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क्या वजन अचानक से बढ़ने लगा है? क्या पैरों, टांगों और एड़ियों में तेज दर्द होने लगा है? साथ ही क्या अचानक से चेहरे, हाथ, पैर और पेट पर सूजन आ जाती है? अगर ऐसा है, तो ये सभी लक्षण वॉटर रिटेंशन के हो सकते हैं। वॉटर रिटेंशन का मतलब शरीर में असामान्य रूप से पानी और नमक की मात्रा का बढ़ना है। वॉटर रिटेंशन की वजह से पानी शरीर के टिश्यू में इकट्ठा हो जाता है और फिर कई प्रकार की परेशानियों का कारण बनता है (1)। स्टाइलक्रेज के इस आर्टिकल में हम वॉटर रिटेंशन के कारण, लक्षण और इससे बचने के लिए घरेलू इलाज के बारे में बात करेंगे।
विस्तार से पढ़ें
आइए, हम सबसे पहले वॉटर रिटेंशन के कारणों के बारे में बात करते हैं।
वॉटर रिटेंशन के कारण – What Causes Water Retention in Hindi
वॉटर रिटेंशन यानी शरीर के अंगों में पानी जमा होने के कई कारण हो सकते हैं। यहां हम कुछ प्रमुख कारणों के बारे में बता रहे हैं।
- लंबी यात्रा: लंबी यात्रा के दौरान एक ही जगह बैठे रहने से वॉटर रिटेंशन की समस्या हाे सकती है । साथ ही इस वजह से हमारे पैरों में सूजन आ सकती है (2)।
- हार्मोनल असंतुलन: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन शरीर के तरल पदार्थ को नियंत्रित करते हैं। जब इन हार्मोन में उतार-चढ़ाव होता है, तो शरीर के टिशू में अधिक पानी जमा हो जाता है (3)।
- माहवारी: इस दौरान तेजी से हार्मोन्स में परिवर्तन होता है और एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन हार्मोन घटने लगते हैं, जिससे वॉटर रिटेंशन होता है और वजन बढ़ने लगता है (4)।
- नमक का सेवन: नमक में सोडियम पाया पाया जाता है, जिस कारण नमक के सीमित सेवन से हमारे शरीर में पानी की उचित मात्रा बनी रहती है। वहीं, इसका अधिक सेवन शरीर में पानी की अधिकता और वॉटर रिटेंशन का कारण बन सकता है (5)।
- हृदय की कमजोरी के कारण: जब रक्त को पंप करने के मामले में हृदय कमजोर हो जाता है, तब नसों में रक्तचाप बढ़ने के कारण तरल पदार्थ शरीर के टिशू में रिसने लगता है और वॉटर रिटेंशन का कारण बन सकता है (6)।
- चिकित्सीय स्थिति: अनियमित दिल की धड़कन, हाथ या पैर में अचानक सूजन आना, जल्दी से वजन बढ़ना, कम पेशाब आना वॉटर रिटेंशन का कारण हो सकता है (7)।
- गर्भावस्था: सामान्य गर्भावस्था के दौरान शरीर का कुल पानी 6 से 8 लीटर तक बढ़ जाता है। इस अवस्था को इडिमा कहा जाता है। इससे भी वॉटर रिटेंशन की समस्या हो सकती है (8)।
पढ़ते रहें
जानते हैं वॉटर रिटेंशन के क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं।
वॉटर रिटेंशन के लक्षण – Symptoms of Water Retention in Hindi
वॉटर रिटेंशन को जानने के लिए यहां हम इसके कुछ लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।
- पेट की सूजन: वॉटर रिटेंशन की वजह से पेट में सूजन हो सकती है। रक्तचाप की वजह से पेट में तरल पदार्थ जमा होने लगता है, जिस कारण पेट में कसाव या सूजन महसूस कर सकते हैं (6)।
- पैर, पंजे और टखने में सूजन: नसों में रक्तचाप बढ़ने के कारण तरल पदार्थ टिशू में रिसने लगता है। इससे पैरों, पंजों और टखने में सूजन हो सकती है (6)।
- कूल्हे और चेहरे की सूजन: वॉटर रिटेंशन के कारण चेहरे और कूल्हे पर भी सूजन आ जाती है (6)।
- वजन में उतार-चढ़ाव: शोध के अनुसार, वॉटर रिटेंशन के कारण हमारे वजन में काफी उतार-चढ़ाव देखने मिल सकते हैं (9)।
- जोड़ों में अकड़न: वॉटर रिटेंशन के कारण सूजन आ जाने से जोड़ों में अकड़न हो जाती है। इस वजह से हिलने और चलने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है (6)।
- उंगली से पता करना: पिंडली के नीचे सूजन वाली त्वचा को दबाने पर अगर वहां गड्ढा बन जाता है, तो यह वॉटर रिटेंशन का लक्षण हो सकता है (10)।
वॉटर रिटेंशन के लक्षणों को जानने के बाद जानते हैं, इसके घरेलू उपचार के बारे में।
वॉटर रिटेंशन के घरेलू इलाज – Home Remedies for Water Retention in Hindi
अगर वॉटर रिटेंशन की समस्या से पीड़ित हैं, तो डरने की जरूरत नहीं है। यहां हम इसके इलाज के कुछ उपाय बता रहे हैं, जिससे घर में ही इसका इलाज कर सकेंगे।
1. सेब का सिरका
सामग्री :
- सिरके का 1 बड़ा चम्मच
- 1 गिलास गर्म पानी
क्या करें?
- एक गिलास पानी में सिरका डालें।
- दोनों को अच्छी तरह से मिलाएं।
- फिर इस मिश्रण का सेवन करें।
कब उपयोग कर सकते हैं?
इस घोल का सेवन रोज 2 या 3 बार कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
सेब का सिरका शरीर में सोडियम की मात्रा को कम कर सकता है, जो शरीर में पानी के स्तर को बढ़ाने में एक कारक हो सकता है (11)। वॉटर रिटेंशन का घरेलू उपचार के रूप में प्रतिदिन सेब के सिरके का सेवन वॉटर रिटेंशन की समस्या को दूर कर सकता है।
2. लहसुन
सामग्री :
- 1-2 लहसुन की कलियां
क्या करें?
- प्रतिदिन एक या दो लहसुन की कलियों को चबाएं।
- इसे अपने भोजन में भी शामिल कर सकते हैं।
कब उपयोग कर सकते हैं?
प्रतिदिन इसका सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
लहसुन में मूत्रवर्धक यानी डाइयुरेटिक्स (Diuretic) गुण होता है, जो शरीर से अतिरिक्त पानी को निकालने में मदद कर सकता है (12) (13)। इस प्रकार वॉटर रिटेंशन का घरेलू उपचार लहसुन के जरिए किया जा सकता है। अगर लहसुन को अपने भोजन में शामिल करते हैं, तो वॉटर रिटेंशन से बच सकते हैं।
3. विटामिन
सामग्री :
- खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, पालक, टमाटर, और सोयाबीन विटामिन के अच्छे स्रोत होते हैं।
क्या करें?
- इन खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
कब उपयोग कर सकते हैं?
अपनी प्रतिदिन की डाइट में इनका सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
कुछ विटामिन का सेवन शरीर में वॉटर रिटेंशन को बढ़ने नहीं देता, इससे शरीर में पानी की बराबर मात्रा बनी रहती है। खासकर, विटामिन सी और बी 6 को मूत्रवर्धक प्रभावों के लिए जाना जाता है (14) (13)। इस आधार पर हम कह सकते हैं विटामिन सी और बी 6 का सेवन करने से शरीर में जमा अतिरिक्त पानी मूत्र के जरिए बाहर निकल सकता है और वॉटर रिटेंशन जैसी समस्या से राहत मिल सकती है।
4. अदरक
सामग्री :
- 1 चम्मच कसा हुआ अदरक
- 1 कप पानी
- शहद
क्या करें?
- एक कप पानी में एक चम्मच पिसा हुआ अदरक मिलाएं।
- इसे 5 मिनट तक पैन में डालकर उबाल लें।
- अदरक की चाय को कुछ देर ठंडा होने दें।
- अब इसमें थोड़ा-सा शहद मिलाएं और चाय का आनंद लें।
कब उपयोग कर सकते हैं?
इसका उपयोग रोज दो बार कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
अदरक चयापचय को बढ़ाने के साथ ही संक्रमण से बचा सकता है। साथ ही इसमें हल्का मूत्रवर्धक गुण भी होता (15) (13)। अपने दैनिक आहार में अदरक को शामिल करने लिए यह कारण पर्याप्त हैं। यह न केवल वॉटर रिटेंशन को रोक सकता है, बल्कि वजन घटाने में भी सहायता कर सकता है।
5. सिंहपर्णी (डैंडेलियन) की जड़
सामग्री :
- 1 चम्मच सूखी सिंहपर्णी की जड़ का चूर्ण
- 1 कप पानी
क्या करें?
- एक कप पानी में एक चम्मच डैंडेलियन जड़ का चूर्ण मिलाएं।
- इसे एक मिनट तक उबाल लें।
- फिर 2 से 3 घंटे के लिए ठंडा होने दें।
- सेवन करने के पहले इसमें थोड़ा पानी मिला लें।
- इसके बाद इसका सेवन करें।
कब उपयोग कर सकते हैं?
इस चाय का उपयोग प्रतिदिन दो या तीन बार कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
डैंडेलियन जड़ एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है, जो शरीर से अतिरिक्त पानी को बाहर निकाल कर वॉटर रिटेंशन की समस्या को दूर कर सकती है (16) (13)।
6. आवश्यक तेल
क. लैवेंडर का तेल
सामग्री :
- लैवेंडर के तेल की 10 से 20 बूंदें
- पानी से भरा बाथ टब
क्या करें?
- पानी से भरे टब में 10 से 20 बूंदें लैवेंडर के तेल की मिक्स करें।
- फिर 15 से 20 मिनट के लिए इस पानी से नहा लें।
कब उपयोग कर सकते हैं?
प्रतिदिन इस पानी से नहा सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
लैवेंडर से निकाला गया तेल वॉटर रिटेंशन का घरेलू उपचार साबित हो सकता है। इसके प्रयोग से वॉटर रिटेंशन से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है (17)। साथ ही इसके एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सूजन को भी कम कर सकते हैं (18)।
ख. कैमोमाइल का तेल
सामग्री :
- रोमन कैमोमाइल तेल की 10-20 बूंदें
- पानी से भरा बाथ टब
क्या करें?
- अपने नहाने के पानी में 10 से 20 बूंदें रोमन कैमोमाइल तेल मिलाएं।
- फिर इस पानी से नहाएं।
कब उपयोग कर सकते हैं?
प्रतिदिन इस प्रकार से नहा सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
रोमन कैमोमाइल में एंटीइंफ्लेमेटरी और मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो वॉटर रिटेंशन और इसके साथ जुड़े सूजन जैसे लक्षणों का इलाज करने में मदद कर सकते हैं (19)।
7. सेंधा नमक
सामग्री :
- 1 कप सेंधा नमक
- 1 बाल्टी पानी
क्या करें?
- अपने नहाने के पानी में एक कप सेंधा नमक मिलाएं।
- 20 से 30 मिनट के लिए बाथ लें।
कब उपयोग कर सकते हैं?
इसका उपयोग रोजाना कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
साधारण नमक के मुकाबले सेंधा नमक को बेहतर माना गया है। इसमें सोडियम व क्लोराइड नामक दो प्रमुख इलेक्ट्रोलाइट पाए जाते हैं (20), जो शरीर में पानी के स्तर को संतुलित बनाए रखने में मदद करते हैं। जब सेंधा नमक मिले पानी से नहाते हैं या उस पानी में कुछ देर बैठते हैं, तो वाटर रिटेंशन के कारण आई सूजन से राहत मिल सकती है। इस प्रकार सेंधा नमक से वॉटर रिटेंशन का उपचार करने में मदद मिल सकती है (21)।
[ पढ़े: सेंधा नमक के फायदे, उपयोग और नुकसान ]
8. ग्रीन टी
सामग्री :
- 1 चम्मच ग्रीन टी
- 1 कप गर्म पानी
क्या करें?
- एक कप गर्म पानी में एक चम्मच ग्रीन टी मिलाएं।
- इसे 5 से 7 मिनट के लिए उबालें।
- छानने के बाद ग्रीन टी का सेवन करें।
कब उपयोग कर सकते हैं?
इसका सेवन दिन में दो बार कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
ग्रीन टी में कम मात्रा में कैफीन मौजूद होने के कारण यह बेहतरीन मूत्रवर्धक साबित हो सकती है। इसके अलावा, ग्रीन टी में मौजूद एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं (22) (13)।
9. जीरे का पानी
सामग्री :
- 1 चम्मच जीरा
- 1 कप गर्म पानी
क्या करें?
- 1 कप गर्म पानी में 1 चम्मच जीरा डालें।
- 5 से 6 मिनट तक इसे उबालें और रात भर ऐसे ही रखें।
- अगले दिन छानने के बाद इसका सेवन करें।
कब उपयोग कर सकते हैं?
आप इसका उपयोग रोजाना दो बार कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
वॉटर रिटेंशन का घरेलू उपचार के रूप में जीरा पाचन के साथ ही वजन को घटाने में सहायक होता है। इसके अलावा, इसमें मूत्रवर्धक गुण भी मौजूद होते हैं (23), जो वॉटर रिटेंशन के कारण को कम कर सकते हैं।
10. ओटमील (दलिया)
सामग्री :
- 1 कटोरी पका हुआ दलिया
- एक कप दूध
क्या करें?
- दूध में ओटमील मिला लें।
- अब ओटमील का सेवन करें।
कब उपयोग कर सकते हैं?
रोजाना ओटमील का सेवन कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
ओटमील फाइबर जैसे पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत है (24)। फाइबर में हाइड्रेशन बढ़ाने के गुण होते हैं, साथ ही यह शरीर में मौजूद पानी को नियंत्रित भी कर सकता है। इस प्रकार वॉटर रिटेंशन का उपचार करने में मदद मिल सकती है (25)।
11. दही
सामग्री :
दही का 1 छोटा कटोरा
क्या करें?
- दही का सेवन करें।
- इसे आहार में भी शामिल कर सकते हैं।
कब उपयोग कर सकते हैं?
आप इसे रोजाना अपने खाने में शामिल कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
दही वॉटर रिटेंशन का उपचार करने के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में से एक है। दही में पाया जाने वाला पोटैशियम शरीर में मौजूद पानी की मात्रा को नियंत्रित रखने में कारगर हो सकता है (26)।
12. सौंफ के बीज
सामग्री :
- 1 चम्मच सौंफ के बीज
- 1 कप गर्म पानी
क्या करें?
- एक कप पानी में एक चम्मच सौंफ के बीज मिलाएं।
- इन्हें 7 से 10 मिनट तक भिगोकर रखें।
- फिर पानी को छानकर उपयोग करें।
कब उपयोग कर सकते हैं?
इसका उपयोग रोजाना कभी भी कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
सौंफ के बीज का उपयोग वॉटर रिटेंशन को कम करने के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद पोटैशियम शरीर के पानी को नियंत्रित करता है। साथ ही इसमें मूत्रवर्धक गुण होने के कारण यह शरीर से अतिरिक्त पानी को बाहर निकाल देता है (27), (28), (13)।
13. मेथी के बीज
सामग्री :
- 1 चम्मच मेथी दाना
- 1 गिलास पानी
क्या करें?
- एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी के बीज को भिगोकर रखें।
- इसे रात भर ऐसे ही ढक कर रख दें।
- अगली सुबह पानी को छान कर पी लें।
कब उपयोग कर सकते हैं?
इसका उपयोग रोजाना नियमित रूप से कर सकते हैं।
कैसे फायदा करता है?
मेथी के बीज फाइबर से भरपूर होते हैं। मेथी जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करने से शरीर में वॉटर रिटेंशन के उपचार में मदद मिलती है। साथ ही आंत की समस्या को कम करने में भी मदद मिलती है (29)।
जारी रखें पढ़ना
आइए, जानते हैं कि वॉटर रिटेंशन में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।
वॉटर रिटेंशन के लिए आहार – Diet For Water Retention in Hindi
कभी-कभी आहार शरीर में पानी जमा होने का कारण हो सकता है। इसलिए, उन खाद्य पदार्थों को जानना महत्वपूर्ण है, जो शरीर में पानी की मात्रा को संतुलित करते हैं। आइए, हम ऐसे ही खाद्य पदार्थों के बारे में बात करते हैं :
क्या खाना चाहिए:
अधिक मूत्रवर्धक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जैसे (30):
- विटामिन-बी6 वॉटर रिटेंशन को दूर करने में सहायक हो सकता है। विटामिन-बी6 के अच्छे स्रोतों में ब्राउन राइस और रेड मीट शामिल हैं।
- वॉटर रिटेंशन का घरेलू उपचार के लिए सिंहपर्णी पत्ती, मकई, क्रैनबेरी, तरबूज, अजवायन, अदरक, गाजर, नींबू व दालचीनी को अपने आहार में शामिल कर सकते हैं।
- अपने दैनिक आहार में ताजे फल और कम वसा वाले डेयरी खाद्य पदार्थ शामिल कर सकते हैं।
- खट्टे फल, हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, पालक, टमाटर और सोयाबीन विटामिन के अच्छे स्रोत होते हैं। इन्हें भी अपने भाेजन में शामिल कर सकते हैं।
क्या नहीं खाना चाहिए:
इसके अलावा, वॉटर रिटेंशन का घरेलू उपचार के तहत अपने आहार से कुछ खाद्य पदार्थों को हटाने की भी जरूरत है, जो इस प्रकार हैं (30):
- सोडियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे नमक
- चाय, कॉफी और शराब
- सफेद चावल, सफेद पास्ता
- पेस्ट्री, सोडा, स्नैक्स व जंक फूड
- कैफीनयुक्त पेय
अंत तक पढ़ें
इसके बाद जानते हैं कि कैसे वॉटर रिटेंशन को रोका जा सकता है।
वॉटर रिटेंशन रोकना के लिए कुछ और टिप्स – Tips to Prevent Water Retention in Hindi
आइए जानते हैं वॉटर रिटेंशन का उपचार और इसको दूर करने के लिए कुछ आसान टिप्स (30)।
- कम नमक वाला आहार लें।
- अपने पैरों में तरल पदार्थ को इकट्ठा होने से रोकने के लिए मोजे पहनें।
- जब लेटें, तो कोशिश करें कि पैर कुछ ऊंचाई में रहें।
- शराब व धूम्रपान छोड़ दें।
- अपने आहार पर फाेकस करें और देखें कि कौन से खाद्य पदार्थ वॉटर रिटेंशन को ट्रिगर करते हैं।
- नियमित रूप से व्यायाम करें।
- पर्वतासन, वीरभद्रासन, हलासान और सूर्य नमस्कार जैसे योगासन करें। ये याेगासन शरीर से अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं।
इस आर्टिकल के माध्यम से आपको वॉटर रिटेंशन के बारे में पता चल गया होगा। साथ ही आपको स्पष्ट हो गया होगा कि किन कारणों से शरीर के अंगों में पानी जमा होने लगता है, इसके परिणाम क्या हो सकते हैं और किन घरेलू उपायों से इस समस्या को कम किया जा सकता है। वहीं, इससे बचने के उपाय भी आपको पता चल गए होंगे। ऐसे में, अगर कोई इस समस्या से परेशान है, तो बताए गए घरेलू उपाय अपनाए जा सकते हैं। उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। आप चाहें, तो इस लेख को अन्य लोगों के साथ भी साझा कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :
आप शरीर में पानी की मात्रा को कैसे संतुलित कर सकते हैं?
भोजन में पोटैशियम और मूत्रवर्धक खाद्य पदार्थों को जोड़कर और सोडियम युक्त खाद्य पदार्थों का परहेज करके पानी की मात्रा को नियंत्रित कर सकते हैं (30) (13)।
वॉटर रिटेंशन के लिए प्राकृतिक मूत्रवर्धक क्या है?
तरबूज, खीरे, अदरक, ग्रीन टी, नींबू, अजवाइन और सिंहपर्णी आदि में प्राकृतिक मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो शरीर से अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने में मदद कर सकते हैं (13)।
क्या नींबू पानी वॉटर रिटेंशन को कम करने में मदद करता है?
नींबू पानी में ड्यूरेटिक यानी मूत्र वर्धक प्रभाव होता है, जो वॉटर रिटेंशन को कम करने में सहायता कर सकता है (31)।
क्या शुगर के कारण सूजन हो सकती है?
हां, शरीर में शुगर की उच्च मात्रा कई हिस्सों में सूजन का कारण हो सकती है (32)।
वॉटर रिटेंशन को दूर हाेने में कितना समय लग सकता है?
सामान्य रूप से अस्थायी वॉटर रिटेंशन की समस्या कुछ ही समय में अपने आप दूर हो जाती है (33)।
और पढ़े:
- निमोनिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय
- वर्टिगो के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज
- मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के उपाय और आहार
- मलेरिया के कारण, लक्षण और घरेलू इलाज
- डायरिया के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय
References
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- EVALUATION OF DIURETIC POTENTIAL OF LEMON JUICE AND RECONSTITUTED LEMON DRINK
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- Stress, Food, and Inflammation: Psychoneuroimmunology and Nutrition at the Cutting Edge
https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC2868080
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