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साइनस एक श्वसन मार्ग से संबंधित विकार है, जिसमें श्वसन मार्ग में सूजन के साथ बलगम आने की शिकायत होती है। ऐसे में श्वसन मार्ग अवरुद्ध होता है और सांस लेने में तकलीफ होती है। वैसे तो इस समस्या के इलाज में एंटीबायोटिक, दर्द निवारक और बलगम से राहत देने वाली दवाएं शामिल की जाती हैं (1), लेकिन आहार में बदलाव भी इस समस्या को नियंत्रित रखने के लिए फायदेमंद माना गया है। साइनस के रोगी को एंटीइन्फ्लेमेट्री (सूजन को कम करने वाले) गुण से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने की सलाह दी जाती है। वहीं वसा, मांस, प्रोबायोटिक और प्रीबायोटिक जैसे आहार में परिवर्तन और लो सैलीसाइलेट (salicylate) आहार का चयन भी इस समस्या में लाभदायक हो सकता है (2)। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम साइनस में परहेज और साइनस के लिए डाइट चार्ट से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।
शुरू करते हैं लेख
आइए, सबसे पहले साइनस डाइट चार्ट से जुड़ी जानकारी हासिल कर लेते हैं।
साइनस डाइट चार्ट – Sample Diet Plan for Sinus in Hindi
नीचे हम साइनस के लिए डाइट चार्ट शेयर रहे हैं। इसमें शामिल आहार का इस्तेमाल साइनस के इलाज को प्रभावी बनाने और साइनस से राहत दिलाने में मदद कर सकता है।
समय | क्या खाएं |
सुबह उठते ही (6 से 7 बजे) | एक कप ग्रीन टी या हर्बल टी, आधी मुट्ठी बादाम या अखरोट |
नाश्ता (8 से 9:30 बजे) | वेज दलिया या वेज पोहा या आधी कटोरी दाल और दो रोटी या एक अंडे का केवल सफेद हिस्सा |
ब्रंच (10:30 से 12 बजे) | एक कटोरी फ्रूट सलाद या एक गिलास नारियल पानी या एक कप ग्रीन टी या एक कप हर्बल टी या एक कटोरी सलाद |
दोपहर का खाना (1 से 2 बजे) | एक कटोरी साबुदाना खिचड़ी या आधी कटोरी सब्जी और आधी कटोरी दाल के साथ दो रोटी या दाल और सब्जी के साथ एक कटोरी ब्राउन राइस और एक कटोरी सलाद, एक कटोरी मीट के साथ दो रोटी (हफ्ते में एक बार) |
शाम का नाश्ता (4:30 से 6 बजे) | एक कटोरी स्प्राउट्स या एक कटोरी फ्राई मखाने के साथ एक कप ग्रीन टी या हर्बल टी और एक कटोरी सलाद |
रात का खाना (7 से 9 बजे) | एक कटोरी सब्जी, आधी कटोरी दाल, एक कटोरी ब्राउन राइस, दो रोटी |
नोट: ऊपर दिया गया साइनस के लिए डाइट चार्ट सिर्फ सैंपल मात्र है। प्रत्येक व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य के आधार पर इसमें परिवर्तन किए जा सकते हैं। इस आहार चार्ट को अपनाने से पूर्व एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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लेख के अगले भाग में हम यह समझाने का प्रयास करेंगे कि साइनस में क्या खाएं।
साइनस की बीमारी में क्या खाएं? – Foods for Sinus In Hindi
साइनस में क्या खाएं, यह समझने के लिए नीचे कुछ विशेष खाद्यों के बारे में बताया गया है। साथ ही ये खाद्य साइनस में किस प्रकार लाभकारी हैं, इस बारे में भी जानकारी दी गई है।
1. गर्म पानी
साइनस की समस्या में गर्म पानी पीना लाभकारी साबित हो सकता है। श्वसन तन्त्र से संबंधित इन्फेक्शन से जुड़े एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध से यह बात कुछ हद तक स्पष्ट होती है। शोध में जिक्र मिलता है कि गर्म पानी का सेवन श्वसन तन्त्र से जुड़े इन्फेक्शन को कम करने में मदद कर सकता है। वहीं यह बलगम को साफ करने में भी मदद कर सकता है (3)। वहीं लेख में आपको पहले ही बताया जा चुका है की साइनस श्वसन से जुड़ा एक इन्फेक्शन है (1)। इस आधार पर गर्म पानी पीना साइनस की समस्या में कुछ हद तक उपयोगी माना जा सकता है।
2. प्याज
प्याज का उपयोग भी साइनस की समस्या में लाभकारी माना जाता है। साइनस में प्याज लाभकारी है, इस बात को प्याज के फायदे से जुड़े एक शोध में सीधे तौर पर माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि प्याज के अर्क का सेवन और उसे बाहरी रूप से नाक के हिस्से पर लगाने से एलर्जिक इन्फेक्शन को दूर करने में मदद मिल सकती है (4)।
3. लहसुन
प्याज की तरह ही लहसुन के फायदे भी साइनस में लाभकारी साबित हो सकता है। लहसुन के फायदे से जुड़े एक शोध में माना गया है की साइनस की समस्या में यह राहत पहुंचाने का कम कर सकता है (5)। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि लहसुन का कौन सा गुण इस समस्या में लाभकारी सिद्ध होता है। फिलहाल लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि साइनस एक प्रकार का श्वसन से जुड़ा इन्फेक्शन है (1)। साथ ही इसमें एंटीइफ्लामेंट्री खाद्य उपयोगी माने जाते हैं (2)। वहीं लहसुन में एंटीएलर्जिक और एंटीइन्फ्लामेट्री दोनों ही प्रभाव पाए जाते हैं (5)। इस आधार पर माना जा सकता है कि लहसुन में मौजूद यह दोनों गुण संयुक्त रूप से साइनस से राहत दिलाने में सहायक हो सकते हैं।
4. लाल मिर्च
साइनस की समस्या में लाल मिर्च का सेवन भी लाभकारी माना जा सकता है। दरअसल, लाल मिर्च से संबंधित एक शोध में इस बात को माना गया है। शोध में जिक्र मिलता है कि लाल मिर्च गंभीर रिनिटिस (बंद नाक) की समस्या में नाक में आने वाली सूजन को कम करने में मदद करती है। इसे देखते हुए यह कहा जा सकता है कि लाल मिर्च काफी हद तक साइनस के मरीजों में भी सांस लेने की तकलीफ को कम करने में सहायक हो सकती है (6)।
5. ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य
साइनस की समस्या में ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त खाद्य का सेवन अत्याधिक लाभकारी माना जाता है। इस बात को श्वसन से जुड़े एक शोध में स्पष्ट रूप से माना गया है। इस आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि साइनस के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार उपयोगी हो सकता है (7)। इसलिए साइनस से बचाव के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड की पूर्ति के लिए अलसी, अखरोट, चियासीड और मछली के साथ सोयाबीन, कैनोला और अलसी के तेल का भी इस्तेमाल किया जा सकता है (8)।
6. विटामिन सी युक्त खाद्य
विटामिन सी में एंटीएलर्जिक और एंटीइन्फ्लामेट्री यह दोनों गुण पाए जाते हैं। यह दोनों गुण संयुक्त रूप से साइनस की समस्या को ठीक करने में मदद कर सकते हैं (9)। इस तथ्य को देखते हुए माना जा सकता है कि साइनस की समस्या में विटामिन सी से भरपूर खाद्य फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसके लिए आहार में फल के रूप में संतरा, चकोतरा, अनानास, पपीता और तरबूज को शामिल किया जा सकता है। वहीं सब्जियों के रूप में विटामिन सी के लिए ब्रोकली, स्प्राउट्स, गोभी, लाल और हरी मिर्च, पालक और पत्तागोभी जैसी सब्जियों को शामिल किया जा सकता है (10)।
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साइनस में क्या खाएं, यह समझने के बाद साइनस में परहेज पर चर्चा करते हैं।
साइनस में परहेज – Foods to Avoid in Sinus in Hindi
निम्न बिन्दुओं के माध्यम से अब हम साइनस में परहेज किए जाने वाले खाद्य के बारे में जानेंगे, जो कुछ इस प्रकार हैं :
- साइनस के मरीजों को चीनी का कम उपयोग करना चाहिए। दरअसल, चीनी का अधिक उपयोग तनाव के साथ-साथ श्वसन तन्त्र संबंधी सूजन को बढ़ा सकता है(11)। इसलिए साइनस की समस्या में चीनी का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है।
- साइनस की समस्या में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य (जैसे:- व्हाइट राइस, पेस्ट्री, पास्ता, सोडा, मैशड और फ्राइड पोटेटो और लंबे समय के लिए सुरक्षित किए हुए मैदे से बने खाद्य) के सेवन से बचना चाहिए(12)। इनके सेवन से साइनस में सूजन हो सकती है।
- इस दौरान दूध और दूध से बने उत्पादों से परहेज करने की भी सलाह दी जाती है(12)।
- साइनस से पीड़ित किसी भी व्यक्ति को मांस, अधिक तले हुए खाद्य और जंक फूड का सेवन भी सीमित करना आवश्यक है(12)।
लेख में आगे बढ़ें
साइनस में परहेज करने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में समझने के बाद साइनस डाइट के लाभ पर चर्चा करेंगे।
साइनस डाइट के लाभ – Benefits Of The Sinus Diet in Hindi
साइनस डाइट के लाभ कुछ इस प्रकार हैं (12):
- साइनस डाइट बलगम बनने की प्रक्रिया को धीमा करने में मदद कर सकती है।
- साइनस डाइट में शामिल किए गए तरल शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी की कमी को पूरा करते हैं। इससे शरीर की प्राकृतिक नमी बनी रहती है।
- साइनस डाइट को फॉलो करने से जल्दी रिकवरी होने में मदद मिलती है।
- शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में साइनस डाइट मददगार हो सकती है।
- साइनस के कारण होने वाली श्वसन तन्त्र से संबंधित सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है।
- इन्फेक्शन से बचाव करने में साइनस डाइट सहायक हो सकती है।
अंत तक पढ़ें लेख
अंत में साइनस डाइट से होने वाले नुकसान पर गौर करेंगे।
साइनस डाइट के नुकसान – Side Effects Of The Sinus Diet in Hindi
हालांकि, स्पष्ट रूप से साइनस डाइट के नुकसान से जुड़ी कोई जानकारी देखने को नहीं मिलती है। इसके बावजूद साइनस डाइट में शामिल की जाने वाली चीजों की अधिकता के कारण होने वाले दुष्परिणामों को इसके नुकसान के रूप में देखा जा सकता है।
- साइनस डाइट में लाभकारी प्याज का अधिक सेवन सीने में जलन का कारण बन सकता है(13)।
- साइनस डाइट में शामिल किए जाने वाले लहसुन का अधिक सेवन लिवर से जुड़ी समस्या का कारण बन सकता है(14)।
- वहीं लाल मिर्च का अधिक उपयोग भूख की कमी और हृदय संबंधी जोखिम का कारण बन सकती है(15)।
बेशक, साइनस एक गंभीर श्वसन संबंधी समस्या है, लेकिन सही खान-पान और जीवनशैली में बदलाव इस समस्या को कम करने में काफी हद तक उपयोगी साबित हो सकता है। लेख में हमने साइनस में क्या खाएं और साइनस में क्या न खाएं के बारे में विस्तार से बताया है। इस जानकारी की मदद से साइनस रोगी अपनी आहारशैली में सुधार कर सकते हैं। उम्मीद है कि साइनस से जुड़ा यह लेख आप सभी को पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य लेख पढ़ने के लिए हमारी स्टाइलक्रेज वेबसाइट पर लगातार विजिट करते रहें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
साइनस के लिए कौन-सा फल अच्छा है?
साइनस में विटामिन-सी युक्त फलों का सेवन लाभकारी माना जाता है। इसलिए, संतरा, चकोतरा, अनानास, पपीता और तरबूज जैसे फलों को अच्छा माना जा सकता है। लेख में ऊपर इस संबंध में विस्तार से बताया गया है (9) (10)।
क्या केले का सेवन साइनस के लिए बुरा है?
ठंडी तासीर के कारण साइनस में सामान्य तौर पर केले का सेवन न करने की सलाह दी जाती है। वहीं, साइनस से संबंधित एक शोध में भी साइनस के इलाज के दौरान केले का सेवन न करने का जिक्र मिलता है (16)। इस आधार पर केले को साइनस में बुरा कहा जा सकता है।
क्या साइनस के लिए कॉफी का सेवन नुकसानदायक है?
हां, साइनस के पेशेंट्स के लिए कॉफी नुकसानदायक हो सकती है। साइनस को हाइड्रेट रखने के लिए रोगी को शुगर फ्री तरल पदार्थों को लेने की सलाह दी जाती है। इसलिए, बेहतर होगा कि साइनस के मरीज कॉफी से परहेज रखें। यदि मरीज कॉफी पीना भी चाहता है, तो शुगर फ्री कॉफी का चयन करें। इसके अलावा, साइनस की समस्या में इस्तेमाल की जाने वाले एक आम दवा सिप्रोफ्लोक्सिन (Ciprofloxacin) के साथ कैफीन युक्त पदार्थ जैसे :- कॉफी का उपयोग नुकसानदायक माना जाता है(17)।
क्या अंडे के कारण साइनस होता है?
अंडे के कारण साइनस नहीं होता है। हां, कुछ लोगों को अंडे से एलर्जी होती है, जिससे बंद नाक की समस्या बढ़ सकती है और साइनस ट्रिगर हो सकता है (18)।
References
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- Sinusitis
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https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/16910057/ - A review of the effects of Capsicum annuum L. and its constituent, capsaicin, in metabolic syndrome
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6000222/ - EFFICACY OF AYURVEDIC MEDICINE IN THE TREATMENT OF UNCOMPLICATED CHRONIC SINUSITIS.
http://citeseerx.ist.psu.edu/viewdoc/download?doi=10.1.1.270.851&rep=rep1&type=pdf - Ciprofloxacin
https://medlineplus.gov/druginfo/meds/a688016.html - Egg Allergy
https://www.betterhealth.vic.gov.au/health/conditionsandtreatments/egg-allergy
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