इन रोचक मिथक से कयास लगाएं कि बेटा होगा या बेटी
In This Article
महिला के गर्भवती होते ही घर के बड़े-बुजुर्ग अनुमान लगाना शुरू कर देते हैं कि बेटा होगा या बेटी। इसका दावा वो गर्भवती महिला में नजर आने वाले कई लक्षणों के आधार पर करते हैं। अब उनका यह अनुभव कितना सही या गलत होता है, वो तो 9 माह बाद पता चलता है, लेकिन इतना तय है कि ये सभी अनुमान मिथक से ज्यादा कुछ नहीं हैं। साथ ही इनका कोई वैज्ञानिक आधार भी नहीं है, लेकिन ऐसे कयासों से गर्भावस्था का काल महिला के लिए रोचक जरूर हो जाता है। हम यहां कुछ ऐसे ही मिथकों के बारे बता रहे हैं, जिनका मॉमजंक्शन समर्थन नहीं करता है।
1. पेट का आकार
गर्भावस्था के समय पेट गोलाकार और ऊपर उठा होने को लड़की होने का संकेत माना जाता है। वहीं, महिला का पेट भारी और नीचे की ओर झुका हुआ हो, तो गर्भ में लड़के की मौजूदगी के लक्षण के तौर पर देखा जाता है।
2. भूख लगना
ऐसा माना जाता है कि बेटे के पैदा होने के समय में महिलाएं बहुत ज्यादा खाती हैं। वहीं, जब लड़की गर्भ में होती है, तो महिला सामान्य मात्रा में खाती है।
3. दिल की धड़कन
गर्भ में पल रहे बच्चे की दिल की धड़कन से भी पैदा होने वाले बच्चे का अनुमान लगाया जा सकता है। लड़का होने पर माना जाता है कि हार्ट रेट 120–140 bpm होती है। वहीं, लड़की होने पर दिल 140-160 प्रति मिनट धड़कता है। हालांकि, बच्चे की पहचान की यह तकनीक वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक मां की इंट्यूशन से अधिक कुछ नहीं है (1)।
4. वजन
महिला का वजन भी लड़का या लड़की होने का संकेत दे सकता है। एक स्टडी के मुताबिक, गर्भावस्था में महिला का कम वजन होना गर्भ में बेटी के होने का लक्षण हो सकता है। वहीं, अगर महिला का वजन अधिक है, तो यह माना जा सकता है कि गर्भ में लड़का पल रहा है (1)। चाहे जो भी हो, यह भी एक प्रकार का मिथक ही है।
5. क्रेविंग
प्रेगनेंसी में क्रेविंग का होना सामान्य बात है। माना जाता है कि जब गर्भ में लड़का होता है, तो महिला को चटपटी व नमकीन चीजें खाने का ज्यादा मन करता है। वहीं, गर्भ में अगर लड़की है, तो महिला को मीठी चीजें (मिठाई या चॉकलेट) खाने की इच्छा हो सकती है।
ये थे वो लक्षण जिनका अनुभव गर्भवती महिला कर सकती हैं। वैसे ये लक्षण हर महिला में भिन्न भी हो सकते हैं। इसी वजह से कहा जाता है कि मां का बच्चे के लिंग के बारे में अपने अनुभव से पता लगाना एक सिक्के को उछालने जैसा होता है। इसी वजह से बच्चे के लिंग के बारे में सोचने से ज्यादा खानपान और अपनी देखभाल पर ध्यान देना जरूरी है। ऐसा करने से शिशु स्वस्थ रहेगा और तय समय पर उसके इस दुनिया में आते ही आप जान जाएंगी कि वो बेटा है या बेटी। साथ ही एक बात और जन्म पूर्व लिंग की जांच करवाना गैर कानूनी है।
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.