मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस: दुर्लभ और जानलेवा बीमारी

Written by Arpita Biswas, BA (Mass Communication) Arpita Biswas BA (Mass Communication)
Last Updated on

मेनिनजाइटिस क्या है?

हमारे मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी को मेनिन्जेस नामक झिल्ली ढककर रखती है। यह सुरक्षा परत की तरह काम करती है। मेनिन्जेस के आसपास एक प्रकार का तरल पदार्थ होता है। जब मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के आसपास तरल पदार्थ बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण से प्रभावित होता है, तो यह सूजन का कारण बनता है (1)। हालांकि, मेनिनजाइटिस अन्य संक्रमण, दवाओं और चोट के कारण भी हो सकता है।

मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस – एक भयानक संक्रमण

इनवेसिव मेनिंगोकोकल डिजीज (आईएमडी) एक दुर्लभ, लेकिन भयानक बैक्टीरियल संक्रमण है। यह मुख्य रूप से निसेरिया मेनिंगिटाइट्स के कारण होता है। यह आमतौर पर मस्तिष्क के संक्रमण (मेनिनजाइटिस) या/और खून में संक्रमण (सेप्टिसीमिया या रक्त विषाक्तता) के रूप में होता है। कभी-कभी अच्छे से अच्छा इलाज भी इस बीमारी को ठीक नहीं कर पाता है और कुछ ही घंटों में मरीज की मौत हो जाती है। इतना ही नहीं अगर इस बीमारी के बाद व्यक्ति बच भी जाए, तो इसकी पीड़ा उसे व उसके परिवार को जिंदगी भर झेलनी पड़ती है (2)। साथ ही पूरे समाज पर भी आर्थिक रूप से इसका असर साफ नजर आता है (3)।

इस बीमारी का पहले से अंदाजा लगाना मुश्किल होता है और यह विश्वभर में किसी को भी, किसी भी उम्र में अपनी गिरफ्त में ले सकती है। हालांकि, कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो इसका आसानी से शिकार बन जाते हैं। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं, जिसमें इस संक्रमण ने अपने शुरुआती लक्षण के साथ मात्र 24 घंटे में ही व्यक्ति की जान ले ली है (4)।

भारत जैसे विकासशील देश की बात करें, तो यहां पिछले 10 वर्षों में मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस के 50 हजार से ज्यादा मामलों की पहचान की गई है, जबकि 3 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है (5)।

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बीमारी से ग्रसित 10 में से 1 व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पड़ी है। वहीं, 10 से 20 प्रतिशत मरीजों को मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस के घातक परिणामों, जैसे बहरापन, सर्जिकल कट (शरीर के किसी अंग को काटकर निकाल देना) शरीर पर गहरे निशान और ब्रेन डैमेज से जूझना पड़ा है (6) (7)।

कोई भी हो सकता है इससे संक्रमित

मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस दुनिया में कहीं भी और किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपना शिकार बना सकता है। मुख्य रूप यह पांच साल से कम उम्र के बच्चों, किशोरों और युवाओं को प्रभावित करता है। यह संक्रमण जोखिम कारकों के पहचान में आए बिना स्वस्थ व्यक्तियों को भी अपनी चपेट में ले सकता है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि अधिक उम्र के व्यस्कों में इस संक्रमण के ज्यादा मामले देखे गए हैं (8)।

अधिक जोखिम के कारणों में ये शामिल हैं :

  • किसी समूह में रहना (जैसे सैन्य कर्मियों व कॉलेज छात्रों का एक साथ रहना) या फिर मक्का के लिए हर वर्ष होने वाली सामूहिक हज यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों में शामिल होना (9)।
  • एचआईवी संक्रमण / एस्पलेनिया / कमजोर इम्यून सिस्टम या फिर इम्युनोग्लोबुलिन में कमी जैसी चिकित्सीय परिस्थितियों में भी यह रोग हो सकता है।
  • उप-सहारा अफ्रीका जैसे मेनिनजाइटिस प्रभावित क्षेत्र की यात्रा करने से भी आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं (9)।

मेनिनजाइटिस से बचने के लिए सभी प्रकार के टीके दिए जाते हैं

मेनिनजाइटिस एक गंभीर बीमारी है, जो बैक्टीरिया, वायरल या/और अन्य कारणों से होती है। दुर्भाग्य से इन सभी के लिए टीकाकरण उपलब्ध नहीं है (10)।

फिलहाल, बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस के 3 प्रमुख कारणों के खिलाफ टीकाकरण उपलब्ध है। ये प्रमुख कारण निम्न हैं :

  • स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया, जो न्यूमोकोकल मेनिनजाइटिस का कारण बनता है।
  • हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी, जो हीमोफिलस मेनिनजाइटिस का कारण बनता है।
  • निसेरिया मेनिंगिटाइड्स, जो मेनिंगोकोकल का कारण बनता है।

अपने शिशु को बैक्टीरियल मेनिनजाइटिस के इन 3 प्रमुख कारणों से बचाने के लिए बाल रोग विशेषज्ञ से चर्चा करें और उनकी सलाह लें।

मेनिनजाइटिस के खिलाफ एकजुटता

जिस प्रकार से मेनिंगोकोकल मेनिनजाइटिस का खतरा ज्यादा है, उसके मुकाबले समाज में इसे लेकर जागरूकता कम है। इस जानलेवा बीमारी की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान में सभी का योगदान जरूरी है। उसके लिए सोशल मीडिया पर इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें, ताकि हम सभी मिलकर इस जानलेवा बीमारी से निपट सकें।

यह लेख सनोफी पेस्ट्यूर की तरफ से जनहित में जारी किया गया है।

Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown

Community Experiences

Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.

Arpita Biswas
Arpita Biswasब्यूटी एंड लाइफस्टाइल राइटर
.

Read full bio of Arpita Biswas
Latest Articles