संयुक्त परिवार के इन फ़ायदों को न करें नज़रअंदाज़
In This Article
हर इंसान परिवार के बिना अधूरा होता है। एक परिवार ही किसी बच्चे को बड़े होने तक सहारा देता है और बड़े होने के बाद उसे योग्य व्यस्क बनाता है। बचपन से बूढ़े होने तक परिवार किसी भी इंसान की ज़रूरत होती है। हालाँकि आजकल परिवार की परिभाषा थोड़ी बदलती नज़र आ रही है। एक समय था जब लगभग हर कोई संयुक्त परिवार में रहता था लेकिन आजकल संयुक्त परिवार का अस्तित्व ख़त्म होता जा रहा है। बदलते दौर के साथ कई चीज़ें बदल रहीं हैं और इन्हीं सब बदलाव में एकल परिवार, संयुक्त परिवार की जगह लेने लगा है।
आजकल घर के बेटे, शादी के बाद, माता-पिता से अलग रहने लगते हैं। कभी दूसरे शहर में काम करने की वजह से तो कभी स्वतंत्र रहने की इच्छा से। अब कारण कुछ भी हो लेकिन सच यह है की लोग संयुक्त परिवार के फ़ायदों को भूलकर अकेले रहना ज़्यादा पसंद करते हैं। आज इस लेख में हम संयुक्त परिवार में रहने के कुछ फायदे आपके साथ साझा कर रहे हैं।
१. बुज़ुर्गों का साथ और आशीर्वाद
घर के बड़े-बुज़ुर्ग अच्छे मार्ग-दर्शक होते हैं। परिवार में किसी को कोई परेशानी, मानसिक तनाव या उलझनें हों तो घर के बड़े उन्हें सही रास्ता दिखाते हैं। अपने अनुभव से वो छोटों को जीवन का वो ज्ञान देते हैं जो किसी भी क़िताब में ढूंढने से नहीं मिलता। वहीं अगर उनका साथ और आशीर्वाद बना रहे तो हर काम आसान हो जाता है। किसी भी नये काम को शुरू करने के लिए बड़ों का आशीर्वाद साथ रहना अच्छा है।
२. सभी लोग सुख-दुःख में होते हैं साथ
संयुक्त परिवार में रहने वाले किसी भी व्यक्ति को अगर कोई शारीरिक, आर्थिक या मानसिक परेशानी हो तो उसकी मदद के लिए परिवार का हर सदस्य आगे आता है। पूरा परिवार एकजुट होकर साथ खड़ा होता है। कोई बीमार हो तो परिवार का हर सदस्य उसकी सेवा में लग जाता है और हर ज़रूरत को पूरा करता है। हर पर्व-त्यौहार को परिवार के सब सदस्य मिलजुल कर मनाते हैं।
३. बाँटना सिखाता है
संयुक्त परिवार में चीज़ों को बाँटना सिखाया जाता है। कहते हैं बाँटने से प्यार बढ़ता है और यही बात संयुक्त परिवार पर काफ़ी हद तक लागू होती है। अगर किसी को पैसे की कमी हो तो घर का दूसरा सदस्य अपनी तरफ से मदद करता है। बच्चे शुरुआत से ही अपने खिलौने, पेंसिल, कलम और खानें की चीज़ों को आपस में बाँटना सीखतें हैं।
४. काम में मिलती है मदद
संयुक्त परिवार में भले ही लोग ज़्यादा हों लेकिन जब बात आती है घर के काम की तो हर कोई मिलजुल कर काम करता है। रसोई का काम महिलाएँ आपस में बाँट लेती हैं। अगर घर में कोई समारोह हो तो महिलाएँ एक-दूसरे की मदद करती हैं। इसके अलावा छोटे-छोटे कामों को भी घर के सदस्य मिलजुल कर करते हैं।
५. बच्चे सीखते हैं अच्छी बातें
संयुक्त परिवार में रहने वाले बच्चे शुरुआत से शिष्टाचार सीखते हैं। लोगों के साथ विनम्र होकर बात करना, बड़ों को आदर देना, छोटों को प्यार देना शुरू से ही सिखाया जाता है। बच्चों को लाड़-प्यार के साथ-साथ सही मार्ग-दर्शन भी मिलता है। इसके अलावा अगर माता-पिता बच्चों को छोड़कर कहीं जाते हैं तो उन्हें ये तसल्ली होती है कि घर पर बच्चों का ध्यान रखने के लिए कोई मौजूद है। जिन बच्चों के माता-पिता बाहर काम करते हैं उन बच्चों का अकेलापन भी संयुक्त परिवार में दूर होता है। माता-पिता के काम पर जाने के बाद, बच्चों का ध्यान रखने और उनके साथ खेलने के लिए कोई न कोई मौजूद होता है।
६. घर की सुरक्षा
संयुक्त परिवार में रहने से घर की सुरक्षा की चिंता काफ़ी हद तक कम होती है। कई बार जब एकल परिवार घर से दूर, दूसरे शहर में छुट्टियाँ मनाने जाते हैं तो उन्हें घर की चिंता होती है। घर में चोरी हो गई तो! गैस सही से बंद किया था या नहीं? कमरे की लाइटें बंद की थी या नहीं? और कई ऐसी बातें मन में चलती हैं। हालाँकि संयुक्त परिवार में रहने वाले लोगों को ये चिंताएं नहीं होती हैं। लोगों को राहत रहती है कि घर का ख़याल रखने के लिए कोई है। इसके अलावा जब चाहे तब फ़ोन करके घर और परिवार के लोगों का हालचाल पूछ सकते हैं।
इन छोटी-छोटी लेकिन महत्वपूर्ण बातों की वजह से ही आज भी संयुक्त परिवार लोगों के लिए अच्छा है। भले ही आजकल कई लोग एकल परिवार में रहते हैं लेकिन कभी न कभी उन्हें संयुक्त परिवार की कमी खलती है। परिवार छोटा हो या बड़ा, हर मायने में लोग अपने परिवार के बिना अधूरे हैं।
Community Experiences
Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.