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नवजात शिशुओं को पहली बार गोद में लेने का एहसास बहुत ही सुकून भरा होता है। जब माता-पिता पहली बार उन्हें गोद में लेते हैं, तो उनके एहसास के बारे में कहा नहीं जा सकता है। नवजात शिशुओं के चेहरे की मासूमियत और मुस्कान हर किसी काे अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। ऐसे में जो भी उन्हें देखता है, उनका मन होता है कि उन्हें गोद में उठाकर एक बार दुलार कर लें और कई बार उठा भी लेते हैं, लेकिन बच्चों को उठाने की तरकीब पता नहीं होने के कारण इससे बच्चे को तकलीफ पहुंच सकती है। इसलिए, मॉमजंक्शन के इस आर्टिकल में हम आपको बता रहे हैं कि नवजात शिशुओं को कैसे उठाना चाहिए। साथ ही इस बारे में भी जानकारी देंगे कि उन्हें उठाने से पहले और उठाते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सबसे पहले हम बता रहे हैं कि बच्चे को गोद में लेने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
नवजात शिशु को पकड़ने या गोद में लेने से पहले ध्यान रखने योग्य बातें
नवजात शिशु की देखभाल के साथ उन्हें गोद में उठाने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है। यहां हम बता रहे हैं कि बच्चों को गोद में उठाने से पहले किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
- अपने हाथों को साफ रखें : नवजात शिशुओं को गोद में उठाने से पहले अपने हाथों को सैनिटाइजर या साबुन से साफ कर लें। फिर इसके बाद ही बच्चे को गोद में उठाएं, क्योंकि नवजात शिशुओं की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, जिससे हाथों में लगे बैक्टीरिया आसानी से संक्रमण और बीमारी का कारण बन सकते हैं (1)।
- अपने आप को सहज बनाएं : नवजात शिशुओं को पहली बार उठाने में थोड़ा डर और उत्सुकता हो सकती है, जिसके कारण पकड़ कमजोर हो सकती है। इसलिए, बच्चे को उठाने से पहले अपने आप को तैयार करें और सहज बनाएं।
- सिर, गर्दन और पीठ को सहारा दें : छोटे बच्चों को उठाते समय उसकी गर्दन, सिर और पीठ को अच्छे से सहारा देकर उठाना चाहिए (1)। इस समय शिशुओं का उनकी गर्दन की मांसपेशियों पर बहुत कम नियंत्रण होता है। इससे उन्हें चोट लग सकती है।
- बच्चों को हिलाएं नहीं : बच्चे को गोद में लेने के बाद उन्हें तेजी से नहीं हिलाएं। तेजी से हिलाने पर उनके मस्तिष्क में रक्तस्राव को सकता है और इससे मृत्यु भी हो सकती है (1)।
- नुकसानदायक गतिविध से बचें : ध्यान रहे कि नवजात शिशुओं का अपनी गतिविधियों और खुद पर नियंत्रण नहीं हाेता। वे खुद का संतुलन बनाए रखने में सक्षम नहीं होते हैं, इसलिए उन्हें घुटनों के बल नहीं बैठाएं। साथ ही उन्हें हवा में भी उछालने से बचना चाहिए (1)। इसके अलावा, शिशुओं को सुलाने की पोजीशन का भी ध्यान रखें।
नीचे पढ़ें कि नवजात शिशुओं को गोद में कैसे पकड़ना चाहिए।
शिशु को गोद में कैसे पकड़ें?
बच्चे को गोद में लेते समय सावधानी पूर्वक उठाना चाहिए। बच्चे को गोद में उठाते समय, सबसे पहले एक हाथ को शिशु के सिर के नीचे और दूसरा हाथ उनकी कमर के नीचे रखें। फिर झुक कर शिशु को सीने तक उठाएं, फिर संभालकर गोद में ले लें (1)।
आर्टिकल के इस हिस्से में जानिए बच्चे को गोद में उठाने के अलग-अलग तरीके।
छोटे बच्चे को सही से गोद में उठाने व पकड़ने के विभिन्न तरीके
नवजात शिशुओं को किस यानी चुंबन करने के लिए या दुलार करने के लिए कई प्रकार से उन्हें गोद में उठा सकते हैं। यहां हम कुछ आसान और सुरक्षित तरीकों के बारे में बता रहे हैं :
1. शोल्डर होल्ड :
यह बच्चों को गोद में लेने का सबसे आम तरीका है। यहां इसके तरीके के बारे में बताया गया है :
- शिशु के सिर और बैक के पीछे हाथ लगाकर उसे कंधे की ऊंचाई तक उठाएं।
- अब उसके सिर को अपने कंधे पर रखें।
- एक हाथ से उसके सिर और गर्दन को सहारा दें और दूसरे हाथ से नीचे नितंब को संभालें।
2. क्रेडल होल्ड :
छोटे बच्चे को क्रेडल करना काफी सरल और प्राकृतिक तरीका है। यहां बताया जा रहा है कि अपने नवजात शिशु को किस प्रकार से क्रेडल होल्ड कर सकते हैं :
- सबसे पहले बच्चे के सिर और गर्दन को सहारा देने के लिए उसके नीचे अपने हाथ को स्लाइड करें।
- फिर धीरे से उसके सिर को अपनी कोहनी पर रखें। साथ ही पंजे से बच्चे की कमर को सहारा दें।
- अब दूसरे हाथ से कूल्हों को सहारा दें।
- अब शिशु को उठाकर अपने करीब लाएं।
- इस स्थिति में बच्चा आसानी और जल्दी से सो सकता है।
3. बेली होल्ड :
बच्चे को गोद में लेने का यह एक और सुरक्षित तरीका हो सकता है। नवजात शिशु को संभालने के इस तरीके के बारे में नीचे बताया गया है :
- बच्चे को संभालते हुए अपने एक हाथ पर बच्चे को पेट के बल ऐसे लिटाएं कि उसका सिर कोहनी के ऊपर होगा और पैर हाथ के दोनों तरफ लटके रहेंगे।
- शिशु को सुरक्षित महसूस कराने के लिए शिशु की पीठ पर अपना दूसरा हाथ रखें।
- अब उसे आराम से उठा लें।
- यह स्थिति बच्चे को फीडिंग के बाद डकार लेने में सहायक हो सकती है, जिससे उन्हें गैस की समस्या में राहत मिल सकता है।
4. हिप होल्ड :
बच्चे को गाेद में लेने का यह एक और आसान तरीका है, जिसके बारे में नीचे बताया जा रहा है। ध्यान रहे कि इस तरीके का प्रयास तब करें, जब बच्चा तीन महीने से अधिक का हो जाए :
- सबसे पहले बच्चे को सीधा बैठाएं।
- फिर एक हाथ बच्चे की कमर पर और एक हाथ उसके हिप्स पर लगाएं।
- अब आराम से उसे उठाकर अपनी कमर से इस प्रकार लगा लें कि उसके पैर कमर के दोनों ओर हो जाएं।
- ध्यान रहे कि बच्चे को सहारा देने के लिए उसकी कमर और हिप्स को पकड़ कर रखें।
- इस अवस्था में शिशु आराम से अपने आसपास की चीजों को देख सकेगा।
5. फेस टू फेस होल्ड :
बच्चे को गोद में लेने के इस तरीके के जरिए बच्चे का ध्यान अपनी ओर कर सकते हैं और उससे बात करने की कोशिश भी कर सकते हैं। नीचे जानिए इस तरीके के बारे में :
- सबसे पहले एक हाथ से बच्चे के सिर और गर्दन को सहारा दें।
- दूसरे हाथ से उसकी कमर और हिप्स को सहारा दें और आराम से उसे उठा लें।
- बच्चे को अपने सामने छाती के ठीक नीचे रखें।
- इस अवस्था में उसकी मुस्कान देखने का आनंद लें और उसके साथ बातचीत करें और बच्चों को मनोरंजक लोरियां सुनाएं।
6. चेयर होल्ड पोजीशन :
इस तरीके को आजमाने से बच्चा अपने चारों ओर होने वाली गतिविधियों को आराम से देख सकता है। यहां वह हाथ पर इस प्रकार बैठ जाएगा कि जैसे कि वह एक कुर्सी पर बैठा है।
- सबसे पहले बच्चे को कमर से पकड़ कर आराम से उठा लें।
- अब एक हाथ से उसके हिप्स को सहारा देकर उसकी पीठ अपनी छाती से लगा लें।
- इसके बाद दूसरे हाथ से उसकी कमर को पकड़ लें, जिससे उसे सपोर्ट मिले और गिरने का खतरा कम हो।
- अब अच्छी तरह उसे सहारा दें।
7. फुटबॉल होल्ड पोजीशन :
इस तरीके को आजमाकर बच्चे को आराम से फीडिंग कराई जा सकती है, फिर चाहे खड़े हों या बैठे। यहां बता रहे हैं कि यह कैसे करना चाहिए :
- बच्चे की गर्दन और सिर को अपने हाथ से सहारा दें और उसके पीठ वाले हिस्से को उसी हाथ की कलाई के ऊपर वाले भाग (Forearm) से सहारा दें।
- दूसरे हाथ से बच्चे की पीठ और कूल्हे को सपोर्ट दें।
- अब बच्चे को अपने शरीर की तरफ करे लें।
- अपने बच्चे को छाती से लगा लें।
8. लेप होल्ड :
यह एक और बच्चे को पकड़ने का आसान व सुरक्षित तरीका है। इस पोजीशन में बच्चे को बोतल से दूध पिला सकते हैं। नीचे जानिए तरीका :
- बैठते समय अपने पैरों को जमीन पर मजबूती से रखें, फिर जांघों को जोड़कर अपने बच्चे को उस पर लिटा लें।
- ध्यान रहे कि शिशु का सिर ऊपर की ओर घुटनों के पास होना चाहिए।
- बच्चे के सिर के नीचे अपने दोनों हाथों का सपोर्ट दें और शरीर के दोनों ओर दोनों हाथों की कोहनी से सपोर्ट दें।
- बच्चे के पैरों को अपनी कमर के क्षेत्र में टिका दें।
नीचे पढ़ें कि शिशु को दूध पिलाने के बाद कैसे पकड़ना चाहिए।
शिशु को दूध पिलाने के बाद कैसे पकड़ें?
बच्चे को दूध पिलाने के बाद अपने हाथों से सपोर्ट देते हुए कुछ देर के लिए सीधे अपनी छाती से लगाएं व उसकी ठोड़ी को कंधे से लगाकर रखें। इस पोजीशन में बच्चे को दूध पीने के बाद डकार लाने में मदद मिल सकती है। चाहें, तो बच्चे को गोद में सीधा बैठा भी सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि बच्चे को झुकाकर न पकड़ें, इससे बच्चा उल्टी कर सकता है।
आगे हम बता रहे हैं रोते हुए शिशु को शांत करने के लिए उसे कैसे पकड़ना चाहिए।
रोते हुए शिशु को शांत करने के लिए कैसे पकड़ें?
स्तनपान के दौरान रोते हुए बच्चे को शांत करने के लिए नीचे बताया गया तरीका अपना सकते हैं :
- सबसे पहले रोते हुए बच्चे को पीठ के बल लिटाएं।
- इसके बाद बच्चे के हाथों को उसकी छाती पर रख दें।
- अब अपने एक हाथ से बच्चे के हिप्स को सहारा दें।
- वहीं, दूसरे हाथ से सिर और गर्दन वाले भाग को सहारा दें।
- अब दोनों हाथों से बच्चे को सहारा देकर उठाएं और अपनी छाती के पास ले आएं।
- अब बच्चे को धीरे-धीरे थोड़ा थोड़ा झुलाएं, इससे बच्चे का रोना शांत हो सकता है।
- यह तकनीक तीन महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए भी उपयुक्त है।
नीचे पढ़ें कि बच्चे को नहलाते समय किस प्रकार पकड़ना चाहिए।
नहलाते वक्त नवजात शिशु को कैसे पकड़ें?
नहाने का समय बच्चों के लिए एक मजेदार समय होता है। लेकिन, उन्हें नहलाते समय सावधानी पूर्वक पकड़ना चाहिए, ताकि वो पानी में डूबने या पानी को निगलने से बचे रहें।
- जब आप अपने बच्चे को नहाने के लिए बाथटब का उपयोग करते हैं, तो उसे सावधानीपूर्वक पकड़ें।
- बच्चे की पीठ और कंधों को सहारा देने के लिए एक हाथ का उपयोग करें।
- उसे बाथटब में बैठाने के बाद एक हाथ से शरीर का संतुलन बनाए और दूसरे हाथ का उपयोग उसके शरीर को धोने के लिए करें।
- साथ ही उसके सिर को पानी के स्तर से ऊपर रखें।
आर्टिकल के सबसे आखिर में बता रहे हैं कि बच्चे को पकड़ने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
शिशु को सही तरीके से पकड़ने के लिए 8 जरूरी टिप्स
बच्चे काे गोद में उठाते हुए उसके मूड पर ध्यान देना जरूरी है। साथ ही उसे गोद में लेने से पहले कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना चाहिए। यहां दिए गए टिप्स शिशु को परेशानी से बचने में मदद कर सकते हैं :
- शिशु का सिर हमेशा फ्री होना चाहिए, ताकि वह आसानी से सांस ले सके।
- छोटे बच्चे को गोद में लेते समय त्वचा से त्वचा का संपर्क रखें। यह उसे गर्म रखने का अच्छा तरीका है।
- यदि शिशु को पकड़ने में घबरा रहे हैं, तो उसे गोद में लेने के लिए सिटिंग पोजीशन वाला तरीका अपना सकते हैं।
- खाना बनाते समय या कुछ गर्म करते समय शिशु को पकड़ कर न रखें।
- यदि छोटे बच्चे को अधिक समय तक गोद में रख रहे हैं, तो तकिए का सहारा ले सकते हैं। यह बच्चों को स्तनपान के दौरान भी मदद कर सकता है।
- छोटे बच्चे को गोद में लेने के बाद उसे अपनी नकारात्मक भावनाओं को न दिखाएं, जैसे कि निराशा, उदास चेहरा या गुस्सा। इसके बुरे परिणाम हो सकते हैं।
- बच्चे को जगाने के लिए उसके गालों को स्पर्श करें या उसके पैरों पर धीरे से गुदगुदी करें।
- सीढ़ियों से उतरते और चढ़ते समय अतिरिक्त सुरक्षा की दृष्टि से शिशु को पकड़ने के लिए दोनों हाथों का उपयोग करें।
उम्मीद करते हैं कि अब आप समझ गए होंगे कि विभिन्न स्थितियों में शिशु को कैसे पकड़ा और उठाया जाना चाहिए। आप सुविधानुसार लेख में बताए गए शिशु को पकड़ने के तरीकों को अपना सकते हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि शिशु को किसी भी तरीके से परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके अलावा, लेख में बताई गई सावधानियों का पालन भी जरूर करें। हम आशा करते हैं कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा और शिशु के साथ प्रेम भरा रिश्ता बनाने में मदद करेगा।
References
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