क्या आप जानते हैं फादर्स-किड्स की इन फेमस जोड़ियों के बारे में?
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अगर बच्चे को ‘मां’ की ममता चाहिए तो ‘पिता’ की छाया भी उतनी ही जरूरी है। देखा जाए तो घर में ‘पिता’ की छवि बच्चों के लिए थोड़ी अलग होती है। जहां मां नर्म होती है, वहीं पिता थोड़े कड़क होते हैं, लेकिन यह भी सच है कि पिता का यही स्वभाव बच्चों को तरक्की की राह पर ले जाता है। यहां हम आपको कुछ फादर्स और उनके बच्चों से मिलवा रहे हैं, जिनकी जोड़ी ऑल टाइम फेमस है और रहेगी। किसी ने अपने बच्चे के लिए मुश्किल से मुश्किल जंग लड़ी, तो किसी ने अपने पिता से दो कदम आगे जाकर उनका नाम रोशन किया। इस लिस्ट में कुछ ऐसे नाम भी हैं, जिनसे आप शायद आज तक अंजान हैं।
1. सुनील दत्त-संजय दत्त
इस लिस्ट में सबसे पहली जोड़ी है सुनील दत्त और संजय दत्त की। संजय दत्त की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आएं, लेकिन उनके पिता और बॉलीवुड के मशहूर एक्टर सुनील दत्त ने कभी उनका साथ नहीं छोड़ा। वह अपने अंतिम सांस तक अपने बेटे के लिए ढाल बनकर खड़े रहे। जब बच्चा लड़खड़ाता है, तब वह माता-पिता की उंगली पकड़कर ही संभलता है। कुछ ऐसा ही हुआ संजय दत्त के साथ। मां नर्गिस की मौत के बाद पिता सुनील दत्त ने जैसे उन्हें संभाला और गुनाह के दलदल में धंसने से बचाया, उससे वह महान पिता के उदाहरण के लिए बिल्कुल सटीक हैं। वहीं, संजय दत्त ने अपने पिता की उंगली थामकर और उनके बताए हुए रास्ते पर चलकर देर से ही सही, लेकिन एक बेटे का फर्ज अदा किया। इस पिता-पुत्र की जोड़ी की जितनी तारीफ की जाए कम है।
2. अजीत बजाज-दिया बजाज
हमारी लिस्ट में अगली जोड़ी ‘पिता-पुत्री’ की है। गुरुग्राम के रहने वाले अजीत बजाज और उनकी बेटी दिया बजाज पहली भारतीय जोड़ी है, जिन्होंने ‘माउंट एवेरेस्ट’ पर चढ़ाई कर देश का नाम रोशन किया। अजीत बजाज पहले से ही पद्मश्री से सम्मानित किए जा चुके हैं और अब बेटी के साथ सबसे ऊंचे पहाड़ पर जीत का झंडा फहराने वाले अजीत ने अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज करा लिया है। इन्हें देखते हुए हम कह सकते हैं कि अब वो दिन गए जब बेटियां बोझ होती थीं। आज बेटियां न सिर्फ पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं, बल्कि पिता की जिम्मेदारियां भी बखूबी निभाती हैं।
3. हरिवंश राय बच्चन-अमिताभ बच्चन
शहनशाह बोलो या बोलो सदी का महानायक, अमिताभ बच्चन का नाम लगभग हर जुबां पर रहता है, लेकिन उनकी जुबां पर जिसका नाम रहता है, वो हैं उनके पिता स्वर्गीय ‘हरिवंश राय बच्चन’। मशहूर कवि रह चुके हरिवंश राय बच्चन की ‘मधुशाला’ उनके बेहतरीन संग्रहों में से एक है। कोई भी खास मौका हो, तो अमिताभ बच्चन को उनके पिता और पिता की कविताओं को याद करते हुए देखा गया है। इसमें कोई शक नहीं कि हरिवंश राय बच्चन और अमिताभ बच्चन पिता-पुत्र के आदर्श उदाहरणों में से एक हैं।
4. महावीर सिंह फोगाट-गीता/बबीता फोगाट
बॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म ‘दंगल’ भला किसे न याद है। उसी दंगल की रियल लाइफ पिता-पुत्री की जोड़ी है महावीर सिंह फोगाट और गीता-बबीता। महावीर फोगाट ने साबित किया कि अगर बेटियों को मौका दिया जाए, तो वो बेटों से कम नहीं हैं। जहां लड़कियां पैदा होने के बाद ही उनके शादी की चिंता मां-बाप को सताने लगती है, वहीं इस पिता ने अपने बेटियों को अखाड़े में उतारकर समाज की विचारधारा से उल्ट चलने की ताकत दी। गीता और बबीता ने अपने पिता का खूब नाम रोशन किया है। गीता और बबीता दोनों भारत के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।
5. जवाहर लाल नेहरू-इंदिरा गांधी
फेमस फादर और डॉटर की बात करें, तो राजनीति के दिग्गज जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम जरूर लिया जाएगा। भारत के पहले प्रधानमंत्री और चाचा नेहरू के नाम से चर्चित जवाहर लाल नेहरू और उनकी बेटी इंदिरा गांधी ने राजनीति जगत को एक अलग आयाम दिया। पिता की मृत्यु के बाद उनकी विरासत को आगे बढ़ाते हुए इंदिरा गांधी ने राजनीति की बागडोर संभाली और वह भारत की पहली और एकलौती महिला प्रधानमंत्री बनीं।
6. योगराज सिंह-युवराज सिंह
क्रिकेट दुनिया की ये बाप-बेटे की जोड़ी थोड़ी हटकर है। योगराज सिंह ने अपना करियर बतौर क्रिकेटर ही शुरू किया था, लेकिन उन्हें खास सफलता हासिल नहीं हुई। वहीं, युवराज को क्रिकेट बिल्कुल पसंद नहीं था, लेकिन योगराज के बार-बार कहने पर उन्होंने क्रिकेट खेलना शुरू किया। बेटे के लिए पिता ने दिन-रात मेहनत की और उसे न सिर्फ क्रिकेट जगत का, बल्कि क्रिकेट प्रेमियों का युवराज बना दिया। एक ही ओवर में 6 छक्के लगाने वाले और 2011 वर्ल्ड कप के इस हीरो को भला कौन भूल सकता है।
7. दीपिका पादुकोण-प्रकाश पादुकोण
अगर बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्रियों की अगर बात की जाए, तो दीपिका पादुकोण का नाम तो इसमें होना बनता है। जितनी चर्चित दीपिका पादुकोण हैं, उतने ही फेमस उनके पिता प्रकाश पादुकोण भी हैं। प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन की दुनिया में एक नामचीन हस्ती रह चुके हैं। पद्मा श्री अवार्ड से सम्मानित प्रकाश पादुकोण पहले भारतीय हैं, जिन्होंने ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप जीता था। भले ही बाप-बेटी अलग-अलग फील्ड में हों, लेकिन जब भी फुर्सत के पल मिलते हैं, तो दोनों मैदान में आकर बैडमिंटन पर हाथ जरूर साफ करते हैं। कई बार दीपिका पादुकोण को अपने पिता के साथ बैडमिंटन खेलते हुए कैप्चर किया गया है। बाप-बेटी की ये जोड़ी बेस्ट फ्रेंड से कम नहीं है।
8. पंडित रविशंकर- अनुष्का शंकर
म्यूजिकल लैजेंड और मशहूर सितार वादक पंडित रविशंकर को संगीत की दुनिया का गॉडफादर कहा जाता है। दुनिया भर में भारतीय शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भी इन्हीं को जाता है। उनकी यही कला बेटी अनुष्का शंकर को भी विरासत में मिली और उन्होंने अपने महान पिता से सितार सीखा। पिता-पुत्री की इस मशहूर जोड़ी ने दुनिया भर में कई यादगार परफॉर्मेंस दी हैं।
9. लाला अमरनाथ- मोहिंदर अमरनाथ
लाला अमरनाथ को हमेशा 1933 में भारत का पहला टेस्ट शतक बनाने के लिए याद किया जाता है। वह भारत के पहले सैंचुरियन होने के साथ-साथ स्वतंत्र भारत के क्रिकेट टीम के पहले कप्तान भी थे। लाला अमरनाथ एक बेहतरीन क्रिकेटर थे और उनकी इसी प्रथा को बेटे मोहिंदर अमरनाथ ने आगे बढ़ाया। 1983 वर्ल्ड कप में अपने शानदार प्रदर्शन के लिए याद किए जाने वाले मोहिंदर अमरनाथ अपने पिता की तरह ही बेहतरीन क्रिकेटर रहे। वह 1983 वर्ल्ड कप में ‘मैन ऑफ द सीरीज’ बने और उसके बाद उन्होंने कभी मुड़कर नहीं देखा। जबड़े पर 6 टांके लगने के बावजूद क्रिकेट के मैदान पर उतरने वाले मोहिंदर अमरनाथ ने साबित कर दिया कि पिता की तरह ही उनके अंदर भी क्रिकेट के लिए कितना प्यार और सम्मान है। क्रिकेट उनके रोम-रोम में बसता है।
10. महेश भट्ट-पूजा/आलिया भट्ट
मशहूर फिल्म मेकर महेश भट्ट ने कई सारे हिट फिल्मों का निर्माण किया। महेश भट्ट ने कई एक्टर्स को उनके करियर की शानदार फिल्में देकर बॉलीवुड में अमर कर दिया। उन्हीं के नक्शे कदम पर चलकर उनकी बेटी पूजा और आलिया भट्ट ने भी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाई। जहां पूजा भट्ट शुरुआत में एक्टिंग और बाद में फिल्म मेकिंग में लग गईं। वहीं, आलिया भट्ट ने फिल्म इंडस्ट्री में जबरदस्त शुरुआत करके एक्टिंग झंडे गाड़ दिए। आज आलिया भट्ट की गिनती बॉलीवुड के टॉप एक्ट्रेसेस में होती है।
ये थी प्रसिद्ध पापा-बेटे और बेटियों की जोड़ियां। इन फादर्स ने अपने बच्चों का साथ देकर न सिर्फ उन्हें सही राह पर चलना सिखाया, बल्कि एक जौहरी की तरह अपने बच्चों को तराशा भी। समाज के दायरे और आलोचनाओं को पीछे छोड़ते हुए इन्होंने साबित किया कि वो अपने बच्चों और परिवार के लिए एक बरगद की पेड़ के तरह खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंगे। ये फादर्स किसी सुपरहीरो से कम नहीं हैं और सिर्फ फादर्स डे ही नहीं, बल्कि हर दिन तारीफ के काबिल हैं।
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