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बच्चों का बात-बात पर रूठना या नखरे करना आम बात है। जब ये सारी चीजें आदत में शुमार हो जाती हैं, तो जिद का रूप ले लेती हैं। ऐसे में प्यारे और भोले बच्चे मां-बाप को सिरदर्द लगने लगते हैं। इन्हें हैंडल करना माता-पिता के लिए चुनौती बन जाता है। ऐसे ही जिद्दी बच्चों को समझाने के तरीके और टिप्स के बारे में हम आपको मॉमजंक्शन के इस लेख में बताएंगे। बस आपको यह याद रखना जरूरी है कि हर बच्चा अपने आप में खास होता है। सिर्फ उनकी जिद की वजह से आप उनके साथ बुरा बर्ताव न करें। इस लेख में हम जिद्दी बच्चों से जुड़े मनोविज्ञान को भी समझाएंगे, जिससे आपको जिद्दी बच्चे को समझने और समझाने दोनों में मदद मिलेगी।
बच्चे के जिद्दीपन के पीछे एक नहीं, बल्कि कई कारण होते हैं। इन कारण को जानने के बाद आप जिद्दी बच्चे को बेहतर तरीके से संभाल पाएंगे।
कुछ बच्चे जिद्दी क्यों होते हैं?
बच्चों के जिद्दीपन से कई माता-पिता परेशान होते हैं और उन्हें ठीक करने के लिए कई जतन भी करते हैं, लेकिन उनका जिद्दीपन दिनों-दिन बढ़ता ही जाता है। ऐसे में सबसे पहले मां-बाप के लिए यह जान लेना जरूरी है कि उनका बच्चा जिद्दी हुआ क्यों है। बच्चे के जिद्दी होने के पीछे का मुख्य कारण कोई शारीरिक समस्या, भूख लगना या फिर अपनी ओर सबका आर्कषण खींचना हो सकता हैं (1)। इनके अलावा, बच्चे के जिद्दी होने का कारण पारिवारिक परिवेश, लाड-प्यार, डांट-फटकार, अनावश्यक दवाब डालना आदि भी हो सकता है (2)। ये सभी कारण बच्चों के दिमाग पर बुरा असर डालते हैं, जिससे वो जिद्दी बनने लगते हैं। साथ ही कुछ बच्चों का मानसिक विकास इतनी तेजी से होता है कि उन्हें लगने लगता है कि वो सब कुछ कर सकते हैं। इस वजह से वो हर छोटी-बड़ी बात पर जिद करने लगते हैं। हम बच्चों के जिद्दी होने के मानसिक, सामाजिक और जैविक तीनों कारणों को नीचे विस्तार से समझाएंगे।
सबसे पहले जानते हैं कि कौन-कौन सी मानसिक समस्याएं बच्चों के जिद्दीपन का कारण हो सकती हैं।
- ओपोजीशनल डेफिएंट डिसऑर्डर : यह एक तरीके का मानसिक विकार होता है, जिसमें बच्चों के सोचने, काम करने और बर्ताव करने का तरीका काफी प्रभावित होता है। बच्चे छोटी-छोटी बातों पर जिद करते हैं और बड़े-बुजुर्गों की बातों को नहीं सुनते हैं। यह विकार आगे चलकर पर्सनालिटी डिसऑर्डर का भी रूप ले लेता है (3)।
- चाइल्ड अब्यूज : कई बार कुछ बच्चों को अप्रिय घटनाओं से गुजरना पड़ता है, जिस बारे में उनके माता-पिता को भी नहीं पता होता है। ऐसी घटनाओं का बच्चों के व्यवहार पर काफी बुरा असर पड़ता है। इस वजह से बच्चे समाज से कटने लगते हैं, लोगों से बात करना बंद कर देते हैं, चिड़चिड़े रहने लगते हैं और मां-बाप की बातों को मानने से इनकार कर देते हैं, जिस वजह से वो दिनों-दिन जिद्दी होते जाते हैं (4)।
- डाउन सिंड्रोम : इस समस्या से ग्रसित बच्चे भी जिद्दी होते हैं। दरअसल, डाउन सिंड्रोम एक आनुवंशिक विकार है, जो गुणसूत्र यानी क्रोमोसोम के कारण पैदा होता है (5)।
- अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर : यह बच्चों के व्यवहार से संबंधित एक तरह का विकार है। इसमें बच्चा किसी एक चीज पर फोकस नहीं कर पाता और ज्यादा गुस्सा व जिद करता है (6)।अब बच्चे के जिद्दी होने के सामाजिक पहलूओं पर नजर डाल लेते हैं।
- तनाव : बच्चों को स्कूल, दोस्तों या घर से मिलने वाला तनाव भी जिद्दी बनाता है। वो ऐसा व्यवहार करने लगते हैं कि उनको संभालना मुश्किल हो जाता है। जैसे खाना न खाना, स्कूल न जाने की जिद करना, सब से कटकर रहना (7)।
- माता-पिता का व्यवहार : अगर आप बच्चे के साथ सही से व्यवहार नहीं करते और उसे बात-बात पर डांटते-फटकारते रहते हैं, तो भी वह जिद्दी हो सकता है। अभिभावकों का बच्चों के साथ जैसा रिश्ता होता है, वैसा ही असर उनके दिमाग पर डालता है। बच्चे को नजरअंदाज करना और उसकी बातों को अनसुना करना भी उसे जिद्दी बना सकता है (8)
- अधिक अपेक्षा : मां-बाप की अधिक अपेक्षा की वजह से भी बच्चे जिद्दी होते हैं। दरअसल, अभिभावक बच्चों पर अपनी अपेक्षा के चलते अनावश्यक दवाब बनाने लगते हैं, जैसे 90 प्रतिशत अंक हासिल करना, किसी अन्य बच्चे से बेहतर करके दिखाने की अपेक्षा। इस कारण से भी बच्चा जिद्दी और चिड़चिड़ा हो जाता है (1)।
- नजरअंदाज करना : ऐसे बच्चे जिन पर माता-पिता ज्यादा ध्यान नहीं देते, उनका ख्याल नहीं रखते, वो अपनी ओर अभिभावकों का ध्यान खींचने के लिए भी जिद करने लगते हैं (1)।बच्चों के जिद्दी होने के पीछे कुछ जैविक कारण भी होते हैं, जिन्हें कई बार नजरअंदाज कर दिया जाता है। ये जैविक कारण कुछ इस प्रकार हैं।
- गर्भावस्था के दौरान स्मोकिंग : कुछ बच्चों के जिद्दी होने के पीछे मुख्य कारण मां का गर्भधारण करने के बाद सिगरेट का सेवन करना भी माना गया है (9)
- अल्कोहल : एक रिसर्च के मुताबिक, मादक पदार्थों का सेवन करने वालों के बच्चे भी जिद्दी होते हैं (10)।
- आनुवंशिक : वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 20 से 60 प्रतिशत बच्चों का स्वभाव आनुवंशिक होता है। इस कारण से भी बच्चे जिद्दी हो सकते हैं (11)।
बच्चों के जिद्दी होने का कारण जानने के बाद जिद्दी बच्चों के लक्षण जानना भी जरूरी है। चलिए, इनके लक्षण पर एक नजर डाल लेते हैं।
जिद्दी बच्चे के लक्षण
बच्चे किसी चीज की डिमांड करते हैं या कुछ करने की चाहत रखते हैं, इसका मतलब यह नहीं होता कि वो जिद्दी हैं। जिद्दी बच्चे और मेहनती बच्चों में फर्क है। जिद्दी बच्चे अपनी बातों को पूरा करने के लिए तरह-तरह के जतन करते हैं। लोगों के सामने मां-बाप को शर्मिंदा करने से भी नहीं बचते हैं। वैसे कुछ बुद्धिमान बच्चे भी काफी ज्यादा जिद्दी होते हैं। उन्हें लगता है कि वो जो भी चाहते हैं, उसे कर सकते हैं। वो अपने मजबूत इरादों की वजह से अक्सर बहस करते हैं और चीजों को लेकर रजामंद नहीं होते। इन बच्चों को स्ट्रॉन्ग विल्ड चाइल्ड भी कहा जाता है। नीचे हम आपको इन जिद्दी बच्चों के लक्षणों के बारे में बताएंगे (12)।
- जिद्दी बच्चों के लिए असंभव जैसा कुछ नहीं होता। वो हर नामुमकिन काम को करना चाहते हैं और करने की जिद करते हैं।
- हर बात पर बहस करना और सवाल उठाना। कई बार उनसे बात करना पत्थर पर सिर मारने जैसा लगने लगता है।
- ऐसी स्थिति को उत्पन्न करते हैं, जिससे सब परेशान हो जाएं।
- बात-बात पर गुस्सा करना।
- चिड़चिड़ा रवैया।
- नियमों को न मानना और तोड़ना।
- छोटी-सी बात पर बवाल करना।
- मूर्खतापूर्ण हरकत करना और खुद को जोखिम में डालना।
- हर बात पर खुद को सही और दूसरों को गलत ठहराने की कोशिश करना।
- हर मुद्दे में अपनी बात को ऊपर रखना और तर्क को जीतने की कोशिश करना।
- दुर्व्यवहार करना।
- किसी पर भरोसा न करना।
- आलोचनात्मक रवैया।
जिद्दी बच्चों के लक्षण जानने के बाद अब इनका मनोविज्ञान आपको समझाते हैं।
जिद्दी बच्चों के मनोविज्ञान को समझें
बच्चे जिद्दीपन आपकी साइकोलॉजी के हिसाब से करते हैं। जी हां, बच्चे पहले ही अपने मन में यह सब सोच लेते हैं कि अगर मैं अपने पिता से इस बारे में बात करूंगा, तो वो कैसा जवाब देंगे और मां से बोलूंगा, तो वो कैसी प्रतिक्रिया देंगी। वो अपनी पिछली सारी हरकतों और उसके परिणाम के बारे में सोचकर ही नई हरकत करते हैं।
- खासकर, बच्चे अपना जिद्दीपना मां को ही दिखाते हैं या ऐसी जगह पर जहां नए लोग या मेहमान बैठे हों (13)।
- बच्चों को पता होता है कि नए लोगों के सामने आप न तो उन्हें डांट सकते हैं और न ही मना करेंगे। इसलिए, आपको बच्चे की मनोविज्ञान स्थिति समझकर ही प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
- आपको उनकी गलत चीजों पर ज्यादा चिल्लाना नहीं चाहिए, वरना वो आपको परेशान करने के लिए उस हरकत को दोहरा सकते हैं।
- आपको उनकी अच्छे काम और व्यवहार की तारीफ करनी चाहिए।
- मेहमानों और अन्य लोगों के सामने भी उसके बारे में अच्छा कहें। इससे उसके दिमाग में यह बात बैठेगी कि अगर वो अच्छे काम करेगा, तो उसकी तारीफ होगी। ऐसे में वह जिद्दीपन धीरे-धीरे छोड़ देगा।
साथ ही आपके लिए यह समझना भी जरूरी है कि बच्चों में कुछ हद तक छोटी-मोटी जिद और विद्रोह की आदत सामान्य है। यह समस्या वक्त के साथ खुद-ब-खुद दूर हो जाती है। वहीं, अगर आपका बच्चा लंबे समय से जिद्दी है और दिन-ब-दिन उसकी जिद बढ़ती जा रही है, तो उस पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। एक बात और, लड़कियों के मुकाबले लड़कों में ज्यादा जिद्दीपन होता है (14)।
लेख में हम आगे बता रहे हैं कि बच्चे किस-किस प्रकार की जिद कर सकते हैं।
बच्चों की अलग-अलग तरह की जिद
अगर बच्चों की एक जिद पूरी हो जाती है, तो वो दूसरी जिद करने लगता है। जब माता-पिता इसे भी पूरी कर देते हैं, तो वो तीसरी जिद पकड़ कर बैठ जाते हैं यानी बच्चों की जिद का अंत नहीं होता। यहां हम बच्चों की अलग-अलग, लेकिन कुछ आम जिद की बारे में बता रहे हैं।
मोबाइल की जिद : बच्चे अक्सर बड़ों को मोबाइल इस्तेमाल करते देख उसकी मांग करने लगते हैं। ऐसे में आपको बच्चों को समझाना चाहिए कि यह उनके काम की चीज नहीं है। अगर वो रोने लगें और चिल्लाने लगें, तो भी उन्हें मोबाइल न दें। इससे वो समझ जाएंगे कि उनके रोने और चिल्लाने से उन्हें मोबाइल नहीं मिलने वाला। अगर आप उनकी जिद पूरी करने के लिए उन्हें कुछ देर के लिए मोबाइल दे देंगे, तो इससे उनकी जिद करने की आदत और बढ़ जाएगी।
खाना न खाने की जिद : खाना खाने से पहले बच्चे न खाने या कुछ और खाने की जिद करते हैं। ऐसे में आप उन्हें अपने साथ बैठाकर थोड़ा-थोड़ा खिलाने की आदत डालें। इससे वो जिद करना कम कर देंगे। लेख में आगे हम विस्तार से बताएंगे कि जिद्दी बच्चे को खाना कैसे खिलाया जा सकता है।
पैसे मांगने की जिद : कभी चॉकलेट, कभी चिप्स, तो कभी कुरकुरे खाने के लिए बच्चे अक्सर पैसों की जिद करते हैं। आप उनकी इस जिद को भूलकर भी पूरा न करें। यह जिद उन्हें कई बुरी आदतों की ओर धकेल सकती है। आप कोशिश करें कि बच्चों को पैसा देने की जगह, उन्हें वो खाद्य पदार्थ लाकर दें, जिनकी वो मांग कर रहे हैं। ध्यान रहे कि ऐसा रोज भी न करें, नहीं तो उन्हें हर दिन नई फरमाइश करने की आदत लग जाएगी।
नए खिलौने की जिद : आस-पड़ोस के बच्चों के खिलौने देखकर या टीवी में आने वाले विज्ञापनों को देखकर बच्चे अक्सर नए खिलौने खरीदने की जिद करते हैं। आप उन्हें खिलौने की जगह उनके दिमागी विकास और पढ़ाई से संबंधित सामग्री लाकर दे सकते हैं। इस मांग को भी आप हर समय पूरा न करें। उन्हें समझाने की कोशिश करें कि ऐसे खिलौने किसी काम के नहीं होते, इनकी जगह आप उन्हें समय आने पर कुछ अन्य गेम जैसे शतरंज (चैस) दिलाएंगे।
नए कपड़ों की जिद : अक्सर बच्चों को नए कपड़ों की जिद करते हुए देखा जाता है। इस जिद को भी आप हर समय पूरा न करें, नहीं तो बच्चा नई-नई मांग आपसे आए दिन करने लगेगा। कपड़ों से संबंधित बच्चों की जिद से कैसे निपटा जाए, यह हमने लेख के आखिरी भाग में विस्तृत तरीके से समझाया है।
होम वर्क न करने की जिद : अक्सर बच्चे अपने होम वर्क से भागने की कोशिश करते हैं और उसे न करने के लिए तरह-तरह के बहाने और जिद करने लगते हैं। ऐसे में आपको बैठकर समझना चाहिए कि आखिर वो होम व से क्यों जी-चुरा रहे हैं।
टीवी देखने की जिद : टीवी देखने के लिए भी बच्चे समय-समय पर जिद करते रहते हैं। अपने पसंदीदा कार्टून और अन्य प्रोग्राम देखने के लिए वो कई जतन करते हैं। इस आदत और जिद से निपटने के लिए आप बच्चे के टीवी देखने का समय निर्धारित कर सकते हैं। इसके अलावा, जब वो अन्य समय में टीवी देखने की जिद करें, तो सख्त लहजे में उन्हें मना कर दें।
अब जिद्दी बच्चों को कैसे समझाएं, इस बारे में कुछ टिप्स दे रहे हैं।
जिद्दी बच्चे को संभालने व समझाने के 10 टिप्स | Ziddi Bacho Ko Kaise Sudhare
बच्चे का जिद्दीपना माता-पिता और घर के अन्य सदस्यों का एक तरह से सुकून छीन लेता है। कभी बच्चे की नई फरमाइश, तो कभी गुस्सा करना और कभी समान को पटकना। इस स्थिति में बच्चे से कैसे बात करें, क्या कहें और कैसे संभाले यह समझना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में हम यहां जिद्दी बच्चे को संभालने और समझाने के 10 टिप्स बता रहे हैं (12) (15) (16)।
- बच्चों को सुनें और बहस से बचें : अगर आप चाहते हैं कि बच्चा आपकी बात सुने और उसी अनुरूप काम करे, तो सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप भी उसकी बातों को सुनें। बच्चों की बातों को नजरअंदाज और एहमियत न देने के कारण भी वो जिद करने लगते हैं। इसलिए, कोशिश करें कि उनसे बहस करने के बजाए उनकी बातों को अच्छे से सुनें और प्रतिक्रिया दें।
- बच्चों पर दबाव डालने की जगह उनसे जुड़ने की कोशिश करें : आप जब बच्चों को किसी चीज के लिए मजबूर करते हैं, तो वे बगावत करने लगते हैं। दवाब के कारण बच्चे जिद करने लगते हैं। बच्चे को किसी भी चीज के लिए विवश करने की जगह उनसे जुड़ने की कोशिश करें। जैसे अगर बच्चा होम वर्क करने से मना कर रहा है, तो उसे डांट-फटकार कर स्कूल का काम करने की जगह उससे पूछे कि वो इससे बचना क्यों चाह रहा है। ऐसा क्या है जो उसे मुश्किल लग रहा है।
- शांत रहें : अगर बच्चा बार-बार आपकी बात सुनने से इनकार कर रहा है, तो उस पर चिल्लाएं नहीं, बल्कि शांत रहें। आप जितना गुस्सा करेंगे, वो आपको उतना गुस्सा दिलाने की कोशिश करेगा। जब आप शांत तरीके से सभी बातों को सुनेंगे और उसे समझाएंगे, तो वो ज्यादा जिद नहीं करेंगे। हालांकि, बच्चे जब ज्यादा गुस्सा करते हैं और चिल्लाते हैं या किसी एक बात पर अड़ जाते हैं, तब शांत रहना मुश्किल होता है। इस स्थिति में आपको अपने बच्चे के मनोविज्ञान को समझना होगा कि वो आपके किस तरह से बर्ताव करने पर कैसा व्यवहार करेगा।
- पारिवारिक परिवेश अच्छा दें : इसमें कोई दो राय नहीं कि बच्चा जैसा देखता है, वैसा ही करता है। इसलिए, आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप उसे अच्छे माहौल में रखें। अगर आप घर में किसी बड़े-बुजुर्ग या किसी अन्य के साथ बहस या किसी बात को लेकर चिल्ला रहे हैं, तो आपका बच्चा भी वही सीखेगा। ऐसे में आपको जिद्दी बच्चे को संभालने के लिए अपने घर का माहौल ऐसा बनाना होगा, जिससे वह समझ सके कि बड़ों की बातों को मानना चाहिए।
- व्यवहार में निरतंरता बनाए रखें : अगर आपने बच्चे से जुड़े कुछ नियम बनाए हैं, तो उस पर दृढ़ रहें। कभी बच्चे के देर रात तक टीवी देखने पर एतराज करना और कभी उसे अपने साथ बैठाकर टीवी दिखाना, ऐसा न करें। इससे बच्चा आपकी बातों को कम महत्व देने लगेगा। बच्चों से कुछ जरूरी नियमों को लेकर समझौता बिल्कुल भी न करें।
- उसकी प्रशंसा करें : बच्चों को सिर्फ डांटने और नियम-कायदे समझाने की जगह अच्छे कामों के लिए उनकी प्रशंसा भी करें। उन्हें प्रोत्साहित करने से उनका मनोबल बढ़ाते रहने से, कुछ समय बाद वो आपकी बातों को मानने लगते हैं।
- अस्वीकार्य व्यवहार के बारे में बताएं : बच्चों की जिद और गलत तरीके से व्यवहार करने की आदत अगर बढ़ती जा रही है, तो आपको उन्हें अपने पास बैठाकर यह समझाना चाहिए कि गलत व्यवहार के कैसे परिणाम हो सकते हैं। उन्हें आप उदाहरण के तौर पर कुछ आज्ञाकारी बच्चों के बारे में बता सकते हैं। साथ ही यह भी समझा सकते हैं कि अगर वो सभी की बात मानेंगे, तो वो सबसे पसंदीदा बच्चे बन जाएंगे।
- जिद पूरी न करें : अक्सर जिद पूरी होने के कारण बच्चों के अंदर जिद्दीपन और बढ़ने लगता है। ऐसे में जरूरी है कि बच्चे को यह एहसास हो कि उसका जिद्दीपन काम नहीं करेगा। अगर आपका बच्चा किसी स्टोर में जाकर किसी खिलौने की मांग करता है और खिलौना न मिलने पर चीखने-चिल्लाने लगता है, तो उसकी ओर ध्यान ही न दें। इससे बच्चे को यह समझ आ जाएगा कि उसकी जिद से उसे कुछ हासिल नहीं होने वाला है।
- दोस्तों के साथ घूमने जाने दें : हमने आपको ऊपर बताया ही है कि स्ट्रेस की वजह से भी बच्चे जिद्दी हो जाते हैं। ऐसे में जब आप उन्हें दोस्तों के साथ बाहर भेजेंगे, तो वो उनके साथ समय बिताने से अच्छा महसूस कर सकते हैं। अपने दिल की बात जो वो किसी को नहीं बता पाते, वो अपने दोस्त को बता सकते हैं।
- बात-बात पर रोकने-टोकने से बचें : अगर आप बच्चे को बात-बात पर रोकते या टोकते रहते हैं, तो सावधान हो जाएं, यह आदत आपके बच्चे को जिद्दी बना सकती है। बच्चे से हर समय क्या कर रहे हो, ये क्या है, ऐसा नहीं ऐसा करना चाहिए था, क्या हुआ? ऐसे सवाल करने से बचना चाहिए। इसकी जगह आप उनसे जो भी पूछना या समझाना चाहते हैं, वो प्यार से कर सकते हैं। ध्यान रहे कि बच्चों को ऐसा न लगे कि आप उनके बॉस बनने की कोशिश कर रहे हैं।
जिद्दी बच्चों को कैसे समझाएं, यह तो आप जान ही चुके हैं। अब बात करते हैं इनकी कुछ आम समस्याओं के बारे में।
जिद्दी बच्चों की आम समस्याएं
अब हम आपको जिद्दी बच्चों से संबंधित समस्याओं और उनके हल के बारे में नीचे विस्तार से बताएंगे।
जिद्दी बच्चों को खाना कैसे खिलाएं
जिद्दी बच्चों को खाना खिलाना कोई जंग जीतने से कम नहीं है। ‘आओ खाना खा लो’ बोलते ही जिद्दी बच्चे उधम मचाने लग जाते हैं। ऐसे में कोशिश करें कि उसे जो भी हेल्दी चीजें पसंद हों, उन्हें वही परोसें।। हर समय यह कोशिश की जानी चाहिए कि बच्चे खाने की थाली को देखकर इतना आकर्षित हो जाए कि वो खुद ही खाना खाने के लिए आगे बढ़ें (17)।
- खाने को थाली में अलग-अलग तरीके से सजा कर परोसें।
- बच्चों को रंग काफी पसंद होते हैं, तो कोशिश करें कि उनकी थाली में रंग-बिरंगे खाद्य पदार्थ हों।
- जब बच्चा खाने को मना करें, तो उन्हें समझाएं कि पहले एक निवाला चखकर देख लें।
- आपने जो भी बनाया है, उसका थोड़ा-थोड़ा हिस्सा परोसें और उसे खुद चुनाव करने दें कि वो क्या खाना चाहते हैं।
- खाना खत्म करने के बाद उन्हें बतौर इनाम उनकी मनपसंद कैंडी या मिठाई दें।
जिद्दी बच्चे को कैसे सजा दें
बच्चों को अनुशासित रखने के लिए नियम की बहुत जरूरत होती है। उन्हें उनकी हरकत और जिद के मुताबिक सजा भी दी जानी चाहिए। आप उन्हें पहले से ही बता दें कि अगर ऐसा किया, तो इस तरह के परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। जैसे मान लीजिए कि बच्चा सोने के समय टीवी देखने की मांग कर रहा है, तो उसे पता होना चाहिए कि ऐसा करने पर उसे कई दिनों तक टीवी में पसंदीदा प्रोग्राम देखने को नहीं मिलेगा।
- आपको बच्चे को अहसास दिलाना होगा कि जिद्दीपन का क्या परिणाम हो सकते हैं।
- आपको यह भी याद रखने की जरूरत है कि दंड और सजा का मतलब यह नहीं है कि आप उन पर चिल्लाएं या उनकी पिटाई करें।
- बच्चों को सजा सिर्फ इसलिए दी जानी चाहिए, ताकि उन्हें अहसास हो कि वो गलत व्यवहार और मांग कर रहे हैं।
- उनके द्वारा की गई गलत हरकत पर प्रतिक्रिया देने के लिए एक अलग आवाज यानी टोन का इस्तेमाल करें, जिससे उन्हें पहले ही आभास हो जाए कि वो कुछ गलत कर रहे हैं (18)।
जिद्दी बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग कैसे दें
बच्चे को पॉटी ट्रेनिंग देना तब मुश्किल हो जाता है, जब बच्चा काफी जिद्दी हो। ऐसे में आप अपने दो-तीन साल के बच्चे को कुछ इस तरीके से टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बारे में समझा सकते हैं (19) :
- बच्चे को समझाएं कि टॉयलेट सीट का किस लिए और कैसे उपयोग किया जाता है।
- बच्चे को पॉटी के समय पर टॉयलेट सीट पर बैठाकर समझाएं कि वो किस तरीके से इसका इस्तेमाल कर सकता है।
- याद रखें कि जिद्दी बच्चे यह ट्रेनिंग लेने में समय लेते हैं, इसलिए धैर्य बनाए रखें।
- अगर आपका बच्चा शौचालय प्रशिक्षण लेने के लिए तैयार नहीं है, तो उसे डांटने के बजाए कुछ समय बाद ट्रेनिंग दें।
- जब भी वो सफलतापूर्वक पॉटी सीट का उपयोग करें, आप उसकी प्रशंसा करें।
जिद्दी बच्चों को कैसे सुलाएं
- सोने का समय होते ही अक्सर जिद्दी बच्चे इधर-उधर भागने लगते हैं और सोने से आनाकानी करते हैं। ऐसे में आप बच्चे को सुलाने से लगभग 30 मिनट पहले अच्छा-सा म्यूजिक बजा सकती हैं जो बच्चे को अच्छे से सोने में मदद करे।
- इसके बाद बच्चे को नाइट ड्रेस पहनाएं। उन्हें खुद से ही अपने रात के सोने के कपड़ा का चयन करने दें।
- अब उन्हें बेड पर लेटाकर उनसे दिनभर उन्होंने क्या किया और उसमें से उन्हें सबसे ज्यादा अच्छा क्या लगा ऐसी कुछ बातें करें।
- आपको नियम भी बनाना जरूरी है कि एक बार बेडरूम में जाने के बाद बच्चे बाहर न जाएं (20)।
- आपको ध्यान देना है कि न तो आपको बच्चों को सुलाते समय ज्यादा सख्ती (डांट-फटकार) बरतनी है और न ही उन्हें मनमर्जी करने की इजाजत देनी है।
जिद्दी बच्चों से पढ़ाई कैसे करवाएं
- जिद्दी बच्चों को पढ़ाई करवाने के लिए सबसे पहले तो उन्हें यह समझाना जरूरी है कि आगे चलकर उन्हें पढ़ाई ही हर क्षेत्र में मदद करेगी। इसके अलावा, घर में पढ़ाई करने का शांत माहौल बनाएं और पढ़ाई के लिए समय भी निर्धारित करें।
- पढ़ाई करने और होमवर्क करने के बाद उनका पसंदीदा टीवी प्रोग्राम या खेल का समय देने का वादा करें।
- बच्चे को रंग-बिरंगी पेंसिल, आकर्षक ज्योमेट्री बॉक्स और अन्य सामग्री लाकर दें।
- उनके साथ पढ़ाई में आप खुद को भी शामिल करें। अगर उन्हें कोई परेशानी हो रही है, तो उसका हल करें।
बच्चे का पढ़ाई से जी-चुराने का एक मतलब यह भी होता है कि उन्हें चीजें समझ नहीं आ रही हैं। ऐसे में उन्हें बताएं कि वो किसी भी तरह की मदद के लिए उनके पास आ सकते हैं या किसी अन्य की मदद ले सकते हैं। कभी-कभी अपने बच्चे के दोस्त को भी घर में पढ़ने के लिए बुलाएं, ताकि उसका पढ़ने में मन लगे (21)।
बच्चों के कपड़ों की जिद से कैसे निपटें
बच्चे अक्सर ही नए कपड़ों की जिद करते हैं और आपकी पसंद की हुई चीजों को पहनने से मना करते हैं। ऐसे में आप जब भी शॉपिंग के लिए जाए, तो वो क्या पहनना चाहते हैं यह जरूर पूछ लें। नए कपड़ों की जिद से निपटने के लिए आपको उसे समझाना होगा कि रोज कपड़े खरीदना संभव नहीं है। अभी बहुत सारे कपड़े उसके पास हैं जब वो फट जाएंगे या पुराने हो जाएंगे, तो उसे नए कपड़े दिलाए जाएंगे।
जिद्दी बच्चों को पालना, पढ़ाना और समझाना कठिन हो सकता है, लेकिन आपको उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। जिद्दी बच्चे थोड़े मुश्किल हो सकते हैं, लेकिन यह जान लें कि आप उनके जिद्दीपन को कुछ आसान टिप्स आजमा कर दूर कर सकते हैं। अगर आपके आस-पड़ोस के लोग या कोई दोस्त अपने बच्चे की जिद से परेशान हैं, तो उनके साथ इस आर्टिकल को जरूर साझा करें। साथ ही ऐसी और जानकारी के लिए जुड़े रहें मॉमजंक्शन के साथ।
References
1. A Helpful Guide In The Training By Minnesota
2. Advanced Educational Psychology By Google Books
3. ODD By G-Cap
4. Behavioural Consequences of Child abuse By NCBI
5. Practical Oral Care for People With Down Syndrome By NIDCR
6. The Nature, Clinical Assessment, and Treatment of Children with Attention Deficit Hyperactivity Disorder (ADHD) By ERIC
7. Stress in childhood By Medline plus
8. Parenting Practices and Child Disruptive Behavior Problems in Early Elementary School By NCBI
9. Behavioral Problems Related to Maternal Smoking During Pregnancy Manifest Early in Childhood By NIH
10. Temperament And Behavioral Problems Among Infants In Alcoholic Families By NCBI
11. Is temperament determined by genetics? By NIH
12. The Strong Willed Child: A Huge Challenge for Parents and Teachers By ERIC
13. Handbook of Child Psychology, Social, Emotional, and Personality Development By Google Books
14. Handling Obstinate Children: How to Manage Stubborn Children By Google Books
15. Disciplining your Child By CT DCF
16. Friendship, helping your child By US department of Education
17. Child Feeding tips and advices By USDA
18. Excellence and Ethics By Cortland
19. Helping your child with potty training By NCBI
20. Bedtime habits for infants and childrens By Medline Plus
21. Positive Parenting Strategies for the Teenage Years By NOAA
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