Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

हम अक्सर तरबूज खाने के बाद उसके बीज फेंक देते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके बीज भी काफी उपयोगी होते हैं। इसमें मौजूद पोषक तत्वों को ध्यान में रखकर अगर यह कहा जाए कि तरबूज आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है, तो शायद गलत नहीं होगा! इनके बीजों को इकट्ठा करके आप कई तरह से और कई चीजों के लिए इस्तेमाल में ला सकते हैं। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको तरबूज के बीज के स्वास्थ्य लाभ, नुकसान और उपयोग के तरीकों के बारे में विस्तार से बताएंगे। हां, अगर आपको कोई गंभीर समस्या हो, तो आपको डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए, क्योंकि घरेलू उपचार ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं हो सकते।

हम नीचे आपको तरबूज के बीज के फायदे बता रहे हैं।

तरबूज के बीज के फायदे – Benefits of Watermelon Seed in Hindi

1. हृदय स्वास्थ्य

हृदय के लिए पोटैशियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन और कैल्शियम युक्त आहार का सेवन करना अच्छा माना जाता है (1)। ये उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने में भी मदद करते हैं, जिसका सीधा संबंध हृदय स्वास्थ्य से होता है (2)। इसी आधार पर कहा जा सकता है कि इन सभी पोषक तत्वों से भरपूर तरबूज के बीज आपको हृदय संबंधी परेशानी को दूर रखने और इससे आपको बचाने में मदद कर सकते हैं (3)। इसके अलावा, तरबूज के बीज में जिंक की मात्रा भी अच्छी होती है, जो हार्ट फेल होने के खतरा से बचाता है (4)। आप तरबूज के बीज की चाय बनाकर इसमें मौजूद पोषक तत्वों का लाभ उठा सकते हैं।

2. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाए

तरबूज के बीज शरीर को बीमारियों से बचाने और इनसे लड़ने में मदद करने वाले इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में भी लाभदायक हो सकते हैं। दरअसल, यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन के मुताबिक मैग्नीशियम और इम्यून सिस्टम के बीच गहरा संबंध है। शरीर में मैग्नीशियम की पर्याप्त मात्रा में होने पर इम्यून अच्छे से काम करता है (5) (6)। तरबूज के बीज भी मैग्नीशियम से भरपूर होते हैं, यह तो हम ऊपर बता ही चुके हैं। इसलिए, कहा जा सकता है कि तरबूज के बीज का सेवन इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक हो सकता है (3)। आप तरबूज के बीज को भूनकर या इसकी चाय बनाकर पी सकते हैं।

3. पुरुष प्रजनन क्षमता में सुधार

तरबूज के बीज में मौजूद जिंक को पुरुष प्रजनन प्रणाली की क्रिया के लिए आवश्यक मिनरल माना जाता है। जिंक का सेवन करने से पुरुषों के शुक्राणु की गुणवत्ता में वृद्धि हो सकती है। हालांकि, पुरुषों की प्रजनन क्षमता और जिंक के संबंध को लेकर बड़े स्तर पर आगे और अध्ययन करने की जरूरत है (3) (7)।

4. डायबिटीज

तरबूज के बीज के अर्क को एंटीडायबिटिक माना जाता है, जो प्लाज्मा ग्लूकोज के स्तर को कम कर सकता है। दरअसल, तरबूज के बीज ग्लाइकोजन को स्टोर करने में सकारात्मक तरीके से मदद कर सकते हैं। इस वजह से माना जा सकता है कि तरबूज के बीज डायबिटीज के उपचार में मदद कर सकते हैं। शरीर में ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा होने पर यह बतौर ग्लाइकोजन शरीर में एकत्रित हो जाती है, जिससे मधुमेह के खतरे से शरीर दूर रहता है (8)।इसके अलावा, तरबूज में मौजूद ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड डायबिटीज-2 होने का खतरा कम करने में मदद कर सकता है (9)।

5. मस्तिष्क स्वास्थ्य

मस्तिष्क विकास और स्वास्थ्य के लिए पोषक तत्व जरूरी होते हैं। अगर शरीर में मैग्नीशियम की कमी होती है, तो मस्तिष्क को बातें याद रखने और नई चीजों को सीखने की क्षमता कम होने लगती। मस्तिष्क से संबंधित इस बीमारी का नाम अल्जाइमर है। अगर शुरुआती समय में दिमाग से संबंधित इस परेशानी का पता चल जाए, तो मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करके इस समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है (10) (11)।

इसके अलावा, जिंक की कमी होने से भी मस्तिष्क के विकास में कमी आती है। खासकर, बच्चों और गर्भवतियों में जिंक की कमी सीधे दिमाग पर असर डालती है (12)। तरबूज के बीज में मैग्नीशियम और जिंक भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए माना जाता है कि इसका सेवन मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है (3)।

6. पाचन स्वास्थ्य

तरबूज के बीज में लैक्सेटिव गुण और फाइबर की भी प्रचूर मात्रा पाई जाती है (9)। इसलिए, माना जाता है कि तरबूज के बीज के सेवन करने से पाचन तंत्र ठीक रहता है। दरअसल, लैक्सेटिव गुण मल त्यागने में मदद करता है, जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिलती है। वहीं, इसमें मौजूद फाइबर भी पाचन के लिए जरूरी होता है। पाचन अच्छा होने से कब्ज की समस्या नहीं होती (13)।

7. नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र)

नर्वस सिस्टम (तंत्रिका तंत्र) को स्वस्थ रखने के लिए मैग्नीशियम महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है। यह नसों और मांसपेशियों को मजबूती देने का काम करता है (14)। तरबूज के बीज में मौजूद मैग्नीशियम तंत्रिका संचरण (Nerve Transmission) और न्यूरोमस्कुलर कोऑर्डिनेशन (मांसपेशियों को नियंत्रित करने की क्षमता) में मदद करते हैं। इससे मस्तिष्क संबंधी विकार, माइग्रेन, पुराने दर्द, मिर्गी, अल्जाइमर, पार्किंसंस और स्ट्रोक के बचाव में मदद मिल सकती है (15)।

साथ ही सेंट्रल नर्वस सिस्टम में जब मैग्नीशियम की कमी हो जाती है, तो कोमा जैसी कई अन्य गंभीर न्यूरोलॉजिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। (16)। मैग्नीशियम की कमी होने पर इंफ्लेमेशन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ने लगता है (17)। इनकी वजह से न्यूरोडिजनरेटिड विकार उत्पन्न होने लगते हैं, जिनमें न्यूरोन्स को क्षति पहुंचती है (18)। इसलिए, तरबूज में मौजूद मैग्नीशियम का सेवन करके तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रखा जा सकता है।

8. त्वचा साफ और स्किन स्वास्थ्य में सुधार

तरबूज के बीज को स्किन क्लिंजर के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका काढ़ा बनाकर त्वचा को साफ किया जा सकता है। साथ ही इसके सेवन से त्वचा स्वस्थ भी रह सकती है, लेकिन इस संबंध में कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। लोगों के अनुभव के आधार पर ही त्वचा के लिए इसका इस्तेमाल करें। हालांकि, इसमें मौजूद जिंक त्वचा को एक्ने से बचाने में मदद कर सकता है (19)। इसके अलावा, तरबूज के बीज में मौजूद फैटी एसिड सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने में भी मदद कर सकता है (20)। ध्यान रहे कि यह सिर्फ घरेलू नुस्खा है उपचार नहीं।

9. एजिंग को धीमा करे

माना जाता है कि तरबूज के बीज का सेवन करने से बुढ़ापे की बढ़ती गति को रोका जा सकता है। यह सच है या नहीं यह कहना मुश्किल है, लेकिन तरबूज में मौजूद मैग्नीशियम के सेवन से बढ़ती उम्र की वजह से होने वाली बीमारियों जैसे- याददाश्त का कम होना व हड्डियों का कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस) आदि के लक्षणों को कम जरूर किया जा सकता है। साथ ही यह बुढ़ापे के दौरान स्वस्थ रखने में भी मदद कर सकता है (21)। इसमें मौजूद प्रोटीन, सक्रिय जीवनशैली देने में मदद कर सकता है (22)।

10. बालों के लिए

तरबूज के बीज को बालों के लिए भी अच्छा माना जा सकता है। दरअसल, इसमें जिंक की पर्याप्त मात्रा पाई जाती है। इस पोषक तत्व की कमी की वजह से बालों के झड़ने की समस्या हो सकती है। एलोपेसिया जिंक की कमी के कारण भी होता है। साथ ही फोलेट की कमी से भी बालों की क्वालिटी में फर्क आ सकता है। इसलिए, बालों को स्वस्थ रखने के लिए फोलेट जरूरी है। तरबूज के बीज में दोनों पोषक तत्व मौजूद होते हैं, इसलिए आप इसे भूनकर खाने के साथ ही इसका काढ़ा बनाकर बालों की मसाज भी कर सकते हैं (23) (3)।

नोट : ध्यान रखें कि घरेलू नुस्खें के भरोसे आप स्वास्थ्य संबंधी विकार के चेकअप और ट्रीटमेंट को न टालें। बीमारी की चपेट में आने पर आपको डॉक्टर से ही परामर्श लेना चाहिए। आप डॉक्टरी सलाह पर दवाई के साथ इन घरेलू नुस्खों को इस्तेमाल कर सकते हैं।

तरबूज के बीज के फायदे के बाद एक नजर इसमें मौजूद पोष्टिक तत्वों पर डाल लेते हैं।

तरबूज के बीज के पौष्टिक तत्व – Watermelon Seed Nutritional Value in Hindi

तरबूज के बीज का लाभ आपको कैसे मिल सकता है, यह तो आप जान ही चुके हैं। अब हम आपको नीचे टेबल के माध्यम से इसमें प्रति 100 ग्राम कितने पौष्टिक तत्व होते हैं, वह बताएंगे (3)।

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी5.05g
ऊर्जा557kcal
प्रोटीन28.33g
कुल फैट47.37g
कार्बोहाइड्रेट15.31g
ऐश (Ash)3.94g
कैल्शियम54mg
आयरन7.28mg
मैग्नीशियम515mg
फास्फोरस755mg
पोटैशियम648mg
सोडियम99mg
जिंक10.24mg
कॉपर0.686mg
मैंगनीज1.614mg
नियासिन3.55mg
फोलेट58µg
फैटी एसिड, टोटल  सैचुरेटेड9.779g
फैटी एसिड, टोटल मोनोअनसैचुरेटेड7.407g
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड28.094g

तरबूज के बीज के स्वास्थ्य लाभ जानने के बाद आपको तरबूज के बीज का उपयोग कैसे किया जाए यह जानना भी जरूरी है।

तरबूज के बीज का उपयोग – How to Use Watermelon Seed in Hindi

तरबूज के बीज का उपयोग आप कई तरीकों से कर सकते हैं। कुछ प्रचलित तरीकों के बारे के हम नीचे बता रहे हैं-

  • तरबूज के बीज की आप चिक्की बनाकर खा सकते हैं।
  • इसे उबालकर खाया जा सकता है।
  • इसे अच्छे से सूखाकर छीलकर भी खाया जाता है।
  • तरबूज के बीज को पानी में उबालकर बतौर चाय व काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।
  • तरबूज के बीज की बर्फी भी बनाई जा सकती है।
  • इन्हें भूनकर भी खाया जा सकता है। साथ ही इसे सलाद, ब्रेड या पोहा जैसे नमकीन स्नैक्स में मिलाकर भी खाया जा सकता है।

कितना सेवन करें: इसका कितना सेवन करना चाहिए इसकी मात्रा निर्धारित नहीं है। इसलिए, बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से सलाह लेकर इसका सेवन करें।

तरबूज के बीज का लाभ तो आप जान ही चुके हैं, चलिए अब इसके नुकसान पर भी एक नजर डाल लेते हैं।

तरबूज के बीज के नुकसान – Side Effects of Watermelon Seed in Hindi

तरबूज के बीज के अनेक फायदे हैं, यह हम आपको बता ही चुके हैं। वहीं, अगर इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाए, तो कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, इसमें मैग्नीशियम और पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है, जिनके अधिक सेवन से नीचे दी गई परेशानियां हो सकती हैं (24) (25)।

  • डायरिया
  • पेट में मरोड़ होना
  • जी-मिचलाना
  • हाइपरकेलेमिया (पोटैशियम का अधिक स्तर)
  • वहीं, अगर किसी को किडनी की समस्या है या किडनी की समस्या के कारण प्रतिबंधित पोटेशियम आहार के सेवन की सलाह दी जाती है। वे लोग डॉक्टर या आहार विशेषज्ञ से सलाह लेने के बाद ही तरबूज के बीज का सेवन करें।

तरबूज के बीज के फायदे तो आप जान ही चुके हैं। इसके नुकसान भी न के बराबर हैं, इसलिए आप इन्हें अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। ध्यान रहे कि इसे बतौर घरेलू उपाय इस्तेमाल करते समय आप किसी भी तरह की दवाई या अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता न करें। इसे आप स्वस्थ रहने और जरूरी पोषक तत्व लेने के लिए नियमित रूप से खा सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह की दुविधा होने पर डॉक्टर से सलाह लेना भी जरूरी है। ये घेरलू नुस्खे आपको स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं या फिर अगर कोई बीमार है, तो बीमारी से लड़ने में मदद कर सकते हैं। वहीं, अगर किसी को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या है तो वो सिर्फ घरेलू उपाय पर न निर्भर करके डॉक्टरी इलाज को प्राथमिकता दें।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या तरबूज के बीज फेट बढ़ाते हैं?

नहीं, तरबूज के बीज मोटापे का कारण नहीं हो सकते। तरबूज के बीज में कैलोरी काफी कम मात्रा में होती है। 28 ग्राम तरबूज के बीज में महज 158 कैलोरी होती है (26)। साथ ही इसमें फाइबर होता है, जिसके सेवन से आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है। इससे आप अधिक खाने से बचते हैं, जो आपको मोटापे से बचाता है (13)। बस ध्यान रखें कि इसका सेवन ज्यादा मात्रा में न करें।

तरबूज में इतने बीज क्यों होते हैं?

वैज्ञानिक रूप से, इसका कोई सटीक जवाब नहीं है। माना जाता है कि यह फल सीजन में एक बार आता है और इसमें मौजूद ज्यादा बीज यह सुनिश्चित करते हैं कि वह दोबारा विकसित हो सकें।

तरबूज में काले और सफेद बीज क्यों होते हैं?

तरबूज में मौजूद काले बीज परिपक्व और उपजाऊ होते हैं और सफेद बीज सिर्फ अपरिपक्व होते हैं। ये बीज भी मैच्यौर होने के बाद काले बीज बन जाते हैं, लेकिन तरबूज के सभी बीज एक ही समय में परिपक्व नहीं होते हैं।

तरबूज के बीजों को कैसे हटाएं?

चाकू लेकर तरबूज के ऊपरी और निचले हिस्से को काटकर सपाट कर दें। फिर, इसको बीच में से काटकर दो टुकड़े कर दें। तरबूज के कटे हुए एक हिस्से को एक बोर्ड पर रखकर इसे मोटी स्लाइस में काट लें। स्लाइस करने के बाद इसमें से बीजों को निकाल लें। आप चाकू की नोक से भी बीज निकाल सकते हैं।

और पढ़े:

References

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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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Puja Kumari
Puja Kumariहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
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