विषय सूची
शरीर को रोग मुक्त रखने के लिए सही पोषण का होना जरूरी है। इन पोषक तत्वों की पूर्ति शाकाहारी और मांसाहारी, दोनों तरह के खाद्य पदार्थों से की जा सकती है। अगर बात करें नॉन वेज डाइट की, तो इसमें मछली की एक अहम भूमिका देखी जा सकती है। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम एक खास प्रकार की मछली ‘टूना’ के शारीरिक फायदों के बारे में बता रहे हैं। इस लेख में टूना मछली क्या है, टूना के फायदे और उपयोग के तरीके से जुड़ी संपूर्ण विस्तृत जानकारी के लिए लेख को अंत तक अवश्य पढ़ें।
नीचे है पूरी जानकारी
लेख में सबसे पहले जान लेते हैं कि टूना मछली क्या है।
टूना मछली क्या है – What is Tuna Fish in Hindi
टूना एक विशेष प्रकार की मछली है, जिसे टन्नी (Tunny) के नाम से भी जाना जाता है। यह मछली ‘थुन्निनी’ (Thunnini) नामक मछलियों की प्रजाति से संबंध रखती है। विश्व भर में इसकी कई प्रजातियां मौजूद हैं। माना जाता है कि इसकी कुछ प्रजातियां 40 से 50 वर्ष तक जीवित रह सकती हैं। इसके अलावा, इसने आकार में भी भिन्नता पाई जाती है। टूना मछली ज्यादातर खारे पानी में रहती हैं। स्वास्थ्य लाभ के मामले में भी यह किसी से कम नहीं है। आगे लेख में बताया गया है कि इस मछली का सेवन कौन-कौन सी शारीरिक समस्याओं के लिए लाभकारी हो सकता है।
आगे पढ़ें
टूना फिश इन हिंदी में अब जानते हैं ट्यूना मछली के फायदे क्या क्या हैं।
टूना मछली के फायदे – Benefits of Tuna Fish in Hindi
टूना मछली को आहार में शामिल करना स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद हो सकता है, जिसके बारे में नीचे क्रमानुसार जानकारी दे रहे हैं। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि टूना मछली कई शारीरिक समस्याओं के प्रभाव व उनके लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती है, लेकिन यह किसी भी बीमारी का सटीक इलाज नहीं है। गंभीर स्वास्थ्य समस्या में मेडिकल ट्रीटमेंट को प्राथमिकता जरूर दें।
1. वजन घटाने में सहायक
एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर प्रकाशित चूहों पर किए गए एक शोध के मुताबिक, उबली हुई टूना फिश के अर्क में एंटी-ओबेसिटी प्रभाव होता है, जो वजन को नियंत्रित करने में काफी हद तक एहम भूमिका निभा सकता है (1)। इस आधार पर मान सकते हैं कि टूना फिश वजन कम करने में सहायक हो सकती है।
2. हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, हड्डियों को स्वस्थ रखने में कैल्शियम और विटामिन डी की अहम भूमिका होती है। कैल्शियम हड्डियों के निर्माण और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत करने में मदद कर सकता है। साथ ही ऑस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डी रोग और फ्रैक्चर के जोखिम कम करने में कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लीमेंट कारगर साबित हो सकते हैं (2)। ऐसे में टूना मछली का सेवन फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि यह बताए गए दोनों पोषक तत्वों से समृद्ध होती है (3)।
3. गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी
टूना के फायदे गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए भी देखे जा सकते हैं। एक शोध में साफतौर से बताया गया है कि टूना मछली का सेवन गर्भवती और शिशु के लिए लाभदायक हो सकता है। टूना मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो गर्भवती को हृदय रोग के जोखिम से बचाने में मदद कर सकता है। साथ ही भ्रूण के मस्तिष्क और सेंट्रल नवर्स सिस्टम के विकास में भी सहायक हो सकता है। इसके अलावा, टूना मछली का सेवन जन्म के समय नवजात के वजन और गर्भावस्था के समय पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है (4)।
4. प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा
शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखने में टूना मछली का सेवन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। टूना मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है, जो शरीर में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी की तरह काम कर सकता है, जिससे इम्यून स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है (5) इसलिए, टूना के फायदे प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भी माने जा सकते हैं।
5. आंखों के लिए फायदेमंद
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए मछली का सेवन फायदेमंद माना जाता है। उन मछलियों की सूची में टूना का भी नाम शामिल है। एक वैज्ञानिक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि मछलियों में खासकर टूना का सेवन, बढ़ती उम्र के साथ होने वाले नेत्र रोग जैसे एज रिलेटेड मैक्युलर डीजेनेरेशन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है (6)। हालांकि, इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है।
6. हृदय के लिए लाभकारी
हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी टूना फिश के फायदे देखे जा सकते हैं। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, टूना मछली के फायदे हृदय स्वास्थ्य के लिए भी हो सकते हैं। जैसा कि हमने बताया कि टूना मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड से समृद्ध होती है और यह फैटी हृदय रोग के जोखिम को कम कर सकता है (7)।
7. ऊर्जा का स्रोत
टूना मछली को ऊर्जा का भी अच्छा स्रोत माना जाता है। यूनाइटेड स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर (यूएसडीए) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, प्रति सौ ग्राम टूना मछली में 109 किलो कैलोरी ऊर्जा मौजूद होती है (3)। ऐसे में माना जा सकता है कि टूना मछली के सेवन से शरीर में ऊर्जा की कमी को पूरा किया जा सकता है।
8. स्तन कैंसर को दूर रखने में सहायक
विटामिन डी की कमी स्तन कैंसर का जोखिम कारक बन सकती है (8)। जैसा कि हमने ऊपर बताया कि टूना अन्य पोषक तत्वों के साथ विटामिन-डी से भी समृद्ध होती है (3)। वहीं, पर्याप्त मात्रा में विटामिन-डी का सेवन स्तन कैंसर के जोखिम को काफी हद तक कम कर सकता है (9)।
हालांकि, टूना मछली सीधे तौर पर स्तन कैंसर के लिए कितनी फायदेमंद होगी, इस पर अभी और शोध की आवश्यकता है। इसलिए, हमारी सलाह यह है कि अगर कोई कैंसर जैसी घातक बीमारी से ग्रस्त है, तो उसे डॉक्टर से उपचार जरूर करवाना चाहिए। सिर्फ घरेलू उपचार के सहारे रहना सही निर्णय नहीं है।
त्वचा के लिए लाभकारी
त्वचा के लिए भी टूना मछली के फायदे हासिल किए जा सकते हैं। इससे जुड़े एक शोध में बताया गया है टूना फिश के दिल के अर्क में कुछ ऐसे प्रभाव होते हैं, जो त्वचा में कोलेजन संश्लेषण को बढ़ा सकते हैं। साथ ही इसमें एंटी-एजिंग और एंटी-रिंकल गुण होते हैं, जो त्वचा पर बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोकने में सकारात्मक प्रभाव दर्शा सकते हैं (10)। इस आधार पर माना जा सकता है कि टूना फिश का सेवन त्वचा के लिए लाभकारी हो सकता है।
पढ़ते रहें
टूना फिश के फायदे जानने के बाद अब जानते हैं ट्यूना मछली में मौजूद पौष्टिक तत्वों के बारे में।
टूना मछली के पौष्टिक तत्व – Tuna Fish Nutritional Value in Hindi
ट्यूना मछली में मौजूद पौष्टिक तत्वों को जानने के लिए नीचे हम एक तालिका साझा कर रहे हैं (3)।
पोषक तत्व | मात्रा |
---|---|
पानी | 74 ग्राम |
ऊर्जा | 109 किलो कैलोरी |
प्रोटीन | 24.4 ग्राम |
टोटल लिपिड (फैट) | 0.49 ग्राम |
कैल्शियम | 4 मिलीग्राम |
आयरन | 0.77 मिलीग्राम |
मैग्नीशियम | 35 मिलीग्राम |
फास्फोरस | 278 मिलीग्राम |
पोटैशियम | 441 मिलीग्राम |
सोडियम | 45 मिलीग्राम |
जिंक | 0.37 मिलीग्राम |
थियामिन | 0.118 मिलीग्राम |
राइबोफ्लेविन | 0.115 मिलीग्राम |
नियासिन | 18.475 मिलीग्राम |
विटामिन-बी-6 | 0.933 मिलीग्राम |
फोलेट | 2 यूजी |
विटामिन बी-12 | 2.08 यूजी |
विटामिन ए | 18 यूजी |
विटामिन ई | 0.24 मिलीग्राम |
विटामिन डी | 69 आइयू |
फैटी एसिड, टोटल सैचुरेटेड | 0.172 ग्राम |
फैटी एसिड, टोटल मोनोसैचुरेटेड | 0.116 ग्राम |
फैटी एसिड, टोटल पॉलीअनसैचुरेटेड | 0.147 ग्राम |
स्क्रॉल करें
लेख के आगे के भाग में जानिए टूना मछली का उपयोग कैसे किया जा सकता है।
टूना मछली का उपयोग – How to Use Tuna Fish in Hindi
नीचे जानिए टूना मछली के सेवन के विभिन्न तरीकों के बारे में –
कैसे खाएं :
- इसे फिश करी की तरह खाया जा सकता है।
- इसे भूनकर खाया जा सकता है।
- इसका सूप बनाकर सेवन किया जा सकता है।
- इसे स्टीम करके भी खाया जा सकता है।
- फिश पकौडा बना सकते हैं।
- स्नैक्स के तौर पर मछली का कटलेट या टिक्का बनाकर भी सेवन किया जा सकता है।
कब खाएं :
- फिटनेस फ्रीक लोग सुबह या शाम के समय स्टीम फिश खा सकते हैं।
- दोपहर या रात के खाने में फिश करी का आनंद लिया जा सकता है।
- शाम में स्नैक्स के रूप में भुनी हुई मछली खाई जा सकती है।
कितना खाएं :
टूना मछली का सेवन सप्ताह में करीब 8 औंस यानि एक से डेढ़ कप सेवन किया जा सकता है (11)। फिर भी इसके सेवन से पहले एक बार आहार विशेषज्ञ से उचित मात्रा की जानकारी ले सकते हैं।
अब जानें नुकसान
आगे जानते हैं साइड इफेक्ट ऑफ टूना फिश के बारे में।
टूना मछली के नुकसान – Side Effects of Tuna Fish in Hindi
जिस तरह टूना मछली लाभ पहुंचाने का काम कर सकती है। वैसे ही टूना मछली के नुकसान भी देखे जा सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक छोटी मछलियों की तुलना में बड़ी मछलियों में मरकरी की मात्रा अधिक होती है, जिसमें टूना भी शामिल है। मरकरी युक्त मछली गर्भावस्था के दौरान और जन्म के बाद शिशु के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के विकास को बाधित कर सकती है (12)। इसमें कोई शक नहीं है कि गर्भावस्था में मछली खाने के फायदे हो सकते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इसके नुकसान का जोखिम भी हो सकता है। ऐसे में बेहतर है गर्भवती मछली के सेवन से पहले डॉक्टरी सलाह लें।
जिन्हें मछली खाने की ज्यादा आदत नहीं है, उन्हें पाचन क्रिया से संबंधित परेशानी हो सकती है, लेकिन इसके लिए अभी कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है।
मछली का जरूरत से ज्यादा सेवन करने से फायदे की बाजाय नुकसान हो सकता है, क्योंकि किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन दुष्प्रभाव का कारण बन सकता है।
अगर मछली को पकाने से पहले ठीक से साफ न किया जाए, तो इससे संक्रमण का खतरा हो सकता है (13)।
इस लेख में आपने जाना कि टूना फिश को आहार में शामिल करने से कई सारे फायदे हो सकते हैं। साथ ही यहां टूना मछली का उपयोग करते समय बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी बताया गया है। इसलिए, टूना मछली के फायदे हासिल करने के लिए, इसका सेवन बताई गई मात्रा में ही करें। इस तरह के अन्य खाद्य पदार्थों के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए आप हमारी वेबसाइट पर पब्लिश दूसरे लेख भी पढ़ सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
क्या डिब्बाबंद टूना मछली का सेवन आपके लिए अच्छा है?
टूना मछली को डिब्बाबंद लेने की जगह ताजा लेना बेहतर होता है, लेकिन अगर फिर भी आप डिब्बाबंद टूना फिश लेना चाहते हैं, तो इसका सेवन कर सकते हैं।
क्या मैं हर दिन टूना मछली का सेवन कर सकता हूं?
हां, एक शोध में प्रतिदिन लगभग 250 मिलीग्राम टूना मछली का सेवन करने की सलाह दी गई है (11)। वैसे हर व्यक्ति का स्वास्थ्य और खाना खाने की क्षमता अलग होती है। ऐसे में मात्रा से संबंधित विशेष जानकारी के लिए डॉक्टर से सलाह अवश्य ले लें।
क्या त्वचा के लिए टूना फिश का सेवन अच्छा है?
हां, शोध की मानें तो टूना में मौजूद फैटी एसिड त्वचा की इलास्टिसिटी को बढ़ाने के अलावा चमकदार बनाने व नमी प्रदान करने में सहायक हो सकते हैं (10)। ऐसे में त्वचा के लिए टूना का सेवन अच्छा हो सकता है।
क्या टूना मछली वजन घटाने के लिए अच्छी है?
हां, एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि उबली हुई टूना फिश का अर्क एंटी-ओबेसिटी प्रभाव प्रदर्शित करता है, जो मोटापे के विकास को रोकने में मददगार हो सकता है (1)। हालांकि, इसके लिए उबली हुई व बेक की हुई टूना फिश खाने की सलाह दी जाती है।
क्या टूना के सेवन से वजन बढ़ सकता है?
नहीं, टूना मछली मोटापा-रोधी प्रभाव दर्शाती है (1)। ऐसे में इसके सेवन से वजन नहीं बढ़ सकता है। बशर्ते आप इसका सेवन कैसे कर रहे हैं। तली हुई, मयोनिज व मसाला युक्त टूना फिश का सेवन करने से वजन बढ़ सकता है।
संदर्भ (sources):
Articles on thebridalbox are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Read our editorial policy to learn more.
- Anti-obesity effects of boiled tuna extract in mice with obesity induced by a high-fat diet
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/27498820/ - Nutritional Aspects of Bone Health and Fracture Healing
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5804294/ - Fish tuna fresh yellowfin raw
https://fdc.nal.usda.gov/fdc-app.html#/food-details/175159/nutrients - Fish and healthy pregnancy: more than just a red herring!
https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/9077255/ - Effects of Omega-3 Fatty Acids on Immune Cells
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC6834330/ - Fish Consumption and Age-Related Macular Degeneration Incidence: A Meta-Analysis and Systematic Review of Prospective Cohort Studies
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5133126/ - A fish a day keeps the cardiologist away! – A review of the effect of omega-3 fatty acids in the cardiovascular system
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3712371/ - Vitamin D and Breast Cancer
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3267821/ - Vitamin D and Breast Cancer: Latest Evidence and Future Steps
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5802611/ - Anti-wrinkle effects of a tuna heart H2O fraction on Hs27 human fibroblasts
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4687440/ - ANNEX 1DIETARY RECOMMENDATIONS FOR FISH CONSUMPTION
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK305180/ - Mercury
https://www.cdc.gov/breastfeeding/breastfeeding-special-circumstances/environmental-exposures/mercury.html - Microbiological and Parasitic Exposure and Health Effects
https://www.nap.edu/read/1612/chapter/4#62
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.
Read full bio of Neelanjana Singh