Written by , (शिक्षा- बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मीडिया कम्युनिकेशन)

कई बार जाने अनजाने में शरीर में कुछ ऐसी छोटी-मोटी चोट लग जाती है, जो बाद में टिटनेस का कारण बन सकती है। उपचार के अभाव में यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है, जिस वजह से टिटनेस के विषय पर हर किसी को जानकारी होना जरूरी है। इसलिए, स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आज टेटनस के लक्षण और टिटनेस का इलाज क्या है इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं। पूरी जानकारी के लिए लेख के अंत तक बने रहें।

शुरू करते हैं लेख

आइए, सबसे पहले जानते हैं टिटनेस क्या है।

टिटनेस (टेटनस) क्या है – What is Tetanus in Hindi

टिटनेस एक गंभीर बैक्टीरियल बीमारी है, जो क्लोस्ट्रीडियम टेटानी नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह बैक्टीरिया शरीर में किसी घाव के माध्यम से प्रवेश कर सकता है। इससे शरीर में एक तरह का जहर पैदा होता है, जिससे शरीर की मांसपेशियां सिकुड़ने लगती हैं।

आमतौर पर टिटनेस रोग में पूरे शरीर में दर्द की शिकायत होती है। ये विशेष रूप से जबड़े और गर्दन की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकता है, जिसकी वजह से मुंह खोलने या खाना निगलने में परेशानी भी हो सकती है। एक तरह से इसमें व्यक्ति का जबड़ा लॉक (स्थिर) हो जाता है। यही वजह है कि इसे लॉकजॉ भी कहा जाता है (1) ।

टेटनस मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं, जो इस प्रकार हैं (2) (3):

  • जर्नलाइज्ड टिटनेस (Generalized Tetanus)- यह टिटनेस का सबसे सामान्य रूप है। लगभग 80 प्रतिशत मामले जर्लाइज्ड टिटनेस के होते हैं। इस स्थिति का शुरुआती लक्षण जबड़े में ऐंठन होना है। इसके अलावा, इसमें गर्दन, शरीर का मध्य भाग यानी ट्रंक और जोड़ों की मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द की शिकायत हो सकती है। गंभीर मामलों में कनवल्शन (Convulsion) यानी मांसपेशियों में ऐंठन के साथ दौरे पड़ने की शिकायत व तंत्रिका तंत्र संबंधित परेशानियां हो सकती हैं।
  • लोक्लाइज्ड टेटनस (Localized Tetanus)- लोकलाइज्ड टिटनेस के मामले लोगों में कम देखे जाते हैं। इसमें रोगी को जख्म वाले स्थान के आस-पास की मांसपेशियों में ऐंठन महसूस होती है। हालांकि, इसके लक्षण काफी हल्के होते हैं, लेकिन देखरेख के अभाव में यह स्थिति गंभीर रूप ले सकती है।
  • सेफालिक टिटनेस (Cephalic Tetanus)- यह टिटनेस मुख्य रूप से सिर या चेहरे पर लगी चोट के घावों से जुड़ा होता है। इसके लक्षण चोट लगने के एक से दो दिनों में दिखाई दे सकते हैं। यह जर्नलाइज्ड टिटनेस से थोड़ा विपरीत होता है। इसमें मांसपेशियों में ऐंठन होने की बजाय मस्तिष्क से निकलने वाली तंत्रिकाएं, जिन्हें क्रेनियल नर्व कहा जाता है, उनमें लकवाग्रस्त जैसी समस्या होने की संभावना होती है। कुछ मामलों में जबड़े की मांसपेशियों में ऐंठन भी हो सकती है। यह भी आगे जाकर जर्लाइज्ड टिटनेस का रूप ले सकता है।
  • नियोनेटल टिटनेस (Neonatal Tetanus)- बच्चों में टिटनेस की समस्या को नियोनेटल टिटनेस के नाम से जाना जाता है। बच्चों में टिटनेस की वैक्सीन ना लगवाने या टीकाकरण की सारी डोज न दिलवाने पर बच्चे को इस संक्रमण की चपेट में आने की संभावना अधिक हो सकती है।

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लेख में आगे टिटनेस के लक्षण क्या हो सकते हैं, इसके बारे में जानते हैं।

टिटनेस (टेटनस) के लक्षण – Symptoms of Tetanus in Hindi

जैसा कि लेख में बताया जा चुका है कि टिटनेस बैक्टीरिया घाव के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है। इसके लक्षण नजर आने में कुछ दिन लग सकते हैं। तो नीचे हम टिटनेस के लक्षण से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं (4) (5):

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लेख में आगे टिटनेस के कारण के बारे में बताने जा रहे हैं।

टिटनेस (टेटनस) के कारण – Causes of Tetanus in Hindi

जैसा कि लेख में पहले ही बताया जा चुका है कि शरीर में टेटनेस होने का मुख्य कारण क्लोसाट्रिडियम टेटानी नामक बैक्टीरिया है। यह बैक्टीरिया मिट्टी, धूल, खाद आदि में मौजूद होता है। जब कोई घाव इस बैक्टीरिया के संपर्क में आता है, तो यह शरीर में संक्रमण का कारण बन सकता है। लेख में बताए गई निम्न स्थितियों में यह बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर सकता है, जैसे (6) :

  • धूल, मिट्टी, मल या थूक से घाव का दूषित होना
  • किसी नुकीली वस्तु जैसे सुई या कील द्वारा चोट लगने पर
  • जलने पर होने वाले घाव से टिटनेस का बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश कर सकता है
  • दबने या कुचलने से होने वाले घाव के जरिए
  • पुराने घाव और इंफेक्शन से हो सकता है
  • नसों में दिए जाने वाले इंजेक्शन का इस्तेमाल करने पर
  • हड्डी में इंजेक्शन लगने की स्थिति में बैक्टीरिया शरीर में फैल सकता है
  • ऑपरेशन के दौरान लगाया गया चीरा के जरिए
  • चोट की ऊपरी परत हटाने पर
  • कीड़े के काटने से
  • दांतों में संक्रमण के जरिए
  • कंपाउंड फ्रैक्चर, जिसमें टूटी हुई हड्डी त्वचा को छेदती है

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अब, टेटनस के जोखिम कारक क्या हो सकते हैं, इसके बारे में जानेंगे।

टिटनेस (टेटनस) के जोखिम कारक – Risk Factors of Tetanus in Hindi

अगर टिटनेस के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो यह गंभीर रूप ले सकते हैं। इस वजह से कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। आइए एक नजर टिटनेस के जोखिम कारकों पर डालते हैं (3) (4) (5):

  • वोकल कॉर्ड पैरालिसिस। इसकी वजह से बोलने और सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
  • मांसपेशियों में खिंचाव की वजह से हड्डियां भी टूट सकती हैं।
  • स्ट्रेस अल्सर
  • कोमा में जाना
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • जोड़ों का खिसकना
  • पेशाब में रुकावट
  • निमोनिया की परेशानी
  • सांस लेने में परेशानी होना
  • फेफड़ों की रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के अटकना
  • ऑक्सीजन की कमी से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचना
  • मांसपेशियों को नुकसान पहुंचना
  • अचानक दिल की धड़कन रुकना
  • वायु मार्ग में अवरोध

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टिटनेस का निदान किस तरह किया जा सकता है, लेख में आगे इसके बारे में बताने जा रहे हैं।

टिटनेस (टेटनस) का निदान – Diagnosis of Tetanus in Hindi

टिटनेस का पता लगाने के लिए कोई विशेष परीक्षण नहीं है। निम्न बिंदुओं के माध्यम से टिटनेस का निदान कैसे किया जाए, इसे समझा जा सकता है (3)।

  • शारीरिक परीक्षण – डॉक्टर सबसे पहले शारीरिक परीक्षण कर सकते हैं। इसमें टिटनेस से जुड़े विभिन्न लक्षणों के बारे में पूछा जा सकता है। डॉक्टर मेडिकल हिस्ट्री व ली जा रही दवाओं के बारे में पूछ सकते हैं। लक्षणों के आधार पर डॉक्टर टिटनेस का पता लगा सकते हैं।
  • स्पैट्युला टेस्ट : टिटनेस की पुष्टि करने के लिए डॉक्टर स्पैट्युला टेस्ट करने की सलाह दे सकते हैं। इस टेस्ट में पोस्टीरियर फैरिंजीयल वॉल (Posterior Pharyngeal Wall) यानी गले के पिछले भाग में स्पैट्युला डाला जाता है। इस दौरान जबड़े में किसी तरह का संकुचन होना, संक्रमण का इशारा देता है।

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टिटनेस के निदान के बाद अब टेटनेस का इलाज कैसे किया जाता है, इसके बारे में जानते हैं।

टिटनेस (टेटनस) का इलाज – Treatment of Tetanus in Hindi

लेख में बताए गए निम्न तरीकों द्वारा टेटनस के उपचार किया जा सकता है (7):

  • रोगी की सही देखभाल : टिटनेस से पीड़ित व्यक्ति को खान पान और साफ-सफाई का ख्याल रखने की जरूरत होती है। इसके अलावा घांवों की सही देखभाल करने की सलाह दी जाती है।
  • दवाओं द्वारा इलाज : टिटनेस की समस्या की गंभीरता को समझते हुए डॉक्टर ह्यूमन टिटनेस इम्यून ग्लोब्युलिन (HTIG) दवा द्वारा इसका इलाज कर सकते हैं।
  • एंटीबायोटिक दवाइयों का उपयोग : टिटनेस की समस्या होने पर एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग किया जा सकता है। ये टिटनेस बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक हो सकती हैं।
  • पेनकिलर दवाएं: टेटनस संक्रमण के कारण मांसपेशियों में होने वाले दर्द और अकड़न को कम करने के लिए दर्दनिवारक दवाइयों का उपयोग किया जा सकता है।
  • टीकाकरण : टेटनस का इलाज के लिए चिकित्सक रोगी को टेटनस की वैक्सीन दे सकते हैं। टिटनेस का टीका इम्यून सिस्टम को टॉक्सिन्स से लड़ने में मदद कर सकता है।

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अब टिटनेस के बचाव करने के लिए उपाय के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं।

टिटनेस (टेटनस) से बचने के उपाय – Prevention Tips for Tetanus in Hindi

टिटनेस से बचने का सबसे बेहतर उपाय टीकाकरण है। सीडीसी के अनुसार, समय पर नियमित रूप से टिटनेस वैक्सीन लेकर इस संक्रमण से बचा जा सकता है। इसके अलावा, टिटनेस संक्रमण से बचाव के लिए सभी उम्र के लोगों को टिटेनस वैक्सीन व इसके बूस्टर को समय पर लेने की सलाह दी गई है (8)।

टिटनेस से बचाव के लिए बच्चों को DTaP टीके के 3 शॉट 2, 4 और 6 महीने की उम्र में दिए जाते हैं। इसके बाद 12 महीने से 18 महीने तक की उम्र में चौथा शॉट लगाया जाता है। फिर 4 से 6 और एक 11 से 12 साल की उम्र के बीच में अगला शॉट दिया जाता है। इसके बाद हर दस साल में बूस्टर शॉट लेने की सलाह दी जाती है (9)।

टेटनस के इंफेक्शन से बचने के लिए निम्न उपायों को भी अपनाया जा सकता है, जो इस प्रकार हैं (8) :

  • घाव की देखभाल : टिटनेस संक्रमण से बचाव के लिए घाव की तत्काल और अच्छी देखभाल जरूरी है। घाव, खरोंच या त्वचा पर किसी तरह के मामूली कट होने पर प्राथमिक चिकित्सा में देरी न करें।
  • साफ-सफाई : टिटनेस से बचाव के लिए रोगी को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साबुन या पानी से बार-बार हाथों को साफ करते रहना चाहिए।
  • दवाइयों का उपयोग : टेटनस से बचाव के लिए टिकाकारण न करवाया हो और गंभीर चोट लगी हो, तो ऐसे मामलों में डॉक्टर संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दवाओं का उपयोग कर सकते हैं।
  • डॉक्टर से परामर्श : समस्या की गंभीरता को समझते हुए डॉक्टर से फौरन संपर्क करें। इसके अलावा शरीर के घाव, खरोंच या अन्य घावों में प्राथमिक चिकित्सा में देरी ना करें।

इस लेख को पढ़ने के बाद आप यह अच्छी तरह से जान गए होंगे कि टिटनेस क्या है। लेख में टिटनेस के कारण और लक्षण के बारे में भी विस्तार से जानकारी मिल गई होगी। टिटनेस से बचाव के लिए समय पर वैक्सीन लेना बहुत जरूरी है। इसलिए, टिटनेस वैक्सीन को लेकर किसी तरह की लापरवारी न बरतें। हम उम्मीद करते हैं यह लेख आपके लिए ज्ञानवर्धक रहा होगा। इस तरह की अन्य जानकारी हासिल करने के लिए जुड़े रहें स्टाइलक्रेज के साथ।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

क्या टिटनेस का इलाज किया जा सकता है?

वैसे तो टिटनेस का कोई इलाज नहीं है। इसके लक्षण गंभीर रूप न लें, इसके लिए मरीज को घाव की अच्छी देखभाल के साथ डॉक्टर की देखरेख में रहने की जरूरत होती है। जैसे ही शरीर में टिटनेस संक्रमण की विषाक्ता कम होती है, तो मरीज बेहतर महसूस करता है।

चोट लगने के कितने समय के अंदर टिटनेस का टीका लगवाना चाहिए?

चोट लगने के 24 घंटे के भीतर टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए (10)।

क्या घाव को साफ करने से टिटनेस से बचाव होता है?

हां, घाव को अच्छे तरीके से साफ करने से टिटनेस से कुछ हद तक बचाव हो सकता है (8)।

टिटनेस के लक्षण कितने दिन में दिखाई देने लगते हैं?

टिटनेस होने की औसत अवधि चोट लगने के 3 से 21 दिनों तक होती है, लेकिन अधिकांश मामलों में 8 दिनों के भीतर इसके लक्षण नजर आने लगते हैं (3)।

टिटनेस की आयुर्वेदिक दवा क्या है?

टिटनेस से बचाव के लिए वैक्सीनेशन जरूरी माना जाता है। हालांकि, इसकी आयुर्वेदिक दवा को लेकर शोध में कमी पाई गई है। ऐसे में इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।

टिटनेस का घरेलू उपचार क्या है?

टिटनेस का घरेलू उपचार नहीं है, इसके लिए डॉक्टरी चिकित्सा ही जरूरी है।

References

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  1. Tetanus
    https://www.cdc.gov/tetanus/about/index.html
  2. Tetanus
    https://www.cdc.gov/tetanus/clinicians.html
  3. Tetanus
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK459217/
  4. Tetanus: Symptoms and Complications
    https://www.cdc.gov/tetanus/about/symptoms-complications.html
  5. Tetanus
    https://medlineplus.gov/ency/article/000615.htm
  6. Tetanus: Causes and Transmission
    https://www.cdc.gov/tetanus/about/causes-transmission.html
  7. Diagnosis and Treatment
    https://www.cdc.gov/tetanus/about/diagnosis-treatment.html
  8. Prevention
    https://www.cdc.gov/tetanus/about/prevention.html
  9. Tetanus Prophylaxis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK559008/#:~:text=Prophylaxis%20should%20be%20administered%20as
  10. Tetanus Prophylaxis
    https://www.sciencedirect.com/topics/medicine-and-dentistry/tetanus-prophylaxis
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Saral Jain
Saral Jainहेल्थ एंड वेलनेस राइटर
सरल जैन ने श्री रामानन्दाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय, राजस्थान से संस्कृत और जैन दर्शन में बीए और डॉ.

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