5 लक्षण जो बच्चे को पिता से विरासत में मिलते हैं
In This Article
शिशु के जन्म लेते ही, हर कोई उसे देखने के लिए उत्सुक रहता है। नन्हे मेहमान को हाथ में लेते ही रिश्तेदार और दोस्त कहना शुरू कर देते हैं, ‘इसकी नाक मम्मी जैसी है’, ‘इसकी आंखें बिल्कुल पापा जैसी है’, ‘अरे ये तो अपनी मां की तरह हंसता है’ और न जाने क्या-क्या। इसमें तो कोई शक नहीं कि बच्चे अपने माता-पिता का ही छोटा रूप होते हैं। यहां हम इसी मुद्दे पर बात करेंगे। हम बताएंगे कि ऐसी कौन-से 5 लक्षण या विशेषताएं होती हैं, जो बच्चे को अपने पिता से मिलती हैं।
1. हाइट
पुरुष आमतौर पर महिलाओं की तुलना में लंबे होते हैं। अधिकांश शिशुओं को अपने पिता की हाइट मिलती है। भले ही वह पिता की ऊंचाई से मेल न खाता हो, लेकिन मां से ज्यादा लंबा जरूर हो सकता है। खासतौर से अगर बात लड़कों की हो, तो यह ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि लड़के अपने पिता के लंबाई के बराबर या उनसे लंबी हाइट के होते हैं।
2. चेहरा या नैन-नक्श
जैसे-जैसे बच्चे बड़े होने लगते हैं उनके चेहरे का आकार और नैन-नक्श पिता से मेल खाते दिख सकता है। इतना ही नहीं उनकी मुस्कान, आंखों का रंग और हाव-भाव भी उनके पिता की तरह हो सकते हैं, क्योंकि ये वो विशेषताएं हैं, जो उन्हें अक्सर अपने पिता से मिलती हैं।
3. खाने की आदतें
आपको जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन बच्चों में कुछ-कुछ खाने की आदतें भी पिता से मेल खाती हो सकती हैं। अगर पिता को ज्यादा चटपटा पसंद हो या ज्यादा मीठा पसंद हो, तो हो सकता है कि बच्चे में भी वैसे ही टेस्ट हैबिट आ जाए। इसलिए, अगर आपका बच्चा खाने में ज्यादा नखरा कर रहा हो, तो जरा अपनी सासू मां से पूछिए कि बचपन आपके पति के खाने की आदतें कैसी थीं?
4. व्यवहार
कई बार बच्चे में पिता जैसे व्यवहार भी विकसित हो सकते हैं। ध्यान दें कि आपका बच्चा दूसरों के साथ या पूरे दिन घर में किस तरह से व्यवहार कर रहा है। ज्यादा हंसी-मजाक वाला, ज्यादा जिम्मेदार और अपनी चीजों को सही तरीके से रखने वाला, जिद्दी, ज्यादा गुस्सा या चिड़चिड़ाया हुआ या ज्यादा आलसी। हो सकता है इनमें से कुछ आदतें आपके पति में भी हो।
5. स्वास्थ्य
बच्चे का सेहत काफी हद तक उसके पिता से जुड़ा हो सकता है। ऐसे में अगर पिता को कुछ स्वास्थ्य समस्या जैसे – हाई या लो ब्लड प्रेशर, ह्रदय रोग, दमा, डायबिटीज, ओबेसिटी, अल्जाइमर या अन्य परेशानी है, तो बच्चे को भी ऐसा हो सकता है। ये आनुवंशिक बीमारियां हैं (1), (2), (3)। यहां हम आपको डराना नहीं चाहते, बल्कि सावधान करना चाहते हैं। इसलिए, अगर पिता को ऐसी कोई समस्या है, तो बच्चे की सेहत पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इससे बच्चे को इन सभी बीमारियों से बचाया जा सकता है।
बेशक, बच्चे को नैन-नक्श व लक्षण आदि माता-पिता से विरासत में मिलते हैं, लेकिन अच्छा व्यवहार उन्हें सीखने की जरूरत होती है। बच्चे कच्चे मिट्टी की तरह होते हैं, आप उन्हें जिस आकार में ढालेंगे, वो उसी में ढल जाएंगे। इसलिए, माता-पिता का व्यवहार, अच्छा हो या बुरा, उसका बच्चे पर प्रभाव जरूर पड़ता है। अच्छा पालन-पोषण एक कला है, जिसे धैर्य, प्यार और अच्छे विचारों से सीखा जा सकता है। हम आशा करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा।
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.