Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

दिनभर की ऊर्जा और ताजगी के लिए अच्छी नींद जरूरी है, लेकिन कई वजह से लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती है। इसका एक बड़ा कारण स्लीप एपनिया भी हो सकता है। जी हां, स्लीप एपनिया के कारण नींद में सांस लेने में मुश्किल होती है, जिससे रात में बार-बार नींद खुलती रहती है। इस परेशानी को दूर किस तरह से किया जा सकता है, यह आप स्टाइलक्रेज के इस लेख में जान सकते हैं। यहां हम स्लीप एपनिया के प्रकार, कारण और लक्षण बताएंगे। साथ ही हम स्लीप एपनिया के इलाज के बारे में भी बता रहे हैं।

शुरू करते हैं लेख

सबसे पहले जानते हैं कि स्लीप एपनिया आखिर क्या होता है।

स्लीप एपनिया क्या है – What is Sleep Apnea in Hindi

स्लीप एपनिया एक आम समस्या है, जिसके कारण सांस लेने में कुछ सेकंड से लेकर मिनटों तक थोड़ी दिक्कत हो सकती है (1)। इस दौरान व्यक्ति के श्वास नली के ऊपरी वायु मार्ग में बार-बार रुकावट होती है, जिस कारण वायु प्रवाह ठीक तरह से नहीं होता है (2)। अक्सर स्लीप एपनिया ग्रस्त लोग जोर से खर्राटे लेते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि हर खर्राटे लेने वाले व्यक्ति को स्लीप एपनिया हो (1)

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अब हम जानेंगे कि स्लीप एपनिया कितने प्रकार के होते हैं।

स्लीप एपनिया के प्रकार – Types of Sleep Apnea in Hindi

स्लीप एपनिया को समझने के बाद यहां हम स्लीप एपनिया के प्रकार बता रहे हैं, जो निम्नलिखित हैं – 

  • ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया : ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया एक ऐसी समस्या है, जिसमें नींद के दौरान वायु मार्ग में बाधा होने के कारण सांस लेने में समस्या होती है। दरअसल, नींद के दौरान ऊपरी गले की मांसपेशियां रिलैक्स हो जाती हैं, इसलिए ऊतक वायु मार्ग को बंद व अवरुद्ध कर देते हैं। (3)
  • सेंट्रल स्लीप एपनिया :  यह स्लीप एपनिया का दुर्लभ प्रकार है। इसमें दिमाग कुछ समय के लिए उन मांसपेशियों को संकेत भेजना बंद कर देता है, जो सांस को नियंत्रित करती हैं। इस वजह से सांस लेने में मुश्किल होने लगती है (4)

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लेख के इस भाग में हम स्लीप एपनिया के लक्षण की जानकारी देंगे।

स्लीप एपनिया के लक्षण – Symptoms of Sleep Apnea in Hindi

स्लीप एपनिया की समस्या को उसके लक्षणों से आसानी से समझा जा सकता है। आगे जानते हैं कि स्लीप एपनिया के लक्षण क्या-क्या हैं (2) :

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अब बारी है स्लीप एपनिया के कारण जानने की।

स्लीप एपनिया  के कारण – Causes of Sleep Apnea in Hindi

स्लीप एपनिया के लक्षण हम ऊपर बता ही चुके हैं। इसके बाद स्लीप एपनिया के कारण जानना भी जरूरी है, जो कुछ इस प्रकार हैं (2) (4):

  • मोटापा
  • बड़े आकार के टॉन्सिल
  • हार्मोन का अत्यधिक उत्पादन से संबंधी परेशानी (एंडोक्राइन डिसऑडर)
    • हाइपोथायरायडिज्म ( (थायराइड हार्मोन का स्तर कम होना)
    • एक्रोमिगेली (ग्रोथ हार्मोन का बढ़ा हुआ स्तर)
    • पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (हार्मोन विकार)
  • न्यूरोमस्कुलर रोग यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करने वाली बीमारियां
  • किडनी संबंधी समस्या
  • आनुवंशिक सिंड्रोम, जैसे क्लेफ्ट लिप्स व डाउन सिंड्रोम आदि
  • समय से पहले जन्म
  • दिमागी संक्रमण
  • स्ट्रोक
  • रीढ़ की समस्या
  • दर्द निवारक दवाइयां

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स्लीप एपनिया के कारण के बाद जोखिम कारकों पर एक नजर डाल लेते हैं

स्लीप एपनिया के जोखिम कारक – Risk Factors of Sleep Apnea in  Hindi

कई बार जोखिम कारक ही स्लीप एपनिया का कारण बनते हैं। ये जोखिम कारक कुछ इस प्रकार हैं (2) (5):

  • अधिक आयु: उम्र के साथ स्लीप एपनिया होने का खतरा भी बढ़ने लगता है।
  • अस्वस्थ जीवनशैली: धूम्रपान, शराब, असंतुलित आहार व व्यायाम न करना आदि भी स्लीप एपनिया के कारण बन सकते हैं।
  • आनुवंशिक (Genetics) : अगर परिवार में किसी को स्लीप एपनिया है, तो यह बीमारी आनुवंशिक भी हो सकती है।
  • मोटापा : वजन का बढ़ना भी स्लीप एपनिया को बढ़ावा दे सकता है।
  • एलर्जी राइनाइटिस : इस समस्या के दौरान नाक में सूजन हो जाती है, जिससे वायु मार्ग में रुकावट पैदा हो सकती है। इसके परिणामस्वरूप सांस लेने में तकलीफ हो सकती है और स्लीप एपनिया का जोखिम बढ़ जाता है।
  • टॉन्सिल : टॉन्सिल के कारण भी स्लीप एपनिया होने का खतरा हो सकता है।

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लेख के इस भाग में हम स्लीप एपनिया के निदान की जानकारी दे रहे हैं।

स्लीप एपनिया का निदान – Diagnosis of Sleep Apnea in Hindi

यहां हम बता रहे हैं कि स्लीप एपनिया की जांच किन-किन तरीकों से की जा सकती है। चलिए जान लेते हैं कि क्या है स्लीप एपनिया के निदान (2) :

  • मेडिकल हिस्ट्री : डॉक्टर मरीज से उसकी स्वास्थ्य समस्या के बारे में पूछ सकते हैं।
  • फिजिकल एग्जाम: इसमें लक्षणों के आधार पर मरीज के शरीर की जांच की जाती है।
  • स्लीप स्टडी : चिकित्सक, मरीज को नींद विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह दे सकते हैं।
  • ब्लड टेस्ट : कुछ हार्मोनों के स्तर की जांच के लिए ब्लड टेस्ट किया जा सकता है।
  • पेल्विक अल्ट्रासाउंड : ओवरी की जांच और अल्सर का पता लगाने के लिए यह टेस्ट किया जा सकता है।

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स्लीप एपनिया के निदान के बाद हम आगे स्लीप एप्निया के इलाज के बारे में बता रहे हैं।

स्लीप एपनिया का इलाज – Treatment of Sleep Apnea in Hindi

जैसा कि हमने बताया कि स्लीप एपनिया एक नींद से जुड़ी समस्या है। स्लीप एप्निया के इलाज के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाया जा सकता है (2) :

  • श्वास उपकरण (Breathing devices): स्लीप एप्निया के इलाज के लिए डॉक्टर श्वास उपकरण, जैसे सीपीएपी (कॉन्टिनियस पॉजिटिव एयर वे प्रेशर) मशीन इस्तेमाल करने की सलाह दे सकते हैं।
  • मौखिक उपकरण: डॉक्टर उपचार के लिए टंग रिटेनिंग डिवाइस और माउथपीस का इस्तेमाल करने को कह सकते हैं। इसे सोते समय मरीज पहनाते हैं। ये श्वास नली के ऊपरी वायु मार्ग को खोलने में मदद करते हैं। स्लीप एपनिया होम ट्रीटमेंट के तौर पर इस उपकरण का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • ओरोफेशियल थेरेपी: स्लीप एप्निया के इलाज के लिए मरीज को मुंह और जुबान की थेरेपी करवाई जा सकती है। इस थेरेपी से जुबान की स्थिति और मुंह की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद मिल सकती है।
  • प्रत्यारोपण (Implants): प्रत्यारोपण की मदद से शरीर में एक उपकरण लगाया जाता है, जो बंद श्वास नली को खोलने वाली मांसपेशियों तक एक कंपन भेजता है। इससे श्वास नली खुल सकती है और सांस लेने में आसानी होती है। कुछ प्रत्यारोपण स्लीप एपनिया के दोनों प्रकार के इलाज में मदद करते हैं।
  • सर्जरी: स्लीप एपनिया ट्रीटमेंट के लिए ऊपर बताए गए उपायों से लाभ नहीं होता, तो डॉक्टर सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं। इसमें तीन तरह की सर्जरी शामिल हैं –
    • टॉन्सिल्लेक्टोमी (Tonsillectomy) –  इसमें टॉन्सिल निकाला जाता है और वायु मार्ग को खोला जाता है।
    • मैक्सिलरी या जॉ एडवांसमेंट (Maxillary or Jaw advancement) – यह सर्जरी ऊपरी वायु मार्ग को बड़ा करने के लिए की जाती है। इसमें ऊपरी जबड़े और निचले जबड़े को आगे की ओर बढ़ाया जाता है।
    • ट्रेकियोस्टोमी (Tracheostomy) – इस सर्जरी के जरिए विंडपाइप में गर्दन के सामने से एक छेद किया जाता है। फिर उसमें ब्रीदिंग ट्यूब को डालते हैं, जिससे सांस लेने में मदद मिल सकती है।

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अब हम स्लीप एपनिया में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं बता रहे हैं।

स्लीप-एपनिया में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं –  Diet in Sleep Apnea in Hindi

अगर किसी को स्लीप एपनिया की समस्या है, तो उन्हें नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल करने की सलाह दी जा सकती है (6)

  • साबुत अनाज (होल ग्रेन)
  • हरी सब्जियां
  • नट्स
  • फल
  • फलियां
  • ऑलिव ऑयल
  • सी फूड्स
  • मछली
  • दूध से बने उत्पाद

क्या नहीं खाना चाहिए : 

स्लीप एपनिया से पीड़ित लोगों को नीचे बताए गए खाद्य पदार्थों का सेवन न करने की सलाह दी जाती है (7) :

  • तले हुए खाद्य पदार्थ
  • अधिक फैट वाले आहार
  • अधिक फैट वाला मीट
  • ज्यादा मीठा खाना
  • बेकरी उत्पाद जैसे सेवरी पास्ता, टार्ट

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आगे हम जान लेते हैं कि स्लीप एपनिया से बचाव के लिए क्या करना चाहिए।

स्लीप एपनिया से बचने के उपाय – Prevention Tips for Sleep Apnea in Hindi

स्लीप एपनिया के कारण से बचना ही इससे बचाव के सबसे महत्वपूर्ण उपायों में से एक है। इसके अलावा, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर भी स्लीप एपनिया की समस्या से बचा जा सकता है, जैसे (2):

  • संतुलित आहार का सेवन
  • धूम्रपान और शराब न करना
  • वजन नियंत्रित रखना
  • समय से सोना और समय से जागना
  • नियमित व्यायाम करना

स्लीप एपनिया के दौरान सोते समय सांस लेने में होने वाली रूकावट से बचने के लिए दिनचर्या में बदलाव लाना जरूरी है। ऐसा न करने से आगे चलकर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि वक्त रहते इसका इलाज करना और बचाव के तरीकों को अपना जरूरी है। आपको स्लीप एपनिया से संबंधित हर तरह की जानकारी इस लेख में मिल जाएगी। ध्यान दें कि हर समस्या को संतुलित आहार और वजन नियंत्रित करके बढ़ने से रोका जा सकता है। ठीक ऐसा ही स्लीप एपनिया के साथ भी है। चलिए, लेख में आगे पाठकों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब जान लेते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या स्लीप एपनिया को ठीक किया जा सकता है?

इस परेशानी को सर्जरी और इसके कारण का इलाज करके नियंत्रित किया जा सकता है (8)

स्लीप एपनिया के लिए सबसे अच्छी स्पीलिंग पोजिशन कौन सी है?

स्लीप एपनिया के लिए सबसे अच्छी स्पीलिंग पोजिशन व्यक्ति विशेष पर निर्भर करती है। एक रिसर्च के मुताबिक, सुपाइन पोजिशन यानी पीठ के बल सोना कुछ लोगों के लिए अच्छा हो सकता है और कुछ के लिए नुकसानदायक (9)। एक अन्य रिसर्च में प्रोन पोश्चर यानी पेट के बल सोने से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया में सुधार देखा गया (10)

वहीं, लेटेरल पोजिशन यानी किसी एक करवट में सोने से संबंधित एक रिसर्च के मुताबिक, इससे वायु मार्ग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है (11)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि सबसे बेहतर स्लीपिंग पोजिशन जानने के लिए डॉक्टर से परामर्श जरूरी है।

मैं स्लीप एपनिया को स्वाभाविक रूप से कैसे ठीक कर सकता हूं।

स्वाभाविक रूप से इसके लक्षणों को कम किया जा सकता है। इसके लिए लेख में दिए गए उपायों व टिप्स को अपना सकते हैं।

क्या विक्स वेपोरब स्लीप एपनिया में मदद कर सकता है?

हां, विक्स वेपोरब स्लीप एपनिया में मदद मिल सकती है। दरअसल, विक्स वायु मार्ग में रुकावट बनने वाले बलगम को निकाल सकता है, जिससे सांस लेने में तकलीफ नहीं होती है (12)

स्लीप एपनिया में कैसा महसूस होता है?

स्लीप एपनिया के दौरान सांस लेने में तकलीफ होती है।

मैं स्लीप एपनिया को कैसे सुधार सकता हूं?

स्लीप एप्निया में सुधार करने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव करना जरूरी है। इसके बारे में जानने के लिए आप ऊपर स्क्रॉल करके लेख को पढ़ सकते हैं।

Sources

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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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