. Simplified and age-appropriate recommendations for added sugars in children – By NCBI
5. Complementary Feeding for Infants 6 to 12 months – By Researchgate
6. Does salt intake in the first two years of life affect the development of cardiovascular disorders in adulthood? – By NCBI
7. Managing Hypertension in the Newborn Infants – By NCBI
8. Added Sugars and Cardiovascular Disease Risk in Children – By NCBI
9. Not Salt But Sugar As Aetiological In Osteoporosis: A Review– By NCBI
10. Childhood obesity: causes and consequences– By Researchgate
11. A Study To Assess The Effectiveness Of Cumin Water Consumption In Promoting Hunger Level Among Children 6-12 Years Of Age, Admitted In Paediatric Medical Ward, Institute Of Child Health And Hospital For Children – By Tnmgrmu
12. Nutritional and medicinal aspects of coriander (Coriandrum sativum L.) A review – By Researchgate
13. Potential Health Benefits of Garlic ( Allium Sativum ): A Narrative Review– By Researchgate
14. Allium cepa: A traditional medicinal herb and its health benefits – By Journal of Chemical and Pharmaceutical Research
15. Healthy Diet – By NHP
16. Feeding patterns and diet – children 6 months to 2 years– By Academic
17. Can I Feed My Baby Honey? – By Kidshealth
18. The Use of Added Salt and Sugar in the Diet of Polish and Austrian Toddlers. Associated Factors and Dietary Patterns, Feeding and Maternal Practices – By NCBI
19. Estimates of Potassium and Sodium Intakes from Breast Milk and Complementary Foods- By NCBI
20. Sodium1– By NCBI
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