Neelanjana Singh, RD
Written by , (शिक्षा- एमए इन जर्नलिज्म मीडिया कम्युनिकेशन)

दुनियाभर में लोग विभिन्न प्रकार के शाकाहारी और मांसाहारी भोजन का आनंद उठाते हैं। वहीं, जब हम बात सिर्फ सी-फूड्स की करें, तो मछलियों का जिक्र होना तय है। स्वास्थ्य के लिए मछलियों का सेवन लाभदायक माना जाता है। तिलापिया मछली का नाम भी इस लिस्ट में शामिल है। डॉक्टरी परामर्श पर इसका सेवन करने से तिलापिया मछली के फायदे लेख में बताई गई शारीरिक समस्याओं के लक्षण और प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसका सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि यह अपने आप में कोई मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है और ठीक तरह से उपयोग न करने पर तिलापिया मछली के नुकसान भी हो सकते हैं, जिनके बारे में भी लेख के अंत में बताया गया है।

तिलापिया मछली के बारे में बाकी जानकारी जानने से पहले आइए आपको बता दें कि तिलापिया मछली क्‍या है।

तिलापिया मछली क्‍या है? – What is Tilapia Fish in Hindi

तिलापिया मछली पोषण और स्वाद से भरपूर एक खास मछली है। इसे अक्वाटिक चिकन (Aquatic Chicken) भी कहा जाता है। अन्य देशों के साथ भारत में भी तिलापिया मछली का पालन किया जाता है। इसके लाजवाब स्वाद के कारण इसका उपयोग कई तरह के व्यंजनों में किया जाता है। तिलापिया मछली के पोषक तत्वों की बात करें, तो इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और ऊर्जा पाई जाती है। साथ ही इसमें मैग्नीशियम, फास्फोरस, जिंक व सोडियम जैसे जरूरी पोषक तत्व भी पाए जाते हैं (1)। इसके स्वास्थ्य लाभ क्या-क्या हो सकते हैं, यह जानकारी नीचे दी गई है।

अगले भाग में जानिए सेहत के लिए तिलापिया मछली से फायदे क्या हैं।

तिलापिया मछली के फायदे – Benefits of Tilapia Fish in Hindi

तिलापिया मछली को खाने का बेहतरीन पौष्टिक विकल्प माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह मछली लो-फैट होने के है साथ-साथ मिनरल व विटामिन से भरपूर होती है। इस लिहाज से यह सेहत के लिए फायदेमंद है (2)। नीचे जानिए कि तिलापिया मछली में पाए जाने वाले ये पोषक तत्व सेहत के लिए किस तरह फायदेमंद हो सकते हैं। 

1. हड्डियों के लिए तिलापिया मछली के फायदे

तिलापिया मछली का उपयोग हड्डियों के लिए लाभदायक हो सकता है। इसमें ऐसे कई तरह से पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो हड्डियों के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, जैसे प्रोटीन, फास्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम व विटामिन आदि (1)। ये सभी पोषक तत्व हड्डियों को मजबूत रखने के साथ-साथ बोन डेंसिटी यानी हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (3)।  

2. मस्तिष्क के लिए लाभदायक

तिलपिया मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो दिमाग के लिए फायदेमंद हो सकता है (2)। माना जाता है कि ओमेगा-3 फैटी एसिड में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो न्यूरॉन्स को क्षतिग्रस्त होने से बचाते हैं, जिससे न्यूरोडीजेनेरेटिव रोग जैसे अल्जाइमर (दिमाग से जुड़ा विकार, जिसमें याददाश्त कमजोर होने लगती है) और पार्किंसन्स (दिमाग से जुड़ा विकार, जिसमें शरीर अपना संतुलन खोने लगता है) से बचाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System) को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद कर सकता है (4)।

3. हृदय को स्वस्थ बनाए रखे

तिलापिया मछली के फायदे दिल को स्वस्थ बनाए रखने में भी मददगार साबित हो सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि तिलापिया मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध होती है। यह फैटी एसिड दिमाग के साथ हृदय के लिए भी फायदेमंद होता है (2)। ओमेगा-3 फैटी एसिड खराब कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड (एक प्रकार का फैट) के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, यह उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है, जिससे दिल को स्वस्थ रखने और हृदय रोग से बचने में मदद मिल सकती है (5)।

ओमेगा 3 फैटी एसिड की अधिक मात्रा का सेवन करने से यह लाभ पाया जा सकता है, लेकिन ऐसे में यह ध्यान रखना आवश्यक है कि तिलापिया फिश में ओमेगा-3 की कम और ओमेगा-6 की अधिक मात्रा पाई जाती है। इन दो फैटी एसिड के मध्य असंतुलन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है (6)। इसलिए, हृदय के लिए इसका सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर परामर्श जरूर करें।

4. कैंसर के खतरे को करे कम

एंटी कैंसर खाद्य पदार्थों की बात करें, तो उनमें समुद्री जीवों जैसे तिलापिया मछली का उपयोग किया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले पेप्टाइड, हेप्सिडिन (TH) 1-5 में एंटीट्यूमर गुण होते हैं, जो कैंसर सेल्स को पनपने से रोक सकते हैं (7)। साथ ही यह प्रोटीन फाइब्रोसारकोमा सेल्स (एक प्रकार के कैंसर सेल्स) के खिलाफ एंटी कैंसर एजेंट की तरह काम कर सकता है। दरअसल, यह एक कीमोथेरेपी एजेंट (एक प्रकार का कैंसर ट्रीटमेंट) की तरह काम करता है, जिसकी वजह से तिलापिया मछली के फायदे कैंसर के खतरे से बचाने में मदद कर सकते हैं (8)। यहां हम यही सलाह देंगे कि इस फायदे के लिए तिलापिया मछली का सेवन और इसकी मात्रा के बारे में डॉक्टर से परामर्श करना एक उचित निर्णय होगा।

5. त्वचा के लिए तिलापिया मछली के फायदे

पराबैंगनी किरणें त्वचा पर बढ़ती उम्र के लक्षण दिखने का कारण बन सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप रूखी त्वचा, झुर्रियां व पिगमेंटेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं (9)। ऐसे में तिलापिया मछली के फायदे त्वचा को बढ़ती उम्र के इन लक्षणों से बचाने में कारगर साबित हो सकते हैं। दरअसल, एक शोध के अनुसार, तिलापिया मछली में मौजूद जिलेटिन पेप्टाइड (Gelatin Peptides) त्वचा को यूवी किरणों के दुष्प्रभाव से बचा सकते हैं। ये त्वचा में मौजूद कोलेजन और लिपिड को यूवी किरणों के प्रभाव से बचाकर उसे स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं (10)।

तिलापिया मछली के फायदे उसमें मौजूद पोषक तत्वों की वजह से काम करते हैं, जिनके बारे में आप लेख के अगले भाग में जानेंगे।

तिलापिया मछली के पौष्टिक तत्व – Tilapia Fish Nutritional Value in Hindi

तिलापिया मछली में नीचे बताए गए पोषक तत्व पाए जाते हैं (1) :

पोषक तत्वमात्रा प्रति 100 ग्राम
पानी 78.08 ग्राम
ऊर्जा96 kcal
प्रोटीन20.08 ग्राम
फैट1.7 ग्राम
मिनरल
कैल्शियम10 मिलीग्राम
आयरन0.56 मिलीग्राम
मैग्नीशियम27 मिलीग्राम
फास्फोरस170 मिलीग्राम
पोटैशियम302 मिलीग्राम
सोडियम52 मिलीग्राम
जिंक0.33 मिलीग्राम
 कॉपर0.075 मिलीग्राम
सिलेनियम41.8 माइक्रोग्राम
मैंगनीज0.037 मिलीग्राम
विटामिन
थियामिन0.041 मिलीग्राम
राइबोफ्लेविन0.063 मिलीग्राम
नियासिन3.903 मिलीग्राम
विटामिन-बी 60.162 मिलीग्राम
फोलेट24 माइक्रोग्राम
कोलीन42.5 मिलीग्राम
विटामिन बी-121.58 माइक्रोग्राम
विटामिन-D, IU124 आईयू
विटामिन-ई (alpha-tocopherol)0.4 माइक्रोग्राम
विटामिन-के1.4  माइक्रोग्राम
लिपिड
फैटी एसिड टोटल सैचुरेटेड0.585 ग्राम
फैटी एसिड टोटल मोनोअनसैचुरेटेड0.498 ग्राम
फैटी एसिड टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड0.363 ग्राम

पोषक तत्वों का फायदा सही तरीके से उठाने के लिए तिलापिया मछली के उपयोग के बारे में जानना जरूरी है। इस बारे में आप लेख के अगले भाग में जानेंगे।

तिलापिया मछली का उपयोग – How to Use Tilapia Fish in Hindi

कैसे करें तिलापिया मछली का उपयोग :

  • तिलापिया मछली को विभिन्न हर्ब्स के साथ बेक करके खाया जा सकता है।
  • आप चाहें तो तिलापिया मछली का सूप बना सकते हैं।
  • टमाटर, प्याज और अन्य मसालों की प्यूरी बनाकर आप मसालेदार तिलापिया मछली बना सकते हैं।
  • तिलापिया मछली की फिश करी बनाकर सेवन किया जा सकता है।
  • विभिन्न हर्ब्स जैसे – अजवायन के पत्ते, थाइम (thyme – अजवायन के फूल) व तुलसी आदि के साथ इसे ग्रिल करके भी खाया जा सकता है। इसके अलावा, इसे उबालकर या बेक करके भी सेवन किया जा सकता है।

कब करें तिलापिया मछली का उपयोग : तिलापिया मछली का उपयोग स्नैक्स, दोपहर के खाने और डिनर में किया जा सकता है। माना जाता है कि तिलापिया मछली की तासीर गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन ठंड में करने की सलाह दी जाती है। फिलहाल, इस बात पर कोई शोध उपलब्ध नहीं है, लेकिन ऐसा लोगों की मान्यताओं के आधार पर कहा जा सकता है।

कितना करें तिलापिया मछली का उपयोग : एक बार में लगभग 85 ग्राम (3 आउंस) तिलापिया मछली का सेवन किया जा सकता है। इतनी मात्रा में 109 कैलोरीज होती हैं (11)। वहीं, विशेषज्ञों की मानें तो इसके लाभ के लिए सप्ताह में 3 बार 80-100 ग्राम तिलापिया मछली का सेवन किया जा सकता है।हालांकि, व्यक्ति की उम्र और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार इस मात्रा में बदलाव हो सकते हैं।

इसके फायदे और उपयोग बताने के बाद, आइए आपको बताएं कि तिलापिया मछली के नुकसान क्या हो सकते हैं।

तिलापिया मछली के नुकसान – Side Effects of Tilapia Fish in Hindi

कुछ मामलो में तिलापिया मछली के नुकसान देखे गए हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।

  • आर्सेनिक विषाक्ता : शोध में पाया गया है कि तिलापिया मछली में आर्सेनिक (एक प्रकार का धातु) पाया जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है (12)। माना जाता है कि शरीर में आर्सेनिक की मात्रा ज्यादा होने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है (13)। जानकारी के लिए हम यह भी बता दें कि आर्सेनिक समुद्री भोजन, मछली और यहां तक ​​कई अन्य खाद्य पदार्थों में भी पाया जा सकता है।
  • मरकरी विषाक्ता (Mercury Toxicity): तिलपिया मछली के नुकसान में धातु विषाक्ता (Mercury Toxicity) भी शामिल है। इस मछली में पाई जाने वाली मरकरी शरीर में कई तरह की समस्याओं, जैसे – कमजोर नजर, शरीर का संतुलन बनाए रखने में समस्या, बोलने, सुनने व चलने में मुश्किल होना और कमजोर मांसपेशियां आदि का कारण बन सकता है (14) (15)। यही कारण है कि मछली का सेवन सीमित मात्रा में ही करना बेहतर है।
  • फैटी एसिड का असंतुलित स्तर : तिलापिया मछली में ओमेगा-6 फैटी एसिड और ओमेगा-3 फैटी एसिड के असंतुलित स्तर पाए जाते हैं। इसमें एराकिडोनिक एसिड (एक प्रकार का ओमेगा-6 फैटी एसिड) की मात्रा ज्यादा होती है, जिस कारण इसका अधिक सेवन शरीर में इन्फ्लेमेशन, हृदय रोग और अन्य बीमारियों की वजह बन सकता है (6)।

तिलापिया मछली के नुकसान और आहार विशेषज्ञ के परामर्श पर इसकी सही मात्रा का ध्यान रखकर इसके स्वास्थ्य फायदे लिए जा सकते हैं। इसका सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि तिलापिया मछली किसी मेडिकल ट्रीटमेंट की तरह लेख में बताई गईं बीमारियों को जड़ से खत्म नहीं कर सकती है, लेकिन इनसे बचाव के लिए यह एक विकल्प जरूर बन सकती है। आप बताए गए तरीकों से इस स्वादिष्ट मछली का लुत्फ उठा सकते हैं। ऐसे ही अन्य लेख पढ़ने के लिए स्टाइलक्रेज की वेबसाइट विजिट करते रहें।

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References

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    1. Fish, tilapia, raw
      https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/175176/nutrients
    2. Production of omega-3 enriched tilapia through the dietary use of algae meal or fish oil: Improved nutrient value of fillet and offal
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5894990/?report=classic
    3. The role of nutrients in bone health, from A to Z
      https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/17092827/
    4. Long-chain omega-3 fatty acids and the brain: a review of the independent and shared effects of EPA, DPA and DHA
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4404917/
    5. Omega-3 fatty acids and cardiovascular disease
      https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/25720716/
    6. Omega-6 (n-6) and omega-3 (n-3) fatty acids in tilapia and human health: a review
      https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19757249/
    7. Tilapia (Oreochromis mossambicus) antimicrobial peptide, hepcidin 1-5, shows antitumor activity in cancer cells
      https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/21093514/
    8. A fish antimicrobial peptide, tilapia hepcidin TH2-3, shows potent antitumor activity against human fibrosarcoma cells
      https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/19539000/
    9. Ultraviolet Radiation, Aging and the Skin: Prevention of Damage by Topical cAMP Manipulation
      https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4344124/?report=classic#B15-molecules-19-06202
    10. Marine Fish Proteins and Peptides for Cosmeceuticals: A Review
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Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the nutrition facility at PSRI Hospital, New Delhi. She has taught Nutrition and Health Education at the University of Delhi for over 7 years.

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