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Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

संपूर्ण भारत में सुपारी का इस्तेमाल मुख्य रूप से दो रूपों में किया जाता है। एक पूजन सामग्री के तौर पर तो दूसरा तम्बाकू उत्पादों (पान-मसाला या पान) के साथ। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सुपारी केवल इन्हीं दोनों कामों के लिए उपयोग नहीं की जाती, बल्कि इसे औषधि के रूप में भी इस्तेमाल में लाया जाता है। आयुर्वेद में कई रोगों के उपचार के लिए इसे प्रयोग किया जाता है। सुपारी का उपयोग एनीमिया, पाचन, कब्ज, दांत से संबंधित विकार और दर्द से राहत दिलाने में सहायक माना जाता है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको सुपारी के फायदे और इसके पौष्टिक तत्वों से संबंधित कई जानकारियां देंगे, जिसके बारे में शायद ही आपने पहले पढ़ा या सुना हो।

सुपारी खाने के फायदे और उपयोग जानने से पहले बेहतर होगा कि यह है क्या, इस बारे में जानकारी हासिल कर ली जाए।

सुपारी क्‍या है – What is Betel Nut (Supari) in Hindi

सुपारी एरिकेसी (Arecaceae) कुल से संबंधित एक पेड़ पर लगने वाला फल है। इसका वैज्ञानिक नाम अरेका कटेचु (Areca Catechu) है। अंग्रेजी में इसे बीटल नट (Betel Nut) के नाम से जाना जाता है। इसका पौधा नारियल के पेड़ के समान ऊंचा, तने पर छल्लेदार उभार और पत्ते चौड़े होते हैं। यह दक्षिणी एशिया, दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका के अनेक भागों में पैदा होता है। सुपारी की तासीर गर्म और अम्लीय होती है। इसलिए औषधि के रूप में इसे सीमित मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है।

सुपारी क्या है यह जानने के बाद आगे लेख में हम सुपारी खाने के फायदे बताएंगे।

सुपारी के फायदे – Benefits of Betel Nut (Supari) in Hindi

1. स्ट्रोक में लाभदायक

सुपारी खाने के फायदे की बात करें तो इसका उपयोग स्ट्रोक के खतरे को कम करने में सहायक साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक लाल सुपारी की पत्तियों में फ्लेवोनोइड, एल्कलॉइड, टेरपीनोइड, टैनिन, सायनोजेनिक, ग्लूकोसाइड, आइसोप्रेनॉइड, एमिनो एसिड और यूजेनॉल जैसे खास तत्व पाए जाते हैं  (1)। यह सभी तत्व संयुक्त रूप से स्ट्रोक (मानसिक और हृदय से संबंधित) के खतरे को कम करने में लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं। इस कारण ऐसा माना जा सकता है कि लाल सुपारी की पत्तियों के साथ सुपारी का उपयोग भी स्ट्रोक के जोखिमों को कम करने में मददगार साबित हो सकता है। हालांकि, इस संबंध में अभी अधिक शोध की आवश्यकता है।

2. स्कीजोफ्रेनिया

स्कीजोफ्रीनिया (एक मानसिक विकार) की बीमारी में भी सुपारी काफी लाभदायक साबित हो सकती है। दरअसल, सुपारी में कई प्रकार के प्रभावी फ्लेवोनॉयड पाए जाते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव मौजूद होते हैं। इस कारण सुपारी कई मानसिक और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारियों जैसे :- अल्जाइमर, पार्किंसंस, एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस, हंटिंगटन और सिजोफ्रेनिया से छुटकारा दिलाने में कारगर साबित हो सकता है (2)।

3. कैविटी से बचाव

हालांकि, अत्यधिक मात्रा में सुपारी चाबने से दांतों और मुंह से संबंधित कई नुकसान देखने को मिल सकते हैं, लेकिन सीमित मात्रा में इसका उपयोग किया जाए तो यह दांतों पर जमने वाली कैविटी को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसमें एंथेल्मिंटिक प्रभाव (परजीवी को नष्ट करने वाला) पाए जाते हैं, जो कैविटी की समस्या में भी लाभकारी माने जा सकते हैं (3)। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

4. सूखे मुंह की समस्या से छुटकारा

एक शोध में इस बात की पुष्टि की गई है कि सुपारी चबाने से मुंह में अत्यधिक लार का निर्माण होता है (4)। ऐसे में सूखे मुंह की समस्या में सुपारी का उपयोग लार को बनाने में मदद कर सकता है। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर आप सूखे मुंह की समस्या से जूझ रहे हैं, तो सुपारी चबाना आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है।

5. होंठो पर छाले

होठों के छाले ठीक करने के लिए लाल सुपारी का उपयोग किया जा सकता है। दरअसल, ऐसा माना जाता है कि लाल सुपारी के संपूर्ण पौधे में कई गंभीर समस्याओं को दूर करने वाले गुण पाए जाते हैं। जो छालों की समस्या (मुंह के अल्सर का एक लक्षण) को ठीक करने में भी सहायक साबित हो सकता है। हालांकि, इस संबंध में कोई पुख्ता प्रमाण उपलब्ध नहीं है।

6. पीठ दर्द में मददगार

पीठ दर्द की समस्या में भी लाल सुपारी का उपयोग फायदेमंद साबित हो सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक लाल सुपारी का संपूर्ण पौधा कई औषधियों गुणों के लिए उपयोग में लाया जाता है, जिसमें जोड़ों का दर्द और गाउट (आर्थराइटिस का एक प्रकार, जिसमें जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या होती है) जैसी समस्याएं शामिल हैं। इसके अलावा, सुपारी में दर्द निवारक (Analgesic)  गुण भी पाए जाते हैं, जो पीठ दर्द में लाभदायक परिणाम दे सकते हैं। लेकिन कमर दर्द के लिए इसकी पत्तियों के रस का लेप लगाने की सलाह दी जाती है (1) (5)।

7. एनिमिया से राहत

एनीमिया से संबंधित जोखिमों को कम करने में भी सुपारी का उपयोग लाभदायक सिद्ध हो सकता है (6)। लेकिन इसके अत्यधिक सेवन से आपको कई तरह के अन्य जोखिमों का भी सामना करना पड़ सकता है। इस कारण जरूरी है कि इसके उपयोग से पहले आप एक बार चिकित्सक की सलाह जरूर ले लें।

8. पाचन प्रक्रिया में सुधार

सुपारी पर किए गए एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि इसका उपयोग मुंह में लार बनने की प्रक्रिया को बढ़ाता है, जो पाचन प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा है। वहीं यह पाचक रसों की बढ़ोत्तरी में भी मदद करता है, जिससे यह प्रक्रिया और भी आसान जो जाती है। साथ ही कब्ज की समस्या से छुटकारा दिलाने में भी इसे लाभकारी माना गया है। इस कारण ऐसा कहा जा सकता है कि खाना खाने के बाद सुपारी का सेवन करने से आपको पाचन संबंधी कई लाभकारी परिणाम हासिल हो सकते हैं (7)।

9. मांसपेशियों को करता है मजबूत

सुपारी के फायदे में से एक यह है कि इसका सेवन मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने में भी सहायक माना जाता है। दरअसल इसमें कई ऐसे एल्कलॉइड मौजूद होते हैं, जिनमें एंटी-मस्कैरेनिक (तंत्रिका तंत्र में आने वाले अवरोध को हटाना) प्रभाव पाया जाता है, जो मांसपेशियों नरम करता है और उन्हें मजबूती प्रदान करने का काम करता है (8)।

10. कब्ज की समस्या को करे दूर

लेख में आपको पहले भी बताया जा चुका है कि सुपारी का सेवन लार और पाचक रसों को बढ़ाने में सहायक माना जाता है। कब्ज की समस्या पाचन प्रक्रिया में गड़बड़ी के कारण ही होती है। इस कारण कब्ज में राहत दिलाने में भी इसके सहायक परिणाम देखे जा सकते हैं (7)।

11. दांतों का पीलापन

जैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि एन्थेलमिंटिक प्रभाव (परजीवी को नष्ट करने वाला) के कारण सुपारी का सेवन दांतों पर जमने वाले कैविटी को खत्म करमें सहायक माना जाता है। दांतों में पीलापन का एक बड़ा कारण कैविटी भी हो सकती है। इस कारण यह कहा जा सकता है कि इसका उपयोग पीले दांतों की समस्या से राहत दिलाने में भी यह लाभकारी सिद्ध हो सकता है (3)। हालांकि, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है।

12. डायरिया से बचाव

सुपारी से संबंधित एक शोध में इस बात की पुष्टि की गई है कि इसका सेवन करने से डायरिया की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। दरअसल, इसमें प्रचुर मात्रा में पॉलीफेनोल्स पाए जाते हैं, जिनमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी और एंटी-एलर्जी प्रभाव उपलब्ध होते हैं। यह प्रभाव डायरिया से संबंधित कई जोखिम कारकों को कम करते हैं। ऐसे में यह माना जा सकता है कि सुपारी का सेवन डायरिया की समस्या में राहत दिलाने का काम कर सकता है (9)।

13. मतली की समस्या को करे दूर

सुपारी का सेवन मतली की समस्या में राहत पाने के लिए भी किया जा सकता है। विशेषज्ञों के मुताबिक इसका उपयोग पाचन में सुधार करता है, भूख को दबाता है और मतली की समस्या को भी कम करने में सहायता प्रदान करता है (10)।

14. मसूड़ों में संक्रमण

मसूड़ों के लिए सुपारी एक एस्ट्रिंजेंट (अम्लीय और नसों को मजबूत करना वाला प्रभाव) की तरह काम करता है, जो मसूड़ों से खून आने की समस्या को दूर करने में सहायक माना जाता है। साथ ही यह मसूड़ों को स्वस्थ्य रखने और मजबूती प्रदान करने में भी लाभकारी माना जाता है। यह सभी समस्याएं मसूड़ों में संक्रमण के कारण पैदा होती हैं। इस कारण यह कहा जा सकता है कि सुपारी मसूड़ों के संक्रमण को दूर करने में भी सहायक साबित हो सकती है (11)।

15. पेशाब करने में परेशानी

सुपारी का उपयोग पेशाब में आने वाली परेशानी से भी राहत दिलाने में सहायक माना जा सकता है। कारण यह है कि इसमें सैफ्रोल (Safrole) नाम का एक तत्व पाया जाता है, जो मूत्राशय की प्रक्रिया को सुधारता है और पेशाब में आने वाले रुकावट की समस्या को भी दूर करने का काम कर सकता है (12)।

सुपारी के फायदे जानने के बाद अब हम इसके इस्तेमाल के तरीकों के बारे में बात करेंगे।

सुपारी का उपयोग – How to Use Betel Nut (Supari) in Hindi

निम्न बिन्दुओं के माध्यम से सुपारी को औषधि के रूप में इस्तेमाल करने के तरीकों को समझा जा सकता है (11)।

  • 10 से 15 ग्राम चीनी के साथ बराबर मात्रा में सुपारी का पाउडर खाने से दस्त की समस्या से लाभ पाया जा सकता है।
  • पेट से संबंधित विकार और परजीवियों से बचाव के लिए नींबू के रस में करीब तीन ग्राम सुपारी पाउडर मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है।
  • 100 ग्राम दूध में 4 से 6 ग्राम सुपारी पाउडर मिलाकर पीने से पेट से संबंधित कीड़ों का इलाज किया जा सकता है।
  • करीब 10 ग्राम सुपारी पाउडर को पानी में मिलाकर कुल्ला करने से मसूड़ों से खून आने की समस्या से राहत पाई जा सकती है।

समय- औषधि के रूप में सुपारी का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में दिन में एक या दो बार किया जा सकता है।

फायदों के साथ-साथ सुपारी खाने के नुकसान भी कई है, जिनके बारे में हम लेख के आगे के भाग में बताएंगे।

सुपारी के नुकसान – Side Effects of Betel Nut (Supari) in Hindi

सुपारी खाने के नुकसान की बात करें तो इसका अत्यधिक सेवन कई दुष्प्रभावों को न्यौता देता है, लेकिन औषधि के रूप में इसे संतुलित मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है। वहीं अगर आप औषधि के लिए कच्ची सुपारी को उपयोग में लाते हैं, तो संतुलित मात्रा में भी इसके कुछ नुकसान देखने को मिल सकते हैं (11)।

  • चेहरे पर लाली का आना।
  • अत्यधिक पसीना आना।
  • सांस लेने में तकलीफ।
  • पुतलियों का सिकुड़ना।
  • अत्यधिक प्यास लगना।
  • पेट में दर्द।
  • डायरिया की समस्या।
  • मांसपेशियों में दर्द।
  • धड़कन का धीमा होना।
  • बेहोशी आना।

नोट : ध्यान रहे लंबे समय तक सुपारी का सेवन फायदे की जगह नुकसानदायक ही हो सकता है। गुटखा और पान मसाले की तरह सुपारी की आदत कई बीमारियों का कारण बन सकती है। बेहतर होगा कि सुपारी का सेवन कभी-कभी ही किया जाए औऱ इसके लत से बचा जाए।

सुपारी क्या है और सुपारी खाने के फायदे क्या हैं? यह तो आपको लेख में अच्छे से समझा दिया गया है। इन्हें जानने के बाद आप में भी इसके उपयोग को लेकर कुछ न कुछ उत्सुकता जरूर जगी होगी। साथ ही मन में यह भी ख्याल कुलबुला रहा होगा कि क्यों न इसके फायदों को आजमां कर देखा जाए। ऐसे में जरूरी होगा कि औषधि के तौर पर सुपारी के फायदे हासिल करने के लिए इसके सेवन से पहले एक बार लेख में दी गई सभी जानकारियों को अच्छे से पढ़ लें। उसके बाद ही किसी समस्या के उपचार के लिए इसे इस्तेमाल में लाएं। उम्मीद है कि यह लेख आपकी स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं को हल करने में लाभकारी साबित होगा।

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References

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    4. Assessment of Salivary Flow Rate and pH Among Areca Nut Chewers and Oral Submucous Fibrosis Subjects: A Comparative Study
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    6. Determining effects of areca (betel) nut chewing in a prospective cohort of pregnant women in Madang Province, Papua New Guinea
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