रोते हुए बच्चे को चुप कराने के ये तरीके भी हैं कमाल के
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बच्चे कोमल होते हैं और मन से भी संवेदनशील होते हैं। छोटी-छोटी बातों पर ही रोने लगते हैं। उन्हें चुप कराने के लिए माता-पिता अक्सर यही कहते हैं ‘रो मत’, ‘चुप हो जाओ’ ‘ऐसे रोते नहीं हैं’। इसका नतीजा यह होता है कि बच्चे चुप होने की जगह ज्यादा रोने लगते हैं। इसलिए, जरूरी नहीं कि हर बार ऐसा कुछ बोलने से ही बच्चे चुप हो जाएं। बच्चों को जरूरत होती है प्यार की और ‘रो मत’ कहने से बेहतर कुछ ऐसा करने की है, जिससे बच्चे आराम से चुप हो जाएं। यहां हम ऐसे ही कुछ टिप्स की बात कर रहे हैं, जो आपके रोते हुए बच्चे को शांत कराने के काम आ सकते हैं।
- ‘क्या हुआ बच्चा? क्या आपने खुद को चोट लगा ली?’ – अगर बच्चा रोता है, तो सबसे पहले यह सवाल पूछकर उसके रोने का कारण जानने की कोशिश करें।
- ‘बेबी सब ठीक है, मम्मी आ गई है न। मम्मी सब ठीक कर देगी आप बताओ क्या हुआ?’ – हो सकता है आपका बच्चा उसके रोने के कारण को बताने में थोड़ा वक्त लगाए या हिचकिचाए, तो ऐसे में आप उन्हें तसल्ली देने के लिए ऐसा कह सकते हैं।
- ‘आपको यहां नहीं रहना, कोई बात नहीं, बोलो कहां जाना है, आपको जहां जाना है हम चलेंगे।’- ऐसा कहने से उन्हें लगेगा कि आप उनकी पसंद-नापसंद का ख्याल रखती हैं।
- ‘क्या हुआ बेटा, मैं हेल्प कर देती हूं’ या ‘आप बाहर अपने दूसरे दोस्तों के साथ जाकर क्यों नहीं खेलते हैं।’ – अगर आपका बच्चा खेल-खेल में किसी चीज को बार-बार करने की कोशिश कर रहा है और वो उसे नहीं कर पा रहा और चिड़चिड़ा हो रहा है, तो ऐसे में आप उन्हें सहयोग देने के लिए ऐसा कह सकती हैं।
- ‘अरे! आप तो शेर बेटा या बेटी हो, अब जल्दी से स्ट्रॉन्ग बॉय या गर्ल की तरह उठकर आंसू पोछों और एक बड़ी सी स्माइल करो’- अगर आपका बच्चा साइकिल सीखते वक्त गिर जाए या किसी रेस या अन्य चीज में जीत न सके, तो आप उन्हें ऐसा कहकर उनके स्पोर्टिंग स्पिरिट को बढ़ावा दे सकते हैं।
- अगर आपको अपनी गलती का एहसास है, तो अच्छी बात है। जरूरी यह है कि आपको इस बात का एहसास है। ‘- कई बार बच्चे गलती करने के बाद गिल्टी फील करने से भी रोते हैं। ऐसे में आप उन पर गुस्सा होने के बजाय उन्हें समझाने के लिए ऐसा कह सकती हैं।
- ‘कैसा रहा आपका दिन? क्या मैं आपके साथ थोड़ी देर बैठूं?’ – हो सकता है आपके बच्चे का दिन स्कूल में अच्छा न गया हो और वो घर आते ही चिड़चिड़ा होकर रो लगे। ऐसे में आप उन पर गुस्सा करने और उन्हें चुप रहने के लिए बोलने के बजाय, उन्हें ये शब्द कहें।
- ‘आपको डरने की जरूरत नहीं है बेबी, मम्मी-पापा यहीं है’- हो सकता है है आपका बच्चा कोई बुरा सपना देख के डर गया हो। यह भी हो सकता है कि वो किसी कुत्ते या बिल्ली को देख डर गया हो, तो ऐसे में आप उन्हें अपने होने का एहसास दिलाकर उनका डर दूर कर सकते हैं।
- ‘क्यों न आपको आपकी फेवरेट आइसक्रीम खिलाई जाए’- कई बार बच्चे भीड़ में बहुत ज्यादा परेशान हो जाते हैं। खासतौर पर जब मम्मी-पापा उन्हें अपने साथ शॉपिंग पर ले जाते हैं। ऐसे में उनके चिड़चिड़ाहट को कम करने के लिए एक छोटी-सी आइसक्रीम ट्रीट तो बनती है। आइसक्रीम ट्रीट न सही, तो इसकी जगह उन्हें कुछ और खिला सकते हैं।
- ‘अगर आप मम्मी-पापा को नही बताएंगें, तो हम आपकी हेल्प कैसे करेंगे’- कई बार बच्चे इतना डर जाते हैं या किसी बात से इतना दुखी हो जाते हैं कि वो कुछ बताना नहीं चाहते हैं। ऐसे में आप उन्हें तसल्ली दिलाएं कि वो आप पर भरोसा कर सकते हैं। आप उनकी बात और परेशानी को सुनेंगे और समझेंगे।
- ‘चलो, आज हम आपके साथ खेलते हैं’- कई बार जब बच्चे किसी कारणवश अपने दोस्तों के साथ खेल नहीं पाते हैं, तो वो उदास होकर रोना शुरू कर देते हैं। ऐसे में माता-पिता उन्हें ये भरोसा दिला सकते हैं कि वो अकेले नहीं है। माता-पिता भी उनके दोस्त हैं।
- ‘मुझे पता है आप कर सकोगे, अगर आप नहीं भी कर पाए, तो भी मम्मी-पापा आपको उतना ही प्यार करेंगे’- कई बार बच्चे एग्जाम के वक्त अपने मार्क्स को लेकर चिंतित रहते हैं। ऐसे में उन पर दबाव डालने की जगह आप उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए ऐसा कह सकते हैं।
- ‘क्यों न आप मम्मी-पापा को एक प्यारी सी झप्पी दें’- अगर किसी घर में मम्मी-पापा दोनों वर्किंग हैं, तो काम से आने के बाद बच्चे को एक टाइट हग देना और उनके साथ वक्त बिताने के लिए आप ऐसा कह सकते हैं। इसके साथ ही आप उनसे उनके पूरे दिन का रूटीन भी पूछ सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता सकते हैं।
माता-पिता होने के नाते आप अपने बच्चों की आदतों और उनकी भावनाओं को अच्छे से समझते हैं। ऐसे में आपकी थोड़ी सहानुभूति आपके बच्चों को तनावपूर्ण परिस्थितियों से निपटने में मदद कर सकती है। इसलिए, अगली बार जब आपका बच्चा रोए, तो आप जानते हैं कि आपको क्या करना है।
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