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योग स्वास्थ्य और सेहत के लिए कितना फायदेमंद है, इस बात की पुष्टि आज वैज्ञानिकों ने भी कई शोध के माध्यम से की है। योग से शरीर को स्वस्थ रखने के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को भी बरकरार रखा जा सकता है। साथ ही हमें समझना होगा कि योग मात्र एक क्रिया नहीं, बल्कि अनेक योगासनों और मुद्राओं का मेल है, जिसमें शामिल प्रत्येक आसन खुद में एक अलग विशेषता लिए हुए है। इन्हीं योगासनों में से एक है वृक्षासन। वृक्षासन करने से न सिर्फ मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है, बल्कि इन्हें टोन भी किया जा सकता है (1)। यही वजह है कि स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम वृक्षासन के बारे में बता रहे हैं। साथ ही हम वृक्षासन करने का तरीका भी जानेंगे।
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वृक्षासन योग क्या है, इस जानकारी के साथ हम आर्टिकल की शुरुआत करते हैं।
वृक्षासन क्या है? – What is Vrikshasana in Hindi
वृक्षासन को अंग्रेजी में ट्री पोज (Tree Pose) कहते हैं। यह एक प्रकार का हठ योग है। यह दो शब्दों से मिलकर बना है। पहला शब्द है वृक्ष और दूसरा है आसन यानी वृक्ष के समान खड़े होकर आसन लगाना। इसमें शरीर को संतुलित करके एक मजबूत वृक्ष के जैसे खड़ा रहना पड़ता है। वृक्षासन योग करने के कई फायदे हैं, जिनके बारे में हम लेख में आगे चलकर बात करेंगे।
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वृक्षासन योगासन को जानने के बाद बारी है सेहत के लिए वृक्षासन करने के फायदे जानने की।
वृक्षासन करने के फायदे – Benefits of Vrikshasana in Hindi
योगासन कोई भी हो, अगर उसे सही तरीके से किया जाए, तो किसी न किसी प्रकार से सेहत और दिमाग के लिए फायदेमंद होता है। ठीक वैसे ही वृक्षासन के फायदे भी हैं, जिन्हें हम यहां विस्तार से बता रहे हैं।
1. रीढ़ की हड्डी को मजबूत करें
वृक्षासन योग के माध्यम से रीढ़ की हड्डी को मजबूत किया जा सकता है। इस विषय पर हुए एक शोध में इस बात की पुष्टि की गई है, जिसे एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। कई प्रकार के योगासनों का 18 लोगों पर इस्तेमाल करके इस शोध को अंजाम दिया गया। इसमें पाया गया कि अन्य योगासन के साथ ही रोजाना कुछ देर वृक्षासन किया जाए, तो रीढ़ की हड्डी को लचीला और मजबूत बनाने में मदद मिल सकती है (1)।
2. मांसपेशियों की मजबूती के लिए
कमजोर मांसपेशियों के लिए भी वृक्षासन फायदेमंद हो सकता है। इस बात की पुष्टि वृक्षासन पर आधारित दो अलग-अलग रिसर्च से होती है। रिसर्च के अनुसार, यह योगासन मांसपेशियों को मजबूत करने में मददगार हो सकता है। वजह यह है कि वृक्षासन करने पर यह मसल्स को लचीला बनाता है, जिससे मांसपेशियों को मजबूती मिल सकती है (2) (3)।
3. सहनशक्ति (Endurance) बढ़ाए
शारीरिक सहनशक्ति को बढ़ाने के लिए भी वृक्षासन को अभ्यास में लाया जा सकता है। इस संबंध में हुए एक अध्ययन से इस बात की पुष्टि होती है। शोध में माना गया है कि कम सहनशक्ति की समस्या वालों के लिए वृक्षासान लाभदायक है। इसे करने पर धैर्य और सहन करने की शक्ति में इजाफा हो सकता है (2)।
4. मजबूत पैरों के लिए
पैरों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए भी वृक्षासन फायदेमंद हो सकता है। एक रिसर्च के अनुसार, अन्य आसनों के साथ ही वृक्षासन करने पर यह कमजोर पैर वालों के डोरसिफ्लेक्सन और प्लानेर फ्लेक्सियन में सुधार करने में मदद कर सकता है। डोरसिफ्लेक्सन यानी पैरों के पंजों को ऊपर की ओर उठाने की क्षमता और प्लेंटर फ्लेक्सियन यानी पैर के अंगूठे पर वजन संभालने की क्षमता (4)। इसके अलावा, हमने ऊपर बताया है कि यह आसन पूरे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने में मददगार हो सकता है, जिसमें पैर भी शामिल हैं। इस आधार पर इस योगासन को पैरों को मजबूती प्रदान करने के लिए भी उपयोगी माना जा सकता है।
5. सतर्कता और एकाग्रता में सुधार करे
वृक्षासन दिमाग को स्वस्थ रखते हुए सतर्कता और एकाग्रता में सुधार कर सकता है। साथ ही यह मूड को बेहतर बनाने और तनाव से राहत देने में फायदेमंद हो सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई से जुड़े एक शोध से होती है। शोध में योग के प्रभाव को जानने के लिए कई योगासनों को शामिल किया गया, जिसमें वृक्षासन भी शामिल है। शोध में पाया गया कि सभी योगासनों का अभ्यास करने पर सांस लेने या शरीर के किसी विशिष्ट भाग पर ध्यान केंद्रित करना पड़ता है, जो ध्यान और सतर्कता की क्षमताओं को सुधारने में लाभदायक हो सकता है। इसके अलावा, योग मस्तिष्क में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर और न्यूरोनल नुकसान को रोककर मस्तिष्क को स्वस्थ रखने में फायदेमंद हो सकता है (5)।
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वृक्षासन करने के फायदे जानने के बाद यहां हम वृक्षासन करने का तरीका जानेंगे।
वृक्षासन योग मुद्रा करने का तरीका – Steps to do Vrikshasana (Tree Pose) in Hindi
वृक्षासन योग को करना मुश्किल नहीं है, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है कि बिना जानकारी और बिना योगगुरु के इसे किया जा सके। इसलिए, यहां हम वृक्षासन करने का तरीका विस्तार से समझा रहे हैं।
- सबसे पहले दोनों योग मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
- अब दाहिने पैर को घुटने से मोड़ते हुए दाहिने पैर के तलवे को बाएं पैर की जांघ पर सटाने का प्रयास करें।
- इस दौरान यह जरूर सुनिश्चित करें कि बाया पैर सीधा रहे और पैर का संतुलन बना रहे।
- जब आपका शरीर आपके बाएं पैर पर संतुलित हो जाए, तो लंबी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाकर नमस्कार की मुद्रा बना लें।
- ध्यान रखें कि इस दौरान रीढ़ की हड्डी, कमर और सिर एक सीध में हों और संतुलन की स्थिति बनी रहे।
- अब इस मुद्रा में करीब 5 से 10 मिनट (जब तक संभव हो) तक रहते हुए धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते रहें।
- इसके बाद आप गहरी सांस लेते हुए अपनी प्रांभिक मुद्रा में आ जाएं। इस तरह वृक्षासन का एक चरण पूरा होता है।
- दूसरे चरण के लिए फिर यही क्रिया दाहिने पैर पर खड़े होकर दोहराएं।
आगे है और खास
यह तो था वृक्षासन करने का तरीका, अब जानते हैं शुरुआती लोगों के लिए कुछ जरूरी टिप्स।
शुरुआती लोगों के लिए वृक्षासन करने के टिप्स – Beginner’s Tip to do Vrikshasana in Hindi
पहली बार वृक्षासन करने वाले लोगों के लिए कुछ टिप्स को फॉलो करना जरूरी है, जो इस प्रकार हैं:
- शुरुआत में इस योग का अभ्यास दीवार के सहारे करें। जब अच्छा अभ्यास हो जाए, तब दीवार से दूर होकर इस योग को करना चाहिए।
- बैलेंस बनाने के लिए कुर्सी का उपयोग भी किया जा सकता है, ताकि बैलेंस बिगड़ते वक्त जांघ पर रखे जाने वाले पैर को कुर्सी पर रोक कर खुद को संभाला जा सके।
- शुरुआत में ज्यादा देर तक अभ्यास न करें। अभ्यास के समय को धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए।
- इस योग को करने से पहले इसके बारे में पूरी जानकारी का होना जरूरी है, इसलिए इसके बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के बाद ही इस योग का अभ्यास करें।
बने रहें हमारे साथ
वृक्षासन से जुड़े टिप्स की जानकारी के बाद अब बारी है, इससे जुड़ी सावधानियों को जानने की।
वृक्षासन योग के लिए कुछ सावधानियां – Precautions for Vrikshasana in Hindi
वृक्षासन करने से पहले इससे जुड़ी हुई सावधानियों को जान लेना भी जरूरी है, जो इस प्रकार हैं :
- किसी भी प्रकार का योग किसी अच्छे ट्रेनर या फिर योग गुरु की देखरेख में ही करना चाहिए।
- अगर किसी को मोटापे की समस्या है, तो उसे इस आसन को करने से परहेज करना चाहिए (6)।
- गठिया की समस्या होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए (6)।
- जिन्हें वर्टीगो यानी सिर का चक्कर आता हो, तो भी इस योग को करने से बचना चाहिए (6)।
- गर्भावस्था में योग को अकेले नहीं करना चाहिए।
- किसी भी प्रकार के योग को जबरन नहीं करना चाहिए, जितनी क्षमता हो उतनी देर ही योग करें तो बेहतर होगा।
- योग को सही मुद्रा में और सही जानकारी के साथ ही करना चाहिए।
- माइग्रेन, निम्न या उच्च रक्तचाप की समस्या होने पर भी इस आसन को न करें (7)।
सही प्रकार से किया गया योग सेहत और दिमाग दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है। यहां आपने वृक्षासन योग के बारे में विस्तार से जाना। साथ ही आपको इससे होने वाले फायदे और इसे करने के तरीके के बारे में भी यहां जानकारी प्राप्त हुई। साथ ही आपने यह भी समझा कि सुरक्षित तन और तेज दिमाग के लिए यह याेगासन किस प्रकार फायदेमंद हो सकता है। इसके बावजूद यह समझना जरूरी है कि किसी भी योगासन की शुरुआत योग गुरु या फिर स्पेशलिस्ट की मौजूदगी में ही करनी चाहिए। योगासन से जुड़ी ऐसी ही अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहें स्टाइलक्रेज।
References
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- Effects of hatha yoga exercises on spine flexibility in women over 50 years old
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4339138/ - The Physical Demands of the Tree (Vriksasana) and One-Leg Balance (Utthita Hasta Padangusthasana) Poses Performed by Seniors: A Biomechanical Examination
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3437689/ - Understanding Vrikshasana using body mounted sensors: A statistical approach
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4728957/ - Yoga as Therapy for Neurodegenerative Disorders: A Case Report of Therapeutic Yoga for Adrenomyeloneuropathy
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4684133/ - Impact of long term Yoga practice on sleep quality and quality of life in the elderly
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3667430/ - GUIDELINES & TRAINING MANUAL
https://main.mohfw.gov.in/sites/default/files/Guidelines%20and%20Training%20Mannual%20on%20Integration%20of%20%20Ayurveda%20in%20NPCDCS_0.pdf - Physical Education
http://cbseacademic.nic.in/web_material/Manuals/physical-education-11.pdf
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