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शरीर को स्वस्थ रखने में पोषक तत्वों की अहम भूमिका होती है। इनकी कमी आते ही स्वास्थ्य समस्याओं का होना लाजिमी है। इसलिए, यह ध्यान रखना जरूरी है कि कौन से पोषक तत्व का सेवन कब, कैसे और कितना करना है। वैसे तो शरीर के लिए कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं, लेकिन विटामिन्स का अपना महत्त्व है। इनके कई प्रकार होते हैं, जो शरीर को अलग-अलग तरीकों से लाभ पहुंचाते हैं। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम विटामिन बी6 के बारे में बता रहे हैं। विटामिन बी6 की कमी से होने वाली समस्याओं और विटामिन बी6 के फायदों के बारे में जानने के लिए इस लेख को जरूर पढ़ें।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि विटामिन-बी6 की कमी क्या है।
विटामिन बी6 की कमी क्या है? – What is Vitamin B6 Deficiency in Hindi
यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड न्यूट्रिशन बोर्ड ऑफ द इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिसिन के मुताबिक, सभी के लिए विटामिन-बी6 की मात्रा अलग-अलग होती है। जहां वयस्कों को प्रतिदिन 1.3 मिलीग्राम विटामिन-बी6 की जरूरत होती है, वहीं पुरुषों को 1.7 मिलीग्राम और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को 2 मिलीग्राम तक विटामिन-बी6 प्रतिदिन चाहिए होता है। इसकी पूर्ति न होने पर ही विटामिन-बी6 की कमी होती है। वैसे एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) के मुताबिक, संतुलित आहार का सेवन करने वालों में विटामिन-बी6 की कमी होने की आशंका कम होती है (1)। विटामिन-बी 6 की आवश्यकता शरीर में शर्करा, वसा और प्रोटीन के उचित कार्य के लिए होती है। यह मस्तिष्क, नसों, त्वचा और शरीर के कई अन्य हिस्सों के उचित विकास को सुनिश्चित करती है। विटामिन-बी6 की कमी से इनके विकास में बाधा उत्पन्न होती है (2)। माना जाता है कि विटामिन-बी6 की कमी का सीधा संबंध कई बार बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन जैसे विटामिन-बी12 और फोलिक एसिड की कमी से भी होता है (3)।
अब, हम विटामिन बी 6 की कमी के कारण के बारे में बता रहे हैं। फिर आगे हम विटामिन बी 6 की कमी के लक्षण पर चर्चा करेंगे।
विटामिन बी6 की कमी होने के कारण – Causes of Vitamin B6 Deficiency in Hindi
शरीर में विटामिन बी6 की कमी किसी बीमारी व पोषक तत्वों से जुड़ी हो सकती है। नीचे हम बता रहे हैं कि शरीर में विटामिन-बी6 कमी के कारण क्या-क्या हो सकते हैं (1) (3) (4) (5)।
- गुर्दे संबंधी यानी रेनल की बीमारियां (Chronic renal insufficiency)।
- होमोसिसटिन्यूरिया (homocystinuria) यानी चयापचय में गड़बड़ी जैसे आनुवंशिक रोग भी विटामिन बी 6 की कमी के कारण में शामिल हैं।
- एंटीएपिलेप्टिक जैसी दवाइयां भी समय के साथ विटामिन बी 6 की कमी का कारण बन सकती हैं।
- किसी बीमारी की वजह से होने वाला इंफ्लामेशन जैसे अर्थराइटिस भी विटामिन बी6 की कमी का कारण होता है।
- शराब का सेवन।
- अपर्याप्त गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) अवशोषण भी विटामिन बी 6 की कमी के कारण में शामिल है।
- लिवर फेल होना (Hepatic dysfunction)
- कुपोषण
- शारिरिक गतिविधि में कमी
- बुढ़ापे
- एस-एल्ब्यूमिन (s-albumin), एक तरह के प्रोटीन में कमी
- उच्च होमोसिस्टीन (रक्त में मौजूद एमिनो एसिड) मूल्य
नीचे हम विटामिन बी 6 की कमी के लक्षण के बारे में बता रहे हैं।
विटामिन बी6 की कमी के लक्षण – Symptoms of Vitamin B6 Deficiency in Hindi
विटामिन बी6 शरीर के लिए कितना जरूरी होता है, यह तो हम बता ही चुके हैं। अब हम विटामिन-बी6 की कमी के लक्षण के बारे में नीचे बता रहे हैं (1) (3) (6)।
- न्यूरोटॉक्सिक प्रभाव शरीर में देखने को मिलते हैं। इसमें सेंट्रल नर्व सिस्टम को नुकसान पहुंचता है।
- माइक्रोकैटिक एनीमिया (microcytic anemia)।
- इलेक्ट्रोएन्सेफलोग्राफिक (electroencephalographic) असामानता भी एक लक्षण है। इसमें मस्तिष्क की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है।
- चेलिटिस (cheilosis) यानी होंठों पर पपड़ी जमना और मुंह के कोनों पर दरारें आना।
- ग्लोसिटिस (Glossitis) यानी जीभ में सूजन आना।
- अवसाद होना या फिर भ्रम की स्थिति पैदा होना।
- प्रतिरक्षा प्रणाली का कमजोर होना।
- दौरे पड़ना (Seizure)।
शिशुओं में विटामिन बी 6 की कमी के लक्षण (3):
- चिड़चिड़ापन
- असामान्य रूप से तीव्र आवाज का सुनाई देना।
- कॉन्सुलिव सीजर्स (Convulsive seizures)।
चलिए, अब विटामिन बी6 के फायदे के बारे में जान लेते हैं।
विटामिन बी6 के फायदे – Vitamin B6 Benefits in Hindi
1. गर्भावस्था के दौरान मतली में मदद
गर्भवतियों को हमेशा ही पर्याप्त पोषण लेने की सलाह दी जाती है। पोषक की कमी होने पर प्रेगनेंसी में विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। गर्भावस्था में होने वाली एक आम परेशानी जी-मिचलाना व मितली है, जिसे विटामिन-बी6 की पूर्ति से दूर किया जा सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की मानें, तो गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से विटामिन बी 6 (पाइरिडोक्सिन) की खुराक लेने से मतली से कुछ हद तक राहत मिल सकती है (7)। ध्यान रखें कि इसे खाद्य पदार्थ के माध्यम से ही लें। अगर इसके सप्लीमेंट्स लेने के बारे में सोच रहे हैं, तो एक बार डॉक्टर से जरूर सलाह लें। विटामिन बी 6 के स्रोत में हरे मटर, मछली, चिकन व आलू शामिल हैं।
2. धमनियों के लिए
एनसीबीआई की ओर से प्रकाशित एक शोध में पता लगाया गया है कि विटामिन बी 6 की कमी एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम को बढ़ा सकती है (8)। एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी बीमारी है, जिसमें धमनियों के अंदर प्लाक (एक तरह का फैट) जम जाता है और खून के प्रवाह को बाधित कर देता है। इससे हृदय संबंधी रोग हो सकता है। वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार विटामिन-बी6 का सेवन हृदय रोग की आशंका को कुछ हद तक कम कर सकता है (9)। इसलिए, आहार में विटामिन बी 6 के स्रोत को शामिल करके धमनी व ह्रदय संबंधी बीमारियों के खतरे से बचा जा सकता है (3)।
3. प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम ऐसी समस्या है, जो हर महीने महिलाओं को मासिक धर्म शुरू होने से कुछ दिन पहले होने लगती है। इसमें पेट दर्द, कमर दर्द आदि शामिल हैं। माना जाता है कि पीरियड्स से पहले होने वाले दर्द विटामिन-बी6 की कमी से संबंधित है। एनसीबीआई की ओर से उपलब्ध एक रिसर्च के मुताबिक, विटामिन-बी6 का सेवन अगर 100 मिलीग्राम/प्रतिदिन किया जाता है, तो यह मासिक धर्म के लक्षणों और प्रीमेंस्ट्रुअल डिप्रेशन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है (10)।
4. डिप्रेशन और मूड को ठीक करे
जैसा कि हम ऊपर बता ही चुके हैं कि विटामिन बी6 की कमी के कारण डिप्रेशन भी हो सकता है (3)। इस आधार पर कहा जा सकता है कि विटामिन बी-6 का सेवन करने से अवसाद से कुछ राहत मिल सकती है। उत्तर प्रदेश में वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक शोध में भी इस बात कि पुष्टि हुई है कि अवसाद के मरीजों में विटामिन-बी6 की मात्रा कम होती है। इस समस्या को कम करने के लिए डाइट में कुछ सुधार करके और विटामिन-बी 6 युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से डिप्रेशन को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, विटामिन-बी6 शरीर में ट्रिप्टोफैन (tryptophan) के स्तर को भी बेहतर करता है। यह एक प्रकार का एमिनो एसिड होता है, जो शरीर में मूड को प्रभावित करने वाले सेरोटोनिन नामक रसायन का निर्माण करता है (11)।
5. मस्तिष्क स्वास्थ्य और अल्जाइमर
विटामिन-बी6 मूड को ठीक करने के साथ-साथ मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में भी महत्वपूर्ण हो सकता है। यह विटामिन मस्तिष्क के फंक्शन को रेगुलेट करता है। साथ ही यह न्यूरोपैसाइट्रिक (Neuropsychiatric) विकार जैसे – दौरा (सीजर) व माइग्रेन से भी राहत दिला सकता है, क्योंकि इन बीमारियों का सीधा संबंध विटामिन बी-6 की कमी से है। वहीं, यह अल्जाइमर (भूलने की बीमारी) से बचाने में भी मदद कर सकता है। दरअसल, हाइपरहोमोसिस्टिनिमिया की वजह से अल्जाइमर होता है। रक्त में होमोसिस्टीन नामक एमिनो एसिड का स्तर अधिक होने को हाइपरहोमोसिस्टिनिमिया कहा जाता है। इसके स्तर को कम करने में विटामिन-बी 6 मदद कर सकता है (12)। इसी वजह से माना जाता है कि मस्तिष्क को स्वस्थ रखने और अल्जाइमर से बचाने में विटामिन-बी 6 अहम भूमिका निभा सकता है।
6. एनीमिया
विटामिन-बी6 की कमी की वजह से एनीमिया भी हो सकता है। एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध भी इस बात की पुष्टि करता है। शोध के दौरान की गई एक केस स्टडी के मुताबिक 72 वर्ष की एक महिला को विटामिन-बी 6 की कमी की वजह से एनीमिया हुआ। ट्रीटमेंट के तौर पर महिला को पिरिडॉक्सल फॉस्फेट दिया गया। यह विटामिन-बी6 का ही प्रकार है। इसे देने से महिला में एनीमिया के लक्षण में सुधार पाया गया (13)।
एक अन्य रिसर्च के मुताबिक, विटामिन-बी6 की कमी से गर्भवती महिलाओं को भी एनीमिया हो सकता है (14)। इस अवस्था से निपटने के लिए एनीमिया ग्रसित गर्भवतियों को ट्रीटमेंट के तौर पर पहले विटामिन-बी6 की कम मात्रा दी गई और धीरे-धीरे इसकी मात्रा प्रसव के बाद बढ़ाई गई। इससे रोगी के लिवर में मध्यम मात्रा में आयरन एकत्रित हुआ। इसी तरह करीब तीन महीने तक पाइरिडोक्सिन (Pyridoxine) विटामिन-बी6 का सप्लीमेंट देने के बाद लाल रक्त कोशिकाओं में सुधार पाया गया है। इस शोध में यह भी बताया गया है कि विटामिन-बी6 के अधिक सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर की सलाह लेना सही रहेगा (15)। इस रिसर्च से अनुमान लगाया जा सकता है कि एनीमिया से बचाव में विटामिन बी6 के फायदे उठाए जा सकते हैं।
7. कैंसर से बचाव में विटामिन बी6 के फायदे
माना जाता है कि विटामिन-बी6 की कमी की वजह से कैंसर भी हो सकता है (16)। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित जानवरों पर किए गए रिसर्च के मुताबिक, विटामिन-बी6 की कमी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकती है। शोध में कहा गया है कि विटामिन बी6 दवा के रूप में कैंसर पर काम कर सकती है या नहीं यह स्पष्ट नहीं है। हां, इतना जरूर साफ है कि डायटरी विटामिन-बी6 का सेवन कैंसर के खतरे से बचाए रखने में मदद कर सकता है (17)। ध्यान रखें कि अगर किसी में भी कैंसर के लक्षण नजर आएं, तो घरेलू उपाय के बारे में सोचने की जगह तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
8. आंखों के स्वास्थ्य के लिए
विटामिन बी-6 को नेत्र के लिए भी फायदेमंद माना गया है। यह आंख संबंधी रोग के लक्षण को ठीक करने में मदद कर सकता है। खासकर, उम्र के साथ कमजोर होने वाली आंखों की रोशनी यानी ऐज रिलेटेड मैकुलर डिजनरेशन (AMD) में यह कारगर है। एनसीबीआई पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, 7 वर्ष तक किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन-बी6, बी12 और फोलिक एसिड (बी9) की दैनिक मात्रा लेने से AMD का जोखिम 35-40% तक कम हो सकता है (18)।
एक अन्य अनुसंधान के मुताबिक, विटामिन-बी6 की कमी से रेटिना की नसें अवरुद्ध हो जाती है। 524 लोगों पर किए गए अध्ययन में पाया गया है कि विटामिन-बी6 का कमी नसों को प्रभावित करके रेटिना संबंधी विकार का कारण बन सकती है। विटामिन-बी6 की कमी से होमोसिस्टीन (रक्त में मौजूद एमिनो एसिड) का स्तर भी बढ़ता है, जिसकी वजह से रेटिना संबंधी विकार हो सकता है। इसी वजह से माना जाता है कि विटामिन बी 6 के स्रोत नेत्र संबंधी विकार से बचा सकते हैं (19)।
9. अर्थराइटिस संबंधी सूजन
जैसा कि लेख में ऊपर बताया गया है कि सूजन की वजह से होने वाली बीमारी जैसे अर्थराइटिस विटामिन बी 6 की कमी के कारण हो सकती है (3)। ऐसे में कहा जा सकता है कि डाइट में विटामिन-बी6 को शामिल करने से अर्थराइटिस की समस्या को कुछ हद तक ठीक करने में मदद मिल सकती है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर मौजूद एक रिसर्च की मानें तो विटामिन-बी6 का स्तर अर्थराइटिस के रोगियों की समस्या की गंभीरता और दर्द से जुड़ा हुआ है। कम होता विटामिन-बी का स्तर अर्थराइटिस के रोगियों में सूजन के रूप में नजर आता है (20)।
चलिए, अब विटामिन बी6 की कमी से बचने के कुछ टिप्स बता देते हैं।
विटामिन बी6 की कमी से बचने के उपाय – Prevention Tips for Vitamin B6 Deficiency in Hindi
विटामिन बी6 की कमी से बचने के कुछ आसान उपाय इस प्रकार हैं (3):
- विटामिन-बी 6 से बचने का सबसे आसान उपाय है, विटामिन बी 6 युक्त खाद्य पदार्थों, जैसे मटर, मछली व आलू आदि का सेवन किया जाए।
- डॉक्टर की सलाह पर विटामिन बी-6 के सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं।
- विटामिन-बी6 युक्त नट्स और ड्राई फ्रूट्स जैसे किशमिश आदि को शामिल कर सकते हैं।
यह आर्टिकल पढ़ने के बाद आप विटामिन-बी6 के महत्व को अच्छी तरह समझ गए होंगे। अब आप विटामिन-बी6 को अपनी डेली डाइट में शामिल करना न भूलें, क्योंकि इसका सेवन आपको कई समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है और स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। हां, अगर किसी को कोई स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या है, तो पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें कि विटामिन-बी6 की कितनी मात्रा लेना लाभकारी होगा। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा हमें जरूर बताएं। अगर आप बी6 के सेवन से जुड़ी कुछ अन्य जानकारी चाहते हैं, तो हमें नीचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखकर बता सकते हैं।
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