स्किन क्राफ्ट के “Iammytype” ने बदले खूबसूरती के मायने

Written by , MA (Journalism) Mona Narang MA (Journalism)
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“वो रंग में सांवली है। उस लड़की का ड्रेस सेंस बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। पता नहीं वो क्यों इस तरह का मेकअप करती है और हेयर स्टाइल बनाती है।” उफ्फ, क्या कुछ नहीं कहा जाता लड़कियों को। ये बातें घर से लेकर ऑफिस तक महिलाओं का पीछा नहीं छोड़ती हैं। आखिर ऐसा क्यों? इन्हें किसने हक दिया किसी के रंग-रूप और पहनावे पर सवाल उठाने का? जरूरत लड़कियों को दूसरों के कहने पर खुद को बदलने की नहीं, बल्कि ऐसे लोगों की सोच को बदलने की है। बस इसी सोच को बदलने का जिम्मा लिया है, भारत के पहले AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से युक्त हेयर केयर एंड ब्यूटी ब्रांड स्किन क्राफ्ट ने। डर्मेटोलॉजिकली प्रमाणित इस ब्रांड ने हाल में सोशल मीडिया पर “Iammytype” कैंपेन शुरू करके एक ऐड भी रिलीज किया है, जिसकी हर कोई सराहना कर रहा है।


इस फिल्म में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार रूढ़िवादी सोच को तोड़ने की जरूरत है। हर महिला को आजादी से जीने का हक है। आखिर ये बंदिशें महिलाओं पर ही क्यों लागू होती हैं। हम आधुनिक जमाने में जीने की बात तो करते हैं, लेकिन क्या हमारी सोच आधुनिक हो सकी है? आज भी महिलाओं को अपनी मर्जी के कपड़े पहनने की आजादी नहीं है। अगर लड़की बाल छोटे करवा ले, तो घर में बवाल मच जाता है। रंग गोरा नहीं है, तो तमाम तरह के ताने सुनने को मिलते हैं। लिन प्रोडक्शन के बैनर तले बने इस ऐड में कुछ ऐसे ही कानों को चुभने वाले मुद्दों को उठाया गया है।

स्किन क्राफ्ट के को-फाउंडर और सीईओ चैतन्य नल्लान “Iammytype” कैंपेन को क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखते हैं। उनका कहना है कि हम लकीर के फकीर बने नहीं रह सकते। जब हर किसी की जरूरत अलग है, तो उसका समाधान भी अलग ही होना चाहिए। बस स्किन क्राफ्ट इसी कॉन्सेप्ट पर काम कर रहा है। हमारा प्रयास यही है कि हर महिला को उसकी स्किन और बालों के अनुसार ही उत्पाद दें। इस काम में हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ले रहे हैं। AI को शुरू करने के पीछे दो कारण थे। पहला तो यह कि महिलाओं को इस उलझन से बाहर निकालना कि उनकी स्किन और बालों के लिए कौन-सा प्रोडक्ट सबसे अच्छा है। दूसरा, स्किनकेयर उत्पादों को उनके अनुकूल बनाना। हमारा मानना है कि हर किसी की त्वचा खास होती है। ऐसे में जरूरी है कि हर महिला की समस्या के समाधान पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

इस ऐड को डायरेक्ट करने वाले आलोक शेट्टी का कहना है कि स्किन क्राफ्ट के AI कॉन्सेप्ट ने हमें बहुत प्रभावित किया था। हम इस कॉन्सेप्ट को और स्किन क्राफ्ट की सोच को सभी के सामने लाना चाहते थे। काफी मंथन के बाद हमें यह ऐड बनाने का विचार आया। इस ऐड को बनाते समय हमारी कोशिश यही थी कि अन्य विज्ञापनों के उलट इसमें स्किन क्राफ्ट के यूएसपी को बारीकी से दिखाया जाए, ताकि सभी को समझ आ सके कि क्यों इस कंपनी की सोच सभी से अलग है।

यहां हम बता दें कि स्किन क्राफ्ट AI का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिक तरीके से लोगों की त्वचा और बालों से जुड़ी समस्याओं को सुलझाता है। इस साइट पर जाते ही आपसे कुछ सवाल पूछे जाते हैं। इन सभी सवालों के जवाब देते ही आपकी त्वचा और बालों को किस तरह के प्रोडक्ट की जरूरत है, उसकी पूरी लिस्ट आपके सामने आती है। यहां हम स्पष्ट कर दें कि ये सभी प्रोडक्ट त्वचा व आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की देखरेख में बनाए जाते हैं। इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों के तहत बनाया जाता है। ये सभी उत्पाद फैथलेट्स, पैराबेंस व एसएलएस जैसे हानिकारक रसायन से मुक्त होते हैं।

कहा भी जाता है कि इंसान सूरत से नहीं सीरत से पहचाना जाता है। बात छोटी-सी है, लेकिन सच्चाई से भरी है और इसे “Iammytype” कैंपेन काफी हद तक सही भी साबित करता है। इसलिए, किसी के रंग-रूप पर बहस करने की जगह उसके गुण पर गौर किया जाए, तो इस एक कदम से बेहतर समाज का निर्माण किया जा सकता है। उम्मीद करते हैं कि इस ऐड ने आपको भी कहीं न कहीं प्रभावित जरूर किया होगा। फिर देर किस बात की, आज ही अपना शॉर्ट वीडियो बनाएं व “Iammytype” की अपनी स्टोरी सोशल मीडिया पर शेयर करें और हमें टैग करना न भूलें।

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Mona Narang
Mona Narangब्यूटी एंड लाइफस्टाइल राइटर
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