कौन सी 6 चीजें शिशु के रंग-रूप को करती हैं प्रभावित
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गर्भधारण करने के बाद महिलाओं के मन में अक्सर सवाल आता है कि उनका होने वाला बच्चा कैसा दिखेगा। ऐसा सवाल मन में उठना लाजमी भी है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि आपसी जुड़ी चीजें आपके बच्चे के रंग, रूप और बनावट को निर्धारित करती हैं। जी हां, बच्चा कैसा दिखेगा इसे आप और आपके पार्टनर के जीन्स के अलावा वातावरण और कुछ आपकी आदातें व डेली रूटीन भी प्रभावित करती हैं। यहां, हम आपको इन्हीं चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिसका आपको बेबी प्लान करने से पहले ही खास ख्याल रखना होगा।
1. डीएनए
वैसे यह तो हर कोई जानता है कि बच्चा का रंग-रूप काफी हद तक डीएनए पर निर्भर होता है। आपके और आपके पार्टनर के डीएनए के संयोजन से ही बच्चे का रंग और चेहरे की बनावट निर्धारित होती है (1)। अगर माता-पिता में से एक का रंग गहरा और दूसरे का साफ है, तो बच्चे का रंग व कॉम्पलेक्शन मिक्स हो सकता है।
2. ट्रैवल रूटीन
मां का ट्रैवल रूटीन भी बच्चे के रंग को प्रभावित कर सकता है। अधिक हवाई, बस व कार यात्रा करने से मां की ही तरह बच्चा भी प्रदूषण और हानिकारक किरणों की चपेट में आता है। इससे बच्चे का रंग व लुक्स प्रभावित हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह पर सभी बचाव के साथ ही यात्रा की जाए, तो बेहतर होगा।
3. कैफिन की मात्रा
कई लोग मानते हैं कि गर्भावस्था में चाय व कॉफी में मौजूद कैफिन की मात्रा अधिक होने से बच्चे के रंग पर असर पड़ सकता है। हालांकि, रंग पर असर पड़े या नहीं, लेकिन कैफिन की अधिकता बच्चे की लंबाई को प्रभावित जरूर कर सकती है। इसके सेवन से बच्चे का बर्थवेट कम होता है, जिस कारण बच्चा पतला व कद में छोटा पैदा हो सकता है (2)।
4. सूरज की किरणें
धूप से मिलने वाला विटामिन-डी मां और बच्चे दोनों के लिए आवश्यक होता है। इसी वजह से थोड़े समय के लिए धूप में निकलकर बैठ सकते हैं। रोजाना की धूप बच्चे की हड्डी के विकास और मजबूती बनाए रखने में मदद करेगी (3)। धूप से मिलने वाले विटामिन-डी की कमी की वजह से वर्थ वेट कम हो सकता है, इसलिए सुबह की धूप में निकलने से झिझके नहीं (4)। ध्यान रहे कि विटामिन-डी के लिए सुबह-सुबह की धूप सही होती है।
5. शराब
डॉक्टर गर्भावस्था में शराब पीने से महिला को मना करते हैं। माना जाता है कि शराब बच्चे के पूरे स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती है। अधिक मात्रा में शराब पीने वाली महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चे अल्कोहल सिंड्रोम से ग्रस्त हो सकते हैं। इसकी वजह से बच्चे के होठ पतले व आंखें छोटी हो सकती हैं (5)।
6. फिटनेस और स्वस्थ खाना
बच्चे पर मां की फिटनेस और खाने का भी असर पड़ता है। स्वस्थ मां के शिशु के चेहरे पर चमक रहती है और वो स्वस्थ होता है। वहीं, खाने में अगर मां पौष्टिक आहार का सेवन कर रही हैं, तो बच्चे के लिए अच्छा होता है। बादाम, चुकंदर, सेब, सूखा नारियल व केसर का सेवन कर सकते हैं। ये सभी आहार बच्चे के रंग को साफ करने में मदद कर सकते हैं।
तो ये थीं वो बातें, जो बच्चे के रंग-रूप को प्रभावित कर सकती हैं। आशा करते हैं कि आप इस लेख की मदद से और जागरूक हो गए होंगे। तो बस बिना देर किए यहां बताई गई अच्छी आदतों को अपनाएं और बच्चे की सेहत को प्रभावित करने वाली चीजों को बाय-बाय कह दें।
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