दिवाली स्पेशल: बिन पटाखे यूं मनाएं दिवाली

Written by , MA (Mass Communication) Aviriti Gautam MA (Mass Communication)
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‘दिवाली’, यह शब्द सुनते ही मन में क्या-क्या चीजें आती हैं, दीया-मोमबत्ती, रंगोली, मिठाइयां, खूब सारी रोशनी और पटाखों का शोर। बीते कुछ सालों से दिवाली दीयों से ज्यादा पटाखों का त्योहार लगने लगा है। हाल तो ऐसा है कि दिवाली के कई दिनों बाद तक पर्यावरण में पटाखों का असर नजर आता है। कई शहरों में तो प्रदूषण इतना अधिक होता है कि चारों ओर कोहरे के समान धुआं दिखता है। इसलिए, यही वक्त है संभलने का। क्यों न इस बार कोरोना के साथ-साथ पटाखों के नुकसान से भी खुद को बचाया जाए। तो इस आर्टिकल से न सिर्फ पटाखों के नुकसान, बल्कि बिना पटाखे दिवाली मनाने के टिप्स भी जानें।

सबसे पहले पटाखे न जलाने के कारणों पर ध्यान दें।

क्यों पटाखे नहीं जलाने चाहिए?

पटाखे न जलाने के एक नहीं बल्कि कई कारण हैं, जो कुछ इस प्रकार हैं:

  1. वायु प्रदूषण : हम हर साल लाखों रुपये के पटाखे खरीदते हैं और रात भर में उसे जलाकर कर खत्म कर देते हैं, लेकिन उससे होने वाले नुकसान के बारे में नहीं सोचते हैं। दरअसल, इन पटाखों में कई प्रकार के केमिकल होते हैं, जो हवा को प्रदूषित कर सकते हैं। यह प्रदूषित हवा सांस लेते वक्त हमारे अंदर जाती है, जिससे कई तरह की बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
  1. ध्वनि प्रदूषण : दिवाली के दौरान जलाए जाने वाले पटाखे सिर्फ हवा को ही दूषित नहीं करते हैं, बल्कि ध्वनि प्रदूषण को भी बढ़ावा देते हैं। पटाखों से निकलने वाली तेज आवाज से मनुष्य के साथ-साथ पशु-पक्षियों का जीवन भी प्रभावित हो सकता है। तेज या अचानक आवाज के कारण पशु-पक्षियां इतना डर जाते हैं कि कभी-कभी तो उनकी मृत्यु भी हो जाती है। इसलिए, पटाखों के उपयोग पर अंकुश लगाना जरूरी है।
  1. जलने का जोखिम : पटाखे बच्चों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे उनके हाथ-पांव जलने का खतरा बना रहता है। हाथों में पटाखे फटने की घटनाएं हर साल दिवाली में सामने आती हैं। दरअसल, कभी-कभी पटाखों में खराब साम्रगियों का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो समय से पहले ही हाथों में फटने का कारण बन जाते हैं। इसके अलावा, कई बार बच्चे पटाखों को लेकर करतब दिखाने लगते हैं, जैसे – हाथ में ही पटाखे फोड़ना, पटाखे फोड़ते वक्त उसके नजदीक जाना, पटाखे पर कूदना। परिणामस्वरूप बच्चे चोटिल हो जाते हैं।
  1. आग लगने का खतरा : दिवाली के मौके पर कई तरह के पटाखे जलाए जाते हैं। इनमें से कुछ जमीन पर फटने वाले पटाखे होते हैं और कुछ आसमान में। बेशक, ये आसमान में जरूर फटते हैं, लेकिन इसके कुछ अवशेष नीचे गिरते हैं, जिसमें कभी-कभी चिंगारी बची रह जाती है। इससे आग लगने का जोखिम हो सकता है। वहीं, कई बार लोग शीशी में पटाखों को सहारा देकर जलाते हैं। ऐसे में अगर थोड़ी-सी गलती हो, तो यह किसी के घर में भी घुस सकता है, जिससे कोई बड़ा हादसा हो सकता है।

अब सवाल उठता है कि बिना पटाखों के दिवाली कैसे मनाएं, तो इसके तरीके भी यहां बताए गए हैं।

बिना पटाखों के दिवाली मनाने के टिप्स

bina patakho ya crackers ke diwali manane ke tips
Image: Shutterstock
  1. दीयों से सजावट – घर को दीयों और मोमबत्ती से सजाएं। इससे गरीबों के घर में भी पैसे आ जाएंगे और उनकी दिवाली भी चमकेगी। साथ आपके घर में बिजली की बचत भी हो जाएगी। इसके लिए आप घरों में और छतों पर तरह-तरह के दीयों को सजा कर रख सकते हैं। अगर लाइट ज्यादा पसंद है, तो रंगीन लाइट का चुनाव कर सकते हैं।
  1. रंगोली के रंग – दिवाली के मौके पर रंगोली बनाना कैसे भूल सकते हैं। यह तो हमारी पुरानी भारतीय परंपरा रही है। फिर क्यों न इस साल इस परंपरा का पालन किया जाए। घरों में बनी रंगोली दिवाली की चमक को और बढ़ा सकती है।
  1. गरीबों की मदद करें – हर साल दिवाली में लोग लाखों रुपये पटाखों पर बर्बाद कर देते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें इस दिन ढंग का भोजन तक नसीब नहीं होता। इस बार उन रुपयों से किसी गरीब की मदद करके देखिए, इससे आपको ज्यादा खुशी मिलेगी।
  1. फैमिली पार्टी करें- कोरोना वायरस के कारण कई जगह पर वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गई है। इस कारण कई लोग ऐसे होंगे जो सालों बाद दिवाली के मौके पर अपने परिवार वालों के साथ हैं। ऐसे लोगों के लिए दिवाली की खुशियां इस बार दोगुनी होगी। तो ऐसे खास पल को यादगार बनाएं और फैमिली पार्टी का आयोजन करें। बस ध्यान रहे कि पार्टी में घर के ही लोग हों, क्योंकि ये न भूले कि अभी कोरोना का संकट टला नहीं है।
  1. पेड़-पौधे लगाएं- देश भर में प्रदूषण किस कदर बढ़ रहा है, यह तो सभी जानते हैं। अगर हमारी छोटी-सी कोशिश भी उसे कम करने में मदद कर सकती है, तो हमें उससे पीछे नहीं हटना चाहिए। इस दिवाली क्यों न हम सभी एक-एक पौधे लगाएं। इससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिल सकेगी।

पिछले कई सालों से दिवाली बम और पटाखों तक ही सिमट कर रह गई है, लेकिन अब इन टिप्स को फॉलो करके दिवाली की परिभाषा को बदलने का वक्त आ गया है। याद रखें दिवाली दीयों की जगमगाहट का त्योहार है, पटाखों के शोर का नहीं। इसलिए, खूबसूरत दीयों और आकर्षक लाइट को दिवाली का हिस्सा बनाएं और परिवार संग खुशियों की रोशनी वाली दिवाली मनाएं। हमारी तरफ से आप सभी को हैप्पी दिवाली।

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Aviriti Gautam
Aviriti Gautamलाइफस्टाइल राइटर
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