क्या सेकंड प्रेगनेंसी बचा सकती है टूटती शादी?

Written by Soumya Vyas Soumya Vyas
Last Updated on

In This Article

शादी के शुरुआती दिन सबसे खूबसूरत होते हैं, लेकिन कुछ वर्षों के बाद प्यार की जगह तनाव कब जगह ले लेता है, पता ही नहीं चलता। बेबी होने के बाद पति-पत्नी की जगह मां-बाप की जिम्मेदारी निभाना जरूरी हो जाती है। इस कारण से भी दोनों के बीच की दूरियां और बढ़ने लगती हैं। फिर ढेर सारा रोमांस, घूमना-फिरना, बिना किसी अवसर के तोहफों का सिलसिला मानो गुजरे जमाने का हिस्सा रह जाता है। ऐसे में कुछ लोग सलाह देते हैं कि दूसरा बेबी प्लान करने से खोया प्यार वापस आ सकता है। क्या सच में ऐसा होता है? यह सलाह कितनी कारगर होती है, आइए जानते हैं।

  1. अगर आपको लगता है कि आप दोनों के बीच का चार्म खत्म हो गया है, तो घर में आया नया मेहमान आप दोनों को फिर दोबारा करीब लाने में मदद कर सकता है। कुछ मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि दूसरे शिशु के आने की सूचना मिलने से पति-पत्नी एक-दूसरे के भेदभाव को भूलकर भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं। इससे खोया हुआ प्यार फिर से पाया जा सकता है।
  1. पहले भी गर्भवती होने के कारण इस बात को तो आसानी से समझा जा सकता है कि इस दौरान हर गर्भवती महिला को मानसिक और शारीरिक बदलावों का सामना करना पड़ता है। हम याद दिला दें कि इस दौरान महिलाओं में मूड स्विंग्स होना आम बात है और अगर पति-पत्नी के बीच पहले से ही हालात ठीक नहीं चल रहें, तो हो सकता है इस मूड स्विंग के चलते फिर से झगड़ा शुरू हो जाए।
Which can also affect the health of the unborn child.
Image: Shutterstock
  1. पति-पत्नी के बीच लड़ाइयां मानसिक तनाव का कारण बन सकती हैं। वहीं, अगर गर्भधारण के बाद भी घर का माहौल तनावपूर्ण रहता है, तो यह गर्भवती के लिए स्ट्रेस का कारण बन सकता है। इस विषय पर किए गए रिसर्च में यह साबित हुआ है कि इस दौरान अधिक स्ट्रेस लेने से महिला को सिरदर्द, भूख और नींद की कमी जैसी समस्याएं हो सकती है, जिससे गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत पर भी असर पड़ सकता है (1)।
  1. जहां एक ओर नन्हा मेहमान पति-पत्नी के बीच की दूरियां कम करने में मदद कर सकता है, वहीं उसकी अपनी भी कुछ डिमांड होती हैं। कुछ मामलों में यह माना जाता है कि दो बच्चों की एकसाथ देखभाल में नींद पूरी नहीं हो पाती और दिनभर के दूसरे कामों की थकान के कारण चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। इससे झगड़े कम होने की जगह बढ़ सकते हैं।
  1. साथ ही हर मियां-बीवी को यह समझना भी जरूरी है कि दोनों के बीच प्यार क्यों कम हुआ। उस वजह को समझकर उस पर बात करना और आपस में एक दूसरे की बात सुनने की कोशिश करें। उसके बाद इस बारे में बात करें कि आप एक और बच्चा इसलिए करना चाहते हैं, क्योंकि आप उसके लिए तैयार हैं या सिर्फ इसलिए, क्योंकि आपको शादी को बचाना है। इन पहलुओं पर गौर करने के बाद आपको खुद-ब-खुद जवाब मिल जाएगा कि दूसरे बेबी की जरूरत है या नहीं।

टूटती शादी को बचाने के लिए दूसरे बच्चे से ज्यादा दोनों के बीच की समझदारी का परिपक्व होना जरूरी है। एक रिश्ता तभी मजबूत रहता है, जब उसमें ट्रांसपेरेसी और कम्यूनिकेशन गैप न हो। वैसे कहा भी जाता है कि शादी में दोनों को अपने-अपने हिस्से की समझदारी दिखाना जरूरी है। अगर कोई एक इसमें चूक करे, तो दूसरे को उसके हिस्से की समझदारी दिखानी चाहिए। इसी नींव पर पति-पत्नी का रिश्ता टीका रहता है।  इसलिए, दूसरे बच्चे की प्लानिंग से पहले इन सभी बातों पर गौर करना जरूरी है।

Was this article helpful?
thumbsupthumbsdown

Community Experiences

Join the conversation and become a part of our vibrant community! Share your stories, experiences, and insights to connect with like-minded individuals.

Latest Articles